-छह दिन से नहीं हुआ गेहूं का उठाव
भोपाल।
जिले में १८ मई को भले ही समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी पूरी हो चुकी हो, लेकिन इन ६ दिनों में ३३ उपार्जन केंद्रों से उठाव नहीं हुआ है। इन केंद्रों पर 3646.40 मेट्रिक टन (36 हजार 464 क्विंटल) गेहूं खुले में पड़ा है। केंद्रों की पड़ताल में सामने आया कि अधिकांश जगह पर तो बीते ४ दिनों से गेहूं का परिवहन ही नहीं हुआ।
चार दिनों से गेहूं की एक बोरी का परिवहन न होने को लेकर कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। वहीं मौसम विभाग ने भी मौसम के अंगड़ाई लिए जाने के संकेत दिए हैं। अब अगर जल्द गेहूं का उठाव नहीं होता है तो यह गेहूं पूर्व में हुई बारिश की तरह भीग जाएंगे। जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए 47 केंद्र स्थापित किए गए थे। इन केंद्रों पर 15 अप्रैल से 18 मई तक गेहूं खरीदी की गई। आखरी दिन 1.82 लाख मेट्रिक टन खरीदी हुई।
इसके बाद अधिकारियों ने हिदायत भी लेकिन 97 प्रतिशत गेहूं का ही परिवहन हुआ। खरीदी खत्म होते ही ट्रांसपोटर्स कंपनियों ने भी परिवहन का काम धीमी कर दिया।
दो दिन तक केवल 97.89 प्रतिशत गेहूं का उठावन हुआ।
-बैरसिया में सबसे ज्यादा गेहूं
बैरसिया में सबसे ज्यादा 8590 क्विंटल पड़ा हुआ है। इसी तरहा अमझरा, हर्राखेड़ा, रतुआ-रतनपुर, सोहाया, बरखेड़ा, गढ़ाकलां, बहरावल केंद्रों पर हालत हैं। जिले के 47 उपार्जन केंद्रों में से 33 ये गेहंू खुले में पड़ा हुआ है। जहां गेहूं का परिवहन हो चुका है, वे केंद्र मुख्य रूप से मुख्य सड़क के नजदीक हैं। बताया जाता है कि इन 33 केंद्रों में से 10 ऐसे हैं, जहां 1000 क्विंटल से 9 हजार क्विंटल तक गेहूं पड़ा हुआ है। वहीं 5 केंद्रों में 500 से 999 क्विंटल गेहूं खुले में रखा हुआ है। शेष पर 5 से 599 क्विंटल तक गेहूं रखा है। दूसरी ओर सोसायटियां भी लगातार जिला प्रशासन से इन केंद्रों से गेहूं उठाव के लिए कह रही हैं, लेकिन अब तक आला अधिकारियों ने कोई पहल नहीं की है।
कहां क्या स्थिति
उपार्जन केंद्र - गेहूं
- अमझरा - 1792.00 क्विंटल
- हर्राखेड़ा - 1289.50 क्विंटल
- रतुआ रतनपुर - 2840.00 क्विंटल
- बैरसिया मंडी - 1209.50 क्विंटल
- बैरसिया मंडी - 8590.50 क्विंटल
- सोहाया - 1762.50 क्विंटल
- बरखेड़ा - 1561.50 क्विंटल
- गढ़ाकलां - 1223.00 क्विंटल
- बहरावल - 1440.00 क्विंटल
- बैरसिया (नागरिक)- 7406.00 क्विंटल
- मिसरोद - 723.50 क्विंटल
- कुल्हौर - 607.50 क्विंटल
- रूनाहा - 879.00 क्विंटल
- दिल्लौद - 869.50 क्विंटल
- बैरसिया (सहयोग) -822.00 क्विंटल
भोपाल।
जिले में १८ मई को भले ही समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी पूरी हो चुकी हो, लेकिन इन ६ दिनों में ३३ उपार्जन केंद्रों से उठाव नहीं हुआ है। इन केंद्रों पर 3646.40 मेट्रिक टन (36 हजार 464 क्विंटल) गेहूं खुले में पड़ा है। केंद्रों की पड़ताल में सामने आया कि अधिकांश जगह पर तो बीते ४ दिनों से गेहूं का परिवहन ही नहीं हुआ।
चार दिनों से गेहूं की एक बोरी का परिवहन न होने को लेकर कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। वहीं मौसम विभाग ने भी मौसम के अंगड़ाई लिए जाने के संकेत दिए हैं। अब अगर जल्द गेहूं का उठाव नहीं होता है तो यह गेहूं पूर्व में हुई बारिश की तरह भीग जाएंगे। जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए 47 केंद्र स्थापित किए गए थे। इन केंद्रों पर 15 अप्रैल से 18 मई तक गेहूं खरीदी की गई। आखरी दिन 1.82 लाख मेट्रिक टन खरीदी हुई।
इसके बाद अधिकारियों ने हिदायत भी लेकिन 97 प्रतिशत गेहूं का ही परिवहन हुआ। खरीदी खत्म होते ही ट्रांसपोटर्स कंपनियों ने भी परिवहन का काम धीमी कर दिया।
दो दिन तक केवल 97.89 प्रतिशत गेहूं का उठावन हुआ।
-बैरसिया में सबसे ज्यादा गेहूं
बैरसिया में सबसे ज्यादा 8590 क्विंटल पड़ा हुआ है। इसी तरहा अमझरा, हर्राखेड़ा, रतुआ-रतनपुर, सोहाया, बरखेड़ा, गढ़ाकलां, बहरावल केंद्रों पर हालत हैं। जिले के 47 उपार्जन केंद्रों में से 33 ये गेहंू खुले में पड़ा हुआ है। जहां गेहूं का परिवहन हो चुका है, वे केंद्र मुख्य रूप से मुख्य सड़क के नजदीक हैं। बताया जाता है कि इन 33 केंद्रों में से 10 ऐसे हैं, जहां 1000 क्विंटल से 9 हजार क्विंटल तक गेहूं पड़ा हुआ है। वहीं 5 केंद्रों में 500 से 999 क्विंटल गेहूं खुले में रखा हुआ है। शेष पर 5 से 599 क्विंटल तक गेहूं रखा है। दूसरी ओर सोसायटियां भी लगातार जिला प्रशासन से इन केंद्रों से गेहूं उठाव के लिए कह रही हैं, लेकिन अब तक आला अधिकारियों ने कोई पहल नहीं की है।
कहां क्या स्थिति
उपार्जन केंद्र - गेहूं
- अमझरा - 1792.00 क्विंटल
- हर्राखेड़ा - 1289.50 क्विंटल
- रतुआ रतनपुर - 2840.00 क्विंटल
- बैरसिया मंडी - 1209.50 क्विंटल
- बैरसिया मंडी - 8590.50 क्विंटल
- सोहाया - 1762.50 क्विंटल
- बरखेड़ा - 1561.50 क्विंटल
- गढ़ाकलां - 1223.00 क्विंटल
- बहरावल - 1440.00 क्विंटल
- बैरसिया (नागरिक)- 7406.00 क्विंटल
- मिसरोद - 723.50 क्विंटल
- कुल्हौर - 607.50 क्विंटल
- रूनाहा - 879.00 क्विंटल
- दिल्लौद - 869.50 क्विंटल
- बैरसिया (सहयोग) -822.00 क्विंटल
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