-कलेक्टोरेट की जनसुनवाई में किसान जगन्नाथ ने की शिकायत
भोपाल।
तारासेवनिया निवासी किसान जगन्नाथ ने कलेक्टर की जनसुनवाई में शिकायती आवेदन देते हुए कहा, उसकी जमीन के सीमांकन के लिए पटवारी सत्यनारायण बिल्लौरे ३० हजार रुपए की मांग कर रहा है। उसने बताया, जबकि इस खसरा क्र.- 281/1 और 281, रकबा 1.076 व 1.439 हेक्टेयर भूमि के सीमांकन के लिए
नायब तहसीलदार ने सीमांकन के आदेश २१ मार्च, २०१३ को ही कर दिए थे। इसके बाद उक्त पटवारी को सीमांकन करने निर्देशित किया था।
जनसुनवाई में नवांगत कलेक्टर निशांत बरबड़े ही समस्याएं सुन रहे थे। उन्होंने तत्काल एसडीएम हुजूर को जांच के निर्देश दिए। जनसुनवाई में कुल ९२ शिकायती आवेदन आए। कलेक्टर बरबड़े को किसान ने बताया, नायब तहसीलदार ने सीमांकन करने के आदेश पटवारी सत्यनारायण बिल्लौरे को दिए थे। इस आदेश के बारे में मैंने पटवारी को बताया, उसने साफ कह दिया। जब तक 30 हजार रुपए नहीं दोगे सीमांकन नहीं होगा। मेरा यह प्रकरण 21 मार्च से लंबित पड़ा है, बेबस होकर आपके पास हूं। इस मामले की जांच अब एसडीएम हुजूर राजेश श्रीवास्तव करेंगे। वहीं बरखेड़ा पठानी निवासी हीरालाल ने बताया, बीपीएल राशनकार्ड बनवाने के लिए धनश्याम पंडित नामक व्यक्ति ने 1000 रुपए रिश्वत ली, लेकिन राशनकार्ड अब तक नहीं बनवाकर दिया। हीरालाल ने बताया, धनश्याम पंडित को यह पैसे इसलिए दिए थे क्योंकि उसने खुद को कलेक्टर कार्यालय का कर्मचारी बताया था। इसी प्रकार मोहम्मद तनवीर ने शिकायती आवेदन देते हुए कहा, तहसीलदार टीटीनगर संजय श्रीवास्तव की कोर्ट में मेरा प्रकरण प्रकरण चल रहा है, जिसका निराकरण शीघ्र कराएं। मोहम्मद तनवीर ने बताया, वर्ष 2009 में एचडीएफसी बैंक एमपीनगर शाखा भोपाल से क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 50 हजार रुपए का लोन लिया गया था। 2009 में ही समझौता कर 52 हजार 274 रुपए की राशि जमा भी कर दी। सभी दस्तावेज और रसीदें उपलब्ध हैं। बावजूद इसके बैंक मैनेजर ने सेटिंग कर प्रकरण को तहसीलदार कोर्ट में लगवा दिया है और अब निराकरण नहीं हो रहा है।
-मेरा नाम मतदाता सूची से हटाओ
कलेक्टर जनसुनवाई में मंगलवार को पहली बार ऐसा हुआ, जब किसी व्यक्ति मतदाता सूची से नाम हटाने और राशनकार्ड को निरस्त कराने का आवेदन दिया। उल्लेखनीय है कि अब तक लोग मतदाता सूची में नाम न जुडऩे व राशनकार्ड न बनने के कई आवेदन करते रहे हैं और आगे भी करेंगे, लेकिन यह पहला मामला है। यह सख्स साईबाबा नगर निवासी लोकेश मंडराई था, जिसने यह आवेदन किया। इसके पीछे उसने भोपाल से बाहर रहने जाने की बात कही।
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