शुक्रवार, 29 नवंबर 2013

सेवा का सौदा:

देवेंद्र को बचाने सीबीआई अफसर बन कर्मचारियों को घेरा 
-घेरा नील और पिल्लई ने 4 घंटे बंदक बनाया ड्रायवर-सुपरवाइजर को 
-मामला 108 एंबुलेंस से सांची में कांग्रेस प्रत्याशी के प्रचार करने का 
हेमन्त पटेल, 7869301887.
भोपाल। 
आकस्मिक सेवा 108 एंबुलेंस के हेड देवेंद्र सिंह खुद को बचाने नए-नए पैतरे आजमा रहे हैं। गुरुवार को 108 सेवा में एचआर हेड प्रवीण शिंदे, प्रोग्राम मैनेजर रवि नील और अरुण पिल्लई ने खुद को सीबीआई अफसर बताकर चार कर्मचारियों को ईदगाह हिल्स स्थित 108 के मुख्यालय 4 घंटे तक कमरे बंदी बनाए रखा। मीडिया में खबर लीक होने और मौके पर पुलिस को देख प्रबंधन ने आनन-फानन में पिछले दरवाजे से सभी को निकाल दिया। 
दरअसल, पूरा मामला 108 एंबुलेंस के जरिए सांची विधानसभा क्रमांक-142 से कांग्रेस प्रत्याशी प्रभुराम चौधरी के प्रचार-प्रसार करने का है। इससे पहले ही चुनाव आयोग संज्ञान में ले चुका है। साथ ही 108 एंबुलेंस हैदराबाद प्रबंधन ने भी इसे जांच में लिया हुआ है। अब हेड देवेंद्र सिंह इसमें खुद को बुरी तरह फंसते देख दोषारोपण मध्यम व अति निचले स्तर के कर्मचारियों पर करने में जुते हुए हैं। 

-अपने सिर लो आरोप 
देवेंद्र को मामले में सेफ बचाने बुधवार को छिंदवाड़ा के तहसील अमरवाड़ा से एक कर्मचारी नीतेश और सुपर वाइजर नईम शेख को भोपाल 108 के मुख्यालय लाया गया। यहां गुरुवार सुबह 11 बजे से इन्हें बैठाया गया था। इसके बाद दबाव डाला जा रहा था कि प्रचार-प्रसार का काम (नईम, नीतेश वे दो अन्य) तुमने कराया है, जिसे अपने सिर ले लो। इनमें से दो को यह डर भी दिखा गया कि आरोप अपने ऊपर नहीं लिए तो नौकरी से निकाल दिया जाएगा। नाम न देने की शर्त 108 मुख्यालय के एक कर्मचारी ने बताया कि प्रवीण शिंदे अपने को सीबीआई एसपी और अरुण पिल्लई सीबीआई का इंस्पेक्टर बता इन पर दबाव डाल रहे थे। वहीं रवि नील भी सीबीआई का इंस्पेक्टर बता चारों से पूछताछ में जुटे हुए थे। 

-ऐसे की पूरी प्लॉनिंग 
पुष्ट सूत्रों की मानें तो बीते दिनों 108 एंबुलेंस प्रबंधन से जुड़े यह तीनों अफसर छिंदवाड़ा गए थे। इसके लिए पूर्व में प्लॉनिंग कर ली गई थी कि यहां की दो 108 एंबुलेंस गाड़ियों से कांग्रेस प्रत्याशी का चुनाव प्रचार होना बताया जाएगा। इसके लिए दो गाड़ियों में स्क्रेच के निशान लगाए गए। छिंदवाड़ा के तहसील अमरवाड़ा में इन गाड़ियों की लोकेशन बताने यहां के थाना प्रभारी सुशील श्रीवास्तव से बात की गई। सुशील को इन्होंने प्रचार कराए जा रहे वाहनों के फोटो दिखाए और कहां इन्हें अपने लोकेशन में बताएं। श्री श्रीवास्तव ने स्पष्ट किया कि गाड़ी में स्क्रेच किसी घटना से भी आ सकते हैं। आप विधिवत आवेदन दें, इसकी जांच की जाएगी। प्रथम तस्दीक में तो ऐसा प्रतीत नहीं होता कि यहां 108 से चुनाव प्रचार किया गया। इसके बाद श्री श्रीवास्तव ने इन्हें जाने को कह दिया। 

-यहां की बताना चाहते थे लोकेशन 
कुछ दिन पहले थाने में 108 प्रबंधन से जुड़े कुछ लोग आए थे। उन्होंने गाड़ियों की लोकेशन अमरवाड़ा में दिखाने संबंधित बात की। हमने स्पष्ट कहा, आप विधिवत आवेदन दें, तस्दीक में सहयोग करें। साथ ही प्रचार-प्रसार किस तारीख से किस तारीख के बीच किया गया इसका भी विवरण दें, ताकि हकीकत सामने आए। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और वे बाहर के बाहर चले गए। 
सुशील श्रीवास्तव, थाना प्रभारी, अमरवाड़ा 

गुरुवार, 28 नवंबर 2013

अधिवक्ता कक्ष से मतपेटी चोरी

कोहेफिजा थाने में दर्ज कराई एफआईआर 
भोपाल। 
जिला कलेक्टर कार्यालय परिसर स्थित राजस्व अधिवक्ता कक्ष से मतपेटी (बेलेट बॉक्स) चोरी हो गया है। इसको लेकर राजस्व अधिवक्ताओं ने सोमवार को कोहेफिजा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। 
बेलेट बॉक्स में चुनाव अधिकारियों की रबर की सीलें, मतपत्र, मतगणना के दस्तावेज और राजस्व अधिवक्ता कल्याण परिषद के चुनाव संबंधित महत्वपूर्ण कागजात हैं। परिषद के अध्यक्ष सै. खालिद केस ने बताया, जब सुबह 11.30 पर अधिवक्ता कक्ष पहुंचा तो देखा कि बेलेट बॉक्स कक्ष में नहीं है। पहले यह सोचा कि सफाईकर्मी ने सफाई करते हुए कहीं रख दिया होगा, लेकिन पूछने और खोजने पर वह नहीं मिला। इसके बाद थाने में एफआईआर दर्ज कराई। श्री केस ने बताया, 26 अगस्त को परिषद के चुनाव संपन्न हुए थे। इस बॉक्स में चुनाव से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज रखे हुए थे। इसमें अधिवक्ता सदस्यों लारा डाले गए मतपत्र, बेलेट पेपर और ऐसे ही अन्य दस्तावेज थे। उन्होंने कहा, इन दस्तावेजों के जरिए षड़यंत्रकारी परिषद की छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं। वहीं दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल भी किया जा सकता है। बेलेट बॉक्स में ताला लगा हुआ था। इसमें कई ऐसी भी शिकायतें थी जो बेहद गोपनीय हैं।

बैरागढ़ में दिखेगा मर्जर वोट का असर

-अधिकतर बैरागढ़वासियों ने बनाई मतदान से दूरी 
भोपाल। 
बैरागढ़ में मतदान का असर मर्जर के कारण भाजपा को उल्टा न पड़ जाए। चुनाव के दौरान मर्जर का असर साफ देखा गया। यहां 44 से 80 प्रतिशत तक मतदान होता था, लेकिन इस बार यह प्रतिशत 16.49 प्रतिशत ही रहा। लिहाजा इसे मर्जर का प्रभाव ही कहा जा रहा है। 
जानकारों की मानें तो यहां, भाजपा प्रत्याशी रामेश्वर शर्मा को हार का मुह देखना पड़ सकता है। दरअसल मर्जर का दंश झेल रहे इस उपनगर के रहवासियों ने मतदान से शुरू से ही दूरी बना रखी थी। यहां किसी भी राजनीतिक दल ने मर्जर पर किसी प्रकार की खुलकर चर्चा नहीं की। जिसके चलते यहां के रहवासी आक्रोशित हैं। हालांकि यह परिणाम आने पर ही पता चलेगा कि कौन विजय होगा, लेकिन वोटिंग प्रतिशत गिरने को लेकर कई सवाल भी खड़े हो गए हैं। 

-एक नजर में स्थिति 
उपनगर में लगभग एक दर्जन से अधिक मतदान केंद्रों पर पिछले चुनाव की अपेक्षा इस बार आधे भी वोट नहीं पड़े। पिछले विधानसभा चुनाव में जिस पोलिंग बूथ पर 70 से 80 प्रतिशत तक वोटिंग हुई थी,इस बार वह क्षेत्र भी 55 से 65 प्रतिशत तक सिमटकर रह गया। उदाहरण के लिए लक्ष्मण नगर, निर्मल नसर्री, न्यू वी बैरागढ़, जी वार्ड आदि के 65.13 प्रतिशत रहवासी मतदान करने पहुंचे, जबकि पिछले चुनाव में 76 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया था। बूथ क्रमांक -62, 62क, 63, 64 पर जो केंद्रीय विद्यालय ईएमई सेंटर बैरागढ़ में बनाए गए हैं।यहां पर मतदान का प्रतिशत भी गिरा है। क्रमश: 34, 28, 16, 34, प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि पूर्व चुनाव में यही आंकड़ा 57, 44, 50   प्रतिशत रहा है। यह स्थिति साफ दर्शाती है कि मतदाताओं ने मतदान से कितनी दूरी बनाए रखी है। इसके अतिरिक्त संजन कालोनी, जीे-1 से जी-9 बैरागढ़, पुरानी डेरी फार्म, टी-वार्ड, अंबेडकर नगर न्यूए की कालोनियां, वनट्री हिल्स, गौड़ मोहल्ला, न्यू टाईप बैरेक्स, ओवर्सीज इलेक्टर, एचक्यू अपेक्स सी बैरागढ़, 21ओसी एसआर अरेन बैरागढ़, नेहरू पार्क, ओल्ड वार्ड एनएल सी बैरागढ़ आदि क्षेत्रों के मतदाताओं ने भी वोट देने से परहेज ही रखा। यहां पर पिछले चुनाव के मुकाबले 10 से 20 प्रतिशत कम लोगों ने ही मतदान किया। देखने में आया है कि केंद्रीय विद्यालय ईएमई सेंटर बैरागढ़ में बनाए गए बूथ क्रमांक - 7 पर 1416 मतदाता थे, इसमें 495 लोगों ने, बूथ क्रमांक -8 में 1824 मतदाताओं में से 524, क्रमांक-9 में 1225 में से 202, क्रमांक -10 में 1187 में से 403 तथा क्रमांक -11 में 1322 में से 330 लोगों ही मतदान स्थल तक पहुंचे।
 सनीजा और फजलुर्रहमान निलंबित
- पांच को दिया शोकाज नोटिस
भोपाल। 
चुनाव कार्य में लापरवाही बरतना सात लोगों को महंगा पड़ा। कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी ने बुधवार को दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। साथ ही पांच को शोकाज नोटिस जारी किया है। 
निलंबन आदेश में जानकारी दी गई है कि इन्हें चुनाव डयूटी का आदेश लेने से इंकार करने के चलते निलंबित किया है। इसमें भोपाल विकास प्राधिकरण के कार्यभारित लिपिक फजलुर्रहमान और लोक शिक्षण संचालनालय की सहायक ग्रेड तीन सुश्री सनीजा खान शामिल हैं। सुश्री खान ने लाल परेड ग्राउंड सामग्री वितरण स्थल पर स्वेच्छा से अनुपस्थित थीं। बताया जाता है कि सनीजा ने अपनी अनुपस्थिति की सूचना अधिकारियों को देना ही उचित नहीं समझा। 

-इन्हें शोकाज 
शोकाज नोटिस जिन्हें दिए गए हैं, उनमें सहायक प्राध्यापक योजना एवं वास्तुकला विद्यालय भोपाल के सहायक प्राध्यापक आनंद जयन्त बाडेकर, शासकीय विज्ञान एवं कामर्स महाविद्यालय के प्राध्यापक एसके जैन, कार्यालय आयुक्त उच्च शिक्षा में विशेष कर्तव्य अधिकारी एएस यादव, शा.उच्चतर मा.विद्यालय बालक स्टेशन रोड भोपाल के सहायक शिक्षक वैभव पौराणिक और कार्यालय आयुक्त पुरातत्व अभिलेखागार की प्रयोगशाला सहायक राखी उइके शामिल हैं। 

गलती किसकी? मतदाता या अधिकारी की

 - ईपिक होने के बाद भी नहीं कर सके मतदान
 - मतदाता सूचियों में दिन भर ढूंढते रहे नाम
भोपाल। 
जिले की सात विधानसभा के लिए 25 नवंबर को हुए मतदान में हजारों लोग मतदान के लिए इधर-उधर भटकते रहे। दरअसल उनका नाम न मतदाता सूची में मिला और न ही निर्वाचन आयोग की वेबसाईट पर सर्च हुआ। ऐसी हालत में बीएलओ ने भी उनकी मदद करने से साफ इंकार कर दिया। अंतत: वे अपने संवैधानिक मताधिकार से वंचित ही रह गए। अब सवाल यह उठता है कि निर्वाचन की प्रक्रिया में इस भारी गफलत के पीछे आखिर गलती किसकी है, मतदाता या अधिकारी की? मतदाता की गलती इसलिए नहीं मानी जा सकती क्योंकि उनके पास मतदान करने के लिए प्रमुख दस्तावेज के रूप में निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदत्त जो ईपिक कार्ड होना चाहिए था, वह मौजूद था। इसके बावजूद उनका नाम सूची से हटना प्रशासनिक व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े करता है। यदि इन मतदाताओं के नाम सूची में होते तो मतदान प्रतिशत 64 नहीं बल्कि 70 प्रतिशत से उपर होता। हालांकि कम प्रतिशत मतदान होने के मामले में मु य निर्वाचन आयोग ने भी संज्ञान लेते हुए कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी निशांत वरवड़े को नोटिस जारी कर दिया है। 

 क्यों नहीं दी जानकारी -
 जिन मतदाताओं ने अपने मतदाता परिचय पत्र (ईपिक) 2008 के विधानसभा चुनाव से पहले बनवाए थे। उनके  नाम 2013 की मतदाता सूची में दर्ज नहीं है। इनमें से जिन लोगों ने नए ईपिक बनवा लिए हैं, उनके नाम जरूर सूची में शामिल हैं। इधर निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि पुराने ईपिक कार्ड जिनके सीरीज , एमपी/30/230, जेएलक्यू व एचडीवाय से प्रारंभ होती है, वे सभी कार्ड जिले के शहरी क्षेत्रों में वितरित किए गए थे। नगर निगम के परिसीमन के बाद वार्ड और क्षेत्र में बदलाव होने के चलते ईपिक में लिखी जानकारी बदल गई। इसके चलते इनको खत्म कर दिया गया। जिस क्षेत्र में मतदाताओं के नाम शि ट हुए उस क्षेत्र की सूची में उनके नाम जोड़ ाी दिए गए। अब सवाल यह उठता है कि जब नामों को दूसरे क्षेत्र में शि ट कर दिया गया तो इसकी जानकारी मतदाताओं तक क्यों नहीं पहुंचाई गई। यही नहीं उनको दूसरे ईपिक बनवाने के लिए भी जागरूक तक नहीं किया गया। सूत्रों की माने तो इन सीरीजों के हटने से सबसे अधिक नुकसान गोविंदपुरा में रहने वाले मतदाताओं को हुआ। यहां की कुछ कालोनियों के 60 से   70 परिवारों के नाम ही सूची से गायब हो गए हैं।

 इनको लौटना पड़ा वापस घर -
 महामाई बाग निवासी प्रहलाद का ईपिक नंबर-एमपी/30/239/822638 है, जबकि उनकी पत्नी ईपिक नंबर जेएलक्यू2855047 है। जब वे मतदान करने पहुंचे तो उनका नाम ही सूची में नहीं था। जब इन ईपिक की जांच पड़ताल के लिए जिला निर्वाचन आयोग पहुंचे और वहां सीईओ की साईट पर दिखवाया तो पता चला कि उनके नाम मतदाता सूची में ही नहीं है।  यही स्थिति मतदान के दिन एक नहीं बल्कि अनेक लोगों के साथ हुई। उनके पास पुराने ईपिक तो थे, लेकिन नाम सूची से हटा दिया गया।

 बूथ क्रमांक भी बदले -
 ऐसा नहीं है कि मतदाता सूची में मतदाताओं के नामों की गड़बडि?ां केवल पुराने ईपिक को लेकर हुई है, बल्कि नए ईपिक जारी होने के बाद भी मतदाताओं के बूथ बदल दिए गए। नरेला के बूथ क्रमांक-93 की सूची में गोपाल राहुल का नाम दर्ज था। उनका ईपिक नंबर यूआईआर0020545 हैं। मतदान के दिन जो पर्ची आई उसमें भी बूथ क्रमांक- 93 ही लिखा हुआ था, जब वहां की सूची में नाम तलाश तो नहीं मिला। परेशान होने के बाद राहुल नेट कैफे गए और वहां सीईओ मप्र की साईट पर देखा तब उन्हें पता चला कि उनका नाम बूथ क्रमांक 120 में दर्ज कर दिया गया है।

 अलग-अलग बूथों पर किया मतदान -
  मु य निर्वाचन पदाधिकारी जयदीप गोविंद, उनकी पत्नी व मां के नाम एक साथ थे। उनकी पचिर्यां तो घर पर नहीं पहुंची लेकिन उनकी मां की पर्ची जरूर पहुंची। वे परिवार के सभी सदस्यों का नाम एक साथ होने की बात को ध्यान में रखकर सरोजनी नायडू स्कूल स्थित पोलिंग बूथ पर पहुंचे तो पता चला कि उनकी माता जी का नाम तो उसी बूथ पर दर्ज है, जबकि उनके व पत्नी के नाम शिवाजी नगर स्थित बूथ पर शि ट हो गए। यही स्थिति जिले के अन्य मतदाताओं के साथ बनी। परिवार में चार मतदाता को चार अलग- अलग बूथों में पहुंचकर मतदान करना पड़ा, जबकि उनके नाम तो एक ही सूची में दर्ज थे।

 सर्वे पर भी उठ रहे सवाल -
पुराने ईपिक वाले मतदाता जब उसी जगह रह रहे हैँ तो उनके नाम सूची से हट जाना, बीएलओ के  सर्वे पर सवालिया निशान खड़े करता है। या तो बीएलओ ने सर्वे सही तरीक से नहीं किया या फिर उसने मतदाताओं को सही जानकारी नहीं दी, जिससे वे अपना नाम सूची में दर्ज कराने के लिए अपना आवेदन भर सकें।

चुनाव कार्य में लापरवाही

सस्पेंशन और कारण बताओं नोटिस की कारर्वाई 
भोपाल। 
चुनाव कार्य में लापरवाही बरतने के चलते अलग अलग कारणों से दो व्यक्तियों को सस्पेंड और पांच व्यक्तियों को कारण बताओं नोटिस जारी किए गए हैं। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव डयूटी का आदेश लेने से इंकार करने के चलते भोपाल विकास प्राधिकरण के कायर्भारित लिपिक श्री फजलुर्रहमान को निलम्बित कर दिया है । इसी तरह लोक शिक्षण संचालनालय की सहायक ग्रेड तीन सुश्री सनीजा खान को भी निलम्बित किया  गया है। सुश्री खान लाल परेड ग्राउंड सामग्री वितरण स्थल पर स्वेच्छा से अनुपस्थित रहीं । उन्होंने अनुपस्थिति बाबत किसी भी प्रकार की सूचना भी नहीं दी। 

-कारण बताओं नोटिस
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा सहायक प्राध्यापक योजना एवं वास्तुकला विद्यालय भोपाल के सहायक प्राध्यापक आनंद जयन्त बाडेकर,शा.विज्ञान एवं कामर्स महाविद्यालय के प्राध्यापक श्री एस के जैन, कार्यालय आयुक्त उच्च शिक्षा में विशेष कर्तव्य अधिकारी श्री ए एस यादव, शा.उच्चतर मा.विद्यालय बालक स्टेशन रोड भोपाल के सहायक शिक्षक श्री वैभव पौराणिक और कार्यालय आयुक्त पुरातत्व अभिलेखागार की प्रयोगशाला सहायक श्रीमती राखी उइके को निर्वाचन कार्य में लापरवाही बरतने के चलते कारण बताओं नोटिस जारी किए गए हैं। इन सभी को सामग्री वितरण स्थल से अनुपस्थित रहने के चलते कारण बताओं नोटिस जारी करते हुये कार्यालय प्रमुख के जरिये तत्काल स्पष्टीकरण देने का कहा गया है।

जो अनुपस्थित उसे दें शोकाज

-वक्फ बोर्ड प्रशासक व अपर कलेक्टर अक्षय ने किया कार्यालय का निरीक्षण
-कई कर्मचारी मिले गायब 
भोपाल। 
वक्फ बोर्ड प्रशासक व अपर कलेक्टर अक्षय सिंह ने एक शिकायत के बाद वक्फ बोर्ड का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कई कर्मचारी नदारद मिले। पता चला कि यह चुनाव में ड्यूटी लगाए जाने के बहाने गायब थे। श्री सिंह ने इन्हें शोकज नोटिस जारी करने को कहा है। 
श्री सिंह ने बताया, बुधवार को बोर्ड के मुख्य कार्यालय का अचानक दौरा किया। दरअसल, यहां से लगातार शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद दौरा किया तो यह सही निकला। यहां कुछ कर्मचारियों से बातचीत की गई तो पता चला कुछ कर्मचारी कई दिनों से ड्यूटी ही नहीं आए हैं। इस पर श्री सिंह ने तत्काल बोर्ड के अधिकारी को निर्देशित किया कि वह अनुपस्थित सभी कर्मचारियों को शोकाज नोटिस जारी करें। जानकारी के अनुसार अनुपस्थित कर्मचारियों की संख्या करीब छह है। संभवत: गुरुवार को इन्हें नोटिस जारी किया जाएगा। 

सबसे पहले होगी डाक मतपत्रों की गिनती

-जिला निर्वाचन आयोग ने शुरू की मतगणना की तैयारियां 
-एक विधनसभा सीट पर लगेंगी 14 टेबल 
भोपाल। 
चुनाव संपन्न कराने के बाद जिला निर्वाचन आयोग जिले की सातों सीटों पर मतगणना की तैयारियों में जुट गया है। सबसे पहले गिनती अधिकारी-कर्मचारी और चुनाव ड्यूटी में लगे जिले के सुरक्षा कर्मियों के वोटों की होगी। मतगणना के लिए सातों विधानसभा सीटों के लिए सात बड़े कक्ष तैयार किए गए हैं। 
डाक मतपत्रों की गिनती पूरी होने के बाद जनता द्वारा ईवीएम मशीन में डाले गए वोटों की गिनती होगी। हर कक्ष में गिनती के लिए 14-14 टेबिलें लगाई जाएंगी। प्रत्येक टेबिल पर 3 लोग रहेंगे। इसमें एक सुपरवाइजर और दो मतगणना कर्मचारी होंगे। 8 दिसंबर को होने वाली मतगणना का काम सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगा। हालांकि गितनी को लेकर औपचारिक शुरुआत सुबह 7 बजे से ही हो जाएगी। 

-ऐसी है पूरी व्यवस्था 
राजधानी अरेरा हिल्स स्थित पुरानी जेल में सात विधानसभा सीटों के लिए मतगणना होगी। सातों सीटों के लिए सात अलग-अलग कक्ष बनाए गए हैं, उप जिला निर्वाचन अधिकारी अक्षय सिंह के अनुसार इन कक्षों में तीन एंट्री गेट रहेंगे। पहला एंट्री गेट अधिकारियों व मतगणना दल के लिए रहेगा। इस गेट पर पुलिस का कड़ा पहरा होगा। इसके अतिरिक्त अन्य दो गेट बनाए जाएंगे, जहां से अभ्यार्थी व मतगणना एजेंट प्रवेश करेंगे। प्रत्येक मतगणना कक्ष के भीतर मतगणना के लिए 14 टेबिलें लगाई जाएंगी। इस टेबिल पर एक सुपरवाईजर व दो उनके सहायक होंगे। इसके अतिरिक्त सेंट्रल गवर्मेंट एम्पलाईज को रख जाने की योजना भी बनाई गई है। इन सबके अलावा कक्ष में एक आरओ व दो एआरओ मौजूद रहेंगे, जो मतगणना की स्थिति पर लगातार निगाह रखेंगे। अभ्यार्थी व पोलिंग पोलिंग एजेंट मतगणना की जानकारी, ईवीएम मशीनों से निकलने वाले डाटा, डाक मतपत्रों की गिनती आदि पर कक्ष में लगी जालियों के दूसरी ओर से निगाह रख सकेंगे।   

-ट्रेनिंग कल 
मतगणना के लिए मतगणना दलों को शुक्रवार को ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग में करीब सवा सौ दल शामिल होंगे। इन दलों में अधिकतर इंजीनियर व राजस्व विभाग के अधिकारियों को रखा जाएगा, ताकि गणना में गलतियां न हो। दल में गणना करने के लिए एक अनुभवी अधिकारी-कमर्चारियों को जरूर रखा जाएगा।

मंगलवार, 26 नवंबर 2013

103 में 80 ने दिखाई तस्वीरें

-23 रहे बंद 
भोपाल। 
जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने निर्वाचन में पारदर्शिता बनाए रखने के उद्देश्य से भोपाल जिले के बूथों पर 103 सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। लेकिन इनमें से 80 पर ही सीधे तस्वीरों का वीडियो फुटेज मिल सका। 23 सीसीटीवी कैमरे बंद पड़े रहे। 
यह काम सोरवीन कंपनी को काम सौंपा गया था। इसमें मैनिट की टेक्नीशियनों ने उनकी मदद की। जिन केंद्रों पर कैमरे बंद मिलने की सूचना मिली, वहां तकनीकी खामियों का जांचा, लेकिन इसे दुरस्त नहीं सकें। हालांकि इसमें बड़ी खामी पोलिंग बूथ पर बूथ आॅफिसर और अन्य को तकनीकी जानकारी न होना रहा। वहीं ये बात भी सामने आई कि बिजली कनेक्शन वाले कैमरे के पॉइंट पर कुछ कर्मचारियों ने मोबाइल का पिन लगा दिया था। मतदान शुरू होने के 1 घंटे पूर्व इनका टेस्ट लिया गया था। इसी टेस्ट के दौरान ही कुछ कैमरे काम नहीं करते पाए गए। 

-यह थे टीम में 
डॉ. संजय सोनी
डॉ. आरके द्विवेदी
डॉ. निलय खरे
डॉ. आरके पटेरिया 
डॉ. जगदीश सिंह 
डॉ. राजेश गुप्ता 
डॉ. एससी गुप्ता 


अंतिम प्रतिशत 
विधानसभा         - पुरूष वोटिंग प्रतिशत         - महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत       - कुल वोटिंग
  149-बैरसिया                 - 76.31                    - 65.27                        - 72.35
  150-भोपाल उत्तर             - 66.99                    - 61.34                        - 64.27
  151-नरेला                 - 62.70                    - 61.60                        - 62.20
  152-भोपाल दक्षिण-पश्चिम      - 62.47                    - 61.36                        - 63.74
  153-भोपाल मध्य             - 62.92                    - 60.12                        - 61.60
  154-गोविंदपुरा             - 60.98                    - 60.46                        - 60.72
  155-हुजूर                - 65.63            - 62.95                         - 64.40
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  कुल प्रतिशत                 - 64.88                    - 62.10                         - 63.57
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भोपाल ने दिया सरकार बनाने में योगदान

-64 फीसदी हुआ मतदान, दोपहर बाद आई तेजी, शाम को वोटिंग रही ढीली 
-बैरसिया में सबसे ज्यादा 70 उत्तर और मध्य सबसे कम 60 प्रतिशत मतदान 
भोपाल। 
प्रदेश की सरकार बनाने में शहरवासियों ने 64 फीसदी वोटिंग कर योगदान दिया है। सरकार भाजपा की होगी या कांग्रेस की, परिणाम 8 दिसंबर को सामने आएंगे, लेकिन मत प्रयोग को लेकर जिले की सातों सीटों पर उत्साह जनक माहौल देखने को मिला। नरेला, दक्षिण-पश्चिम और मध्य विधानसभा सीटों से छुट-पुट खबरें मिलीं पर चौकस व्यवस्था के चलते स्थिति को काबू में कर लिया गया। 
जिले में सातों विधानसभा सीट पर 1677 मतदाता केंद्र और 14 सहा. मतदाता केंद्र बनाए गए थे, जिन पर 7741 मतदान दलों ने वोटिंग संपन्न कराई। सुबह 8 बजे शुरू हुई वोटिंग धीमी रही 10 बजे तक यह प्रतिशत 40 की भीतर रहा। इसके बाद दोपहर 2 तक मतदान का प्रतिशत 45.7 पहुंचा। सुबह 8.30 पर खबर आई कि सातों सीटों पर 2 दर्जन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (इवीएम) काम नहीं कर रही हैं या बेट्री लो होने के चलते यह बंद हो रहीं हैं। करीब 9 बजे जहांगिराबाद, राज टॉकिज के समीप स्थित सेंट फ्रांसिस स्कूल में बनाए गए 7 केंद्रों में से एक 93 की इवीएम मशीन बदली गई। इस दौरान करीब 1 घंटे तक यहां मतदान रुका रहा। इसी के साथ 149-बैरसिया के बूथ क्रमांक-17 पर एक, 150-भोपाल उत्तर के बूथ क्रमांक-66 में 2, 154-गोविंदपुरा के बूथ क्रमांक-88 में 1 मशीन बदली गई। इसी के साथ कई मशीनों में तकनीकी कमियां सामने आर्इं। जांच में यह भी सामने आया कि इवीएम मशीनों में पिन उल्टी लगाई जा रही थी व लिंक इरर आ रहा था। 

-कहां कब क्या रहा वोटिंग प्रतिशत 
सुबह 10 बजे 
बैरसिया            18
उत्तर            16
नरेला            14
दक्षिण-पश्चिम        18
मध्य             16
गोविंदपुरा            11
हुजूर            12
कुल            15

दोपहर-12 बजे 
बैरसिया            33.43
उत्तर            33.51
नरेला            33.08
दक्षिण-पश्चिम        32.04
मध्य             33.00
गोविंदपुरा            30.03
हुजूर            34.15
कुल            32.75

दोहपर-1.30 
बैरसिया            37.09
उत्तर            38.08
नरेला            38.00
दक्षिण-पश्चिम        36.01
मध्य             37.02
गोविंदपुरा            36.01
हुजूर             39.03
कुल            37.62

शाम-4 बजे 
बैरसिया            59.77
उत्तर            56.02
नरेला            56.06
दक्षिण-पश्चिम        57.02
मध्य            57.00
गोविंदपुरा            60.56
हुजूर             56.05
कुल            57.69

शाम-6.30 (अघोषित) 
बैरसिया            70
उत्तर            60
नरेला            66
दक्षिण-पश्चिम        67
मध्य             60
गोविंदपुरा            63
हुजूर             63
कुल             64.04



-पंजा गायब, मजिस्ट्रेट से शिकायत 
नरेला विधानसभा के बूथ क्रमांक-120 के सामने लगे एक स्टॉल पर सांकेतिक पर्चा बाटा जा रहा था। पर्चे में नरेला सीट से भाजपा के प्रत्याशी विश्वास सारंग का नाम और कमल का फूल तो पहले स्थान पर छपा हुआ था, लेकिन पर्चे में कांग्रेस प्रत्याशी सुनील सूद का नाम और चुनाव चिन्ह हाथ का पंजा गायब था। इसकी शिकायत तुफेल सिद्दकी ने सेक्टर मजिस्ट्रेट से की। उन्होंने कहा, यह जनता को भ्रमित करने की कोशिश थी। यह पर्चा सक्षम पब्लिेकशन द्वारा छापा गया था, जिस पर कार्रवाई के लिए श्री सिद्दकी और मोहम्मद सोहेल ने सेक्टर मजिस्टेÑट से एफआईआर दर्ज कराने के साथ कार्रवाई करने को कहा। 

-अमिताभ ने गोविंद से की शिकायत 
कोलार के मुद्दों को उठाने के कारण चर्चा में रहने वाले क्रियेशन डॉट कॉम के संचालक अमिताभ अग्निहोत्री ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जयदीप गोविंद से शिकायत दर्ज कराई कि उनका नाम मतदाता सूची से नाम हटा दिया गया है। साथ ही उन्होंने बताया, मैं वर्तमान में भी जी-2, 368 चाणक्य अपार्टमेंट सर्वधम बी-सेक्टर कोलार में निवास करता हूं। इस पते पर मेरे बेटे तनमय और बिटिया रितिका की पर्ची तो आई, लेकिन मेरी और पत्नी सुषमा अग्निहोत्री की पर्ची नहीं पहुंची। उन्होंने बताया, कोलार क्षेत्र में राजनीतिक लोगों का हस्तक्षेप ज्यादा है। यहां बीएलओ के स्थान पर नाम जोड़ने कार्य राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता करते हैं। इसकी शिकायत डेढ़ साल पहले उन्होंने की थी, जिसके चलते षड़यंत्र पूर्वक नाम हटा दिया गया, जिससे विरोधी उन्हें कोलार का निवासी न होने का दावा कर सकें। उल्लेखनीय है कि कोलार को भोपाल निगम में मिलाने का विरोध श्री अग्निहोत्री ने किया था। 

-सबसे पहले पहुंची उत्तर की पोलिंग पार्टी 
मतदान संपन्न होने के बाद सबसे पहले भोपाल उत्तर की पोलिंग पार्टियां पहुंची। ये बूथ क्रमांक - 125, 126, 127 व 128 की हैं। इसमें से 128 नंबर बूथ की पोलिंग पार्टी ने सबसे पहले मशीनों सहित सभी सामग्री जमा कराई। इसके बाद को लगातार पोलिंग पार्टियों के आने का क्रम शुरू हो गया, जो देर रात तक चला।

-यहां बदलीं इवीएम 
 - बैरसिया में पांच मतदान केंद्रों में ईव्हीएम मशीनें बदली गईं। यह मशीनें मॉक पोल के दौरान ही खराब हो गई थीं। इधके अतिरिक्त केंद्र क्रमांक - 3 व 17 सहित चार स्थानों पर ईवीएम में खराबी की सूचना मिली। एक्सपर्ड ने मौके पर पहुंचकर उन्हें ठीक किया।
 - भोपाल उत्तर के दो मतदान केंद्रों 66 व एक अन्य में मशीनें बदली गई हैं। यह मशीनें मॉल पोल के दौरान ाी चालू नहीं हुई थीं। इसके अतिरिक्त अन्य केद्रों पर मशीनों में गड़बड़ी आई, उन्हें सुधार दिया गया।
 - हुजूर के दो मतदान केन्द्र  सेमरीकलां -195, बैरागढ़-84 में  ईवीएम खराब   हुई, जिन्हें तुरंत बदला गया। इसके अतिरिक्त अन्य बूथों पर लगी मशीनें सुधारी गईं।
 - भोपाल दक्षिण पश्चिम में कुल चार मतदान केन्द्र में मशीनें बदली गई। केंद्र क्रमांक- 63 व 72 में दो मशीनें पहले ही खराब हो गई थीं, इसके बाद अन्य दो मशीनें भी खराब हुई, जिन्हें बदला गया।
 - नरेला में मतदान केन्द्र क्रमांक 65 व 103 में ईवीएम खराबी के कारण मतदान देरी से शुरू हुआ। आब्जर्वर की उपस्थिति में ठीक कराया गया। इनमें से एक मशीन बाद में बदलनी पड़ी।
 - भोपाल मध्य में मतदान केन्द्र 209 में ईवीएम खराब होने पर उसे बदला गया। दोपहर बाद मतदान केन्द्र क्रमांक -93 की ईवीएम खराब होने से मतदान रुका रहा। बाद में इस मशीन को भी बदल दिया गया। इसके अतिरिक्त 91 व 92 नंबर के पोलिंग बूथ की मशीनों को भी बार-बार सुधारा गया।
- गोविंदपुरा क्षेत्र के पांच बूथों पर मशीनें बदली गर्इं। 

-यहां रुका मतदान, स्टॉफ ने लंच किया 
भोपाल मध्य विधानसभा के मतदान क्र-93, बैरसिया के ग्राम हर्राखेड़ा, गोविंदपुरा के बूथ क्रमांक-277 पर घंटों मतदान रुका रहा। जिंसी चौहारे पर स्थित सेंट फ्रांसिस स्कूल में बने बूथ क्रमांक - 93 में कांग्रेस प्रत्याशी के समथर्कों ने आरोप लगाया कि ईवीएम मशीन में भाजपा प्रत्याशी के नाम पर फिक्स है। इसके कारण किसी का बटन दबाओ, भाजपा का बटन पड़ता है। इसके बाद मतदान रोकना पड़ा। बाद में मशीन बदलने के बाद मतदान शुरू किया। मशीन बदलने तक की प्रक्रिया में करीब ढाई घंटे तक मतदान प्रभावित रहा। इधर हर्राखेड़ा के बूथ में लगी इवीएम खराब हो गई थी। इसे सुधारने में करीब डेढ़ घंटा चल गया। करीब 9.30 बजे मतदान शुरू हुआ। इसके अतिरिक्त गोविंदपुरा के 277 नंबर बूथ पर मतदान दल ने दोपहर में लंच करने के लिए मतदान कुछ देर बंद किया। लेकिन उनका यह लंच एक घंटे से अधिक समय चला। जब इसकी सूचना सेक्टर मजिस्ट्रेट के पास पहुंची तो उन्होंने तत्काल बूथ पर मतदान चालू कराया।

-ऐसे मिली जानकारी 
मताधिकार का प्रयोग कर लौट रहे मतदाताओं की नजरें चौक-चौहारों पर लगी एलईडी स्क्रीनों पर भी रही। मतदाताओं ने स्क्रीन के सामने खड़े होकर बड़ी उत्सुकता के साथ मतदान का प्रतिशत और अपडेट्स देखे। कुछ स्थानीय नेता भी क्षेत्र की ताजा जानकारी के लिए मोबाइल फोन के सााि चुनाव आयोग लारा लगवाई गई स्क्रीन की तरफ देखते नजर आए। 
यहां देर रात तक चला मतदान 
जिले के जिन मतदान केंद्रों पर देर रात तक मतदान चला उनमें हुजूर विधानसभा के सबसे अधिक चार केन्द्र शामिल हैं। बैरागढ़ कलां, कोलूखेड़ी, भौसाखेड़ी सहित एक केंद्र है। यहां रात करीब आठ बजे तक मतदान हुआ। यहां शामें पांच बजे के पहले से ही लाइन लगी हुई थी, जिन्हें मतदान का मौका दिया गया। इसी प्रकार दक्षिण-पश्चिम विधानसभा के बूथ क्रमांक -191 में साढ़े सात बजे तक, उत्तर विधानसभा, नरेला व भोपाल मध्य के एक-एक बूथ पर भी देर तक मतदान चला। बैरसिया में भी सूरजपूरा मतदान केंद्र पर रात सात बजे तक मतदान चला। इधर उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि जिले के 50 पोलिंग बूथों पर 5 से 6 बजे तक मतदान चला। इसके अतिरिक्त कुल 15 बूथ ऐसे थे जिनमें 6 बजे से रात आठ बजे तक मतदान हुआ।

शुक्रवार, 22 नवंबर 2013

नरेला सबसे ज्यादा संवेदनशील , भोपाल

जिले की सातों विधानसभा सीटों में से नरेला विधानसभा को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना है। जिला निर्वाचन आयोग ने इसे झगड़ा-फसाद, हंगामा होने की अधिक संभवना विशेष निगरानी में लेने का मन बना लिया है। यहां यहां सबसे ज्यादा गड़गड़ियां सामने आई थीं। वहीं पूर्व में बैरसिया व भोपाल मध्य क्षेत्र सबसे शांत है। यहां पर कम ही विवाद देखने को मिलते हैं। इन सभी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए जिला निर्वाचन आयोग ने भी खासी तैयारी की है। जिले की सभी सातों सीटों पर संवेदनशील व अतिसंवेदनशील बूथों की संख्या के आधार पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए जा रहे हैं। जिले के करीब 400 से अधिक भवनों में बने इन क्रिटिकल बूथों पर विशेष दस्ते तैनात रहेंगे जो किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए हरदम तैयार होंगे।

गोविंदपुरा में 121 व नरेला में 117 
क्रिटिकल बूथों के मामले में नरेला, गोविंदपुरा से पीछे हैं। गोविंदपुरा में जहां 121 क्रिटिकल बूथ हैँ, वहंी नरेला में 117। बरल्रेबल बूथों की सं या में गोविंदपुरा नरेला से पिछड़ जाता है। नरेला में इन बूथों की सं या 78 है जबकि गोविंदपुरा में 18। ये ऐसे बूथ हैं, जहां पर आपराधिक प्रवृत्तियां के लोग अधिक निवास करते हैं। यहां कभी भी कोई बड़ी अप्रिय घटना घटित हो सकती है। हालांकि जिला प्रशासन ने इन क्षेत्रों में रहने वाले आदतन अपराधियों को जिलाबदर कर दिया   है या थाना हजरी के लिए निर्देशित किया है।

मंडलोई पर हो सकती है एफआईआर ,भोपाल

हुजूर क्षेत्र से मैदान में कांग्रेस के उम्मीदवार राजेंद्र मंडलोई पर एफआईआर दर्ज हो सकती है। मंडलोई पर यह कार्रवाई पंपलेट्स को लेकर हो सकती है। जिला निर्वाचन आयोग ने पंपलेट्स में छपी सामग्री को अपत्तिजनक व आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई का मन बना लिया है। इधर शिकायत प्रभारी अभय अरविंद बेडेकर ने बताया कि एफआईआर के लिए प्रकरण संबंधित थाने में भेज दिया गया है।

परमीशन ली, लेकिन नहीं निकाली रैली , भोपाल

हुजूर सीट से भाजपा प्रत्याशी रामेश्वर शर्मा ने शुक्रवार को बैरागढ़ में वाहन रैली निकालने के लिए परमीशन तो ली, लेकिन रैली निकाली नहीं। इसके पीछे कारण जो भी हो किन्तु प्रशासनिक अमला इस रैली की व्यवस्था और होने वाले व्यय पर निगरानी के लिए अवश्य तैयार रहा। हालांकि रैली न निकलने की पु ता सूचना के बाद अमला वापस आ गया। यही स्थिति एक दिन पहले गुरूवार को भी सामने आई जब श्री शर्मा लारा बैरागढ़ में चुनावी जनसभा का आयोजन किया जाना था। श्री शर्मा लारा इस सभा के लिए विधिवत परमीशन तो ली गई, मगर ऐन वक्त पर सभा ही टाल दी गई। सभा की निगरानी करने मौके पर पहुुंचे चुनावी अमले को खाली हाथ लौटना पड़ा।

यहां नहीं करें शोर-शराबा

-कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के तहत कलेक्टर ने लगाया प्रतिबंध
भोपाल। 
अरेरा हिल्स, मु यमंत्री निवास, शिवाजी नगर जैसे कई क्षेत्रों में अब शोर-शराबा नहीं किया जा सकेगा। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी निशांत वरवड़े ने मप्र कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के तहत एक आदेश जारी कर विभिन्न क्षेत्रों में ध्वनि विस्तारक यंत्र, वाद्य संगीत, ढोल, लाउड स्पीकर, साउंड बाक्स आदि के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। आदेश की अनदेखी पर संबंधित के खिलाफ मप्र कोलाहल नियंत्रण अधिनियम की धारा 15(1) (2) और 16 के तहत दण्डात्मक कारर्वाई की जायेगी।
कोलाहल प्रतिबंधित क्षेत्रों में जिला न्यायालय अरेरा हिल्स, मानवाधिकार आयोग अरेरा हिल्स, राष्ट्रीय हरित नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सेंट्रल जोन अरेरा हिल्स, कलेक्टर कार्यालय से लोकायुक्त कार्यालय, वल्लभ भवन, विंध्याचल भवन, सतपुड़ा भवन, विधानसभा भवन, शासकीय पॉलीटेक्निक से मु यमंत्री निवास, मु यमंत्री निवास से भारत भवन क्षेत्र, वन विहार क्षेत्र, नेशनल ज्यूडिशियल अकादमी, राजभवन, मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय, महिला पॉलीटेक्निक, नूतन कालेज, सुभाष उत्कृष्ठ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय साढे छ: नंबर स्टाप, सरोजनी नायडू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सरोजनी नायडू महाविद्यालय, शिवाजी नगर शामिल हैं। जहां 100 मीटर दायरे में प्रात: 10 बजे से शाम 6 बजे तक कोलाहल प्रतिबंधित रहेगा। इसके अलावा गांधी मेडीकल कालेज, जेपी हॉस्पिटल-1250, हमीदिया और सुलतानिया जनाना हास्पिटल, भोपाल मेमोरियल हास्पिटल, पीपुल्स हास्पिटल, कस्तूरबा हास्पिटल बीएचईएल, चिरायु हास्पिटल सदर मंजिल, चिरायु बैरागढ़ तथा जेके हास्पिटल कोलार रोड की 100 मीटर परिधि में 24 घंटे कोलाहल प्रतिबंधित रहेगा।

स्वीप आर्ब्जवर पहुंची मतदान केन्द्र ,भोपाल

भोपाल जिले में विधानसभा निर्वाचन के लिए नियुक्त स्वीप आर्ब्जवर मनीषा वर्मा ने नरेला विधानसभा क्षेत्र के करोंद क्षेत्र में मतदान केन्द्रों का भ्रमण किया। उन्होंने फ्री एण्ड फेयर इलेक्शन के लिए की जा रही व्यवस्थाओं का अवलोकन किया और मतदाताओं से मतदाता पर्ची वितरण की जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर एसडीएम एवं रिटर्निंग आफीसर नरेला डीसी सिंघी भी मौजूद थे।

माइक्रो आब्जर्वर हर घटना की देंगे जानकारी , भोपाल

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भोपाल जिले में नियुक्त किए गए माइक्रो आब्जर्वर हर घटना की जानकारी आयोग सामान्य प्रेक्षक को उपलबध करायेंगे। 25 नवंबर यानि मतदान के दिन माइक्रो आब्जर्वर प्रेक्षकों के सतत संपर्क में रहेंगे। यह जानकारी नरेला आरओ डीसी सिंघी ने माईक्रो आब्जवर्रों को दी। मौका था शुक्रवार को नरेला विधानसभा क्षेत्र के लिए नियुक्त माईक्रो आब्जर्वर के प्रशिक्षण कार्यक्रम का। इस दौरान   सामान्य प्रेक्षक नरेन्द्र प्रसाद ने फ्री एण्ड फेयर मतदान के लिए की गई व्यवस्थाओं और माइक्रो आर्व्जवर्स की जि मेदारियों, उनको पूरा करने आदि बातों की विस्तार से जानकारी दी। प्रेक्षक श्री प्रसाद ने मतदाता पर्ची वितरण की भी जानकारी प्राप्त की।
 

सवैतनिक अवकाश मिलेगा भोपाल

विधानसभा निर्वाचन-2013 में मतदान के दिन यानि 25 नव बर को किसी भी कारोबार, व्यवसाय, औद्योगिक उपक्रम या किसी अन्य स्थापना में काम करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को मतदान करने के लिए सवैतनिक अवकाश प्रदान किया जायेगा। श्रमायुक्त भोपाल ने बताया कि इस आशय के निर्देश भारत निर्वाचन आयोग लारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 135-ख में निहित प्रावधानों के तहत जारी किए गए हैं। आदेश में बताया गया है कि यह निर्देश ऐसे निर्वाचकों पर लागू नहीं होंगे जिनकी अनुपस्थिति में नियोजन में कोई खतरा या सारवान हानि हो सकती 

मतदान जरूर करें : कलेक्टर भोपाल

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी निशांत वरवड़े ने जिले के सभी मतदाताओं से अपील की है कि वे 25 नवंबर को होने वाले मतदान में अपने हक का प्रयोग अवश्य करें। श्री वरवड़े ने जिले के मतदाताओं से कहा कि स्वस्थ एवं मजबूत लोकतंत्र के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करना बहुत जरूरी है। यह हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है। सभी मतदाता राष्ट्रीयहित में बिना किसी भय, लालच और जाति धर्म की संकीणर्ताओं से उपर उठकर वोट दें।

चार जिला बदर, एक को थाना हाजिरी, भोपाल

सोयब गोलू आत्मज सईद उर्फ डांगा सहित चार आदतन अपराधियों को जिलाबदर कर दिया गया है, वही एक को प्रतिदिन थाना हाजरी देने को निर्देशित किया गया है। एसडीएम उत्तर बीएस जामोद ने इस संबंध में शुक्रवार को आदेश जारी कर दिए हैं। उन्होंने यह कारर्वाई मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम के तहत की है।
जारी आदेश के मुताबिक आपराधिक गतिविधियों में लगातार लिप्त रहने, समाज विरोधी गतिविधियां घटित करने और तनाव के हालात पैदा करने के कारण सोयब गोलू आत्मज सईद उर्फ डांगा थाना गौतम नगर, अलीमउर्रहमान आत्मज जलीलउर्रहमान थाना कोतवाली, दिन्ना उर्फ दिनेश आत्मज माणिकचंद थाना छोला मंदिर और कल्ला उर्फ हरिराम आत्मज माधौसिंह मोगिंया थाना छोला मंदिर को छह-छह माह के लिए भोपाल जिले और इससे लगे सीहोर, विदिशा, रायसेन,राजगढ़ और होशंगाबाद जिले की राजस्व सीमाओं के बाहर चले जाने के आदेश पारित किए गए  हैं। इसके अतिरिक्त माजिद डेरी आत्मज शईदुल रहमान थाना निशातपुरा को छ: माह तक थाना हाजिरी के आदेश दिए गए हैं। यह कारर्वाई विधानसभा चुनाव को देखते हुए की गई है।

प्रचार के लिए 10 घंटे शेष

-शांत हो जाएगा शोर से चुनाव प्रचार 
भोपाल। 
25 नवंबर को होने वाले मतदान के लिए प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार मात्र 10 घंटे का बचा है। इन शेष 10 घंटों में सभी प्रत्याशी जनसंपर्क में जान फूंकने की कोशिश में जुट जाएंगे। गली, मौहल्ले, चौक-चौराहों पर लाउडस्पीकर के जरिए चुनाव प्रचार थम जाएगा। यह खामोशी आठ दिसंबर तक बरकरार रहेगी। 
हालांकि कमरों में बंद बैठकें शांतिमय ढंग से घर-घर प्रत्याशी दस्तक देंगे। वहीं दूसरी ओर विधानसभा चुनाव को लेकर जिला निर्वाचन ने तगड़े इंतजाम किए हैं। प्रशासन की टीम को यदि शाम 5 बजे के बाद कोई आवाज सुनाई दी तो वह इन लाउडस्पीकर को जब्ती में लेगा। वहीं शराब की दुकानें रात 11 बजे सील कर दी जाएंगी। यह 25 नवंबर को मतदान के रात्री 11 बजे तक रहेंगी। 

-आज आखिरी दिन 
प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशी लाव-लश्कर के साथ चुनाव प्रचार में उतरेंगे। हर तरह से जनसंपर्क को इसके लिए कई प्रत्याशियों ने खुली जीप का प्रबंध किया है। जिससे वह ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं से मिल सकें। हालांकि यह प्रत्याशी इसके बाद सामान्य तौर पर घर-घर जाकर भी संपर्क करेंगे, लेकिन यह प्रचार भी रविवार रात 12 बजे थम जाएगा। 

-रविवार को वितरण होगा सामान 
25 नवंबर को होने वाले मतदान को लेकर 1691 पोलिंग बूथ के कर्मचारियों को रविवार को लाल परेड ग्राउण्ड में सामान वितरित   किया जाएगा। यह सुबह साढ़े सात बजे पहुंचेंगे। कलेक्टर निशांत वरवड़े के नेतृत्व में मतदान स्थलों पर ये सामान वाहनों के माध्यम से गंतव्य के लिए रवाना होगा। इसके लिए लाल परेड ग्राउण्ड पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है। 

-पहुंची फोर्स 
सीआईएसएफ, आरपीएफ सहित अन्य राज्यों से आए फोर्स भी राजधानी पहुंच चुका है।  उनकी चुनाव में भूमिका क्या रहेगी, इसके लिए उन्हें शुक्रवार को ट्रेनिंग दी गई है। यही नहीं इसके अतिरिक्त भी अन्य फोर्स लगातार राजधानी पहुंच रहा है। 

-ये रहेंगे पैनी नजर 
अवैध शराब वितरण और परिवहन पर आबकारी विभाग के विशेष दस्ते पैनी नजर रखेंगे। यदि ऐसी कोई भी घटना सामने आती है तो वह तत्काल एक्शन लेंगे और इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को देंगे। यह दस्ता उन क्षेत्रों में अधिक सक्रिय रहेगा, जहां से शराब वितरण की शिकायतें लगातार मिल रही हैं या फिर जहां बांटी जा सकती हैं।

-तैयारियां जोरों पर 
पोलिंग पाटिर्यों को मतदान केंद्रों पर रवाना करने के लिए सरकारी अमला तैयारियों में जुटा हुआ है। चुनाव के स त निर्देश और संवेदनशील मतदान केंद्रों को देखते हुए सरकारी अमला कोई कोताही नहीं बरत रहा है। प्रत्येक बूथ पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जा रहा है। संवेदनशील व अतिसंवेदनशील केंद्रों सूचीबद्ध कर उन पर पैनी नजर रखी जाएगी। जिन मतदान केंद्रों पर हंगामा और मतदान को प्रभावित करने की शिकायतें मिली हैं, वहां जिला प्रशासन ने स ती से निपटने के लिए कमर कस रखी है। पोलिंग पाटिर्यों को मतदान सामग्री बांटने से पहले प्रशिक्षक उन्हें मतदान की बारीकियों से ाी रूबरू कराएंगे। इसके लिए वितरण स्थल पर ईव्हीएम मशीनें रखी गई हैं, जिसके माध्यम से सभी पोलिंग पाटिर्यों को एक बार और ईव्हीएम मशीनें चलाने की प्रेक्टिकल ट्रेनिंग दी जाएगी।

-सील होंगी शराब दुकान 
निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार शनिवार को रात्रि 11 बजे के बाद शराब की दुकानों को सील कर दिया जाएगा। इसके बाद भी यदि किसी दुकान से शराब की बिक्री होती पाई गई तो उस दुकान का लायसेंस तत्काल निरस्त कर दिया जाएगा।


-स्कूल भी रहेंगे बंद 
25 नवंबर यानि मतदान के दिन जिले के सभी स्कूलों में अवकाश रहेगा ही।इसके अतिरिक्त जिन स्कूलों की बसों को अधिगृहीत किया गया है, वे स्कूल 26 नवंबर को भी बंद रहेंगे। इनमें अधिकतर स्कूल सीबीएसई के हैं। 

अवैध शराब वितरण को रोकने विशेष दस्ते , भोपाल

विधानसभा चुनाव के दौरान अवैध शराब वितरण और परिवहन पर रोक लगाने के लिये आबकारी विभाग लारा विशेष दस्ते गठित किए गए हैं । 
मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए बनाए गए ये विशेष दस्ते मदिरा के उत्पादन, विक्रय व संग्रहण आदि से संबंधित जानकारियां रोजाना निर्धारित प्रक्रिया के तहत राज्यस्तरीय नोडल अधिकारी, उपायुक्त आबकारी, राज्य उड़नदस्ता भोपाल को भेजेंगे। सहायक आबकारी आयुक्त ने बताया, इस कार्य के लिए भोपाल जिले के नौ सेक्शन और तीन सब एरिया तथा दो एरिया क्षेत्रों में बांटा जाकर उनमें प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। विनिर्माण इकाईयों में पदस्थ जिला आबकारी अधिकारी, सहायक जिला आबकारी अधिकारी और उपनिरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे विशेष दलों को निर्देशानुसार सहयोग एवं पयर्वेक्षण करेंगे ।

दो श्रम निरीक्षक निलंबित ,भोपाल

कलेक्टर निशांत वरवड़े ने लापरवाह श्रम निरीक्षकों को निलंबित कर दिया है। सहायक श्रमायुक्त कार्यालय के श्रम निरीक्षक एसआर यादव और वीके सिंह को लापरवाही के चलते निलंबित किया गया है। 
कलेक्टर श्री वरवड़े ने अपने आदेश में बताया, यह दोनों श्रम निरीक्षकों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश के तहत प्राथमिकता परिवारों को चिन्हांकित एवं सत्यापित कर समग्र पोर्टल पर आॅनलाईन अपडेट कराने का दायित्व दिया गया था। सहायक श्रमायुक्त द्वारा कार्य की समीक्षा के दौरान दोनों श्रम निरीक्षकों ने अत्यंत घटिया स्तर का काम किया था। जांच में यह साफ होने जाने की श्रम निरीक्षकों ने कर्तव्य निर्वहन में घोर लापरवाही एवं उदासीनता बरती है। इसके चलते कलेक्टर दोनों श्रम निरीक्षकों को मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम में निहित प्रावधानों के तहत निलंबित कर दिया। निलंबन काल में निलंबित श्रम निरीक्षकों का मुख्यालय जिला कार्यालय भोपाल रखा गया है। 

मैरिज गार्डन का प्रारूप वेबसाइट पर भोपाल

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, सेन्ट्रल ब्रांच के निर्देश पर नगर तथा ग्राम निवेष (टीएंडसीपी) ने मैरिज गार्डन व बारात के लिए सुनियोजित मापदंड तैयार करने को कहा था। टीएंडसीपी ने इस प्रारूप को तैयार कर वेबसाइट पर डाल दिया है। 
एनजीटी ने नील चौधरी के प्रकरण क्र.-518/2013 की 25/10/2013 को सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिए थे। इसके तहत नियोजन मापदंड बनाने के साथ समस्त हितबद्ध व्यक्तियों से चर्चा करने को कहा था। संयुक्त संचालक ग्राम निवेश ने बताया, समस्त हितबद्ध व्यक्तियों से प्राप्त सुझावों एवं प्रभावशील नियमों को लेकर तैयार अनुज्ञा नगर तथा ग्राम निवेश की  वेबसाइट ६६६.ेस्र३ङ्म६ल्लस्र’ंल्ल.ल्ल्रू.्रल्ल पर अवलोकन के लिए लोड कर दी गई है। 
 

नकली आईएसआई मार्क लगा बना रहे थे पाइप

-भारतीय मानक ब्यूरो ने की फर्म पर की कार्रवाई 
भोपाल। 
मेसर्स प्रीमियम पाइप्स जबलपुर, अमानक और नकली आईएसआई मार्क लगा स्प्रिंकलर पाइप बना रही थी। भारतीय मानक ब्यूरो, भोपाल शाखा ने कार्रवाई करते हुए पाइप जब्त किए हैं। 
यह कार्रवाई ब्यूरो के वैज्ञानिक एवं शाखा प्रमुख विष्णु गुप्ता के नेतृत्व में की। एक शिकायत पर भारतीय मानक ब्यूरो ने मेसर्स प्रीमियम पाइप्स पर सर्च एंड सीजर की कार्रवाई की। इस दौरान यहां से भारी मात्रा में नकली आईएसआई मार्क लगे स्प्रिंकलर पाइप जब्त किए। अब दोषियों के विरुद्ध आगे की वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। श्री गुप्ता ने बताया, भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 1986 के तहत आईएसआई मार्क का दुरुपयोग कराना दण्डनीय अपराध है। ऐसा होने पर धारा 33 के तहत 50 हजार रुपए तक जुर्माना व एक साल तक का कारावास एवं दोनो हो सकते हैं। उपभोक्ताओं की शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई। इनके प्रकरण बना ब्यूरो आगे की कार्रवई में जुट गया है। 

बालिका छात्रावास की वार्डन निलंबित, भोपाल

शासकीय संभागीय आवासीय विद्यालय बालिका छात्रावास कटारा हिल्स की वार्डन आशा मीणा को कलेक्टर निशांत वरवड़े ने निलंबित कर दिया गया है।
 जारी आदेश के मुताबिक वार्डन आशा मीणा को कर्तव्य निर्वहन में गंभीर लापरवाही एवं उदासीनता बरतने के चलते निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में वार्डन का मुख्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी कार्यालय रहेगा।

हरीशचंद्र को दिया शोकाज

-चुनाव काम में बरती लापरवाही
भोपाल।
बैरसिया के राजस्व निरीक्षक (वृत्त हर्राखेड़ा) हरीशचंद्र को शोकाज नोटिस दिया है। यह नोटस चुनाव काम में बरती लापरवाही के चलते दिया गया।
नोटिस के जरिए उनसे पूछा गया है कि इस कृत्य के लिए क्यों न आपकी दो वेतनवृद्धियां रोक ली जाएं? इस नोटिस का जवाब देने के लिए आरआई को तीन दिन का समय भी दिया गया है। यह नोटिस सहायक रिटर्निंग आॅफिसर विधानसभा क्षेत्र-149 बैरसिया ने दिया है। नोटिस के अनुसार राजस्व निरीक्षक को विधानसभा निर्वाचन बैरसिया के तहत दस प्रतिशत ईव्हीएम से प्रिंट निकालने के लिए 20 नवंबर 2013 को जिम्मेदारी सौंपी थी। इसे आरआई ने बीच में ही छोड़ दिया। कई निर्देशों के बावजूद आरआई ने अपने दायित्व का निर्वहन नहीं किया। इसके चलते सहायक रिटर्निंग आफीसर ने इसे चुनाव कार्य के प्रति गंभीर लापरवाही मानते हुए दो वेतनवृद्धि रोकना प्रस्तावित कर कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया। साथ ही लिखा बताओं नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं मिलता है तो दो वेतनवृद्धियां असंचयी भाव से रोक दी जाएंगी।

एक भी कंडक्टर नहीं दे सका अपना वोट

-78 ड्रायवरों ने डाले पोस्टल बैलेट
भोपाल। 
सत प्रतिशत मतदान की बात कराने का दावा कराने वाला जिला निर्वाचन आयोग ही अपने कर्मचारियों को सत प्रतिशत मतदान नहीं करा पाया है। चुनाव ड्यूटी में लगे ड्रायवरों में से 78 ने तो पोस्टल बैलेट का उपयोग किया, लेकिन एक भी कंडक्टर अपने मतअधिकार का प्रयोग नहीं कर सका। 
बावजूद इसके अफसरों को यह सफल ही नजर आ रहा है। दूसरी ओर कई राजस्व निरीक्षक और पटवारी भी अपना वोट नहीं दे पाए। पोलिंग बूथों तक आने-जाने, मतदान सामग्री ढोने करीब 500 बसें अधिगृहीत की जा रही हैं। जिन्हें अधिगृहीत होना है, उनकी जानकारी पहले ही सभी बस संचालकों को दी जा चुकी है। इनके ड्रायवर-कंडक्टरों को पोस्टल बैलेट से मतदान के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया, लेकिन कुल 172 ड्रायवरों व 18 कंडक्टरों ने ही पोस्टल बैलेट से मतदान के लिए फार्म-12 भरा। इनमें से केवल 78 ड्रायवर ने ही मतदान किया। एक भी कंडक्टर मतदान स्थल तक नहीं पहुंचा। विश्वस्त सूत्रों की माने तों 78 में अधिकतर वे ड्रायवर हैं, जो किसी अधिकारी या विभाग का वाहन चला रहे हैं। सवाल यह उठता है कि आखिर अधिगृहित किए गए कंडक्टर-ड्रायवरों के मतदान का क्या हुआ। 

-इनमें रुचि नहीं 
पोस्टल बैलेट के माध्यम से कर्मचारियों का मतदान कराया, लेकिन वह भी कम ही रहा। 70 प्रतिशत राज्य स्तरीय कमर्चारियों ने ही मतदान किया। हालांकि यह पूर्व में पोस्टल बैलेट से होने वाले मतदान से कहीं अधिक हैं। पहले 20 से 25 प्रतिशत ही मतदान हुआ करता था।

-दक्षिण-पश्चिम में डले 3300 वोट 
राज्य व केंद्र स्तरीय कर्मचारी, पुलिस, होमगार्ड, ड्रायवर व कंडक्टर ने पोस्टल बैलेट के माध्यम से अपने मतदाधिकार का प्रयोग किया। इस तरह 20 हजार से अधिक अधिकारी कमर्चारियों में से कुल 11258 ने डाक मतपत्र से मतदान किया। इसमें सर्वाधिक 3300 वोट भोपाल दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में पड़े। इसके बाद दूसरे नंबर पर गोविंदपुरा विस क्षेत्र है, यहां पर 2175 वोट पड़े। हुजूर में 1506, नरेला में 1367, भोपाल मध्य में 1309, बैरसिया में 815 मतदान हुआ। भोपाल उत्तर में सबसे कम 786 ने ही वोट डाले। 

पांच साल में विधायकों ने तोडेÞ कमाई के रिकॉर्ड

200 से 12000 प्रतिशत बढ़ी संपत्ति
प्रशासनिक संवाददाता, भोपाल
मप्र के सत्ता पक्ष से लेकर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों ने पांच साल में कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बसपा सहित इन दलों के करीब 147 ऐसे विधायक हैं, जिनकी संपत्ति में दो सौ प्रतिशत से लेकर बारह हजार प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विधायकों के लिए खजाना बादलों की तरह फट पड़ा है। इन दलों के आठ विधायक ऐसे हैं, जो कि दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं, जिनकी संपत्ति पांच साल में एक हजार प्रतिशत बढ़ी है।   इससे समझा जा सकता है कि जो विधायक एक करोड़ की संपत्ति का मालिक था, वह पांच साल में एक हजार करोड़ का मालिक बन गया है। यह दावा एडीआर ने पेश किया है, जबकि 16 विधायकों की संपत्ति पांच सौ गुना बढ़ी है। इसके अलावा 113 विधायकों की संपत्ति एक प्रतिशत से पांच सौ प्रतिशत तक बढ़ी है। एडीआर के पदाधिकारी पूर्व पुलिस महानिदेशक अरुण गुर्टू ने बताया कि 143 विधायकों ने अपने पैन नंबर की जानकारी नहीं दी है, जबकि 275 प्रत्याशियों ने अपना आयकर रिटर्न दाखिल करने संबंधी विवरण नहीं दिया है।
सर्वाधिक कमाई वाले माननीय-
मुन्नी सेठ, यादवेंद्र सिंह, अरुणोदय चौबे, पुष्पेंद्र सिंह, हजारी पथरिया, घनश्याम सिंह, प्रेम सिंह, लोकेंद्र सिंह, महेंद्र पाल, विश्वेश्वर भगत, हजारीलाल दांगी आदि शामिल हैं। 

मंदी में भी मालामाल हुए माननीय

-करोड़पति प्रत्याशियों में कांग्रेसी आगे भाजपाई पीछे
-कांग्रेस के संजय पहले, भाजपा प्रत्याशी चेतन दूसरे और कांग्रेस से सत्यनारायण तीसरे सबसे ज्यादा करोड़पति 
भोपाल। 
मंदी और महंगाई से तंग आदमी भले ही फटे हाल हुआ हो, लेकिन हमारे माननीय (विधायक) बीते पांच सालों में करोड़पति हुए हैं। विजयराघवगढ़ से कांग्रेस उम्मीदवार संजय पाठक 121.32 करोड़ की संपत्ति के साथ पहले नंबर हैं। दूसरे पायदान पर रतलाम से भाजपा प्रत्याशी चेतन कश्यप हैं। वहीं तीसरे स्थान पर देपालपुर से मैदान में कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल हैं। 
क्रमश: इनकी संपत्ति 120.96 और 70.96 करोड़ रुपए है। इसी प्रकार टॉप टेन करोड़पति प्रत्याशियों में 7 कांग्रेस के हैं। मप्र इलेक्शन वॉच ने गुरुवार को उम्मीदवारों द्वारा चुनाव आयोग को दिए शपथ पत्र का विश्लेषण सामने रखा। इसमें बसपा के टिकट पर मनावर से खड़े हुए अजय राव की कोई संपत्ति ही नहीं है। गौर करने वाली बात यह है कि कांग्रेस मुख्य विपक्षीदल रहा है और उन्हीं के विधायक करोड़पति निकले हैं। हालांकि मप्र इलेक्शन वॉच ने यह भी कहा, मैदान में उतरने अधिकांश प्रत्याशियों ने असल जानकारी दी ही नहीं है। इतना ही नहीं कई करोड़पति उम्मीदवारों ने आयकर विवरणिका की जानकारी भी आयोग को प्रस्तुत नहीं की। 

-किसका क्या औसत 
2013                         2008        
कांग्रेस - 5.33 करोड़ प्रति उम्मीदवार (आंकलन 228)    1.59 करोड़
भाजपा - 4.04 करोड़ प्रति उम्मीदवार (आंकलन 229)    1.05 करोड़
बसपा - 76.62 लाख प्रति उम्मीदवार (आंकलन 226)    57.29 लाख 

-प्रतिशत में कौन आगे 
कुल प्रत्याशी-683        350 (51 प्रतिशत) करोड़पति 
भाजपा -70 प्रतिशत
कांग्रेस- 66 प्रतिशत
बसपा- 18 प्रतिशत (2013 की स्थिति)

भाजपा- 35 प्रतिशत 
कांग्रेस- 37 प्रतिशत 
बसपा- 13 प्रतिशत (2008 की स्थिति)