-उप चुनाव आयुक्त के बाद हरकत में आया जिला निर्वाचन आयोग
भोपाल।
आखिरकार उप चुनाव आयुक्त सुधीर त्रिपाठी की नाराजगी के बाद जिला निर्वाचन आयोग ने ड्यूटी मुक्त किए अधिकारियों को भी तैनात करने का निर्णय ले लिया है। इसमें क्लास-1 और 2 लेवल के अधिकारी शामिल हैं।
इन अधिकारियों को पूर्व में पीठासीन अधिकारी के तौर पर नियुक्ति दी गई थी। हालांकि बाद में इन्हें ड्यूटियों से मुक्त कर दिया गया। ऐसा आला अफसरों के कारण हुआ। इनमें से कुछ अधिकारी अपने वरिष्ठों के चहेते तो कुछ ने बीमार होने का बहाना बनाया हुआ था।अब उन्हें फिर से चुनाव में लगाने की तैयारी की जा रही है। हालांकि उन्हें उस ड्यूटी पर नहीं लगाया जा रहा है कि जिससे उन्हें मुक्त किया गया था, बल्कि उन्हें आगामी कार्य जैसे मतगणना, मतदान सामग्री वितरण आदि में उनको लगाया जाएगा। इसके लिए बाकायदा सूची की जा रही है।
-मतदान दल बनने में भारी दिक्कत
जिले में मतदान दल जिला निर्वाचन आयोग की लाख कोशिशों के बाद भी नहीं बन पा रहे हैं। शुक्रवार को दोपहर में जब मतदान दलों में लगे कर्मचारियों की संख्या की गणना की गई तो सामने आया कि अभी भी साढ़े तीन सौ से अधिक महिलाओं को ड्यूटी पर लगाने के बाद ही मतदान दल चुनाव करा सकेंगे। दूसरी ओर भारत निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए क आवश्यकता पड़े तो महिलाओं की ड्यूटी भी लाएंगे, लेकिन तभी जब अति आवश्यक हो।
-अब दोबारा मिलेगा काम
जिनसे दोबारा काम लिया जा रहा है अथवा काम करने के निर्देश दिए गए हैं, उनमें विभिन्न विभागों के आला अधिकारियों ने प्रमुख भूमिकाएं निभाई हैं। कुछ अधिकारियों ने तो बाकायदा ड्यूटी कैंसिल करने के लिए सूची तक अपने पत्र के साथ भेजी थी। इसके चलते अधिकतर ड्यूटियां निरस्त हुई हैं। अब जिला निर्वाचन आयोग उन्हीं अधिकारियों को ड्यूटी लगाने की तैयारी में जुट गया है। यदि उन्हें बचना है तो अपनी अधीनस्थों को चुनाव की ड्यूटी के लिए उपलब्ध कराना होगा।
-पर मिलेगी दूसरी ड्यूटी
उप जिला निर्वाचन अधिकारी अक्षय सिंह ने बताया, जिन्हें पहले जिस ड्यूटी में लगाया गया था। उन्हें दोबारा उसी ड्यूटी पर नहीं लगाया जाएगा। बल्कि अन्य कामों में उनकी मदद ली जाएगी। इसमें मुख्य रूप से मतगणना का कार्य शामिल है।
भोपाल।
आखिरकार उप चुनाव आयुक्त सुधीर त्रिपाठी की नाराजगी के बाद जिला निर्वाचन आयोग ने ड्यूटी मुक्त किए अधिकारियों को भी तैनात करने का निर्णय ले लिया है। इसमें क्लास-1 और 2 लेवल के अधिकारी शामिल हैं।
इन अधिकारियों को पूर्व में पीठासीन अधिकारी के तौर पर नियुक्ति दी गई थी। हालांकि बाद में इन्हें ड्यूटियों से मुक्त कर दिया गया। ऐसा आला अफसरों के कारण हुआ। इनमें से कुछ अधिकारी अपने वरिष्ठों के चहेते तो कुछ ने बीमार होने का बहाना बनाया हुआ था।अब उन्हें फिर से चुनाव में लगाने की तैयारी की जा रही है। हालांकि उन्हें उस ड्यूटी पर नहीं लगाया जा रहा है कि जिससे उन्हें मुक्त किया गया था, बल्कि उन्हें आगामी कार्य जैसे मतगणना, मतदान सामग्री वितरण आदि में उनको लगाया जाएगा। इसके लिए बाकायदा सूची की जा रही है।
-मतदान दल बनने में भारी दिक्कत
जिले में मतदान दल जिला निर्वाचन आयोग की लाख कोशिशों के बाद भी नहीं बन पा रहे हैं। शुक्रवार को दोपहर में जब मतदान दलों में लगे कर्मचारियों की संख्या की गणना की गई तो सामने आया कि अभी भी साढ़े तीन सौ से अधिक महिलाओं को ड्यूटी पर लगाने के बाद ही मतदान दल चुनाव करा सकेंगे। दूसरी ओर भारत निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए क आवश्यकता पड़े तो महिलाओं की ड्यूटी भी लाएंगे, लेकिन तभी जब अति आवश्यक हो।
-अब दोबारा मिलेगा काम
जिनसे दोबारा काम लिया जा रहा है अथवा काम करने के निर्देश दिए गए हैं, उनमें विभिन्न विभागों के आला अधिकारियों ने प्रमुख भूमिकाएं निभाई हैं। कुछ अधिकारियों ने तो बाकायदा ड्यूटी कैंसिल करने के लिए सूची तक अपने पत्र के साथ भेजी थी। इसके चलते अधिकतर ड्यूटियां निरस्त हुई हैं। अब जिला निर्वाचन आयोग उन्हीं अधिकारियों को ड्यूटी लगाने की तैयारी में जुट गया है। यदि उन्हें बचना है तो अपनी अधीनस्थों को चुनाव की ड्यूटी के लिए उपलब्ध कराना होगा।
-पर मिलेगी दूसरी ड्यूटी
उप जिला निर्वाचन अधिकारी अक्षय सिंह ने बताया, जिन्हें पहले जिस ड्यूटी में लगाया गया था। उन्हें दोबारा उसी ड्यूटी पर नहीं लगाया जाएगा। बल्कि अन्य कामों में उनकी मदद ली जाएगी। इसमें मुख्य रूप से मतगणना का कार्य शामिल है।
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