शनिवार, 16 नवंबर 2013

‘यहां कुछ भी सिस्टमेटिक नहीं है’

-कलेक्टर ने धुर्वे को दिए पुलिस बल की व्यवस्थाएं करने के आदेश 
-गांधी मेडिकल कॉलेज सभागार में कलेक्टर ने लिया जायजा 
भोपाल। 
यहां कुछ भी सिस्टमेटिक नहीं है। पोस्टल बैलेट को व्यवस्थित करके रखें। क्या चुनाव का काम ऐसे होगा? भारत निर्वाचन आयोग की मंशा अनुसार काम होना चाहिए। ये निर्देश शुक्रवार को कलेक्टर निशांत वरवड़े ने गांधी मेडिकल कॉलेज के सभागार में अधिकारी-कर्मचारियों को दिए। 
दरअसल, शुक्रवार से पोस्टल बैलेट से मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई। जहां अधिकारी-कर्मचारी अपने मत का प्रयोग किया। पोस्टल बैलेट के प्रयोग को लेकर एक केंद्र गांधी मेडिकल कॉलेज के हाल को भी बनाया गया था। करीब 1.15 पर यहां कलेक्टर श्री वरवड़े पहुंचे। उन्होंने सभागार में व्यवस्थाओं को जाएजा लिया। इसके बाद वह बाहर आए तो मौके पर उपस्थित नजूल वृत्त शहर के एसडीएम जीएस धुर्वे से बोले, व्यवस्थाएं ठीक नहीं हैं। थाना प्रभारी को कहें, पुलिस बल उपलब्ध कराएं। इस बीच एक व्यक्ति ने आवेदन देते हुए चुनाव ड्यूटी कैंसिल करने को कहा, इस पर कलेक्टर बोले- ड्यूटी तो करना ही पड़ेगी। 
यहां इमली के पेड़ के नीच मतपत्र दिए जा रहे थे, जिन्हें लेकर कर्मचारी भीतर बने मतदान स्थल पर लेकर जा रहे थे। इस बीच कुछ कर्मचारियों के बीच भ्रम की स्थिति भी बनी। यहां मतपत्र वितरण के दौरान पहले कर्मचारियों के नाम एक सादे कागज पर लिख लिए गए थे। लेकिन कुछ एक कर्मचारी ऐसे निकले जिनके एक ही जैसे नाम निकले। इस स्थिति को उनके निवास स्थान और परिचय-पत्रों के मेल के बाद सुलझाया गया। यहां कई बार अव्यवस्थाएं बनती दिखाई दीं। हालांकि कर्मचारियों-पीठासीन अधिकारियों ने पूर्व में मत प्रयोग का प्रशिक्षण लिया था, जिसके चलते उन्हें ज्यादा दिक्कतें नहीं आर्इं। वहीं जिन्होंने पूरा प्रशिक्षण नहीं लिया उन्हें परेशानियां आर्इं। 
उल्लेखनीय है शुक्रवार से शुरू हुआ अधिकारी-कर्मचारियों का प्रशिक्षण व मत प्रयोग 16 व 17 नवंबर को भी चलेगा। 
पोस्टल बैलेट से मतदान करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को ईपिक कार्ड लाना आवश्यक किया गया है। 
 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें