सोमवार, 18 नवंबर 2013

प्राणी ऊर्जावान तभी होगा जब प्रकृति ताकतवर होगी

 


-रविवार को वाजपेय सोमयज्ञ में दीं गर्इं विशेष आहुतियां
भोपाल। 
संत हिरदाराम नगर स्थित माधव आश्रम में रविवार को वाजपेय सोमयज्ञ में विशेष आहुतियां अर्पित की गर्इं। इस दौरान आश्रम की संचालिका नलिनी माधमजी ने कहा, आधुनिकता की अंधाधुंध प्रवृत्ति और मशीनीकरण के चले पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति मानव पूरी तरह उदासीन हो गया है। व्यक्ति ही नहीं पेड़-पौधे और जीव-जंतुओं का जीवन भी संकट से घिर गया है। लेकिन वह यह नहीं समझ पा रहा है कि प्रकृति ताकतवर होगी तो प्राणी भी ऊर्जावान होगा। अग्निहोत्र के जरिए घर का वातावरण शुद्ध किया जा सकता है। यदि मोहल्ले में सभी करें तो मोहल्ले और शहर का वातावरण शुद्ध होगा। उल्लेखनीय है कि अग्निहोत्र के 50 वर्ष पूर्ण होने पर आश्रम 13 से 18 नवंबर तक वाजपेय सोमयज्ञ का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर वरिष्ठ अग्निहोत्र संदेष्टा जयंत पोतदार, कानपुर के कृषि वैज्ञानिक प्रो. आरके मिश्र कानपुर, एक्युप्रेशर चिकित्सक डॉ. हर्षद परमार जबलपुर सहित वरिष्ठ प्रचारक जीपी मालवीय, आरके श्रीवास्तव, हरभजन मीना अग्निहोत्र, कैलाश गंगवाल, सरोज बंसोड़े, शशि पटेरिया, कैलाशीबाई मीना, बदनसिंह ठाकुर, शिवनारायण मीणा, प्रतापसिंह लालूखेड़ी, रामनारायण मीना, कैलाश मकवाना, अरविंद बिड़वई, भूपेंद्र मिश्र, आरपी खरे, वृंदावन मीना अग्निहोत्री सहित लखनऊ, जयपुर, कानपुर, जबलपुर, देवास, रतलाम, इंदौर, बैरसिया, विदिशा आदि शहरों से आए करीब दो हजार से अधिक श्रद्धालुओं का सैलाब मौजूद था। 

-ये हरा आकर्षक 
रविवार को यज्ञ का अंतिम दिन था। अधिष्ठाता सोमराजा और प्रमुख यजमान की शोभायात्रा निकाली गई। स्वर्ण रथ में सोम राजा के प्रतीक और रजत रथ में श्री आप्टे सपत्नीक विराजमान थे, जिन्हें आश्रम परिसर में भ्रमण कराने के उपरांत यज्ञशाला ले जाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उनके साथ वैदिक वाद्ययंत्रों के साथ चल रहे थे। 

-सोना दिया दान 
वैदिक प्रक्रिया के तहत यज्ञ में रविवार को अनेक ऐसी दैविक विधियां संपन्न हुई, जिसमें आयोजकों ने आचार्यों को दक्षिणा स्वरूप स्वर्ण मुद्रा भेंट की गई। यह दान मुख्य वेदी के पास बने करीब 20 फुट ऊंचे मंच से दिया गया। जिसे नीचे खड़े अध्वर्यु ने अपने हाथों में झेलकर स्वीकार किया। 

-यज्ञ संपन्न 
पांचवें दिन छठवें प्रवर्ग्य के तहत वाजपेय विशेष और पुरोडाश यज्ञ आदि संपन्न हुए। मु य यजमान पं. बल्लाल आप्टे और उनकी धर्मपत्नी योगेश्वरी आप्टे के सानिध्य में अध्वर्यु सुनील लिमये के नेतृत्व में गोवा, हैदराबाद और पूना से आए ऋत्विजों ने प्रकृति संरक्षण के लिए विशेष आहुतियां दीं। इस अवसर पर प्रतिप्रस्थाता-गणेश कुलकर्णी, नेष्टा-श्याम, वनकर उन्नेटा-विश्वनाथ जोशी, उद्घाटा-राम पांडेय, प्रस्तोता-श्रीधर जोशी, प्रतिहर्ता-सारंग ोलकर, सुब्रमण्य-विनायक जोशी, होता-सचिन बेहरे, मेत्रावरुण-गिरीश जोशी, अक्षावाक-प्रशांत धर्माधिकारी, ग्रवस्तुत-कृष्ण पात्रुणकर, ब्रह्मा - यशवंत तलेकर, ब्राह्मणांचंसि-धनंजय गोड़बोले, पोता-अनिरुद्ध जोशी तथा आग्नीध्र-संगमेश्वर खटजी ने यज्ञ की दैविक प्रक्रिया पूर्ण की।

-आज होगा अव ाृथ स्नान
आयोजन समिति के सदस्य जीपी मालवीय ने बताया कि सोमवार को स ाी आचार्य, आयोजक और श्रद्धालु सुबह 7.30 बजे यज्ञस्थल पर नित्य अग्निहोत्र के पश्चात शाहगंज के लिए बसों से रवाना होंगे, जहां नमर्दा के पावन जल में अव ाृथ स्नान कर याज्ञिक प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके उपरांत उसी दिन शाम को यज्ञार्पण की अंतिम प्रक्रिया संपन्न होगी। 

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