-आबकारी विभाग ने अब तक बनाए 386 प्रकरण
भोपाल।
भारत निर्वाचन आयोग के डंडे के चलते जिले में आबकारी विभाग के अधिकारी ताबड़ तौड़ काम करते हुए देशी-विदेशी शराब (खंभे) जब्त कर रहे हैं। 4 अक्टूबर से लगी आचार संहिता के बाद से सक्रीय भूमिका निभा जिला आबकारी विभाग के अफसरों ने 1000 लीटर देशी-विदेशी व कच्ची शराब जब्त की। वहीं 386 प्रकरण भी बनाए।
यह कार्रवाई विभाग को क्षणिक वाहवाही तो दिला रही है, लेकिन सवाल भी खड़े कर रही है कि क्या सिर्फ आयोग के डर से ही कार्रवाई की जा रही है? जिले में अवैध शराब का कारोबार पूर्व से नहीं चल रहा था? विभाग को जो अब आयोग के डंडे के बाद होश आया। प्राप्त जानकारी के अनुसार आबकारी विभाग ने आचार संहिता के बाद एक माह में खासी तादात में शराब जब्ती की गई है। शहर में अवैध शराब की बिक्री पर लगभग प्रतिबंध जैसा असर देखा जा रहा है। वहीं जो यह कारोबार को कर रहे हैं, वे चोरी छिपे काम को अंजाम दे रहे हैं। आबकारी पुलिस ने जिले में छापामार कार्रवाई करते हुए होटल, ढाबों, झुग्गी बस्तियों व चिंहित गांवों में से 386 प्रकरण बनाए हैं। इसमें 364 की गिरफ्तारी की है। हालांकि 30 अपराधी अभी भी फरारी में हैं। कार्रवाई करते हुए आबकारी विभाग ने 950 लीटर महुआ लाहन, 500 लीटर कच्ची 316 लीटर देशी, 109 लीटर अंग्रेजी व 95 लीटर बीयर जब्त की है। यह सब जब्ती एक माह में की गई है।
-वैध विक्रय में भी अंतर
आचार संहिता के बाद लायसेंसी शराब दुकानों से भी बिक्री में अंतर आ गया है। दुकानदारों की मानें तो इस समय सबसे ज्यादा शराब बिक्री एमपी नगर व जीटीबी कॉम्पलेक्स की शराब दुकानों से हो रही है। इन दुकानों को छोड़ दें तो अन्य शराब दुकानों में बिक्री अंतर दिखाई दे रहा है। दूसरी ओर खबरियों की मानें तो आयोग के डर से दुकान संचालक भी सक्ते में हैं, जिसके चलते वह बोतलों का हिसाब रख रहे हैं।
-अंग्रेजी की 4 ही मिलेंगी बोतल
निर्वाचन प्रक्रिया पूरी हो जाने तक शराब बोतल की मात्रा निश्चित कर दी गई है। अंग्रेजी शराब की दुकान से एक व्यक्ति 4 और देशी शराब दुकान से केवल 2 बोतल ही मिलेंगी। वहीं बीयर की एक पेटी यानी 12 बोटल एक व्यक्ति ले सकता है।
भोपाल।
भारत निर्वाचन आयोग के डंडे के चलते जिले में आबकारी विभाग के अधिकारी ताबड़ तौड़ काम करते हुए देशी-विदेशी शराब (खंभे) जब्त कर रहे हैं। 4 अक्टूबर से लगी आचार संहिता के बाद से सक्रीय भूमिका निभा जिला आबकारी विभाग के अफसरों ने 1000 लीटर देशी-विदेशी व कच्ची शराब जब्त की। वहीं 386 प्रकरण भी बनाए।
यह कार्रवाई विभाग को क्षणिक वाहवाही तो दिला रही है, लेकिन सवाल भी खड़े कर रही है कि क्या सिर्फ आयोग के डर से ही कार्रवाई की जा रही है? जिले में अवैध शराब का कारोबार पूर्व से नहीं चल रहा था? विभाग को जो अब आयोग के डंडे के बाद होश आया। प्राप्त जानकारी के अनुसार आबकारी विभाग ने आचार संहिता के बाद एक माह में खासी तादात में शराब जब्ती की गई है। शहर में अवैध शराब की बिक्री पर लगभग प्रतिबंध जैसा असर देखा जा रहा है। वहीं जो यह कारोबार को कर रहे हैं, वे चोरी छिपे काम को अंजाम दे रहे हैं। आबकारी पुलिस ने जिले में छापामार कार्रवाई करते हुए होटल, ढाबों, झुग्गी बस्तियों व चिंहित गांवों में से 386 प्रकरण बनाए हैं। इसमें 364 की गिरफ्तारी की है। हालांकि 30 अपराधी अभी भी फरारी में हैं। कार्रवाई करते हुए आबकारी विभाग ने 950 लीटर महुआ लाहन, 500 लीटर कच्ची 316 लीटर देशी, 109 लीटर अंग्रेजी व 95 लीटर बीयर जब्त की है। यह सब जब्ती एक माह में की गई है।
-वैध विक्रय में भी अंतर
आचार संहिता के बाद लायसेंसी शराब दुकानों से भी बिक्री में अंतर आ गया है। दुकानदारों की मानें तो इस समय सबसे ज्यादा शराब बिक्री एमपी नगर व जीटीबी कॉम्पलेक्स की शराब दुकानों से हो रही है। इन दुकानों को छोड़ दें तो अन्य शराब दुकानों में बिक्री अंतर दिखाई दे रहा है। दूसरी ओर खबरियों की मानें तो आयोग के डर से दुकान संचालक भी सक्ते में हैं, जिसके चलते वह बोतलों का हिसाब रख रहे हैं।
-अंग्रेजी की 4 ही मिलेंगी बोतल
निर्वाचन प्रक्रिया पूरी हो जाने तक शराब बोतल की मात्रा निश्चित कर दी गई है। अंग्रेजी शराब की दुकान से एक व्यक्ति 4 और देशी शराब दुकान से केवल 2 बोतल ही मिलेंगी। वहीं बीयर की एक पेटी यानी 12 बोटल एक व्यक्ति ले सकता है।
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