शुक्रवार, 22 नवंबर 2013

एक भी कंडक्टर नहीं दे सका अपना वोट

-78 ड्रायवरों ने डाले पोस्टल बैलेट
भोपाल। 
सत प्रतिशत मतदान की बात कराने का दावा कराने वाला जिला निर्वाचन आयोग ही अपने कर्मचारियों को सत प्रतिशत मतदान नहीं करा पाया है। चुनाव ड्यूटी में लगे ड्रायवरों में से 78 ने तो पोस्टल बैलेट का उपयोग किया, लेकिन एक भी कंडक्टर अपने मतअधिकार का प्रयोग नहीं कर सका। 
बावजूद इसके अफसरों को यह सफल ही नजर आ रहा है। दूसरी ओर कई राजस्व निरीक्षक और पटवारी भी अपना वोट नहीं दे पाए। पोलिंग बूथों तक आने-जाने, मतदान सामग्री ढोने करीब 500 बसें अधिगृहीत की जा रही हैं। जिन्हें अधिगृहीत होना है, उनकी जानकारी पहले ही सभी बस संचालकों को दी जा चुकी है। इनके ड्रायवर-कंडक्टरों को पोस्टल बैलेट से मतदान के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया, लेकिन कुल 172 ड्रायवरों व 18 कंडक्टरों ने ही पोस्टल बैलेट से मतदान के लिए फार्म-12 भरा। इनमें से केवल 78 ड्रायवर ने ही मतदान किया। एक भी कंडक्टर मतदान स्थल तक नहीं पहुंचा। विश्वस्त सूत्रों की माने तों 78 में अधिकतर वे ड्रायवर हैं, जो किसी अधिकारी या विभाग का वाहन चला रहे हैं। सवाल यह उठता है कि आखिर अधिगृहित किए गए कंडक्टर-ड्रायवरों के मतदान का क्या हुआ। 

-इनमें रुचि नहीं 
पोस्टल बैलेट के माध्यम से कर्मचारियों का मतदान कराया, लेकिन वह भी कम ही रहा। 70 प्रतिशत राज्य स्तरीय कमर्चारियों ने ही मतदान किया। हालांकि यह पूर्व में पोस्टल बैलेट से होने वाले मतदान से कहीं अधिक हैं। पहले 20 से 25 प्रतिशत ही मतदान हुआ करता था।

-दक्षिण-पश्चिम में डले 3300 वोट 
राज्य व केंद्र स्तरीय कर्मचारी, पुलिस, होमगार्ड, ड्रायवर व कंडक्टर ने पोस्टल बैलेट के माध्यम से अपने मतदाधिकार का प्रयोग किया। इस तरह 20 हजार से अधिक अधिकारी कमर्चारियों में से कुल 11258 ने डाक मतपत्र से मतदान किया। इसमें सर्वाधिक 3300 वोट भोपाल दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में पड़े। इसके बाद दूसरे नंबर पर गोविंदपुरा विस क्षेत्र है, यहां पर 2175 वोट पड़े। हुजूर में 1506, नरेला में 1367, भोपाल मध्य में 1309, बैरसिया में 815 मतदान हुआ। भोपाल उत्तर में सबसे कम 786 ने ही वोट डाले। 

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