बुधवार, 1 मई 2013

खतरे में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष कुर्सी, वोटिंग 10 मई को

-जिला पंचायत सदस्यों ने किया अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन, अपर कलेक्टर को बनाया पीठासीन अधिकारी
भोपाल। 
जिला पंचायत अध्यक्ष मीना गोयल और उपाध्यक्ष कल्पना मीणा की कुर्सी छिन सकती है। जिपं के सदस्यों इनके खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया है। अब 10 मई को वोटिंग होगी। इसके लिए अपर कलेक्टर बसंत कुर्रे को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया है। 
बीते दिनों बैठक में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्तावा का सोमवार को छह सदस्यों ने एकजुटता दिखाई। कलेक्टर के सामने हुई परेड में सभी ने एक सुर में कहा, अविश्वास प्रस्ताव सोच-समक्षकर लाया गया है। इसके बाद कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने सभी सदस्यों से इस संबंध में जानकारी ली। चुनाव कराया जाए? ये सवाल सदस्यों से कलेक्टर ने पूछा तो सभी ने हां में जवाब दिया। इसके बाद श्री श्रीवास्तव ने वोटिंग की तारीख दस मई नियत कर दी। 

-26 को दिया था ज्ञापन 
२६, अप्रैल शुक्रवार को जिपं सदस्यों ने श्री श्रीवास्तव को अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में सभी छह सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थो। हालांकि मौके पर चार ही सदस्य मौजूद थे। इसके बाद कलेक्टर ने सभी सदस्यों को सोमवार को उपस्थित होने को कहा था। सभी ने उपस्थित हो अपनी हाजरी लगाई। 

पर्यवेक्षक नियुक्त की तैयारी 
वर्तमान में जिला पंचायत में दस सदस्य हैं। अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने से पूर्व जिपं में पांच सदस्य भाजपा के थे और पांच कांग्रेस के। अब कांग्रेस के सदस्यों की संख्या एक बार फिर छह हो गई है। वहीं भाजपा के चार सदस्य बचे हैं। राजनीति की सूत्रों की माने तो कांग्रेस मंगलवार को एक पर्यवेक्षक नियुक्त कर सकता है। कांग्रेस नेताओं ने इसको लेकर मंथन किया है। पूरी स्थिति का ब्यौरा वे मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष के सामने रखेंगे। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस का एक सदस्य उपाध्यक्ष चुनाव के दौरान  भाजपा खेमाा में शामिल हो गया था। इससे यह बराबरी की स्थिति बनकर सामने आई थी। 

-ये कर रहे समर्थन
कांग्रेस के विष्णु विश्वकर्मा, ममता मीना, नौरंग गुर्जर, पार्वती राजपूत और भाजपा की मधु मनोज वशिष्ठ व भगवती किशनलाल मेहर। इन सभी ने सोमवार को कलेक्टर के सामने अपना पक्ष रखा। सभी ने एक सुर में प्रस्ताव को समर्थन किया। 

-शुरू हुई जोड़-तोड़
अविश्वास प्रस्ताव आने और समर्थन पर एक जुटता दिखाई देने के बाद अब जोड़-तोड़ का गणित शुरू हो गया है। अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले सभी सदस्यों ने जिपं सदस्य सीमा रघुवीर मीना व ठाकुर सुरेन्द्र सिंह सालंकी को अपने पक्ष में वोटिंग के लिए रणनीति बनाना शुरू कर दी है। दूसरी ओर अविश्वास प्रस्ताव को गिराने जिपं अध्यक्ष व उपाध्यक्ष ने भी दोनों को अपने साथ लेने के लिए पैतरे अपना रहे हैं। 

-यह हैं आरोप
-अध्यक्ष व उपाध्यक्ष हर माह जिला पंचायत की बैठकें नहीं लेते। 
-कर्मचारियों की बेवजह शिकायतें हो रही है। 
-अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के पतियों द्वारा लाल-पीली बत्ती का दुरुपयोग किया जा रहा है। 
-ग्रामीण क्षेत्र की समस्याएं जो बताई जाती हैं, उस पर ध्यान नहीं दिया जाता। 
-जिला पंचायत का वास्तविक बजट वित्तीय वर्ष में प्रस्तुत नहीं किया जाता है जिससे आय-व्यय का ब्यौरा संदिग्ध।

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