तेजी से विकसित हो रहे भौंरी को पानी पिलाने के बारे में अब शनिवार को फैसला होने की उम्मीद है। पेयजल आपूर्ति को लेकर गुरुवार को मुख्य सचिव आर परशुराम के निर्देश पर हुई बैठक में जिम्मेदार का निर्धारण नहीं हो सका।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भौंरी के लिए पानी सप्लाई के मुद्दे पर गुरुवार को मंत्रालय में राधेश्याम जुलानिया, प्रमुख सचिव, जल संसाधन, रजनीश बैस, नर्मदा घाटी परियोजना एवं विशेष गढपाले, आयुक्त, नगर निगम की बैठक हुई। इसमें पानी की जरुरत और सप्लाई प्लॉन पर विचार किया गया। हालांकि, यह तय नहीं हो सका कि पेयजल सप्लाई और पूरे नेटवर्क की देखभाल कौन विभाग करेगा। ऐसे में अब शनिवार को दोबारा होने वाली बैठक में जिम्मेदारी के साथ ही आने वाले खर्च की भरपाई आदि के मुद्दे पर निर्णायक स्थिति बन सकेगी।
प्रतिदिन 27 एमएलडी की जरुरत
पेयजल सप्लाई के लिए आगामी 30 साल का आंकलन किया जा रहा है। इसके अनुसार भौंरी की मौजूदा जनसंख्या 5 हजार है, लेकिन 30 साल में बढ़कर अनुमानत: 2 लाख पार कर जाएगी। ऐसे में आगामी 30 साल तक की जरुरत के अनुसार प्रतिदिन अधिकतम 27 एमएलडी पानी की सप्लाई करनी होगी।
संधारण सबसे बड़ी समस्या
भौंरी के लिए पेयजल सप्लाई की योजना का सबसे अहम् पहलू पेयजल सप्लाई नेटवर्क का संधारण है। अभी राजधानी के 90 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में पेयजल की सप्लाई नगर निगम ही करता है। ऐसे में भौंरी के लिए अगर अन्य विभाग योजना का जिम्मा लेता भी है तो फिर बाद में नेटवर्क के संधारण और सुचारु सप्लाई के लिए निगम पर ही भार आना तय है। हालांकि, इस बारे में अधिकृत निर्धारण अधिकारिक स्तर पर ही होगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भौंरी के लिए पानी सप्लाई के मुद्दे पर गुरुवार को मंत्रालय में राधेश्याम जुलानिया, प्रमुख सचिव, जल संसाधन, रजनीश बैस, नर्मदा घाटी परियोजना एवं विशेष गढपाले, आयुक्त, नगर निगम की बैठक हुई। इसमें पानी की जरुरत और सप्लाई प्लॉन पर विचार किया गया। हालांकि, यह तय नहीं हो सका कि पेयजल सप्लाई और पूरे नेटवर्क की देखभाल कौन विभाग करेगा। ऐसे में अब शनिवार को दोबारा होने वाली बैठक में जिम्मेदारी के साथ ही आने वाले खर्च की भरपाई आदि के मुद्दे पर निर्णायक स्थिति बन सकेगी।
प्रतिदिन 27 एमएलडी की जरुरत
पेयजल सप्लाई के लिए आगामी 30 साल का आंकलन किया जा रहा है। इसके अनुसार भौंरी की मौजूदा जनसंख्या 5 हजार है, लेकिन 30 साल में बढ़कर अनुमानत: 2 लाख पार कर जाएगी। ऐसे में आगामी 30 साल तक की जरुरत के अनुसार प्रतिदिन अधिकतम 27 एमएलडी पानी की सप्लाई करनी होगी।
संधारण सबसे बड़ी समस्या
भौंरी के लिए पेयजल सप्लाई की योजना का सबसे अहम् पहलू पेयजल सप्लाई नेटवर्क का संधारण है। अभी राजधानी के 90 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में पेयजल की सप्लाई नगर निगम ही करता है। ऐसे में भौंरी के लिए अगर अन्य विभाग योजना का जिम्मा लेता भी है तो फिर बाद में नेटवर्क के संधारण और सुचारु सप्लाई के लिए निगम पर ही भार आना तय है। हालांकि, इस बारे में अधिकृत निर्धारण अधिकारिक स्तर पर ही होगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें