मंगलवार, 14 मई 2013

१८ से नत्था को नहीं मिलेगा 'समर्थन'

-४७ उपार्जन केंद्रों पर नहीं होगी गेहूं खरीदी 
भोपाल। 
जिले के ४७ उपार्जन केंद्रों पर १८ मई से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी बंद होने जा रही है। किसानों को शनिवार तक गेहंू की बिकवाली करनी होगी। वहीं ४७ में से कई केंद्रों पर तो खरीदारी बिल्कुल बंद हो गई है। किसानों ने गल्ला लाना बंद कर दिया है। 
सह स्थिति बीते एक सप्ताह से बनी हुई है। वहीं प्रशासन ने उपार्जन केंद्रों पर तैनात कर्मियों को गेहूं के परिवहन में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। यह पहला मौका है जब भोपाल जिले के उपार्जन केंद्रों पर खरीदी प्रक्रिया समाप्त होने से पहले ही खरीदी न के बराकर हो गई है। कुछ केंद्रों पर तो दिन भर में एक दो ट्रलियां भी नहीं पहुंच रही हैं। इधर खाद्य विभाग ने भी कुछ केंद्रों को बंद करने की तैयारी कर ली है। दूसरी जिला प्रशासन ने बचे हुए चार दिनों में विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह किसानों को सूचित करें कि वह तय समय में अपना गेहूं लेकर केंद्रों पर पहुंचे सकते हैं। इसी सूचना मोबाइल, मैसेज के जरिए देने को कहा है। जिले में ऐसा दूसरी बार हुआ है, वर्तमान में हालात यह है कि दूसरी बार लक्ष्य को संशोधित कर 2 लाख मेट्रिक टन किया गया था। इस लक्ष्य को पार कर पाना भी मुश्किल हो रहा है। अभी तक केवल 1.77 लाख मेट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है। पिछले एक सप्ताह हुई खरीदी पर गौर करें तो कुल 8 हजार मेट्रिक टन खरीदी हो सकी है।

-बढ़ सकती है कीमत 
जानकारों की माने तो गेहूं के भाव में उछाल आ सकता है। इसका असर सीधा उपार्जन पर पड़ेगा। पिछले दो वर्षों में जहां गेहंू खरीदी के लिए समयसीमा बढ़ानी पड़ती थी, वहीं इस पर यह स्थिति देखने नहीं आ रही है। किसान समर्थन मूल्य गेहूं केंद्रों पर बेचने के बजाय, मंडियों में 1600 से 1700 रुपए में बेच रहे हैं। 

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