शुक्रवार, 3 मई 2013

'कर' न देने वालों की कॉलर होगी नीची

-आयकर विभाग ने बनाई सूची, अब टंगेगी चौराहों पर 
भोपाल। 
आयकर जमा न करने वालों के खिलाफ आयकर विभाग ने सख्ती से निपटने का मन बना लिया है। विभाग दो साल से ऐसे लोगों की सूची बनाने में जुटा था, जिसे पूरा कर लिया। जल्द ही इनकी कुंडली चौराहों पर टांगी जाएगी। 
यह नाम उनके होंगे, जिनकी आय आयकर दायरे में तो आती है, लेकिन वे यह कर आदायगी नहीं करते हैं। इसमें मप्र के ऐसे छोटे-बड़े सभी प्रकार के लोग शामिल हैं। सूची 10 लाख, 10 से 5 लाख और 5 लाख से कम आयवर्ग वाले कर चोरों की तैयार की है। इन कर चोरों के नामों समाचार पत्रों व चौराहों पर होर्डिंग लगाकर सार्वजनिक किए जाएंगे। आयकर विभाग को उच्च स्तर से ऐसा करने निर्देश मिल गए हैं। 

-इनकी सूची तैयार
आयकर विभाग ने श्रेणीवार सूची तैयार की है। इसमें प्रदेश के ऐसे उद्योगपति, राजनेता, अफसर, कर्मचारी और वे लोग शामिल हैं, जो कर चोरी कर रहे हैं। विभागीय पुष्ट सूत्रों की माने तो इनके नाम सर्वजनिक किए जाने के साथ टीम कभी भी इनके घर, दफ्तर आदि पर धमक सकती है। 

-तीन चरण में होगा काम 
कर चोरों का नाम उजागर आयकर विभाग तीन चरणों में करेगा। पहले चरण में 10 लाख से ऊपर वालों के नाम शामिल होंगे। दूसरे चरण में 5 लाख से 10 लाख और तीसरे व अंतिम चरण में 5 लाख से नीचे आय वाले ऐसे करदाता होंगे, जो कर अदायगी नहीं कर रहे हैं। आयकर विभाग बीते 2 सालों में यह डाटा तैयार किया है। विभाग ने सभी कर अदा न करने वालों के नाम, पते, व्यवसाय अथवा अन्य जानकारी सहित कुछ गोपनीय सूचनाएं कंप्यूटर में सेव कर रखी है। वहीं इसकी एक-एक हार्ड कॉपी भी निकाल कर रखी है। इस जानकारी में में निवेश, वाहन, खरीदी, विदेश यात्रा, अचल संपत्ति पारिवारिक मंगल उत्सव तथा के्रडिट कार्ड भुगतानों से संबंधित जानकारी के अलावा एजेंसी द्वारा की गई जांच रिपोर्ट शामिल हैं। वहीं यह ब्यौवरा भी लिखा है, जिसमें करदाता की निज, आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता व पूर्व में चुकाया गया कर अथवा नहीं चुकाया गया शामिल है। 

-होगी मुखबिरी 
विभाग ने इस बार मप्र-छग में कर चुराने वालों का कब्जे में लेने मुखबिर तंत्र बनाने का फैसला लिया है। आयकर विभाग पुलिस की तर्ज पर स्वंय का मुखबिर तंत्र विकसित करेगा। इसमें पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं को प्राथमिकता के साथ विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह पूरी तरह गुप्त होगा। यह तंत्र आयकर विभाग की इंटेलीजेंस शाखा के अधीन काम करेगा। 

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