गुरुवार, 2 मई 2013

खेद जताया और दी सफाई

जिला कार्यक्रम अधिकारी पर नहीं होगा प्रकरण दर्ज
भोपाल। 
अब मानव अधिकार आयोग बुरहानपुर की महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी श्वेता जाधव के विरुद्ध मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम की धारा 13(4) के अंतर्गत अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं करेगा । आयोग द्वारा विभिन्न प्रकरणों में बार बार बुलावे के बावजूद उपस्थित न होने और जवाब न देने के कारण श्रीमती श्वेता जाधव के विरुद्ध दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत  प्रकरण दर्ज किया जा रहा था । इसकी सूचना महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव को भी भेजी गई थी ।
गलती न होने का भरोसा दिलाया
जैसे ही यह खबर चैनलों में प्रसारित और अखबारों में प्रकाशित हुई तो श्वेता जाधव ने आयोग के समक्ष मंगलवार को उपस्थित होकर अपने कृत्य के प्रति खेद व्यक्त करते हुए अपना जवाब स्पष्टीकरण सहित प्रस्तुत कर दिया । साथ ही भविष्य में इस प्रकार की गलती न करने का आयोग को भरोसा दिलाया और उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही न करने का अनुरोध भी किया।  श्रीमती जाधव ने बताया कि महिलाओं पर घरेलू हिंसा के सभी प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत कर दिये गये हैं । एक प्रकरण में न्यायालय द्वारा निर्णय होकर आवेदिका के बच्चे के लिये भरण पोषण के आदेश पारित हो चुके हैं । बाकी मामले न्यायालय में विचाराधीन है । उन्होंने घरेलू हिंसा से पीडि़त सभी महिला आवेदकों के लिखित कथन प्रपत्रों के साथ आयोग के समक्ष प्रस्तुत किये । आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष जस्टिस ए. के. सक्सेना ने सभी प्रपत्रों का बारीकी से अवलोकन करने और श्रीमती जाधव के जवाब से संतुष्ट होने के बाद प्रकरण नस्तीबद्ध कर  दिया । उन्होंने श्वेता जाधव जिला कार्यक्रम अधिकारी, एकीकृत बाल विकास सेवा के विरुद्ध अब दण्डात्मक कार्यवाही न किये जाने के निर्देश दिये हैं।  आयोग के गठन के बाद यह पहला प्रकरण था जिसमे किसी अधिकारी के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण न्यायालय में दर्ज किया जा रहा था। 

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