पेयजल समस्या के निपटारे के लिए ज्ञापन सौंपने गए पूर्व पार्षद ने आरोप लगाया है कि, नगर निगम आयुक्त ने उनके हाथ से ज्ञापन छीनकर फाड़कर फेंक दिया। इसके विरोध में गुरुवार को माता मंदिर स्थित निगम कार्यालय का घेराव किया जाएगा। दूसरी ओर, नगर निगम के दो दर्जन से ज्यादा अधिकारियों ने आरोप को झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा है कि, बेहद महत्वपूर्ण मीटिंग में पूर्व पार्षद अपने साथ भीड़ लेकर घुस आए और अभद्रता करते हुए खुद ही ज्ञापन फाड़कर फेंक दिया और धमकाते हुए चले गए।
दरअसल, माता मंदिर स्थित नगर निगम कार्यालय में दोपहर को कमिश्नर विशेष गढपाले अधिकारियों की मीटिंग में पेयजल और बीआरटीएस के मामले में जानकारी ले रहे थे। इसी दौरान पूर्व पार्षद रामेश्वर राय दीक्षित और भाजपा नेता शंकर मकोरिया अपने साथ भीम नगर के करीब दो दर्जन लोगोें के साथ पहुंचे। मीटिंग में व्यस्त होने के बाद भी कमिश्नर ने एक-दो लोगों को अंदर बुलवा कर समस्या के बारे में पूछा, जिस पर दीक्षित ने पेयजल की किल्लत का हवाला देते हुए व्यवस्था में सुधार की मांग की। इस पर कमिश्नर ने तत्काल की दो इंजीनियरों को भेजने और व्यवस्था सुधारने का भरोसा दिलाया। इस पर दीक्षित और अन्य लोगों ने पानी को लेकर पूर्व में दिए गए ज्ञापनों पर कार्रवाई नहीं होने और परेशानी का जिक्र किया। इसी दौरान दीक्षित तैश में आ गए और अपने हाथ में पकडे ज्ञापन को फाड़कर फेंकते हुए नतीजे भुगतने की चेतावनी दे दी। इससे निगम के सारे अधिकारी हतप्रभ रह गए। अधिकारियों ने बात संभालने की कोशिश की, लेकिन दीक्षित धमकाते हुए चले गए।
लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे
घटना से आहत निगम अधिकारियों नप्रशासन ने तय किया कि अब कमिश्नर के कक्ष सहित पूरे कार्यालय और सदर मंजिल में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इससे अभद्रता करने के बाद झूठे आरोप लगाने वाले नेताओं की असलियत सामने आ सकेगी और एफआईआर दर्ज करवाने के लिए सुबूत भी होगा।
अधिकारी कर्मचारी बनते हैं निशाना
गौरतलब होगा कि कई अधिकारी कर्मचारी पूर्व में भी नेताओं की बदसलूकी का शिकार हो चुके हैं। प्रभारी जनसंपर्क प्रेमशंकर शुक्ला के साथ कार्यालय में घुसकर मारपीट करने पर रामेश्वर राय दीक्षित के खिलाफ तलैया थाने में एफ आईआर दर्ज हो चुकी है। इसके अलावा तत्कालीन कमिश्नर मनीष सिंह की कार के पीछे स्याही फेंकने और अभद्रता करने पर कांग्रेस नेता आरिफ मसूद सहित कई नेताओं के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज हुआ था।
दरअसल, माता मंदिर स्थित नगर निगम कार्यालय में दोपहर को कमिश्नर विशेष गढपाले अधिकारियों की मीटिंग में पेयजल और बीआरटीएस के मामले में जानकारी ले रहे थे। इसी दौरान पूर्व पार्षद रामेश्वर राय दीक्षित और भाजपा नेता शंकर मकोरिया अपने साथ भीम नगर के करीब दो दर्जन लोगोें के साथ पहुंचे। मीटिंग में व्यस्त होने के बाद भी कमिश्नर ने एक-दो लोगों को अंदर बुलवा कर समस्या के बारे में पूछा, जिस पर दीक्षित ने पेयजल की किल्लत का हवाला देते हुए व्यवस्था में सुधार की मांग की। इस पर कमिश्नर ने तत्काल की दो इंजीनियरों को भेजने और व्यवस्था सुधारने का भरोसा दिलाया। इस पर दीक्षित और अन्य लोगों ने पानी को लेकर पूर्व में दिए गए ज्ञापनों पर कार्रवाई नहीं होने और परेशानी का जिक्र किया। इसी दौरान दीक्षित तैश में आ गए और अपने हाथ में पकडे ज्ञापन को फाड़कर फेंकते हुए नतीजे भुगतने की चेतावनी दे दी। इससे निगम के सारे अधिकारी हतप्रभ रह गए। अधिकारियों ने बात संभालने की कोशिश की, लेकिन दीक्षित धमकाते हुए चले गए।
लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे
घटना से आहत निगम अधिकारियों नप्रशासन ने तय किया कि अब कमिश्नर के कक्ष सहित पूरे कार्यालय और सदर मंजिल में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इससे अभद्रता करने के बाद झूठे आरोप लगाने वाले नेताओं की असलियत सामने आ सकेगी और एफआईआर दर्ज करवाने के लिए सुबूत भी होगा।
अधिकारी कर्मचारी बनते हैं निशाना
गौरतलब होगा कि कई अधिकारी कर्मचारी पूर्व में भी नेताओं की बदसलूकी का शिकार हो चुके हैं। प्रभारी जनसंपर्क प्रेमशंकर शुक्ला के साथ कार्यालय में घुसकर मारपीट करने पर रामेश्वर राय दीक्षित के खिलाफ तलैया थाने में एफ आईआर दर्ज हो चुकी है। इसके अलावा तत्कालीन कमिश्नर मनीष सिंह की कार के पीछे स्याही फेंकने और अभद्रता करने पर कांग्रेस नेता आरिफ मसूद सहित कई नेताओं के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज हुआ था।
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