-एडीएम ने दिए आदेश
भोपाल।
एडीएम उमाशंकर भार्गव ने हॉट चिप्स, राजहंस सहित दो अन्य पर १० हजार रुपए का जुर्माना ठोका है। इसी प्रकार बिना रजिस्ट्रेशन के मिथ्याछाप पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर का निर्माण करना और पानी पाउच पर जानकारी न लिखना महंगा पड़ गया।
इन प्रतिष्ठानों के संचालकों को आगे से इस तरह की गतिविधि संचालित न करने के भी निर्देश जारी किए हैं। करमा मिष्ठान एवं नमकीन भंडार पर मिथ्याछाप बादाम बर्फी का संग्रहण व विक्रय करने, खजुराहो पनीर बनाने वाली राजहंस डेयरी प्रोडक्ट पर अमानक पनीर बनाने और बेचने हॉट चिप्स दुकान पर मिलावटी नमकीन बेचने तथा विनोद किराना स्टोर्स पर बिना रजिस्ट्रेशन के अवमानक सोयाबीन तेल बेचने के चलते 10-10 हजार रुपए का जुर्माना तय किया गया है।
बिना रजिस्ट्रेशन बना रहे थे पानी पाउच
19 दिसंबर 2012 को खाद्य सुरक्षा अधिकारी भोजराज सिंह धाकड़ ने मौखिक शिकायत क आधार पर ग्राम झिरनिया परवलिया सड़क के पास स्थित एक्वासिस पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर नामक फैक्ट्री की जांच की। मौके पर मौजूद उसके मालिक दीपक दुनानी ने अधिकारियों को बताया कि वह मानव उपयोग के लिए पानी पाउच का निर्माण , संग्रहण और विक्रय करते हैं, लेकिन इन पाउचों के निर्माण के लिए खाद्य रजिस्ट्रेशन मांगा गया तो वह उपलब्ध नहीं करा सके। इसके बाद टीम जब सघन जांच पड़ताल की तो उन्हें फैक्ट्री में पानी पाउचों से भरी 20 बोरियों और 5 कार्टून मिले। पानी में मिलावट की आशंका के चलते सेंपल लिए गए। इन पानी पाउच पर बैच नंबर और पैकिंग डेट भी लिखी नहीं थी। टीम ने सेंपल लेने के साथ प्रकरण भी बनाया। जांच में सेंपल मिथ्याछाप पाए जाने पर फैक्ट्री संचालक के खिलाफ एडीएम कोर्र्ट में प्रकरण प्रस्तुत किया गया। इस प्रकरण में एडीएम ने फैक्ट्री मालिक को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए कई नोटिस भेजे , लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए। इसके चलते एडीएम कोर्ट ने माना कि फैक्ट्री संचालक को नोटिस के जवाब में कुछ नहीं कहना है। कोर्ट ने फैक्ट्री संचालक दीपक दुनानी को बिना रजिस्ट्रेशन और मिथ्याछाप वाले पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर बेचने का दोषी पाते हुए खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत 25 हजार रुपए का जुर्माना आरोपित किया है।
-हॉट चिप्स संचालक पर 10 हजार जुर्माना
एडीएम कोर्ट ने एमपी नगर स्थित साउथ इंडियन हॉट चिप्स के संचालक वैयंकटेश और नल्ला त बी पर अमानक या मिलावटी नमकीन बनाने, बेचने व संग्रहण करने के चलते 10 हजार रुपए का जुर्माना किया है। कोर्ट ने दिए अपने आदेश में कहा है कि हॉट चिप्स पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी टीनेश्वरी धुर्वे ने 25 नवंबर 2011 को छापेमार कार्रवाई की थी। इस दौरान वहां से उन्होंने मिलावट की आशंका के चलते साउथ का खुला मिक्चर के नमूने लिए थे। जांच में यह नमूने अवमानक पाए गए और प्रकरण एडीएम कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। आदेश में कहा गया है कि कोर्ट ने हॉट चिप्स संचालक को नोटिस भेजकर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए, लेकिन संचालक अनुपस्थित ही रहे। इसलिए कोर्ट ने एकपक्षीय कार्रवाई करते 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
-पनीर का नमूना निकला अमानक
खाद्य सुरक्षा अधिकारी भोजराज सिंह धाकड़ ने 9 नंवबर 2011 को गुलमोहर स्थित रिलायंश फ्रेश रिटेल लिमिटेड शाप नंबर 5-10 ग्रीन सिटी मॉल पर छापामार कार्रवाई की। इस दौरान टीम ने शिकायत के आधार पर खजुराहो पैक्ड पनीर का सेंपल मिलावट की आशंका चलते लिया। इस दौरान विक्रेता ने बताया कि खजुराहो पैक्ड पनीर राजसंस डेयरी प्रोडक्ट गोविंदपुरा से खरीदा गया है। इसके चलते राजसंस डेयरी प्रोडक्ट सहित रिलायंस फ्रेस के संचालक व अन्य के खिलाफ प्रकरण बनाया गया। प्रयोगशाला जांच में यह सेंपल फे ल पाया गया और प्रकरण एडीएम कोर्ट में प्रस्तुत कर दिया गया। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पाया कि रिलायंस फ्रेस के संचालक केवल विक्रेता है ओर उसने केवल प्रोडक्ट बेचा हैऔर उसके बाद विक्रेता का लायसेंस भी है। इसके चलते उन पर जुर्माना नहीं किया, लेकिन अमानक पनीर बनाने वाले राजसंस डेयरी प्रोडक्ट के संचालक पर 10 हजार रुपए का जुमाना आरोपित किया।
-बिना रजिस्ट्रेशन बेच रहे थे अवमानक सोयाबीन तेल -
9 नवंबर 2011 को खाद्य सुरक्षा अधिकारी भोजराज सिंह धाकड़ ने अन्य सदस्यों के साथ मु य रेलवे स्टेशन के 5 नंबर प्लेटफार्म स्थित विनोद किराना स्टोर्स पर छापामार कार्रवाई की। इस दौरान उन्होंने पाया कि दुकान संचालक हरीश मोटवानी द्वारा विभिन्न खाद्य सामग्री जैसे दाल, चावल, आटा, सोयाबीन तेल (खुला), नमकीन, बिस्किट आदि का विक्रय मानव उपभोग के लिए किया जा रहा था। जब श्री मोटवानी से इन खाद्य पदार्थों के की बिक्री के लिए ली जाने वाली खाद्य अनुज्ञप्ति या रजिस्ट्रेशन मांगा तो वह उपलब्ध नहीं करा सके। इसके बाद टीम ने मौके पर ही एक डम में रखे सोयाबीन तेल का सेंपल मिलावटी की आशंका के चलते लिया। जांच में यह सेंपल फेल निकला। इसके चलते प्रकरण एडीएम कोर्ट में स िमट किया गया। इस प्रकरण पर एडीएम ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद विनोद किराना स्टोर्स संचालक हरीश मोटवानी पर बिना रजिस्ट्रेशन के अवमानक सोयाबीन तेल बेचने के चलते कुल 10 हजार रुपए का जुर्माना आरोपित किया।
-मिथ्याछाप निकली बादाम बर्फी
आनंद नगर स्थित करमा मिष्ठान एवं नमकीन भंडार के संचालक देंवेन्द्र साहू को मिथ्याछाप व मिलावटी बादाम बर्फी बेचना महंगा पड़ गया। उन पर एडीएम श्री भार्गव ने 10 हजार रुपए का जुर्माना आरोपित किया गया है। आदेश में बताया गया है कि 5जनवरी 2012 को खाद्य सुरक्षा अधिकारी प्रभा घुरे ने दुकान से बादाम बर्फी लूज का सेंपल लिया था। यह सेंपल मिलावट की आशंका के चलते लिया गया था तथा प्रकरण बनाया गया। जांच में बादाम बर्फी का सेंपल मिथ्याछाप, अमानक स्तर व मिलावटी पाया गया। इसके बाद यह प्रकरण एडीएम कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। हालांकि संचालक ने एडीएम को दिए अपने जवाब में बताया था कि वह अपने व्यवसाय स्थल पर किसी भी ऐसे खाद्य पदार्थ का विनिर्माण विक्रय, वितरण, ांडारण अथवा आयात नहीं करता जो मिथ्याछाप, अमानक स्तर का अथवा मिलावटी हो, परंतु एडीएम ने उनका यह तर्क खारिज कर दिया तथा 10 हजार का जुर्माना लगाया।
भोपाल।
एडीएम उमाशंकर भार्गव ने हॉट चिप्स, राजहंस सहित दो अन्य पर १० हजार रुपए का जुर्माना ठोका है। इसी प्रकार बिना रजिस्ट्रेशन के मिथ्याछाप पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर का निर्माण करना और पानी पाउच पर जानकारी न लिखना महंगा पड़ गया।
इन प्रतिष्ठानों के संचालकों को आगे से इस तरह की गतिविधि संचालित न करने के भी निर्देश जारी किए हैं। करमा मिष्ठान एवं नमकीन भंडार पर मिथ्याछाप बादाम बर्फी का संग्रहण व विक्रय करने, खजुराहो पनीर बनाने वाली राजहंस डेयरी प्रोडक्ट पर अमानक पनीर बनाने और बेचने हॉट चिप्स दुकान पर मिलावटी नमकीन बेचने तथा विनोद किराना स्टोर्स पर बिना रजिस्ट्रेशन के अवमानक सोयाबीन तेल बेचने के चलते 10-10 हजार रुपए का जुर्माना तय किया गया है।
बिना रजिस्ट्रेशन बना रहे थे पानी पाउच
19 दिसंबर 2012 को खाद्य सुरक्षा अधिकारी भोजराज सिंह धाकड़ ने मौखिक शिकायत क आधार पर ग्राम झिरनिया परवलिया सड़क के पास स्थित एक्वासिस पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर नामक फैक्ट्री की जांच की। मौके पर मौजूद उसके मालिक दीपक दुनानी ने अधिकारियों को बताया कि वह मानव उपयोग के लिए पानी पाउच का निर्माण , संग्रहण और विक्रय करते हैं, लेकिन इन पाउचों के निर्माण के लिए खाद्य रजिस्ट्रेशन मांगा गया तो वह उपलब्ध नहीं करा सके। इसके बाद टीम जब सघन जांच पड़ताल की तो उन्हें फैक्ट्री में पानी पाउचों से भरी 20 बोरियों और 5 कार्टून मिले। पानी में मिलावट की आशंका के चलते सेंपल लिए गए। इन पानी पाउच पर बैच नंबर और पैकिंग डेट भी लिखी नहीं थी। टीम ने सेंपल लेने के साथ प्रकरण भी बनाया। जांच में सेंपल मिथ्याछाप पाए जाने पर फैक्ट्री संचालक के खिलाफ एडीएम कोर्र्ट में प्रकरण प्रस्तुत किया गया। इस प्रकरण में एडीएम ने फैक्ट्री मालिक को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए कई नोटिस भेजे , लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए। इसके चलते एडीएम कोर्ट ने माना कि फैक्ट्री संचालक को नोटिस के जवाब में कुछ नहीं कहना है। कोर्ट ने फैक्ट्री संचालक दीपक दुनानी को बिना रजिस्ट्रेशन और मिथ्याछाप वाले पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर बेचने का दोषी पाते हुए खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत 25 हजार रुपए का जुर्माना आरोपित किया है।
-हॉट चिप्स संचालक पर 10 हजार जुर्माना
एडीएम कोर्ट ने एमपी नगर स्थित साउथ इंडियन हॉट चिप्स के संचालक वैयंकटेश और नल्ला त बी पर अमानक या मिलावटी नमकीन बनाने, बेचने व संग्रहण करने के चलते 10 हजार रुपए का जुर्माना किया है। कोर्ट ने दिए अपने आदेश में कहा है कि हॉट चिप्स पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी टीनेश्वरी धुर्वे ने 25 नवंबर 2011 को छापेमार कार्रवाई की थी। इस दौरान वहां से उन्होंने मिलावट की आशंका के चलते साउथ का खुला मिक्चर के नमूने लिए थे। जांच में यह नमूने अवमानक पाए गए और प्रकरण एडीएम कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। आदेश में कहा गया है कि कोर्ट ने हॉट चिप्स संचालक को नोटिस भेजकर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए, लेकिन संचालक अनुपस्थित ही रहे। इसलिए कोर्ट ने एकपक्षीय कार्रवाई करते 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
-पनीर का नमूना निकला अमानक
खाद्य सुरक्षा अधिकारी भोजराज सिंह धाकड़ ने 9 नंवबर 2011 को गुलमोहर स्थित रिलायंश फ्रेश रिटेल लिमिटेड शाप नंबर 5-10 ग्रीन सिटी मॉल पर छापामार कार्रवाई की। इस दौरान टीम ने शिकायत के आधार पर खजुराहो पैक्ड पनीर का सेंपल मिलावट की आशंका चलते लिया। इस दौरान विक्रेता ने बताया कि खजुराहो पैक्ड पनीर राजसंस डेयरी प्रोडक्ट गोविंदपुरा से खरीदा गया है। इसके चलते राजसंस डेयरी प्रोडक्ट सहित रिलायंस फ्रेस के संचालक व अन्य के खिलाफ प्रकरण बनाया गया। प्रयोगशाला जांच में यह सेंपल फे ल पाया गया और प्रकरण एडीएम कोर्ट में प्रस्तुत कर दिया गया। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पाया कि रिलायंस फ्रेस के संचालक केवल विक्रेता है ओर उसने केवल प्रोडक्ट बेचा हैऔर उसके बाद विक्रेता का लायसेंस भी है। इसके चलते उन पर जुर्माना नहीं किया, लेकिन अमानक पनीर बनाने वाले राजसंस डेयरी प्रोडक्ट के संचालक पर 10 हजार रुपए का जुमाना आरोपित किया।
-बिना रजिस्ट्रेशन बेच रहे थे अवमानक सोयाबीन तेल -
9 नवंबर 2011 को खाद्य सुरक्षा अधिकारी भोजराज सिंह धाकड़ ने अन्य सदस्यों के साथ मु य रेलवे स्टेशन के 5 नंबर प्लेटफार्म स्थित विनोद किराना स्टोर्स पर छापामार कार्रवाई की। इस दौरान उन्होंने पाया कि दुकान संचालक हरीश मोटवानी द्वारा विभिन्न खाद्य सामग्री जैसे दाल, चावल, आटा, सोयाबीन तेल (खुला), नमकीन, बिस्किट आदि का विक्रय मानव उपभोग के लिए किया जा रहा था। जब श्री मोटवानी से इन खाद्य पदार्थों के की बिक्री के लिए ली जाने वाली खाद्य अनुज्ञप्ति या रजिस्ट्रेशन मांगा तो वह उपलब्ध नहीं करा सके। इसके बाद टीम ने मौके पर ही एक डम में रखे सोयाबीन तेल का सेंपल मिलावटी की आशंका के चलते लिया। जांच में यह सेंपल फेल निकला। इसके चलते प्रकरण एडीएम कोर्ट में स िमट किया गया। इस प्रकरण पर एडीएम ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद विनोद किराना स्टोर्स संचालक हरीश मोटवानी पर बिना रजिस्ट्रेशन के अवमानक सोयाबीन तेल बेचने के चलते कुल 10 हजार रुपए का जुर्माना आरोपित किया।
-मिथ्याछाप निकली बादाम बर्फी
आनंद नगर स्थित करमा मिष्ठान एवं नमकीन भंडार के संचालक देंवेन्द्र साहू को मिथ्याछाप व मिलावटी बादाम बर्फी बेचना महंगा पड़ गया। उन पर एडीएम श्री भार्गव ने 10 हजार रुपए का जुर्माना आरोपित किया गया है। आदेश में बताया गया है कि 5जनवरी 2012 को खाद्य सुरक्षा अधिकारी प्रभा घुरे ने दुकान से बादाम बर्फी लूज का सेंपल लिया था। यह सेंपल मिलावट की आशंका के चलते लिया गया था तथा प्रकरण बनाया गया। जांच में बादाम बर्फी का सेंपल मिथ्याछाप, अमानक स्तर व मिलावटी पाया गया। इसके बाद यह प्रकरण एडीएम कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। हालांकि संचालक ने एडीएम को दिए अपने जवाब में बताया था कि वह अपने व्यवसाय स्थल पर किसी भी ऐसे खाद्य पदार्थ का विनिर्माण विक्रय, वितरण, ांडारण अथवा आयात नहीं करता जो मिथ्याछाप, अमानक स्तर का अथवा मिलावटी हो, परंतु एडीएम ने उनका यह तर्क खारिज कर दिया तथा 10 हजार का जुर्माना लगाया।
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