आखिरकार प्रगति पेट्रोल ने लायसेंस रिन्यू करा लिया है। पेट्रोल पंप संचालक ने 94 हजार 327 रुपए की राजसात राशि खाद्य विभाग में जमा करा दी है।
इसके बाद कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने पेट्रोल-डीजल की खरीदी बिक्री पर लगाई रोक हटा दी है। पंप मंगलवार से दोबारा शुरू हो गया। वर्ष 2011-12 में खाद्य विभाग ने छापामार कार्रवाई की थी। इस दौरान मशीनों की जांच में सामने आया था कि पेट्रोल की दो मशीनें 6 प्रतिशत तक कम पेट्रोल उपभोक्ताओं को उपलब्ध करा रही है, जबकि यह लिमिट केवल 4 प्रतिशत तक ही हो सकती है। इसके चलते दोनों मशीनों को सील कर प्रकरण बनाया गया था तथा पेट्रोल टैंक में भरे पेट्रोल को जब्त कर लिया था। कलेक्टर कोर्ट में चले इन दोनों प्रकरणों में कलेक्टर श्री श्रीवास्तव ने करीब 10 माह पहले निराकरण देते हुए जब्त किए गए पेट्रोल की राशि सहित प्रतिभूति राशि राजसात करने के आदेश दिए थे। दोनों प्रकरणों की कुल राशि 94 हजार 327 रुपए बन रही थी। इसमें से करीब 25 प्रतिशत राशि पहले ही जमा करा ली गई थी, लेकिन बची हुई 75 प्रतिशत राशि जमा करने में पंप संचालक आना कानी कर रहे थे। इसके बाद कलेक्टर ने 2 मई को यहां से विक्रय पर लगा दी थी।
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