अफसर परेशान, कार्रवाई के बाद बढ़ जाते हैं कब्जे, भू-माफियाओं
को चिंहित नही कर पाया प्रशासन
भोपाल।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा गरीबों को दिसंबर 2012 तकजहां बसे वहां पट्टे देने की घोषणा जिला प्रशासन के लिए गले की फांस बनती जा रही है। हालात ये हैं कि कार्रवाई के दौरान जितनी झुग्गियां हटाई जाती हैं, रातों-रात उससे दुगनी झुग्गियां आकार ले लेती हैं। हां यहां कब्जे करने वाले चेहरे जरूर बदल जाते हैं। शहर के पॉश इलाके अरेरा हिल्स स्थित रिक्त पड़ी सरकारी जमीन पर तो भू-माफियाओं की ाास नजर है। यही कारण है कि गत एक सप्ताह में दूसरी बार अफसरों को अवैध झुग्गियों को हटाने
के लिए मशक्कत करनी पड़ गई। यही नहीं करोड़ों रुपए की सरकारी जमीनों पर कब्जा करने के लिए उत्सुक भू-माफिया अतिक्रमण अमले से दो-दो हाथ करने के लिए भी तैयार रहते हैं।
-संगठित है गिरोह
सरकारी जमीन पर कब्जा कर रातों रात झुग्गियां बनाने में पूरा का पूरा संगठित गिरोह कार्य कर रहा है। यह गिरोह पहले जमीन चिंहित करता है, इसके बाद छोटे-छोटे टुकड़े आपस में बांट कर कुछ घर बनाते हैं। इसके थोड़ी दिन बाद से लोग पुराने कब्जे दि ाा कर 30 से 40 हजार रुपए में जमीन तो बेचते ही हैं, वहीं रातों रात लोगों को बसा ाी देते हैं। इनका शिकार बाहर से मजदूरी करने आए लोग होते हैं। जो इनके बहकावे में आ कर अपनी पूरी कमाई दांव पर लगा देते हैं। माली ोड़ी, सन ोड़ी, अरेरा हिल्स और मदर इंडिया कालोनी के पास बसी झुग्गियों में हुई कार्रवाई में इसका ाुलासा ाी हो चुका है। जहां पैसे लेने के बाद रातों-रात सौ से दो सौ लोगों को बसा दिया गया था। हालांकि कार्रवाई के बाद अब ये लोग अलग-अलग स्थानों पर कब्जा करने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।
-बदल जाते हैं चेहरे
प्रशासन द्वारा कार्रवाई करने के बाद दोबारा वहां अतिक्रमण हो रहा है, लेकिन चेहरे बदल जा रहे हैं। जिसके चलते अफसर ाी किसी पर कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। अफसरों का कहना है कि कार्रवाई के दौरान पैसे के लेन-देन की बात तो सामने आती है, लेकिन पूछने पर न तो पैसे देने वाला सामने आता है और न पैसे लेने वाला। यहीं नहीं एक ही स्थान पर कार्रवाई करने पर चेहरे ाी अलग-अलग सामने आते हैं। आए दिन हो रही है कार्रवाई स ाी वृत्तों में अवैध कब्जों को हटाने के लिए अ िायान चल रहा है। कलेक्ट्रेट की नाक के नीचे बनी मदर इंडिया कालोनी के पास तो एक दर्जन बार कब्जे हटाने की कार्रवाई हो चुकी है। बावजूद इसके यहां कब्जे करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी तरह बूढ़ा ोड़ा में प्रशासन दो बार कार्रवाई कर चुका है। पहले जहां सौ झुग्गियां बनी थी, वहीं दोबारा डेढ़ सौ से अधिक कब्जे हो गए थे। इसके अलावा गांधी नगर, कोलार, अरेरा हिल्स, बीएचईएल सहित अन्य स्थान जहां अतिक्रमण हटाने के बाद ाी कब्जे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।
अफसर ाी परेशान तीन माह में अवैध कब्जों के बढ़े मामलों ने सबसे ज्यादा तहसीलदारों को परेशान कर दिया है। कमिश्नर-कलेक्टर के नई झुग्गियों पर रोक लगाने के फरमान के बाद से राजस्व अफसरों को हर दूसरे दिन जेसीबी लेकर मोर्चा सं ाालना पड़ रहा है। इस दौरान लोगों के गुस्से ाी इन्हें दो चार होना पड़ता है। हालांकि कुछ वृत्तों में नाम मात्र के ाी अतिक्रमण नहीं हो रहे हैं। वहीं कुछ वृत्तों में कार्रवाई थमने का नाम नहीं ले रही है।
को चिंहित नही कर पाया प्रशासन
भोपाल।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा गरीबों को दिसंबर 2012 तकजहां बसे वहां पट्टे देने की घोषणा जिला प्रशासन के लिए गले की फांस बनती जा रही है। हालात ये हैं कि कार्रवाई के दौरान जितनी झुग्गियां हटाई जाती हैं, रातों-रात उससे दुगनी झुग्गियां आकार ले लेती हैं। हां यहां कब्जे करने वाले चेहरे जरूर बदल जाते हैं। शहर के पॉश इलाके अरेरा हिल्स स्थित रिक्त पड़ी सरकारी जमीन पर तो भू-माफियाओं की ाास नजर है। यही कारण है कि गत एक सप्ताह में दूसरी बार अफसरों को अवैध झुग्गियों को हटाने
के लिए मशक्कत करनी पड़ गई। यही नहीं करोड़ों रुपए की सरकारी जमीनों पर कब्जा करने के लिए उत्सुक भू-माफिया अतिक्रमण अमले से दो-दो हाथ करने के लिए भी तैयार रहते हैं।
-संगठित है गिरोह
सरकारी जमीन पर कब्जा कर रातों रात झुग्गियां बनाने में पूरा का पूरा संगठित गिरोह कार्य कर रहा है। यह गिरोह पहले जमीन चिंहित करता है, इसके बाद छोटे-छोटे टुकड़े आपस में बांट कर कुछ घर बनाते हैं। इसके थोड़ी दिन बाद से लोग पुराने कब्जे दि ाा कर 30 से 40 हजार रुपए में जमीन तो बेचते ही हैं, वहीं रातों रात लोगों को बसा ाी देते हैं। इनका शिकार बाहर से मजदूरी करने आए लोग होते हैं। जो इनके बहकावे में आ कर अपनी पूरी कमाई दांव पर लगा देते हैं। माली ोड़ी, सन ोड़ी, अरेरा हिल्स और मदर इंडिया कालोनी के पास बसी झुग्गियों में हुई कार्रवाई में इसका ाुलासा ाी हो चुका है। जहां पैसे लेने के बाद रातों-रात सौ से दो सौ लोगों को बसा दिया गया था। हालांकि कार्रवाई के बाद अब ये लोग अलग-अलग स्थानों पर कब्जा करने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।
-बदल जाते हैं चेहरे
प्रशासन द्वारा कार्रवाई करने के बाद दोबारा वहां अतिक्रमण हो रहा है, लेकिन चेहरे बदल जा रहे हैं। जिसके चलते अफसर ाी किसी पर कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। अफसरों का कहना है कि कार्रवाई के दौरान पैसे के लेन-देन की बात तो सामने आती है, लेकिन पूछने पर न तो पैसे देने वाला सामने आता है और न पैसे लेने वाला। यहीं नहीं एक ही स्थान पर कार्रवाई करने पर चेहरे ाी अलग-अलग सामने आते हैं। आए दिन हो रही है कार्रवाई स ाी वृत्तों में अवैध कब्जों को हटाने के लिए अ िायान चल रहा है। कलेक्ट्रेट की नाक के नीचे बनी मदर इंडिया कालोनी के पास तो एक दर्जन बार कब्जे हटाने की कार्रवाई हो चुकी है। बावजूद इसके यहां कब्जे करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी तरह बूढ़ा ोड़ा में प्रशासन दो बार कार्रवाई कर चुका है। पहले जहां सौ झुग्गियां बनी थी, वहीं दोबारा डेढ़ सौ से अधिक कब्जे हो गए थे। इसके अलावा गांधी नगर, कोलार, अरेरा हिल्स, बीएचईएल सहित अन्य स्थान जहां अतिक्रमण हटाने के बाद ाी कब्जे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।
अफसर ाी परेशान तीन माह में अवैध कब्जों के बढ़े मामलों ने सबसे ज्यादा तहसीलदारों को परेशान कर दिया है। कमिश्नर-कलेक्टर के नई झुग्गियों पर रोक लगाने के फरमान के बाद से राजस्व अफसरों को हर दूसरे दिन जेसीबी लेकर मोर्चा सं ाालना पड़ रहा है। इस दौरान लोगों के गुस्से ाी इन्हें दो चार होना पड़ता है। हालांकि कुछ वृत्तों में नाम मात्र के ाी अतिक्रमण नहीं हो रहे हैं। वहीं कुछ वृत्तों में कार्रवाई थमने का नाम नहीं ले रही है।
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