रविवार, 5 मई 2013

'मप्र-यूपी में अपराध दर एक जैसा'

-कलेक्टोरेट पहुंची ममता शर्मा ने कहा- मप्र में आपराधिक घटनाओं में नहीं आई कमी
-बलात्कार करने वालों में ९० फीसदी नाते-रिश्तेदार
-दिल्ली की तर्ज पर देश भर में होंगे सेसंटाइन शिविर 
भोपाल। 
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा शनिवार को कलेक्टोरेट पहुंची। पत्रकारों से मुखातिब हो वे बोलीं, महिला उत्पीडऩ, गैंग रेप और अन्य महिला अपराध देश में बढ़े हैं। मप्र और उत्तर प्रदेश में महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों की दर एक जैसा है। इस दौरान यहां कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव, डीआईजी डी. श्रीनिवास वर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। 
श्रीमती शर्मा ने एक सवाल के जवाब में कहा, १६ दिसंबर, २०१२ की घटना के बाद से जागरुकता आई है, इसी का परिणाम है, लोग खुल कर सामने आ रहे हैं और केस दर्ज हो रहे हैं। बच्चियों-युवतियों के साथ होने वाले कृत्यों की रिपोर्ट के अनुसार ९० फीसदी रिश्तेदार, पढ़े-लिखे और जानकारों का हाथ होता है। युवितियों के लिए कपड़े अच्छे न पहने होने का उदाहरण दे दिया जाता है, लेकिन बच्चियों के साथ दुष्कृत्य की घटनाओं पर क्या कहेंगे? सामाजिक स्तर पर लोगों को सोच बदलने की जरूरत है। हमने दिल्ली में पुलिस सेसंटाइन शिविर आयोजित किया था। दिल्ली में १८० थाने हैं, प्रत्येक से दो-दो पुलिसकर्मियों को बुलाया गया था। इसमें ४०० पुलिसकर्मियों ने हिस्सा लिया। इससे पुलिसकर्मियों में खुद की जिम्मेदारी का भी एहसास हुआ। इस तरह के शिविर देश भर में आयोजित किए जाएंगे। १३ मई को राजस्थान के जयपुर में आयोजित होगा। मप्र में 6 से 7 डिवीजन बनाए गए हैं। हैडक्वॉटर भोपाल ही है। यहां भी जल्द ही शिविर आयोजित होंगे। 

-सेंसर बोर्ड को लिखा पत्र 
मैंने सेंसर बोर्ड को पत्र लिखा है, कि वह ऐसे विज्ञापनों को टीवी पर प्रसारित होने पर रोक लगाएं जो भद्दीे श्रेणी के हैं। वे बोलीं-कुछ एड तो इतने वलगर हैं कि उन्हें देखा नहीं जा सकता है। देर रात आने वाले सीरियल को लेकर भी पत्र लिखा है। जल्द रिलीज होने वाली फिल्म गिप्पी के संवाद के सवाल पर वे बोलीं, इसको लेकर भी एक पत्र सेंसर बोर्ड को लिखा है। आगे का काम उन्हें करना है। मप्र में आपराधिक घटनाओं में सुधार नहीं आया है। उन्होंने सख्त लेहजे में कहा, सरकार को चाहिए कि वह ठोस कदम उठाए। 

-सियसी रोटी न सेकें
महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष अर्चना जायसवाल द्वारा दिए बयान की 'जब से मुख्यमंत्री ने बच्चियों को गोद में लिया है बलात्कार की घटनाएं बढ़ी हैं' पर भी श्रीमती शर्मा ने चुप्पी तोड़ी। उन्होंने बिना अर्चना का नाम लिए कहा, रानीतिक पार्टियां राजनीति की रोटियां सेंकना बंद करें। 
वे बालीं, वे अपनी बच्चियों, बेटियों को गोद में नहीं लेती। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे मुद्दों पर सभी पार्टियों को एक साथ आना चाहिए। 

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