धर्म का मसला बनाया जा रहा है : गौहर बी
-मामला जवाहर चौक स्थित मस्जिद का
-प्रशासन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं
भोपाल।
जवाहर चौक, यूनिक कॉलेज के सामने मस्जिद कमेटी द्वारा अवैधानिक निर्माण मामले में दोनों पक्ष खुल कर सामने आ गए हैं। मस्जिद कमेटी पूरी जमीन की रजिस्ट्री होना बता रही है। दूसरा पक्ष का साफ कहना है, इसे धर्म का मसला बनाया जा रहा है। जमीन की नप्ती हो तो पूरा हकीकत सामने आ जाएगी। वहीं प्रशासनिक अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
मंगलवार दोपहर वरिष्ठ राजस्व निरीक्षक रियाज अहमद के नेतृत्व में एक दल उक्त जमीन की नपती करने पहुंचा था। सूत्रों के मुताबिक जैसे ही दल ने यहां नपती का काम शुरू किया तो मस्जिद प्रबंधन से जुड़े कुछ लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। भारी विरोध के बाद थक हारकर अमले को मौके से वापस लौटना पड़ा।
उल्लेखनीय है मस्जिद कमेटी द्वारा अवैधानिक निर्माण की शिकायत जिला प्रशासन से लेकर मंत्रालय तक हुई है। मामले ने इसलिए भी तूल पकड़ा क्योंकि इसी जमीन से लगकर भाजपा-कांग्रेस से जुड़े राज्यपाल, सांसद, मंत्री और विधायक के बंगले लगे हुए हैं। वहीं इसी रोड से नीचे जाते हुए नजूल का १२ दफ्तर, पीडब्ल्यूडी कार्यालय सहित अन्य केंद्र व राज्य शासन के दफ्तर बने हुए हैं। सोमवार को इसको लेकर शिकायतों का दौर तेज हो गया था। इसके बाद जिला प्रशासन सक्ते में आया और आनन-फानन में काम शुरू किया। ेबताया जाता है इस पूरे मामले को लेकर मुस्लिम समाज के लोग बुधवार दोपहर कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव से मिलेंगे।
-क्या है मामला
मस्जिद कमेटी नार्थ टीटी नगर के नाम से रजिस्ट्री में ५,६६३ वर्ग फीट जमीन आवंटित है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार मस्जिद कमेटी के कर्ताधर्ता अब लगभग ११,५०० वर्ग फीट पर निर्माण कर रहे हैं। अतिक्रमण की जा रही शेष लगभग 5,8०० वर्ग फीट भूमि शासकीय है। शासन ने 'मस्जिद कमेटी नार्थ टीटी नगर' को १९७८ में यह जमीन आवंटित की थी। इस पर मुस्लिम समाज द्वारा सन् १९७८ से ही इस जमीन पर कब्जा था।
-निर्देश दिए हैं
जांच के निर्देश दिए जा चुके हैं। एसडीएम-तहसीलदार नप्ती कर अवगत कराएंगे। जो भी सामने आएगा उस हिसाब से कार्रवाई होगी।
बसंत कुर्रे, एडीएम
-मैं आज नहीं था
्रमुझे खबर जरूर है राजस्व निरीक्षकों की टीम यहां पहुंची है, लेकिन यह पता नहीं मौके पर हुआ क्या।
संजीव केशव पांडे, तहसीलदार
-क्या हुआ जानकारी नहीं
मौका मुआयना तो किया गया था। मंगलवार को राजस्व निरीक्षकों की टीम उक्त जगह की नपती के लिए पहुंची थी, लेकिन क्या हुआ इस बारे में जानकारी नहीं है।
संजय श्रीवास्तव, तहसीलदार
-मुझे कागज मिले हैं
मस्जिद प्रबंधन द्वारा आज मुझे मस्जिद से जुड़े तमाम दस्तावेज दिए गए हैं। मस्जिद से जुड़े सभी लोग ने विश्वास दिलाया है कि जो भी निर्माण हो रहा है वह शासकीय नियमों के अनुसार हो रहा है।
मुश्ताक अली नदवी, शहर काजी
-रोड तक है जमीन
रजिस्ट्री में स्पष्ट है मस्जिद को ५,६६३ वर्ग फीट जमीन आवंटित है। यह जमीन रोड तक होती है। टीएंडसीपी और नजूल कार्यालय से इसके दस्तावेज प्रमाणित हैं।
रजा मावल, सचिव, मस्जिद कमेटी नार्थ टीटी नगर भोपाल
-नपती करानी चाहिए
शासन-प्रशासन की हमेशा दोहरी नीति रहती है। मंदिर को तो तोड़ा जाता है, लेकिन मस्जिद के कारण अपनी ही शासकीय भूमि की नपती नहीं की जा रही है। कलेक्टर, एसडीएम को मौके पर रहते हुए नपती करानी चाहिए।
राजेश साहू, जिला मंत्री पुराना भोपाल, विश्व हिन्दु परिषद
-केवल धार्मिक मुद्दा बनाया जा रहा है मुझे
गौहरा बी कहती हैं-मस्जिद की एक इंच जमीन पर भी हमारा कब्जा है ये शासकीय प्रक्रिया में साबित हो जाता है तो मैं जमीन छोड़ दूंगी। हम बीते २५ सालों से यहां निवासरत हैं। कुछ लोग इसे केवल धर्म का मुद्दा बनाना चाहते हैं। पूर्व में भी मस्जिद कमेटी द्वारा मुद्दा बनाया गया था, किंतु वे न्यायालय में साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए। प्रशासन को चाहिए वह जमीन की नपती करे। गौहरा बी कहती हैं, हमारे परिवार को अब खतरा महसूस हो रहा है। ऐसा लगता है, जैसे इसे कमला पार्क जैसा मुद्दा बनाया जा रहा है। मेरा मुस्लिम भाईयों व धर्म गुरु से भी विनम्र निवेदन है कि इसे धार्मिक मुद्दा न बनाया जाए।
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