गोविंदपुरा क्षेत्रांतर्गत आने वाले मिनॉल रेसीडेंसी के पीछे स्थित रूपनगर कालोनी में रहने वाले छह परिवारों की गुरूवार को जैसे किस्मत की खुल गई। दोपहर करीब साढ़े 12 बजे अचानक गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र के आरओ व एसडीएम एमपी नगर रितु चौहान व एआरओ अतुल सिंह की गाडि?ां उनके घर के सामने रूकी। आरओ ने सभी परिवारों ने मतदाता सूची में नाम न जुड़ पाने का कारण पूछा और जिनके नाम मतदाता सूची में नहीं हैं, उनसे फार्म-छह भरवाया। कुल सात लोगों ने अपने आवेदन भरकर जमा किए। इसके बाद आरओ से उन्हें आश्वासन दिलाया कि उनका नाम जल्द ही मतदाता सूची में जुड़ जाएगा। गुरूवार को इन्होंने फार्म भरे।
इधर एआरओ अतुल सिंह ने बताया कि रूपनगर में रहने वाले छह परिवारों में से दो परिवार(वीरेंद्र सक्सेना व ओपी सक्सेना) के 10 सदस्यों ने मतदाता सूची में नाम जोड?े के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय में क्रमश: 25 व 29 अक्टूबर को आवेदन जमा किया है। वे सभी इस बार के विधानसभा चुनाव में मतदान कर सकेंगे। उनके नाम प्रमुखता से जोड़े जाएंगे। यहीं नहीं जिन 7 लोगों के आवेदन भरवाए गए हैं, उनके नाम भी जल्द ही जोड़े जाएंगे। इधर बीयू में असिस्टेंट प्रोफेसर राजेंद्र सक्सेना ने बताया कि जैसे ही पीली बस्ती की गाडि?ां घर के सामने रूकी, तो हम चौक पड़े। लगा अवैध कालोनी समझकर प्रशासन इसे तोड?े आया है, लेकिन जब गाडि?ों में से उतरे अधिकारियों ने नाम जोड?े के लिए फार्म भरकर देने की बात कही तब जाकर माजरा समझ में आया। उन्होंने बताया कि मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए पिछले तीन साल से लगातार आवेदन लगा रहे थे। अब जाकर हमारी गुहार सुनी गई है।
इधर एआरओ अतुल सिंह ने बताया कि रूपनगर में रहने वाले छह परिवारों में से दो परिवार(वीरेंद्र सक्सेना व ओपी सक्सेना) के 10 सदस्यों ने मतदाता सूची में नाम जोड?े के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय में क्रमश: 25 व 29 अक्टूबर को आवेदन जमा किया है। वे सभी इस बार के विधानसभा चुनाव में मतदान कर सकेंगे। उनके नाम प्रमुखता से जोड़े जाएंगे। यहीं नहीं जिन 7 लोगों के आवेदन भरवाए गए हैं, उनके नाम भी जल्द ही जोड़े जाएंगे। इधर बीयू में असिस्टेंट प्रोफेसर राजेंद्र सक्सेना ने बताया कि जैसे ही पीली बस्ती की गाडि?ां घर के सामने रूकी, तो हम चौक पड़े। लगा अवैध कालोनी समझकर प्रशासन इसे तोड?े आया है, लेकिन जब गाडि?ों में से उतरे अधिकारियों ने नाम जोड?े के लिए फार्म भरकर देने की बात कही तब जाकर माजरा समझ में आया। उन्होंने बताया कि मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए पिछले तीन साल से लगातार आवेदन लगा रहे थे। अब जाकर हमारी गुहार सुनी गई है।
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