गुरुवार, 31 अक्टूबर 2013

सहायक मत केंद्रों के लिए हुआ रेण्डमाइजेशन , भोपाल

जिले में बनाए गए नवीन सहायक मतदान केंद्रों के लिए बुधवार को रेण्डमाइजेशन हुआ। इसमें जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों में नए मतदान केन्द्रों के लिए ईवीएम मशीनों का रेण्डमाइजेशन बेनजीर ग्राउंड में हुआ। रेण्डमाइजेशन के दौरान अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी अक्षय सिंह व रिटर्निंग आॅफिसर मौजूद थे। इस विधानसभा चुनाव में दक्षिण-पश्चिम-152, गोविन्दपुरा-154 में एक-एक और हुजूर विधानसभा क्षेत्र में छह नए मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। इनका ही बुधवार को रेण्डमाईजेशन किया गया। 

यथावत रहेंगे बीएलओ . भोपाल

जिले में जितने भी बूथ लेवल आॅफिसर (बीएलओ) हैं वह यथावत रहेंगे। यह निर्देश जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा जारी किए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि जिन अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी जिस केंद्र पर लगी है वह उन स्थानों से बदले नहीं जााएंगे। यदि निर्वाचन कार्यालय द्वारा किसी अन्य कार्य में उनकी ड्यूटी लगाई जाती है या लगाई गई तो ड्यूटी निरस्त की जाएगी। 

पीठासीन अधिकारियों का प्रशिक्षण आज , भोपाल

पीठासीन अधिकारियों और मतदान दल क्रमांक-1 के अधिकारियों को मतदान संबंधित प्रशिक्षण लेना अनिवार्य होगा। यह प्रशिक्षण 31 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक शहीद भवन और सरदार वल्लभ भाई पटेल पॉलीटेक्निक कालेज के सभागार में दिया जाएगा। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी निशांत वरवड़े ने निर्देश दिए कि प्रशिक्षण में संबंधित अधिकारियों शामिल होना जरूरी होगा। ऐसा न होने पर दण्डात्म कार्रवाई भी की जा सकती है। 

आयोग के पास पहुंचा सारंग का मामला , भोपाल

नरेला विधायक विश्वस सारंग ने शंकराचार्य नगर जैन मंदिर, बैरसिया रोड में जैन समाज के लोगों को एक लाख रुपए दान स्वरूप दिए हैं या नहीं इसका फैसला अब मुख्य निर्वाचन आयोग करेगा। जांच रिपोर्ट आयोग को पहुंचा दी गई है। 
जांच अधिकारियों ने रिपोर्ट में क्या दिया है, इस बारे में कुछ भी सामने नहीं आ पाया है। अधिकारी भी कुछ नहीं बोल रहे हैं। बीते दिनों विधायक श्री सारंग ने जैन समाज के लोगों को एक लाख रुपए की राशि एक पैकेट में भेंट स्वरूप दी थी। इसकी विडियो रिकार्डिंग भी सामने आई थी। इसी आधार पर गोविंदपुरा एसडीएम के नेतृत्व में तहसीलदार और बजरिया थाना टीआई को जांच सौंपी गई। इन्होंने जांच रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारी व जिले से मुख्य निर्वाचन आयोग को भेज दी गई है। 
इस मामले को लेकर शहर कांग्रेस कमेटी जिला भोपाल के महामंत्री महेश कुमार साहू ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की थी। 

‘इबादत’ की तैयारी में जुटेंगे अधिकारी

-कलेक्टर लगाई फटकार, नहीं चलेगा आचार संहिता का बहाना 
भोपाल। 
कलेक्टर की फटकार के बाद अफसर दिसंबर में होने वाले तब्लीगी इज्तिमा की तैयारियों में जुटेंगे। दरअसल, बीते दिनों हुई बैठक के बाद अधिकारियों ने इज्तिमा कमेटी को आचार संहिता का हवाला देते हुए तैयारियों में सहयोग न करने की बात कही थी। 
इस संबंध में प्रकाशित हुई खबरों के बाद कलेक्टर निशांत वरवेड़े ने बुधवार को अधिकारियों से इज्तिमा की तैयारियां पूर्व की तरह ही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, आचार संहिता का   बहाना नहीं चलेगा। उन्होंने मुख्य चुनाव आयोग से इस संबंध में मिली अनुमति की भी जानकारी दी। इस बैठक में इज्तिमा कमेटी की ओर से इकबाल हफीज और अतिकु र्रहमान मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर के अलावा एडीएम बीएस जामोद, डीआईजी श्री निवास वर्मा सहित विभिन्न विभागों के आला अधिकारी मौजूद थे। प्रकाशित खबरों को देख आयोग ने संज्ञान लिया था, और आलमी तब्लीगी इज्तिमा को आचार संहिता से दूर रखते हुए इसे संपन्न कराने को कहा था। अब बैठक में कहा गया कि अधिकारी पूर्ववत् कामों में आचार संहिता की बात न करें। पुराने जो काम इज्तिमा तैयारी व अन्य हैं, उसे याथवत करें। गौर करें कि जिले के र्इंटखेड़ी में हर साल दिसंबर में आलमी तब्लीगी इज्तिमा भराता है। इसमें दुनियां भर की जमाते शिरकत करती हैं। करीब दो माह पहले इसकी तैयारियां मुस्लिम समाज शुरू कर देता है। पर इस बार अधिकारियों ने तैयारियों को लेकर हाथ खड़े कर दिए थे। 

भानपुर खंती: बर्बाद की लोगों की जिंदगी

-एनजीटी के सामने आज उपस्थित होंगे निगम व प्रदूषण बोर्ड के अफसर 
भोपाल। 
भानपुर कचरा खंती से निकलने वाले धुएं ने न केवल इसकी जद में रहने वाले डेढ़ लाख लोगों की जिंदगी बर्बाद की है। वहीं हजारों एकड़ कृषि भूमि भी तबाह हो चुकी है। नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल (एनजीटी) ने मंगलवार को नोटिस जारी कर दो दिन में जवाब तलब किया था। गुरुवार को नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसर एनजीटी कोर्ट में उपस्थित होंगे। 
वहीं भानपुर कचरा खंती हटाओ अभियान समिति के अध्यक्ष अशफाक अहमद और उपाध्यक्ष तुलसीराम गौर ने बुधवार को राज्य मानव अधिकार आयोग को ज्ञापन सौंपा। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने नगर निगम प्रशासन को चार साल पहले साफ-साफ आदेशित किया था। इसमें कोर्ट ने खंती में किसी भी हालत में आग नहीं लगे और खंती को समयबद्ध योजना बनाकर शहर के बाहर शिफ्ट करने को कहा था। लेकिन अधिकारियों ने लापरवाही बरती। 
-अवैज्ञानिक तरीके से फेंक रहे कचरा 
समिति के अध्यक्ष श्री अहमद और उपाध्यक्ष श्री गौर ने राज्य मानव अधिकार आयोग को सौंपे ज्ञापन में बताया, कचरा खंती में 1974-75 से शहरभर का कचरा डंप किया जा रहा है। निगम यहां हर रोज 400 टन से ज्यादा कचरा डाल रहे हैं। यह पूरी तरह से अवैज्ञानिक तरीके से फेंका जा रहा है। कचरे में शहरभर के अस्पतालों का मेडिकल वेस्ट, इंडस्ट्रीयल वेस्ट सहित मरे और सड़े हुए जानवर के साथ ही भारी मात्रा में प्लास्टिक पन्नियां होती हैं। इनको डिस्पोज करने के लिए नगर निगम के पास न तो कोई विशेषज्ञ दल है और न ही कोई संसाधन। इससे सीधे तौर पर करीब ढाई लाख की आबादी लोग प्रभावित हो रहे हैं। कई तो बीमार हो चुके हैं। 

हर बार मिलता आश्वासन 
समिति के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष ने बताया, जब भी नगर निगम के अफसरों से इस बारे में शिकायत की जाती है तो हर बार आश्वासन दे देते हैं कि खंती को आदमपुर छावनी में शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए प्लानिंग चल रही है। उन्होंने कहा, आयोग अगर हस्तक्षेप करे तो खंती को तत्काल बंद हो सकती है। इसलिए गुहार लगाई है। 

-आग बढ़ा रही परेशानी 
हाईकोर्ट आदेश-निर्देश के बाद भी नगर निगम कर्मचारी खंती के कचरे में आग लगा रहे हैं। यह आग बीते माह भर से धधक रही है। इससे जहां लोगों को दिक्कत हो रही है, वहीं धुआं छा जाने से पुल पर बड़े व छोटे वाहन चालकों को दिक्कत आती है। इससे कई बार दुर्घटना भी घट चुकी है। खंती के पांच किलोमीटर के दायरे में सांस लेना दूभर है। 

एनजीटी में आज पेशी 
गुरुवार को नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अफसर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के सामने जवाब प्रस्तुत करेंगे। एनजीटी ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के मानक नियमों एवं प्रावधानों का पालन सुनिश्चित किए बगैर शहरभर से इकट्ठा किए गए कचरे को फेंकने व आस-पास के लोगों के जीवन पर इसके विपरीत प्रभाव पर जवाब तलब किया है। 

-संहिता की आड़ 
सभी अधिकारी गुरुवार को एनजीटी में जवाब प्रस्तुत करने से बचते दिखाई दे रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि वह सीधे तौर पर आचार संहिता की आड़ लेकर ऐसा करेंगे। वहीं नगर निगम के अफसर पूर्व की तरह एनजीटी गुमराह करते हुए खंती की शिफ्टिंग की कहानी सुनाएंगे। जबकि चार साल पहले दिए गए हाईकोर्ट के आदेश के पालन को लेकर क्या किया यह रिपोर्ट निगम अफसर दरकिनार करते दिखाई दे सकते हैं। 

मतदान के प्रति लोगों में जगाएं अलख , भोपाल

मुख्य वन संरक्षक पीसी दुबे ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, वन अधिकारी कर्मचारियों को अपने-अपने क्षेत्र मतदान करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने अधिकारियों से कहा, वन क्षेत्रों में पदस्थ वनकर्मी अपने इलाके के लोगों को निष्पक्ष, स्वतंत्र मतदान करने के लिए कहें। 
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित श्री दुबे ने कहा, मतदान करना हमारा दायित्य होने के साथ ही जवाबदारी भी है। हमे धर्म, जाति ,प्रजाति ,समुदाय, और भाषा से प्रभावित न होते हुए बिना लोभ लालच के शांतिपूर्वक मतदान करना चाहिए। स्वीप प्लान के सहायक नोडल अधिकारी एवं क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय के प्र.क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी ने मैदानी अमलों का आह्वान किया कि वे अपने क्षेत्रों में में मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित करें। कार्यक्रम में डीएफओ उज्जैन श्रीमति पद्माप्रिया ने कहा, हर एक मतदाता को हर हाल में अपने मत का प्रयोग करना चाहिए। कार्यक्रम में शा. कन्या महाविद्यालय के व्याख्याता डॉ. आर एम शुक्ल तथा कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक ने पौधरोपण तथा रखरखाव के बारे में तकनीकी जानकारी दी। 
 

मानव अधिकार आयोग को सौंपे ज्ञापन में फसल चौपट होने और स्वास्थ्य बर्बाद होने का खुलासा

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सामने आज पेश होंगे नगर निगम, नगरीय प्रशासन व प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड
संवाददाता, भोपाल
भानपुर कचरा खंती से निकलने वाले धुएं से लाखों लोगों की जिंदगी और हजारों एकड़ कृषि भूमि तबाह हो चुकी है। हाईकोर्ट ने इसी वजह से नगर निगम प्रशासन को चार साल पहले साफ-साफ आदेशित किया था कि, कचरा खंती में किसी भी हालत में आग नहीं लगे और खंती को समयबद्ध योजना बनाकर शहर के बाहर शिफ्ट करने की कार्रवाई करें। इसके बाद भी नगर निगम के अधिकारियों ने आपराधिक लापरवाही बरतते हुए खंती में लगातार आग लगी रहने दी और शिफ्टिंग की फाइल को ठंडे बस्ते में पटक दिया है। 

यह गुहार लगाते हुए भानपुर कचरा खंती हटाओ अभियान समिति के अध्यक्ष अशफाक अहमद और उपाध्यक्ष तुलसीराम गौर ने बुधवार को राज्य मानव अधिकार आयोग को ज्ञापन सौंपते हुए लगाई है। इन्होंने बताया कि, कचरा खंती में 1974-75 से शहरभर का कचरा डंप किया जा रहा है। नगर निगम हर रोज शहरभर से 400 टन से ज्यादा कचरा बटोर कर इस खंती में अवैज्ञानिक तरीके से फेंक रहा है। कचरे में शहरभर के अस्पतालों का मेडिकल वेस्ट, इंडस्ट्रीयल वेस्ट सहित मरे और सड़े हुए जानवर के साथ ही भारी मात्रा में प्लास्टिक पन्नियां होती हैं। इनको डिस्पोज करने के लिए नगर निगम के पास न तो कोई विशेषज्ञ दल है और न ही कोई संसाधन हैं। नतीजे में आस पास की करीब ढाई लाख की आबादी को कचरा खंती में आग लगने के बाद निकलने वाले जहरीले धुएं और असहनीय बदबू को भुगतना पड़ता है। इससे कमोबेश हर घर में बीमार पडे हैं और हर कोई खांसता रहता है और तेज जलन होने से आंखों से आंसू बहते रहते हैं। हालात इतने भयावह हो चुके हैं कि, लाखों लोगों को जीते जी नरक भोगना पड़ रहा है। नगर निगम प्रशासन को कई बार अवगत कराया गया इसके बाद भी आज तक कचरा खंती को शहर के बाहर शिफ्ट करने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। जब भी नगर निगम के अफसरों से इस बारे में शिकायत की जाती है तो हर बार यही आश्वासन मिलता है कि, खंती को आदमपुर छावनी में शिफ्ट करने की प्लानिंग चल रही है। ऐसे में मानव अधिकार आयोग से मांग की गई है कि, खंती को तत्काल बंद करवा कर शहर के बाहर पूर्व से तयशुदा आदमपुर छावनी में शिफ्ट करवाने की कृपा करें।

महीनेभर से धधक रही है खंती की आग
आयोग के सामने पेश की गई याचिका में बताया गया है कि, हाईकोर्ट के कडे आदेशों के बाद भी खंती में नगर निगम कर्मचारी आग लगा रहे हैं, जिसके कारण महीनेभर से आग धधक रही है और जहरीले धुएं के कारण इलाके में कोहरा छाया रहता है। आस पास के पांच किलोमीटर के दायरे में सांस लेना दूभर हो गया है और गहरे काले धुएं के कारण दस-पंद्रह कदम आगे का कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है। इसकी तस्दीक भानपुर रेलवे ओवर ब्रिज से गुजरने वालों से की जा सकती है। जबकि, खंती के जहरीले धुएं के कारण आस पास की 40 से ज्यादा बस्तियों के रहवासियों, विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं, कई अस्पताल में शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राएं एंव बीमार रोगियों के स्वास्थ्य पर घातक प्रभाव पड़ रहा है। कचरा खंती के जहरीले धुएं के कारण आस पास के गांवों के किसान बर्बाद हो चुके हैं, क्योंकि खेतों में खंती के कचरे में आने वाली प्लास्टिक पन्नियां भर जाती हैं। इससे खेतों की न तो जुताई हो पाती है और न ही फसल पैदा हो पा रही है। खंती में नगर निगम कर्मचारियों द्वारा आग लगाने के बाद भड़कने वाली चिंगारियों के कारण फसलों में आग लग जाती है। इस बारे में नगर निगम के अधिकारियों को कई बार शिकायत करने के बाद भी खंती में आग लगाना बंद नहीं किया गया है। 

एनजीटी के सामने आज होगी पेशी
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के सामने गुरुवार को नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगरीय प्रशासन विभाग के संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों को पेश होकर जवाब देना है। एनजीटी ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के मानक नियमों एवं प्रावधानों का पालन सुनिश्चित किए बगैर शहरभर से इकट्ठा किए गए कचरे को फेंके जाने के नतीजे में आस-पास की ढाई लाख से ज्यादा की आबादी के नारकीय जीवन जीने और पर्यावरण चौपट करने पर जवाब मांगा है। 

आचार संहिता की आड़ मे बचने की तैयारी
सूत्रों के अनुसार एनजीटी के सामने जवाबदेही से बचने के लिए चुनावी आचार संहिता की आड़ ली जा सकती है। सूत्रों का दावा है कि, नगर निगम की ओर से खंती को शिफ्ट करने और डिस्पोजल प्लांट लगाने की समानांतर कार्रवाई की कहानी सुनाई जा सकती है। इसके साथ ही चार साल पहले दिए गए हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने के बजाय आए दिन खंती में आग लगाने और लाखों लोगों की जिंदगी नरक बना देने पर स्पष्ट जवाब भी नहीं आएगा। 

बुधवार, 30 अक्टूबर 2013

निलंबित डायरेक्टर समेत सातों आरोपियों को जेल

0 मध्यप्रदेश राज्य ओपन स्कूल फर्जीवाड़ा मामला
0 अब तक बनवाई जा चुकी हैं तीन हजार फर्जी मार्कशीट
भोपाल। मध्य प्रदेश राज्य ओपन स्कूल परिषद के निलंबित संचालक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद व सहायक संचालक व परीक्षा नियंत्रक राजेश उपाध्याय समेत फर्जी मार्कशीट मामले से जुड़े सातों आरोपियों को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मंगलवार को अदालत में पेश किया। अदालत ने रिमांड अवधि को आगे न बढ़ाते हुए सातों आरोपियों को जेल भेजने के आदेश जारी किए हैं। दूसरी ओर राज्य ओपन स्कूल की अंकसूची प्रिट करने वाली मुंबई की लकी प्रिंटिंग फर्म के संचालक व सा टवेयर इंजीनियर से हुई पूछताछ में तीन हजार फर्जी मार्कशीट बनाए जाने का खुलासा हुआ है।
एसटीएफ से मिली जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश राज्य ओपन स्कूल के पूर्व संचालक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद व सहायक संचालक व परीक्षा नियंत्रक राजेश उपाध्याय समेत आरोपी प्रदीप बैरागी, कौशल सारस्वत, अशोक गुप्ता, अखिलेश मिश्रा व अशोका चौहान को मंगलवार को अदालत के आदेश के बाद केन्द्रीय जेल भेज दिया गया है। एसटीएफ अब तक इस मामले में अशोक गुप्ता से दो लाख 33 हजार रुपए व राजेन्द्र प्रसाद से एक लाख रुपए ही बरामद कर सकी है। हालांकि सोमवार शाम को आरोपी संचालक राजेन्द्र प्रसाद को उनके घर ले जाया गया था लेकिन वहां से ाी अनुपातिक धनराशि व जेवरात नहीं मिले। दूसरी ओर मुंबई की जिस लंकी प्रिंटिंग फर्म के संचालक व सा ट इंजीनियर को एसटीएफ ने भोपाल तलब किया था, उन लोगों ने अंकसूची फर्जीवाड़े से जुड़े अहम राज खोले हैं। प्रिंटिंग फर्म के सा टवेयर इंजीनियर राज्य ओपन स्कूल के लिए बनाई गई अंकसूचियों की एक रिपोर्ट लेकर भोपाल पहुंचे। एसटीएफ के अधिकारियों ने अपना एक प्रोफार्मा इंजीनियर को देते हुए कहा है कि वह अपने साथ लाए अंकसूची क रिपोर्ट को तरीक से बनाकर उन्हें दें। प्रिंटिंग फर्म के संचालक व इंजीनियर से हुई पूछताछ में खुलासा हुआ है कि निलंबित डायरेक्टर व परीक्षा नियंत्रक ने उन्हें करीब तीन हजार फर्जी अंकसूचियां बनाने के लिए फोन अथवा ईमेल पर संपर्क किया था। लेकिन फर्जी अंकूसचियां संशोधन करने के नाम पर बनवाई गई थीं। फर्जीवाड़े का उन्हें गुमान तक नहीं था। एसटीएफ के मुताबिक फर्म के इंजीनियर से जिलेवार अंकसूचियां की सूची बनवाई जा रही हैं ताकि विवेचना में आसानी रहे। लकी फर्म के संचालक अथवा सा टेवयर इंजीनियर से पूछताछ के बाद ऐसे सुराग नहीं मिले हैं कि वे लोग भी इस फर्जीवाड़े में शामिल थे।

हाईकोर्ट और शासन की अवज्ञा , भोपाल

भानपुर कचरा खंती में किसी भी हालत में आग नहीं लगने देने और खंती को शिफ्ट करने के लिए कायर्योजना बनाकर पेश करने के हाईकोर्ट के आदेशों का पालन नगर निगम भोपाल ने तीन साल बाद भी नहीं किया है। लगातार हाईकोर्ट के आदेशों की अवज्ञा करते हुए नगर निगम प्रशासन की शह पर खंती में कमर्चारी ही आग लगा देते हैं।
यह खुलासा करते हुए भानपुर कचरा खंती हटाओ अभियान समिति के अध्यक्ष अशफाक अहमद और उपाध्यक्ष तुलसीराम गौर ने बताया कि, एक जनहित याचिका 152/2009 पर 15 मार्च,2009 को फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने आयुक्त नगर निगम, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन, चेयरमैन प्रदूषण नियंत्रण मंडल एवं कलेक्टर भोपाल को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि, किसी भी हालत में कचरा खंती में आग नहीं लगने दी जाए। कोर्ट ने कहा था कि, ऐसे इंतजाम किए जाए कि खंती में आग नहीं लगे और प्रदूषण नहीं फैले। इसके साथ ही कोर्ट ने यह निर्देश भी दिए थे कि कचरा खंती को मानवीय आबादी के बाहर शिफ्ट करने के लिए समयबद्ध कायर्योजना बनाकर क्रियान्वयन किया जाए। इसके बाद भी नगर निगम कमिश्नर ने आज तक हाईकोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया है। बल्कि उलटे कचरा खंती में नगर निगम कमर्चारी ही आग लगा रहे हैं। हालात इतने भयावह हो चुके हैं कि बीते महीनेभर से खंती की आग नहीं बुझी हैं और धुआं आस पास की बस्तियों में फैल रहा है। इसके साथ ही नगर निगम प्रशासन ने खंती शिफ्टिंग की योजना पर भी अमल नहीं किया है, बल्कि डिस्पोजल प्लांट की कवायद में जुट गया है। नगर निगम प्रशासन जानबूझकर इस तथ्य को छुपा रहा हैकि, डिस्पोजल प्लांट के लिए रोज फ्रेश वेस्ट चाहिए होगा। यानि प्लांट लगने पर खंती को शिफ्ट किया जाना संभव ही नहीं होगा। दूसरी ओर, शासन लारा शिफ्टिंग के लिए एक करोड रुपए नगर निगम को दिए जाने के बाद भी सालभर बीतने के बाद भी शिफ्टिंग की दिशा में कुछ भी नहीं किया गया है।

जहरीले धुएं से छा गया अंधेरा
भानपुर कचरा खंती में लगी आग के बाद मंगलवार शाम को यह आलम हो गया कि करोद से लेकर माहोली गांव तक अंधेरा छा गया। शाम के   बाद स्ट्रीट लाइट भी टिमटिमा रही थी। सड़क से गुजरने वाले वाले गाड़ियों की रफ्तार धीमी करके धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे। आस पास की बस्तियां नजर नहीं आ रही थी। रहवासियों को खांसते-खांसते बुरा हाल था और आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे। इस बारे में अपर आयुक्त नगर निगम संजय कुमार को फोन करके जानकारी देने पर उन्होने माना कि, खंती में लगातार कई दिनों से आग लगी है और जहरीला धुआं आस पास की बस्तियों में फैल रहा है। कुमार ने कहा कि, आग बुझाने के लिए दिखवाएंगे की क्या किया जा सकता है। 

भानपुर खंती: एनजीटी ने मांगा जवाब , भोपाल



नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भानपुर कचरा खंती से फैलने प्रदूषण पर नगर निगम, नगरीय प्रशासन विभाग एवं प्रदूषण नियंत्रण मंडल से जवाब मांगा है। एनजीटी ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के मानक नियमों एवं प्रावधानों का पालन सुनिश्चित किए बगैर शहरभर से इकट्ठा किए गए कचरे को फेंकने की वजह पूछी है। कचरे से आस-पास की ढाई लाख से ज्यादा की आबादी में बीमारियां घर करने लगी हैं। एनजीटी ने नोटिस जारी कर 31 अक्टूबर तक जवाब मांगा है। 
पर्यावरण सुभाष सी पांडे ने मंगलवार को एनजीटी के सामने याचिका पेश करते हुए बताया, भानपुर कचरा खंती का अवैध संचालन नगर निगम प्रशासन कर रहा है, जिससे लाखों लोगों की जिंदगी नरक बन कर रह गई है। निर्धारित नियमों के खिलाफ जाकर भानपुर में कचरा खंती बनाई गई हैं, जिससे जल-थल और वायु अत्यधिक प्रदूषित हो रहा है। शासन प्रशासन लारा खंती को अवैध तरीके से भानपुर क्षेत्र में बनाया गया है। इस खंती से निकलने वाले जहरीले धुएं में कार्बन डायक्साइड, कार्बन मोनोक्साइड, नाइट्रस आक्साइड, सल्फर डायआक्साइड जैसी जानलेवा गैंसों के अलावा मरक्यूरी और सल्फर के फ्यूम्स होते हैं, जिनके कारण श्वसन तंत्र पर घातक असर होता है। जहरीले धुएं के कारण आंखों और त्वचा पर अत्यधिक असर होता है। याचिका कर्ता पांडे ने बताया कि शासन प्रशासन ने भानपुर कचरा खंती के संचालन में ठोस अपशिष्ट पदार्थो को नष्ट करने के नियमों को भी दरकिनार कर दिया है । नियमों के विपरीत ठोस अपषिष्ट पदार्थों को नष्ट करने के लिए रहवासी क्षेत्र में अवैध तरीके से बनाई गई खंती का उपयोग किया जा रहा है जो आसपास की करीब 200 से ज्यादा बस्तियों ओर दजर्नों पॉश कालोनियों में रहने वाले लोगों के जीवन के लिए खतरा बन चुकी है। यदि खंती को जल्द ही   नहीं हटवाया गया तो इससे निकलने वाले जहरीले धुंए से भोपाल गैसकांड से भी बड़ा खतरा एक बड़ी आबादी के सिर पर मंडरा रहा है। 

एनजीटी ने अपनाया सख्त रुख
कचरा खंती के घातक असर होने के बाद भी शहर के बाहर शिफ्ट नहीं किए जाने और अवैध संचालन पर जस्टिस दलीप सिंह और विषय विशेषज्ञ सदस्य पीएस राव की बेंच ने याचिकाकर्ता सुभाष पांडे की याचिका स्वीकार करने के साथ ही नगरीय प्रशासन विकास विभाग, नगर पालिक निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल नोटिस जारी कर मामले में हाजिर होने के आदेश जारी किए हैं। एनजीटी ने सख्त रुख अपनाते हुए संबंधित अधिकारियों से अगली सुनवाई 31 अक्टूबर पर जवाब मांगा है।

एक दर्जन की जांच, चार को दिए नोटिस, दो के बने प्रकरण

-नापतौल व खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने संयुक्त रूप से की कार्रवाई 
भोपाल। 
नये व पुराने शहर में नापतौल व खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अमले ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की। संयुक्त टीम ने एक दर्जन दुकानों की जांच की। इसमें 4 को नोटिस दिया व दो के प्रकरण बनाए। 
संयुक्त रूप से की गई कार्रवाई में जहां अधिकारियों को गंदगी दिखाई दी उन दुकानों को नोटिस दिए। उपनगर बैरागढ़ में नापतौल निरीक्षक व खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने मिष्ठान दुकानों की जांच की। यहां चार दुकानों के संचालकों को धारा 32 के तहत नोटिस दिए। इससे पहले बाबा किराना में कार्रवाई की। वह बिल से सामान नहीं बेच रहा था। इसके चलते दुकान संचालक को नोटिस दिया गया। राधे कृष्णा किराना दुकान पर कार्रवाई की। यहां कांटे से सामान तौला जा रहा था, जो किस सत्यापित नहीं था। कांटा जब्त कर प्रकरण बनाया गया। साधु स्वीट्स में बिना डिक्लेरेशन के चिक्की के पैकेट मिले। पैकेटों की जब्ती बनाते हुए प्रकरण बनाया। आंचल स्वीट्स पर गंदगी मिली, जिसे नोटिस दिया गया। 

-यहां से लिए सेंपल 
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने हीराचंद किराना स्टोर से लाल गुलाब सरसों के तेल का सेंपल लिया। यह मिलावट की आंशका होने के चलते लिया गया। 

फार्म जमा करने करना पड़ी माथा पच्ची , भोपाल

मंगलवार को मतदाता सूची में नाम जुड़वाने फार्म-6 जमा करने लोगों को खासी माथा पच्ची करना पड़ी। सातों विधानसभा क्षेत्र के नामांकन कार्यालयों पर लोग परेशान होते दिखाई दिए। 
29 अक्टूबर, मतसूची में नाम दर्ज कराने की अंतिम तिथि थी। मतदान केंद्रों से कई लोगों बेरंग ही लौटना पड़ा। शहर में बनाए गए सभी छह सहायता केंद्रों पर यही स्थिति रही। इस लिस्ट को 31 अक्टूबर तक पूरक मतदाता सूची तैयार कर अंतिम सूची में जोड़ना है। बीते दिन दिनों की तरह मंगलवार को अधिकारी-कर्मचारियों ने नवीन मतदाताओं को आवेदन फार्म ही नहीं दिए। वहीं जो फार्म-6 भरकर लाए थे, उन्हें ठेरों गलतियां बता लौटा दिया। इनमें से कईयों ने तो सीधे अधिकारियों को फोन लगाया। इसके बाद आवेक का आवेदन जमा हुआ। 
अब जिने में मतदाताओं की संख्या साढ़े 16 लाख के पार हो गई है। अनुमान है नवीन सूची जारी होते तक इस संख्या में 20 हजार के आसपास नाम ओर शामिल हो सकते हैं। 

-जानकारी जो दी 
जिन सहायता केंद्रों पर आवेदन लिए जा रहे हैं, वहां जमा करने वाले आवेदकों को पहले ही बता दिया जा रहा है कि उनके ईपिक जनवरी के बाद ही बनेंगे। वे अब कार्यालय का चक्कर लगाने न आएं। इस स्थिति के चलते लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि उनका नाम सूची में जुड़ भी पाएगा या नहीं। 

गुप्ता का पंपलेट: मुद्रक-प्रकाशक पर होगी कार्रवाई

-पंपलेट्स पर अंकित नहीं थी मुद्रण संख्या 
भोपाल। 
गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता के पंपलेट छापना मुद्रक-प्रकाशक को भारी पड़ता दिखाई दे रहा   है। जांच रिपोर्ट में सामने आया कि पंपलेट्स को लेकर मुद्रण संख्या दर्ज नहीं हुई थी। 
मुद्रक व प्रकाशक ऐसा करके आचार संहिता का उल्लंघन किया है। दरसअल, अब मुद्रक-प्रकशक को पंपलेट्स छपाई के बाद इसकी संख्या का हिसाब रखना होगा। अब प्रकाशक पर प्रकरण दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। यह रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारी को भेजी गई है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार जांच अधिकारी ने प्रकाशक के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कराने की सिफारिश की है। इससे मुद्रक पर प्रकरण दर्ज होना लाजमी है। पंपलेट्स को लेकर बीते दिनों एक शिकायत जिला निर्वाचन शाखा को मिली थी, जिसमें गृह मंत्री के नाम वाले पंपलेट पर मुद्रण संख्या का उल्लेख व मुद्रक-प्रकाशक का नाम दर्ज न होने की बात कही गई थी। 

अब शर्मा को रुलाएगी प्याज , भोपाल

आचार संहिता के मध्य केंद्र सरकार के खिलाफ प्याज की माला पहन नराजगी व्यक्त करना भाजपा नेता रामेश्वर शर्मा को महंगी पड़ सकती है। जांच के बाद सामने आया कि शर्मा ने प्रदर्शन के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी अथवा संबंधित आरओ से किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली थी। एसडीएम टीटी नगर ने जांच कर रिपोर्ट जिला निर्वाचन आयोग को सौंप दी है। 
इसी के चलते इसे आचार संहिता उल्लंघन का मामला मानते हुए प्रकरण बनाने की अनुशंसा की है। उल्लेखनीय है कि 4 अक्टूबर से प्रभावी आचार संहिता के बाद भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार धरना, प्रदर्शन, रैली आदि के लिए राजनीतिक दलों संबंधित क्षेत्र के साथ आरओ से अनुमति लेना जरूरी किया है। इसके बाद ऐसा होता है तो उसे उल्लंघन में लिया जाएगा। भेजी गई रिपोर्ट पर अब आयोग को निर्णय लेना है। 
-मामला एक नजर में 
उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता रामेश्वर शर्मा, पूर्व पार्षद अनिल अग्रवाल लिली समेत अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्याज की बढ़ती कीमतों के खिलाफ प्रदर्शन किया था। माता मंदिर चौराहे पर किए गए इस प्रर्दशन को लेकर शिकायत की गई थी, जिस पर जिला निर्वाचन अधिकारी ने संज्ञान लिया था। प्रदर्शन के दौरान भाजपा नेताओं ने प्याज की माला पहनी हुई थी। हाल में बढ़ी प्याज की दरों का विरोध करते हुए केंद्र सरकार को कोस रहे थे। 
कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी ने एसडीएम टीटी नगर को इसकी जांच के निर्देश दिए थे। 

हाईकोर्ट और शासन की अवज्ञा , भोपाल

भानपुर कचरा खंती में किसी भी हालत में आग नहीं लगने देने और खंती को शिफ्ट करने के लिए कायर्योजना बनाकर पेश करने के हाईकोर्ट के आदेशों का पालन नगर निगम भोपाल ने तीन साल बाद भी नहीं किया है। लगातार हाईकोर्ट के आदेशों की अवज्ञा करते हुए नगर निगम प्रशासन की शह पर खंती में कमर्चारी ही आग लगा देते हैं।
यह खुलासा करते हुए भानपुर कचरा खंती हटाओ अभियान समिति के अध्यक्ष अशफाक अहमद और उपाध्यक्ष तुलसीराम गौर ने बताया कि, एक जनहित याचिका 152/2009 पर 15 मार्च,2009 को फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने आयुक्त नगर निगम, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन, चेयरमैन प्रदूषण नियंत्रण मंडल एवं कलेक्टर भोपाल को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि, किसी भी हालत में कचरा खंती में आग नहीं लगने दी जाए। कोर्ट ने कहा था कि, ऐसे इंतजाम किए जाए कि खंती में आग नहीं लगे और प्रदूषण नहीं फैले। इसके साथ ही कोर्ट ने यह निर्देश भी दिए थे कि कचरा खंती को मानवीय आबादी के बाहर शिफ्ट करने के लिए समयबद्ध कायर्योजना बनाकर क्रियान्वयन किया जाए। इसके बाद भी नगर निगम कमिश्नर ने आज तक हाईकोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया है। बल्कि उलटे कचरा खंती में नगर निगम कमर्चारी ही आग लगा रहे हैं। हालात इतने भयावह हो चुके हैं कि बीते महीनेभर से खंती की आग नहीं बुझी हैं और धुआं आस पास की बस्तियों में फैल रहा है। इसके साथ ही नगर निगम प्रशासन ने खंती शिफ्टिंग की योजना पर भी अमल नहीं किया है, बल्कि डिस्पोजल प्लांट की कवायद में जुट गया है। नगर निगम प्रशासन जानबूझकर इस तथ्य को छुपा रहा हैकि, डिस्पोजल प्लांट के लिए रोज फ्रेश वेस्ट चाहिए होगा। यानि प्लांट लगने पर खंती को शिफ्ट किया जाना संभव ही नहीं होगा। दूसरी ओर, शासन लारा शिफ्टिंग के लिए एक करोड रुपए नगर निगम को दिए जाने के बाद भी सालभर बीतने के बाद भी शिफ्टिंग की दिशा में कुछ भी नहीं किया गया है।

जहरीले धुएं से छा गया अंधेरा
भानपुर कचरा खंती में लगी आग के बाद मंगलवार शाम को यह आलम हो गया कि करोद से लेकर माहोली गांव तक अंधेरा छा गया। शाम के   बाद स्ट्रीट लाइट भी टिमटिमा रही थी। सड़क से गुजरने वाले वाले गाड़ियों की रफ्तार धीमी करके धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे। आस पास की बस्तियां नजर नहीं आ रही थी। रहवासियों को खांसते-खांसते बुरा हाल था और आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे। इस बारे में अपर आयुक्त नगर निगम संजय कुमार को फोन करके जानकारी देने पर उन्होने माना कि, खंती में लगातार कई दिनों से आग लगी है और जहरीला धुआं आस पास की बस्तियों में फैल रहा है। कुमार ने कहा कि, आग बुझाने के लिए दिखवाएंगे की क्या किया जा सकता है। 

भानपुर खंती: एनजीटी ने मांगा जवाब , भोपाल

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भानपुर कचरा खंती से फैलने प्रदूषण पर नगर निगम, नगरीय प्रशासन विभाग एवं प्रदूषण नियंत्रण मंडल से जवाब मांगा है। एनजीटी ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के मानक नियमों एवं प्रावधानों का पालन सुनिश्चित किए बगैर शहरभर से इकट्ठा किए गए कचरे को फेंकने की वजह पूछी है। कचरे से आस-पास की ढाई लाख से ज्यादा की आबादी में बीमारियां घर करने लगी हैं। एनजीटी ने नोटिस जारी कर 31 अक्टूबर तक जवाब मांगा है। 
पर्यावरण सुभाष सी पांडे ने मंगलवार को एनजीटी के सामने याचिका पेश करते हुए बताया, भानपुर कचरा खंती का अवैध संचालन नगर निगम प्रशासन कर रहा है, जिससे लाखों लोगों की जिंदगी नरक बन कर रह गई है। निर्धारित नियमों के खिलाफ जाकर भानपुर में कचरा खंती बनाई गई हैं, जिससे जल-थल और वायु अत्यधिक प्रदूषित हो रहा है। शासन प्रशासन लारा खंती को अवैध तरीके से भानपुर क्षेत्र में बनाया गया है। इस खंती से निकलने वाले जहरीले धुएं में कार्बन डायक्साइड, कार्बन मोनोक्साइड, नाइट्रस आक्साइड, सल्फर डायआक्साइड जैसी जानलेवा गैंसों के अलावा मरक्यूरी और सल्फर के फ्यूम्स होते हैं, जिनके कारण श्वसन तंत्र पर घातक असर होता है। जहरीले धुएं के कारण आंखों और त्वचा पर अत्यधिक असर होता है। याचिका कर्ता पांडे ने बताया कि शासन प्रशासन ने भानपुर कचरा खंती के संचालन में ठोस अपशिष्ट पदार्थो को नष्ट करने के नियमों को भी दरकिनार कर दिया है । नियमों के विपरीत ठोस अपषिष्ट पदार्थों को नष्ट करने के लिए रहवासी क्षेत्र में अवैध तरीके से बनाई गई खंती का उपयोग किया जा रहा है जो आसपास की करीब 200 से ज्यादा बस्तियों ओर दजर्नों पॉश कालोनियों में रहने वाले लोगों के जीवन के लिए खतरा बन चुकी है। यदि खंती को जल्द ही   नहीं हटवाया गया तो इससे निकलने वाले जहरीले धुंए से भोपाल गैसकांड से भी बड़ा खतरा एक बड़ी आबादी के सिर पर मंडरा रहा है। 

एनजीटी ने अपनाया सख्त रुख
कचरा खंती के घातक असर होने के बाद भी शहर के बाहर शिफ्ट नहीं किए जाने और अवैध संचालन पर जस्टिस दलीप सिंह और विषय विशेषज्ञ सदस्य पीएस राव की बेंच ने याचिकाकर्ता सुभाष पांडे की याचिका स्वीकार करने के साथ ही नगरीय प्रशासन विकास विभाग, नगर पालिक निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल नोटिस जारी कर मामले में हाजिर होने के आदेश जारी किए हैं। एनजीटी ने सख्त रुख अपनाते हुए संबंधित अधिकारियों से अगली सुनवाई 31 अक्टूबर पर जवाब मांगा है।

भृत्य बना सहायक राज्य संगठन आयुक्त

-जुगाड़ से हुआ काम, मामला मप्र भारत स्काउट एवं गाइड का 
भोपाल। 
जुगाड़ और पकड़ हो तो सब संभव वर्ना सब व्यर्थ। भारत स्काउट एवं गाइड मप्र में इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने मिल रहा है। यहां एक भृत्य की जुगाड़ से वह सहायक राज्य संगठन आयुक्त बन बैठा। इतना ही नहीं इन्होंने कई अनियमितताएं भी की हैं। 
यह आरोप भारत स्काउट एवं गाइउ के कर्मचारी डीएल शर्मा और राम नरेश तिवारी ने लगाए हैं। इनका कहना है, वर्तमान एएसओसी डीपी मिश्रा जोकि वर्ष 1982 में भृत्य के पद पर नियुक्त हुए थे। वह पूर्व राज्य मुख्य आयुक्त की कृपा पात्रता के चलते सहायक राज्य संगठन आयुक्त बन गए। इनकी नियुक्ति और पदोन्नति दोनों ही गलत तरीके से हुई है। इसके अलावा इन्होंने अपने रिश्तेदारों को संस्था में नौकरी दिलाई। श्री तिवारी के अनुसार डीपी मिश्रा एएसओसी जबलपुर के कायर्काल के दौरान जिला संघ का खाता जो जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर को संचालित करना था, वह स्वयं के हस्ताक्षर से संचालित किया, जिसमें इन्होंने कई लाख रुपए की राशि की हेराफेरी की थी। इसकी शिकायत कटनी के विधायक गिरराज पोद्दार से प्राप्त होने पर राज्य सचिव ने जांच दल भेजकर जांच कराई। जिसमें डीपी मिश्रा लारा की गई अनेकों वित्तीय अनियमितताएं एवं राशि का गबन होना प्रमाणित पाया गया। जिसके बाद मप्र के राज्य मु यालय लारा 15 अक्टूबर को पत्र क्र 4530-31 के जारिये अनिवार्य सेवा निवृत्त का नोटिस दिया गया। श्री शर्मा ने बताया कि कमीशन कमाने के चलते एएसओसी डीपी मिश्रा ने स्वयं अपने प्रभाव से एसओसी (स्काउट) का प्रभार प्राप्त कर लिया एवं मूल पद पर पदस्थ प्रकाश दिसौरिया को वंचित रखा है। डीपी मिश्रा सेवाकाल से जहां पर भी जिला संगठन आयुक्त अथवा सहायक राज्य संगठन आयुक्त पद पर पदस्थ रहे उसी स्थान पर वित्तीय रिकार्ड गायब करवाते हैं। राज्य मुख्य आयुक्त जितेंद्र सिंह बुंदेला भी इसे उजागर कर चुके हैं। भारत स्काउड एवं गाइड राज्य सचिव जीआर शर्मा कहते हैं, डीपी मिश्रा पर कई गंभीर आरोप हैं। यह सच है उनकी नियुक्ति और पदोन्नति दोनो की गलत तरीके से की गई है। इस प्रकारण में कार्यवाही करते हुए उन्हें सेवा निवृत्त का नोटिस भेजा दिया गया है। 

ठेकेदार ने किया आचार संहिता का उल्लंघन, रुकवाया काम , भोपाल

विधायक-नेताओं के साथ ठेकेदार भी आदर्श आचार संहिता का उल्लधन करने से बाज नहीं आ रहे हैं। मंगलवार को ऐसा दूसरा मामला सामने आया। ठेकेदार 11 नंबर स्टॉप स्थित सार्इं बोर्ड के पास सर्विस रोड पर बीते दो दिन से डामरीकरण का काम करा रहा था। 
आचार संहिता के उल्लंघन मामले की जांच के लिए आरओ जीएस धुर्वे व नगर निगम के अपर आयुक्त प्रमोद शुक्ला को आदेश दिए गए थे। शिकायत के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और अधिकारियों की टीम ने मौका मुआयना करते हुए काम रुकवा दिया। जांच में सामने आया कि ठेकेदार को सर्विस रोड के डामरीकरण के लिए पहले ही टेंडर मिल चुका था। यह टेंडर 4/9/13. को हुआ था, लेकिन उसने काम अब शुरू किया। जांच में यह भी सामने आया है कि ठेकेदार ने कुछ दिनों पहले ही गड्ढों को भरा है। इस कार्रवाई में जोन क्रमांक -11 के सिविल इंजीनियर भी घेरे में आ गए हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पहले शाहजहांनाबाद के संजय नगर में बिना वर्क आॅर्डर के एक ठेकेदार रोड निर्माण कर रहा था। उस पर भी आचार संहिता उल्लंघन का प्रकरण दर्ज किया जा चुका है। 

सोमवार, 28 अक्टूबर 2013

फूड एंड ड्रग कंट्रोलर की टीम ने की छापामारी

डिस्ट्रीब्यूटर्स के गोदामों से लिए गए पांच सेंपल
भोपाल/ 
योहारों पर हिन्दुस्तानी मिठाईयों को बदनाम करके कुछ मीठा हो जाए के बहाने चाकलेट खाने वाले सावधान हो जाएं। चाकलेटों के सेलीब्रेशन गिफ्ट पैक में मिलावट हो सकती है, जोकि खाने वाले को अस्पताल भेज सकती है।
फूड एंड ड्रग की टीम ने सोमवार को कैडबरी के कबाड़खाना स्थित डिस्ट्रीब्यूटर्स लक्ष्मी टेÑडर्स के यहां से कैडबरी चॉकलेट के सेलीब्रेशन पैक, ड्राय फ्रूट और कैडबरी एक्लेयर्स के सेंपल लिए गए। टीम की अगुवाई कर रहे वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी भोजराज सिंह धाकड़ ने बताया कि, गुप्त सूचना मिलने पर औचक जांच की गई और स्तरहीन और गुणवत्ताहीन होने के साथ ही पैकेटों पर दर्शाए गए कंटेंट के अनुसार सामग्री नहीं होने की आशंका पर सेंपल लिए गए।
इसके बाद फूड एंड ड्रग की टीम ने पारले जी के डिस्ट्रीब्यूटर्स बांबे एजेंसी पर दबिश दी। टीम ने यहां से पारले-जी का वनस्पति घी एवं डालडा ब्रांड के सरसों के तेल का सेंपल लिया। त्योहारी सीजन पर वनस्पति और तेल में मिलावट की आशंका के चलते यह सेंपलिंग की गई। छापामारी एवं सेंपल लेने वाली टीम में वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी भोजराज सिंह धाकड़ की अगुवाई में धर्मेन्द्र नुनईया, अरुणेश पटेल, टीनेश्वरी धु्रव, नमूना सहायक केशवप्रसाद तिवारी एवं कैलाश चौरसिया शामिल थे।
दीपक स्वीट के लड्डू जब्त
छापामारी टीम को कबाड़खाना में कार्रवाई के दौरान ही अचानक सीएमएचओ कार्यालय से सूचना मिली कि, छोला रोड़ स्थित दीपक स्वीट रेस्टोरेंट की मिठाई में मिलावट की शिकायत आई है। इस पर टीम तत्काल ही दीपक रेस्टोरेंट पर पहुंची और मावा लड्डू के सेंपल लिए। हालांकि, रेस्टोरेंट के संबंध में मिली अन्य शिकायतें सही नहीं पाई गई

जल्द जमा कराएं शस्त्र , भोपाल

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी निशांत वरवड़े ने धारा 144 के तहत आदेश जारी करते हुए शस्त्र लायसेंस धारकों को चार नवम्बर शस्त्र थाने में जमा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आदेश में कहा, तय समय तक शस्त्र जमा नहीं हुए तो संबंधित व्यक्ति पर भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-188 के तहत कार्रवाई की जाएगी। 
उन्होंने आदेश में आदेश में संबंधित थाना क्षेत्र के थाना प्रभारियों को आदेश का पालन करने को कहा है। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर केन्द्र शासन, राज्य शासन के विभागों के कार्यरत, सेवानिवृत्त अधिकारी, केंद्र, राज्य शासन के उपक्रमों के अधिकारी, कर्मचारियें, बैंक गार्डों को छोड़कर जिले के सभी शस्त्र अनुज्ञप्तिधारियों के शस्त्र लायसेंस पहले ही निलंबित किए जा चुके हैं। इन्हें संबंधित थानों में बंदूके जमा करने को कहा है। 

दिवाली पूर्व भेल कर्मियों की दीपावली , भेल

भारत हैवी इलेक्ट्रकल्स लिमिटेड (भेल) ने कर्मचारियों के लिए दिवाली बोनस की घोषणा कर दी है। दिवाली के ठीक 5 दिन पहले किए गए इस ऐलान से कर्मचारियों के बीच दीपावली बधाईयां शुरू हो गई हैं। 
भेल की संयुक्त समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस बार न्यूनतम 49750 और अधिकतम 70615 रुपए बोनस दिया जाएगा। हालांकि कर्मचारियों को इस वर्ष बीते साल से 1250 रुपए कम पर ही संतोष करना पड़ेगा। इससे कुछ चेहरे उदास भी हैं। दिल्ली में हुई भेल की ज्वाइंट कमेटी की बैठक को लेकर कारखाने के कर्मचारियों के बीच उत्साह का माहौल था। कर्मचारी ट्रेड यूनियन के मीडिया प्रभारी ने बताया, बोनस राशि का   वितरण 31 अक्टूबर को होगा। दिल्ली में हुई संयुक्त बैठक में प्रबंधन ने यह निर्णय लिया। बैठक पूर्व हर कोई बोनस राशि को लेकर अपना-अपना अनुमान लगा रहा था। सभी को उम्मीद थी इस बार कर्मचारियों को बीते साली की तुलना में इस बार बढ़कर बोनस मिलेगा। यूनियनों ने भी बोनस की राशि 10 प्रतिशत बढ़कर मांगने की रणनीति तैयार की थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्रबंधन ने यूनियनों की मांग को किनारे कर दिया। 


किस को कितना मिलेगा बोनस 
एबी-1 एबी-2 49750
एबी-3- 56706
एबी-4- 57864
एबी-5- 59024
एबी-6- 60182
एबी-7- 61343
एबी-8- 63660
एबी-9- 65979
एबी-10- 68296
एबी-11-12- 70613

बीते साल का बोनस-
एबी-1 एबी-2 51000
एबी-3- 57956
एबी-4- 59114
एबी-5- 60274
एबी-6- 61432
एबी-7- 62593
एबी-8- 64910
एबी-9- 67229
एबी-10- 69546
एबी-11-12- 71865

हक दर्ज कराने का आखरी दिन या नाम जुड़वाने का आज आखरी दिन

-फार्म-6 पर कर सकते हैं आवेदन 
भोपाल। 
जिले के वह लोग जिन्होंने अब तक मतदाता सूची में नाम दर्ज नहीं कराया है वह फार्म-6 भर मंगलवार को सूची में नाम जोड़ने आवेदन कर सकते हैं। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जनगणना कार्य निदेशालय, मप्र ने 29 अक्टूबर नाम दर्ज करने की अंतिम तारीख मुकर्रर की है। 
जिन्हें नमा दर्ज कराने हैं वह संबंधित विधानसभा क्षेत्र के मतदाता सहायता केंद्रों पर पहुंचकर अपना नाम सूची बद्ध करा सकते हैं। फार्म-6 में मतदाता अपना पूरा नाम, पता व अन्य सामान्य जानकारी भरकर देनी होगी। दूसरी ओर 25 जुलाई 22 अक्टूबर तक कुल 38 हजार से अधिक नवीन मतदाताओं के नाम सातों विधानसभा क्षेत्र में जुड़ चुके हैं। अनुमान के हिसाब से यह आंकड़ा 40 हजार से उपर पहुंचेगा, क्योंकि अंतिम दिनों में ढेर सारे नवीन मतदाताओं ने अपने नाम जुड़वाने आवेदन करेंगे। दूसरी ओर बीते दिन दिनों से मतदाता सहायता केंद्रों पर अधिकारी-कर्मचारियों ने आवेदन लेना बंद कर दिया है। इससे आवेदक परेशान हो रहे हैं। 
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव-2013 में अधिक से अधिक मतदान कर सकें, इसके लिए स्वीप प्लान से लेकर अन्य तरीके से प्रचार-प्रसार जोरों पर है, वहीं मतदाता सूची में नाम जुड़वाने का काम भी जारी है। मंगलवार को मतदाताओं को अंतिम मौका दिया गया है, कि वह अपने नाम सूची में जुड़वाने के लिए आवेदन जमा कर दें। जो मतदाता आवेदन नहीं कर सकेगा, वह मतदान नहीं कर सकेगा। अब तक जिले के मतदाताओं की सं या साढ़े 16 लाख से उपर पहुंच गई है। यह सं या अभी और बढ़ेगी।

-ये आ रही दिक्कतें 
 - 31 अक्टूबर तक किसी भी स्थिति में मतदाता सूची फायनल कर जिला निर्वाचन आयोग को देनी है। जिन्होंने सूची में नाम जुड़वाने के लिए आवेदन किया है। उनको भी वोट देने का अधिकार मिले इसके लिए पूरक सूची जारी की जाएगी। इस सूची में देरी न हो इसके लिए  स ाी विधानसभा क्षेत्रों में बने मतदाता सहायता केंद्रों पर नाम जुड़वाने, ईपिक में परिवर्तन करवाने, नाम हटवाने संबंधी आवेदन लेना बंद कर दिए हैं। यह कार्य शनिवार से शुरू किया गया। हालांकि अधिकारी वर्ग इस बात से इंकार कर रहा है। कुछ लोगों ने तो संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों से शिकायत करने के बाद अपने आवेदन जमा कराए। अधिकतर लोगों को तो अपना मन मसोचकर अपने घर की ओर लौटना पड़ा।
 - जिन सहायता केंद्रों पर आवेदन लिए जा रहे हैं, वहां जमा करने वाले आवेदकों को पहले ही बता दिया जा रहा है कि उनके ईपिक जनवरी के बाद ही बनेंगे। वे अब कार्यालय का चक्कर लगाने न आएं। इस स्थिति के चलते लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि उनका नाम सूची में जुड़ भी पाएगा या नहीं।

 यहां करें आवेदन 
 - बैरसिया विधानसभा- तहसील कार्यालय बैरसिया में स्थित मतदाता सहायता केंद्र
 - भोपाल उत्तर विधानसभा- नजूल वृत्त कार्यालय बैरागढ़ में स्थित मतदाता सहायता केंद्र 
 - नरेला विधानसभा- नजूल वृत्त कार्यालय गोविन्दपुरा में स्थित मतदाता सहायता केंद्र 
 - भोपाल दक्षिण पश्चिम विधानसभा- नजूल वृत्त कार्यालय टीटी नगर में स्थित मतदाता सहायता केंद्र 
 - भोपाल मध्य विधानसभा क्षेत्र- नजूल शहर वृत कार्यालय स्थित मतदाता सहायता केंद्र
 - गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र- नजूल एमपी नगर वृत्त कार्यालय स्थित मतदाता सहायता केंद्र
 - हुजूर विधानसभा क्षेत्र- तहसील हुजूर कार्यालय में स्थित मतदाता सहायता केंद्र

सारंग पर दर्ज हो आचार संहिता का प्रकरण भोपाल।

नरेला विधायक विश्वास सारंग द्वारा शंकराचार्य नगर जैन मंदिर में जैन समाज के प्रतिनिधियों को एक लाख रुपए चंदा देना गरमाता दिखाई दे रहा है। कांग्रेस कमेटी जिला भोपाल के महामंत्री महेश कुमार साहू ने सोमवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को शिकायत करते हुए ‘नोट के बदले वोट’ पाने की संज्ञा देते हुए आचार संहिता उल्लंघन का प्रकरण दर्ज करने की मांग की है। हालांकि इस मामले की जांच शुरू हो गई है। जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर निशांत वरवड़े ने शिकायत मिलने पर तत्काल इसकी जांच के निर्देश दिए थे। गोविंदपुरा एसडीएम के नेतृत्व में तहसीलदार और बजरिया थाने के टीआई ने संबंधित लोगों से पूछताछ कर रहे हैं। 
शिकायत शाखा के प्रभारी अधिकारी अपर कलेक्टर अभय अरविंद बेडेकर ने बताया, विधायक श्री सारंग ने किन्हें और किस स्वरूप में राशि दी है। इसकी जांच चल रही है। जांच में यदि आचार संहिता का उल्लंघन मिला तो नियमानुसार कार्रवाई होगी। इसका फैसला जांच रिपोर्ट देखने के बाद ही लिया जाएगा। 
 

निगम में दौड़ी गोधा की फाइल

-कल नगर निगम अपर आयुक्त सुनेंगे रहवासियों की समस्या 
-कालोनाइजर पुनीत गोधा को नोटिस जारी 
हेमन्त पटेल, 9893711147. 
भोपाल। 
अशोका गार्डन, 80 फीट रोड स्थित वधर्मान ग्रीन पार्क कालोनी में कालोनाइजर पुनीत गोधा द्वारा की गई अनियमितताओं को लेकर नगर निगम ने संज्ञान लिया है। निगम में दौड़ी फाइल पर अपर आयुक्त जीपी माली ने गोधा और रहवासियों को 30 अक्टूबर को अपना-अपना पक्ष रखने को कहा है। 
अपर आयुक्त श्री माली शाहपुरा स्थित निगम के कार्यालय में दोपहर 3 से 4 के बीच रहवासियों और कालोनाइजर सामने पक्ष सुनेंगे। नगर निगम ने इस संबंध में एक स्मरण पत्र कालोनाइजर को पूर्व में ही जारी कर दिया था। कालोनी की समस्याओं को लेकर आधा दर्जन रहवासी यहां उपस्थित होंगे। उल्लेखनीय है कि कालोनाइजर द्वारा अशोका गार्डन स्थित बनाई गई कालोनी में भारी अनियमितताएं बरती हैं। इसमें 10 एकड़ की अनुमति ले 20 एकड़ पर कॉलोनी बसाया जाना शामिल है। निगम ने भी माना कि आधी ग्रीन पार्क कॉलोनी अवैधानिक रूप से बसाई गई है। निगम प्रशासन ने माना कि बिल्डर पुनित गोधा ने जिस जमीन की विकास की अनुमति चाही वहां के असल खसरों को नहीं दर्शाया है। इसको लेकर भी कालोनी ने जवाब तलब किया है। 

-24 को भी जारी किया था नोटिस 
निगम ने 24 अगस्त को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। पुनीत गोधा ने अपनी कंपनी मै. राजधानी लैंड एंड हाउसिंग कार्पोरेशन का हवाला देते हुए निगम को जवाब दिया, लेकिन यह संतोष जनक नहीं था। जवाब से असंतुष्ट हो अधिकारी ने दोबारा कालोनाइजर को नोटिस दे उपस्थित होने के निर्देश जारी किए हैं। अब अगर गोधा कॉलोनी के निर्माण संबंधित दस्तावेज और उचित जवाब नहीं दे पाता है तो कंपनी का कॉलोनाइजर लायसेंस निरस्त किया जा सकता है। 

-खबर पर भी लिया संज्ञान 
निगम प्रशासन ने दैनिक दबंग दुनिया की खबरों और पार्षद की शिकायत पर संज्ञान लिया है। निगम ने इन्हीं को आधार मानते हुए कालोनी की भूमि के डायवर्शन, अनुमति का आधार, बिल्डर लारा कराए गए विकास कार्यों का कागजी और भौतिक सत्यापन करने की बात कही है। दूसरी ओर निगम प्रशासन कालोनी प्रकोष्ठ द्वारा जारी प्रमाण-पत्रों की पड़ताल कर रहा है। वहीं निगम अनुविभागीय अधिकारी (गोविंदपुरा) द्वारा कालोनाइजर को उक्त जमीन की डायवर्शन अनुमति कब जारी की गई, इस संबंध में भी पत्र जारी करने का मन बना लिया है। 

-वह दस्तावेज जिन पर जारी किया नोटिस 
1. कार्यालय अनुविभाग अधिकारी नजूल वृत्त गोविंदपुरा भोपाल ने दिनांक 15/02/2011 को पत्र क्रमांक 319/री.वि.अ/गो/2011 में सूचना के अधिकार के तहत बताया, ग्राम सेमराकलां खसरा क्रमांक-218, 215, 142 का डायवर्शन विगत पांच वर्षों से नहीं किया गया है।

2. कालोनी प्रकोष्ठ (शिवाजी नगर) लारा 9/10/2012 को जारी पर क्रमांक- 235/का. प्रको./2012 में स्पष्ट लिखा कॉलोनी में एक ही लाइन में सीवजे, बिजली और पीने के पानी की लाइन डाली है।

3. कालोनी प्रकोष्ठ के पत्र में ही कहा गया, वधर्मान ग्रीन पार्क कालोनी के विकास कार्यों को गुणवत्ता एवं शर्तों के अनुरूप नहीं किया गया है। रूफ वाटर हार्वेस्टिंग नहीं करवाई गई। सीवेज चेंबरों में पानी भरने से गंदगी सड़कों पर बहने लगती है।

-वर्जन
कॉलोनाइजर द्वारा कुछ दस्तावेज दिए गए हैं, इसकी पड़ताल की गइ है। लेकिन अब कालोनाइजर और रहवासियों के पक्ष सामने सुने जाएंगे। इसके बाद ही आगे का निर्णय लिया जाएगा। गड़बड़ी मिलने पर मप्र नगर पालिक नियम, 1998 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी। कॉलोनीवासियों की जो समस्याएं हैं वे खुल कर नियत तारीख को उपस्थित हो रख सकते हैं। 
जीपी माली, अपर आयुक्त, नगर निगम

विधानसभा निर्वाचन:

सोशल मीडिया की होगी निगरानी 
-उम्मीदवार को नामांकन पत्र में देनी होगी ईमेल और सोशल एकाउंट की जानकारी 
भोपाल। 
विधानसभा निर्वाचन-2013. मैदान में उतरे प्रत्याशियों के लिए बड़ा पेचेदगी भरा होने जा रहा है। उम्मीदवार को नामांकन पत्र में उसका ईमेल   आईडी और यदि वह फेसबुक जैसी सोशल मीडिया पर एक्टिव है तो उसका पता दर्ज करना होगा। दरअसल, भारत निर्वाचन आयोग ने सोशल मीडिया द्वारा किए जा रहे प्रचार-प्रचार को निगरानी में लेने के निर्देश जारी कर दिए हैं। 
इसमें हर वो वस्तु, लेख, फोटो, वीडियो व विचार शामिल होगा, जो प्रत्याशी के प्रतिक्रिया स्वरूप सकारात्मक अथवा नकारात्मक है। यह जानकारी रविवार को जिला निर्वाचन अधिकार व कलेक्टर निशांत वरवड़े ने पत्रकारों को दी। 
चर्चा करते हुए श्री वरवड़े ने बताया, उम्मीदवार अपने नामांकन पर्चे में ई-मेल आईडी व सोशल अकाउंट जैसे ट्वीटर, फेसबुक, वॉट्स एप्प और वी-चेट आदि  पर बनी आईडी की जानकारी भी लिखेंगे। अगर उन्होंने अपनी आईडी से किसी भी प्रकार का प्रचार अपने अथवा पार्टी के पक्ष में किया है तो उसे संज्ञान में लिया जाएगा। उन्होंने कहा, 12 आब्जर्वर की टीम भी भोपाल आ रही हैं, जो चुनाव की गतिविधियों पर पल-प्रतिपल नजर रखेंगी। इन सभी के नाम व मोबाइल नंबर भी सार्वजनिक किए जाएंगे ताकि उनसे कोई भी व्यक्ति जानकारी प्राप्त कर सके।

-मतदान पर होगा अवकाश 
25 नवंबर को पूरे प्रदेश सहित भोपाल में भी अवकाश रहेगा। ताकि अधिक से अधिक मतदान संभव हो सके। वहीं स्वीप प्लान के तहत सब्जी मार्केट, मॉल, भोपाल हॉट, स्कूल कॉलेज आदि जगह रहने या पढ़ने वाले नवीन मतदाताओं को मतदाता सूची में नाम जुड़वाने तथा मतदान करने के लिए प्रेरित करने का काम चल रहा है। इंडस्ट्रीयल क्षेत्र में भी 40 हजार मतदाताओं को इस प्लान के तहत जागरुक किया गया है। 

-आज होगी मुलाकात 
राजधानी में आज चीफ इलेक्शन कमीशन होंगे। यह करीब 11.30 पर भोपाल में होंगे। इस दौरान वह राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेंगे। मुलाकात का समय मुकर्रर नहीं हुआ है। 

 यह भी दी जानकारी -
 - 1 से 8 नवंबर तक विधानसभा चुनाव में खड़े होने वाले उ मीदवार अपना नामांकन भर सकेंगे।
 - 8 सहायक मतदान केंद्रों के लिए ईव्हीएम मशीनों का रेण्डमाईजेशन 30 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे पुराने बेनजीर कॉलेज परिसर में होगा।
 - 10 मतदान केंद्र ऐसे थे, जो जीणर्शीर्ण हो चुके थे, उन्हें परिवर्तित कर दिया गया है, जबकि 22 मतदान केंद्रों के नाम परिवर्तित कर दिए गए हैं।
 - भारत निर्वाचन आयोग ने तीन अ याथिर्यों (हि मत सिंह गोयल, भोगीराम व संजय) को वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में बैरसिया सीट से चुनाव लड?े का लेखा-जोखा न देने के लिए चुनाव लड?े के लिए आयोग्य घोषित कर दिया है।
 - भारत निर्वाचन आयोग ने विधानसभा निर्वाचन -2013 में मतदाताओं को मतदान करने के लिए एक अवेयरनेस प्रेक्षक नियुक्त की नियुक्ति की है।
 - जिले के 107 चिन्हित मतदान केंद्रों पर बेवकॉस्टिंग कराई जाएगी।
 - 29 अक्टूबर तक मतदाता सूची में नाम जोड?े के लिए आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। जो भी आवेदन प्राप्त हुए हैं, उनके नामों की एक पूरक सूची बनाई जाएगी। इसके मु य मतदाता सूची के साथ जोड़ा जाएगा। यह मतदाता भी मतदान कर सकेंगे।

टेÑनिंग न लेने वालों की होगी छुट्टी

-कलेक्टर ने कहा-पहले पूछा परेशानी फिर करो कार्यवाही
भोपाल। 
ऐसे 15 फीसदी अधिकारी-कर्मचारी जिन्होंने विधानसभा निर्वाचन-2013. के तहत दिए जाने वाले तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त नहीं किया है, उन पर गाज गिना तय है। हालांकि अनुपस्थिति को लेकर पहले परेशानी पूछी जाएगी। यदि परेशानी वास्तविक हुई तो ठीक नहीं तो इनकी छुट्टी की जाएगी। 
यह बात जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर निशांत वरवड़े ने कही। दरअसल, जिले में सात विधानसभा क्षेत्रों पर 25 नवंबर को होने वाली वोटिंग के लिए मतदान दल के पीठासीन व मतदान अधिकारी क्रमांक-1 को तीन दिन प्रशिक्षण दिया गया था। तमाम हिदायतों के बाद भी इसमें 15 प्रतिशत पीठासीन व मतदान अधिकारी क्रमांक-1 ट्रेनिंग लेने नहीं पहुंचे। इससे सभी कर्मचारी-अधिकारियों से जिला निर्वाचन अधिकारी खासे नाराज हैं। उन्होंने उनके विभागों से जानकारी प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उनके वास्तविक कारणों को भी लिखित में पूछा है। श्री वरवड़े ने उपजिला निर्वाचन अधिकारी से कहा, यदि इनकी इनकी परेशानी वास्तविक है तो अलग से एक दिन का ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया जाए। 

-दो चरणों में दे प्रशिक्षण 
श्री वरवड़े ने बताया, मतदान दलों में नियुक्त किए जाने वाले पीठासीन अधिकारी, मतदान अधिकारी क्रमांक -1 का प्रशिक्षण 24 से 26 अक्टूबर तक चला। यह प्रथम चरण का प्रशिक्षण था। मतदान के लिए दो चरणों में प्रशिक्षण होना है। इन केंद्रों पर पोस्टल बैलेट संबंधी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। दूसरे चरण के प्रशिक्षण में पोस्टल बैलेट जारी करने एवं उपयोग के लिए फैसिटीेटेशन सेंटर मतदान केंद्रों पर बनाया जाएगा।
 

न्यू-मार्केट की दुकानों पर मारा छापा, फिकवाई खाद्य सामग्री

-मिलावट के बनाए प्रकरण, जारी किए नोटिस 
भोपाल। 
बीते दो दिनों से सक्रीय खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अमले ने रविवार को न्यू-मार्केट, एमपी नगर की दुकानों पर छापामार कार्रवाई की। इस दौरान टीम ने नोटिस जारी करते हुए व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए। 
कुछ मिष्ठान व नाश्ता भंडार से खाद्य सामग्री फिकवाने के साथ साफ सफाई की हिदायत भी दी। टीम ने न्यू मार्केट स्थित अन्नपूर्णा स्वीट्स पर छापा मारा। यहां पुरानी मिठाइयां रखीं मिलीं, जिस पर गंदगी गली हुई थी। वहीं किचिन में भी गंदगी थी। इस पर स्वीट्स संचालक को व्यवस्थाएं सुधारने का नोटिस जारी किया। इसी प्रकार आधा दर्जन दुकानों को साफ सफाई रखने के निर्देश जारी किए गए। टीम में शामिल वरिष्ठ अफसरों ने कहा, आगे ऐसा दिखाई दिया तो संचालक के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक निर्धारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। 

-यहां की कार्रवाई  
-न्यू-मार्केट के स्वीट हट, अन्नपूर्णा स्वीट्स, ब्रजवासी में छापामार कार्रवाई की। यहां साफ-सफाई का नोटिस दिया। अधिकांश दुकानों से खाद्य सामग्री फिकवाई। 
-एमपी नगर में कृष्णा मावा भंडार, बेरछा मावा भंडार, खंडेलवाल ड्राय फूड, जैन स्वीट्स व नाश्ता घर, आनंद स्वीट्स में गंदगी मिली। इन्हें नोटिस दिया। यहां भी खाद्य सामग्री फिकवाई। 
-भेल में कृष्णा स्वीट्स, क्वॉलिटी स्वीट्स, बजरंग स्वीट्स, अग्रवाल स्वीट्स, पूनम स्वीट्स को साफ-सफाई का नोटिस दिया। क्वॉलिटी स्वीट्स से मलाई बर्फी फिकवाई। 
 

मैं चाहता हूं हिन्दी में हो जानकारी भोपाल।

भारत निर्वाचन आयोग लारा चुनाव के संबंध में दिए गए सभी निर्देश   अंग्रेजी में हैँ। इनको समझनें में काफी दिक्कतें आती हैं। इन नियमों को हिन्दी में भी होना चाहिए। यह बात रविवार को सभी राजनीतिक पाटिर्यों के जनप्रतिनिधियों ने स्टेण्डिंग कमेटी की बैठक में जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर निशांत वरवड़े के सामने रखी। प्रतिनिधियों से साफ कहा कि अंग्रेजी में नियमावली होने से चुनाव के नियमों को समझने में काफी दिक्कतें हो रही हैं। इधर कलेक्टर ने भी नियमों को हिन्दी में होने के लिए प्रतिनिधियों को चीफ इलेक्शन कमीशन के सदस्यों बात करने को कहा।
  कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित इस बैठक में सबसे पहले कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी निशांत वरवड़े राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों से कहा कि वे निर्वाचन आयोग लारा दिए गए निर्देशों का गंभीरता से अध्ययन करें। इन दौरान उन्होंने सभी प्रतिनिधियों को नामांकन भरने की प्रक्रिया से ाी अवगत कराया तथा सोशल मीडिया से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई गई। उन्होंने बताया कि दलों के पदाधिकारी किसी भी निर्देशों के संबंध में उनसे कभी भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। बैठक में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने पार्टी के खर्चे की लिमिट, होर्डिंग्स पर किस तरह की जानकारी का उल्लेख न करना, पार्टी मीटिंगों के लिए चिन्हित जगहों आदि के संबंध में प्रश्र भी पूछे। जिस पर कलेक्टर ने सभी विधानसभा क्षेत्रों के आरओ को यह सूची व जानकारी स ाी प्रतिनिधियों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। 
बैठक में एडीएम बीएस जामोद, असिस्टेंट कलेक्टर सुरभि सिन्हा, अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी अक्षय सिंह, एडीशनल कलेक्टर अभय अरविन्द बेडेकर और राजनैतिक दलों के पदाधिकारी मौजूद थे।

बैरसिया में फिर गरमाया स्थानीय का मुद्दा : आ. प्रदीप जायसवाल जी के ध्यानाथर् , भोपाल

आगामी विधानस ाा चुनाव में बैरसिया आरक्षित सीट पर स्थानीय प्रत्याशी को टिकट दिये जाने का मुद्दा एक बार फिर गरमाने लगा है। इस संबंध में रविवार को क्षेत्र के राजनीतिक हलकों में विरोध और समर्थन की चर्चा जोरों पर रही। एक तरफ जहां कांग्रेस की ओर से टिकट के लिए जहां जयश्री हरिकरण, राम ााई मेहर, हीरालाल यादव और महेश रत्नाकर को प्रबल दावेदार बताया जा रहा है, वहीं स्थानीय उ मीदवार के मुद्दे पर महेश रत्नाकर को पात्र माना जा रहा है। इसी तरह ााजपा ोमे में बीडीए उपाध्यक्ष विष्णु ात्री सहित विधायक ब्रह्मानंद रत्नाकर और बोरलाल अहिरवार का नाम सामने आया, वहीं स्थानीय प्रत्याशी के रूप में लक्ष्मीनारायण शिल्पी तथा वरिष्ठ क्षेत्रीय नेता किशनलाल मेहर को प्रमु ाता दी जा रही है। उधर इस सीट पर बसपा ने अनिता अहिरवार को पहले ही अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। सूत्रों की मानें तो टिकट वितरण के मामले में हुजूर की तरह बैरसिया ाी विधानस ाा सीट में ाी स्थिति काफी कशमकशपूर्ण हो गई है। दरअसल यहां स्थानीय और बाहरी प्रत्याशी का विवाद शुरू से ही गं ाीर रूप से लोगों के बीच गहराता रहा है, जो अब ाी यथावत है। ऐसी स्थिति में इस सीट पर टिकट वितरण को लेकर दोनों ही दलों को काफी मशक्कत करनी होगी, प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया लग ाग अंतिम चरण में है।

हुजूर में हर बूथ पर बैठेगा मीना समाज का प्रतिनिधि

मीना समाज सेवा संगठन ने नियुक्त किये 26 जिला प्र ाारी
भोपाल। 
आगामी विधानस ाा चुनाव में समाज को प्रतिनिधित्व दिलाने के लिए संकल्पित मीना समाज सेवा संगठन ने प्रदेश के मीना बाहुल्य वाले स ाी 26 जिलों में अपने जिला प्र ाारी नियुक्त कर दिये हैं। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश चांदा ने रविवार को आयोजित बैठक कर यह प्रक्रिया पूर्ण की। बैठक में ोपाल की हुजूर विधानस ाा सीट के हर बूथ पर संगठन लारा अपने प्रतिनिधि ाी तैनात किए गए हैं। इसके तहत प्रत्येक बूथ पर 10-10 युवाओं को तैनात किया जा रहा है। उधर युवा मीना समाज संगठन के प्रदेश अध्यक्ष एड. संतोष मीना ने बताया कि हुजूर सीट के हर बूथ पर बूथ प्र ाारी तैनात कर समाज ने अपने सामाजिक दायित्व को ही नि ााया है। हमीदिया रोड स्थित मीना ावन में आयोजित इस बैठक में ोपाल सहित राजगढ़, सीहोर, देवास, रायसेन, नीमच, मंदसौर, गुना, शिवपुरी और इंदौर जिले के प्रतिनिधि बड़ी सं या में शामिल थे।
चयन समितियों में हो निष्पक्ष नेता :
बैठक में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश चांदा ने स ाी राजनीतिक दलों से मांग करते हुए कहा कि उ मीदवार चयन समितियों में निष्पक्ष नेताओं को ही शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि इन समितियों में वे नेता आते हैं, जो स्वयं के अलावा अपने पुत्र-पुत्री, ााई या अन्य रिश्तेदार को टिकट दिलाना चाहते हैं। उन्होंने जहां ााजपा में सांसद कैलाश जोशी सहित सुंदरलाल पटवा और कैलाश सारंग का नाम लिया, वहीं कांग्रेस में पूर्व मु यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित सुरेश पचौरी, महेश जोशी और अजय सिंह का उदाहरण देते हुए इन समितियों में निष्चक्ष नेताओं को शामिल करने की मांग की। संगठन के प्रदेश संगठन महासचिव बटनलाल मीणा ने कहा कि स्वाथर्पूर्ण नीति से जुड़े नेता अपनी ही पार्टी के निस्वार्थ और निष्ठावान कार्यकर्ताओं के साथ न्याय नहीं करते, बल्कि वरिष्ठ प्रतिनिधियों के बीच आपसी फूट डालकर अपने परिजनों को टिकट दिलाने की सेटिंग कर लेते हैं। इसलिए स ाी पाटिर्यों के राष्ट्रीय नेताओं को इनकी रणनीति से बचते हुए सोच-समझकर ही टिकटों का वितरण करना चाहिए।

धु्रव ने किया आचार संहिता का उल्लंघन!

-विजन इंफिनिटी ने मामला गरमाता देख किया किनारा 
भोपाल। 
मध्य विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक धु्रव नारायण सिंह रविवार को एमपी नगर जोन-1 स्थित एज्युकेशन संस्थान विजन इंफिनिटी लिमिटेड के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। धु्रव के साथ ही कार्यक्रम में फिल्म अभिनेत्री अमृता राव और टेली स्टार एश्वर्या सकूजा भी उपस्थित थी। 
धु्रव ने मंच से दोनो अभिनेत्रियों को पुष्प गुच्छ भेंट किए। इसके बाद संस्थान के नवीन बिल्डर कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में सहभागी बने। इससे पहले एंकर स्मीता ने विधायक ध्रुव नारायण सिंह को मंच पर बुलाया। इसके बाद वह मंच पर पहुंचे। धु्रव के साथ दोनो अभिनेत्रियां मंच भी पर पहुंची। 
आपको बता दें, संस्था एज्युकेशन के साथ प्रॉपर्टी के बिजनेस में उतर रही है। रिपोर्टर ने जब एज्युकेशन कार्यालय के भीतर ‘सोलर सिटी’ के नाम से दफ्तर शुरू किए जाने और इसका उद्घाटन शैक्षणिक नहीं, बल्कि व्यावसायी होने का सवाल किया? तो संस्था के किसी भी सदस्य के पास कोई भी जवाब नहीं था। उल्लेखनीय है कि इंफिनिटी ने एज्युकेशन संस्था का हवाला दे रियल स्टेट के दफ्तर का शुभारंभ कराया है। विधानसभा निर्वाचन-2013. के चलते प्रदेश में आदर्श आचार संहिता प्रभावि है। हालांकि आचार संहिता के उल्लंघन किए जाने की शिकायत किसी व्यक्ति व पार्टी ने नहीं की है। विश्वस्त सूत्रों की माने तो जिला निर्वाचन शाखा इसे संज्ञान में लेने की तैयारी की है। 
 

मतदाता जागरुकता के लगेंगे होर्डिंग्स , भोपाल

मतदाता जन जागरुकता के उद्देश्य से भोपाल जिले 41 बैंक पूरे शहर में 160 के आसपास होर्डिंग्स लगाएंगे। यह होर्डिंग्स बैंक सहभागी रहते हुए लगाएंगे, जिसमें मतदान अधिक से अधिक हो इसके प्रति स्लोगन लिखे होंगे। 
होर्डिंग्स संचालकों को होर्डिंग्स का वास्तविक किराया बैंकर्स द्वारा दिया जाएगा। इसको लेकर शनिवार को कलेक्टर कार्यालय में आयोजित बैठक में जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर निशांत वरवड़े की उपस्थिति में निर्णय लिया गया। बैठक में आयुक्त नगर निगम विशेष गढ़पाले, असिस्टेंट कलेक्टर सुरभि सिन्हा, अपर आयुक्त नगर निगम प्रमोद शुक्ला, लीड बैंक मैनेजर, बैंकर्स और होर्डिंग्स संचालक मौजूद थे। होर्डिंग्स नगर में किन स्थानों पर लगाए जाएंगे इस संबंध में आयुक्त नगर निगम बैकर्स और संचालकों के साथ निर्णय लेंगे। आयोग के निर्देशों के अनुसार मतदाताओं को जागरुक करने वाले स्वीप अभियान के तहत यह गतिविधि की जा रही है। बैंकर्स ने इसमें अपनी सहमति जताई है। 

दो जिला बदर , भोपाल

अपर जिला दण्डाधिकारी बीएस जामोद ने दो आदतन अपराधियों को जिला बदर किया है। इस संबंध में आदेश शनिवार देर शाम जारी किए। 
गौतम नगर थाना के कुमार आहुजा और सूखीसेवनिया थाना क्षेत्र के राजपाल सिंह को भोपाल जिले सहित सीहोर, रायसेन, होशंगाबाद, विदिशा, राजगढ़ की समीओं से बाहर रहने के आदेश दिए हैं। दोनों अपराधियों को छह माह के लिए जिला बदर किया गया है। श्री जामोद ने अपने आदेश में बताया, इन्हें लगातार आदतन आपराधिक प्रवृत्तियों में लिप्त रहने के चलते जिला बदर किया है। इसमें विधानसभा निर्वाचन-2013 को भी ध्यान में रखा गया है। 
 

मिलावटखोर से मिले हैं अफसर

-जानकारी होने के बाद भी नहीं पहुंचे मौके पर 
-खुद को बचाने मंगवाया मावा फिर की कार्रवाई 
-मिलावट खोरों से मिले हैं अफसर 
-52 क्विंटल 50 किलो मावा छोड़ दिया 
हेमन्त पटेल, भोपाल। 
शहर में मावे की मिलावटखोरी खाद्य एवं औषधि प्रशासन अमले के संरक्षण में ही चल रही है। लाबांखेड़ा में दबंग की पड़ताल के बाद शनिवार को इस बात का खुलासा हुआ। सूचना पर अमला मौके पर पहुंचा, मावा व्यापारी से बात की लेकिन कार्रवाई नहीं। इस बीच अमला (खाद्य सुरक्षा अधिकारी भोजराज सिंह धाकड़ और धर्मेन्द्र नोनईया) कैमरे में कैद हो चुका था। अमले को कैमरे में कैद होने की बात पता चली तो आनन-फानन में मौके पर मावे की गाड़ियां बुलवाई और कार्रवाई को अंजाम दिया। 
कार्रवाई को अंजाम दिए जाने से पहले करीब 11.30 तक दोनो ही मौके पर न होने की बात करते रहे। शनिवार सुबह 9.00 बजे गुप्तचर की सूचना पर दबंग बैरसिया रोड, लांबाखेड़ा स्थित रिद्धी हाईट्स के पीछे एकांत में बने रेणू कृषि फार्म हाउस पहुंचा। करीब 10 बजे यहां 4 आॅटो में मावा शहर के विभिन्न मावा व्यापारियों को सप्लाई के लिए भेज दिया गया। उल्लेखनीय है कि यहां शुक्रवार को भी कार्रवाई को अंजाम दिया गया था। इसके बाद खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने 10 क्विंटल मावा जब्ती में लिया था। मौके पर कोल्ड स्टोरेज व मावा सप्लायर मनीष साहू से बात की तो उसने कहा, यह मावा हमारा नहीं है। भोपाल के मावा व्यापारियों का है। बकौल मनीष साहू ‘दोस्त इस मावे को लाने में सबकी मिली भगत है। प्रशासनिक अमला भी इसमें शामिल है। भोपाल के हर बड़े मावा व्यापारी व मिष्ठान विक्रेता के पास यहीं से मावा सप्लाई किया जाता है। तुम बताओ कुछ सेवा करना है क्या?’ 

-ऐसे समझें कहानी 
गुप्तचर की सूचना पर रिपोर्टर मौके पर पहुंचा। 10 बजे यहां 4 आॅटो में मावे की डलियाओं को लोड किया जा रहा था। इस वक्त यहां करीब 150 डलिया यानी 52 क्विंटल 50 किलो मावा था। यह मावा 210 रुपए प्रति किलो के हिसाब से 11 लाख 2 हजार 50 रुपए का होता है। इन आॅटो में एक व्यक्ति नोट बुक में दर्ज व्यापारियों की फर्म के नाम अनुसार मावे की डियालियाएं लोड करा रहा था। मौके पर रिपोर्टर को देख कर्मचारियों ने थोड़ी जल्दी दिखाई। इस बीच खाद्य अमले को फोन कर मावा उतारने की जानकारी दी गई। अमला 10.55 पर यहां पहुंच चुका था, लेकिन त्वरित कार्रवाई को अंजमा नहीं दिया। 1 बजे दोबारा मावे की गाड़ियां बुलवाई और कार्रवाई की। 

-हर समय झूठ बोलते रहे अधिकारी 
10 बजे रिपोर्टर मौके पर पहुंचे। 
कुछ अंतराल पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी को मावा उतारे जाने की सूचना दी। 
10.55 पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी भोजराज सिंह धाकड़ और धर्मेन्द्र नोनईया मौके पर पहुंचे। 
11.10 बजे धर्मेन्द्र को फोन लगाया, लेकिन इन्होंने मौके पर न होने की बात कही। 
इसी बीच हमने कैमरे में कैद होने की बात कही। 
11.30 पर अमले से फिर फोन पर पूछा कहां है? अब मौके पर जाने रास्ते में होने की बात कही, जबकि दोनो मौके पर ही थे। 
11.31 पर हमने दोबारा कहा, आप मौके पर है और कैमरा इसका गवाहा है, लेकिन उन्होंने फोटो शुक्रवार के होना बता दिया। 
1.00 बजे अमले का फोन रिपोर्टर का फोन आया और कार्रवाई किए जाने की सूचना दी। बता दें इस बीच मावे से लदी गाड़ी मंगवाई, जिससे अपनी गलती को अधिकारी छिपा सकें।