0 मध्यप्रदेश राज्य ओपन स्कूल फर्जीवाड़ा मामला
0 अब तक बनवाई जा चुकी हैं तीन हजार फर्जी मार्कशीट
भोपाल। मध्य प्रदेश राज्य ओपन स्कूल परिषद के निलंबित संचालक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद व सहायक संचालक व परीक्षा नियंत्रक राजेश उपाध्याय समेत फर्जी मार्कशीट मामले से जुड़े सातों आरोपियों को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मंगलवार को अदालत में पेश किया। अदालत ने रिमांड अवधि को आगे न बढ़ाते हुए सातों आरोपियों को जेल भेजने के आदेश जारी किए हैं। दूसरी ओर राज्य ओपन स्कूल की अंकसूची प्रिट करने वाली मुंबई की लकी प्रिंटिंग फर्म के संचालक व सा टवेयर इंजीनियर से हुई पूछताछ में तीन हजार फर्जी मार्कशीट बनाए जाने का खुलासा हुआ है।
एसटीएफ से मिली जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश राज्य ओपन स्कूल के पूर्व संचालक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद व सहायक संचालक व परीक्षा नियंत्रक राजेश उपाध्याय समेत आरोपी प्रदीप बैरागी, कौशल सारस्वत, अशोक गुप्ता, अखिलेश मिश्रा व अशोका चौहान को मंगलवार को अदालत के आदेश के बाद केन्द्रीय जेल भेज दिया गया है। एसटीएफ अब तक इस मामले में अशोक गुप्ता से दो लाख 33 हजार रुपए व राजेन्द्र प्रसाद से एक लाख रुपए ही बरामद कर सकी है। हालांकि सोमवार शाम को आरोपी संचालक राजेन्द्र प्रसाद को उनके घर ले जाया गया था लेकिन वहां से ाी अनुपातिक धनराशि व जेवरात नहीं मिले। दूसरी ओर मुंबई की जिस लंकी प्रिंटिंग फर्म के संचालक व सा ट इंजीनियर को एसटीएफ ने भोपाल तलब किया था, उन लोगों ने अंकसूची फर्जीवाड़े से जुड़े अहम राज खोले हैं। प्रिंटिंग फर्म के सा टवेयर इंजीनियर राज्य ओपन स्कूल के लिए बनाई गई अंकसूचियों की एक रिपोर्ट लेकर भोपाल पहुंचे। एसटीएफ के अधिकारियों ने अपना एक प्रोफार्मा इंजीनियर को देते हुए कहा है कि वह अपने साथ लाए अंकसूची क रिपोर्ट को तरीक से बनाकर उन्हें दें। प्रिंटिंग फर्म के संचालक व इंजीनियर से हुई पूछताछ में खुलासा हुआ है कि निलंबित डायरेक्टर व परीक्षा नियंत्रक ने उन्हें करीब तीन हजार फर्जी अंकसूचियां बनाने के लिए फोन अथवा ईमेल पर संपर्क किया था। लेकिन फर्जी अंकूसचियां संशोधन करने के नाम पर बनवाई गई थीं। फर्जीवाड़े का उन्हें गुमान तक नहीं था। एसटीएफ के मुताबिक फर्म के इंजीनियर से जिलेवार अंकसूचियां की सूची बनवाई जा रही हैं ताकि विवेचना में आसानी रहे। लकी फर्म के संचालक अथवा सा टेवयर इंजीनियर से पूछताछ के बाद ऐसे सुराग नहीं मिले हैं कि वे लोग भी इस फर्जीवाड़े में शामिल थे।
0 अब तक बनवाई जा चुकी हैं तीन हजार फर्जी मार्कशीट
भोपाल। मध्य प्रदेश राज्य ओपन स्कूल परिषद के निलंबित संचालक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद व सहायक संचालक व परीक्षा नियंत्रक राजेश उपाध्याय समेत फर्जी मार्कशीट मामले से जुड़े सातों आरोपियों को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मंगलवार को अदालत में पेश किया। अदालत ने रिमांड अवधि को आगे न बढ़ाते हुए सातों आरोपियों को जेल भेजने के आदेश जारी किए हैं। दूसरी ओर राज्य ओपन स्कूल की अंकसूची प्रिट करने वाली मुंबई की लकी प्रिंटिंग फर्म के संचालक व सा टवेयर इंजीनियर से हुई पूछताछ में तीन हजार फर्जी मार्कशीट बनाए जाने का खुलासा हुआ है।
एसटीएफ से मिली जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश राज्य ओपन स्कूल के पूर्व संचालक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद व सहायक संचालक व परीक्षा नियंत्रक राजेश उपाध्याय समेत आरोपी प्रदीप बैरागी, कौशल सारस्वत, अशोक गुप्ता, अखिलेश मिश्रा व अशोका चौहान को मंगलवार को अदालत के आदेश के बाद केन्द्रीय जेल भेज दिया गया है। एसटीएफ अब तक इस मामले में अशोक गुप्ता से दो लाख 33 हजार रुपए व राजेन्द्र प्रसाद से एक लाख रुपए ही बरामद कर सकी है। हालांकि सोमवार शाम को आरोपी संचालक राजेन्द्र प्रसाद को उनके घर ले जाया गया था लेकिन वहां से ाी अनुपातिक धनराशि व जेवरात नहीं मिले। दूसरी ओर मुंबई की जिस लंकी प्रिंटिंग फर्म के संचालक व सा ट इंजीनियर को एसटीएफ ने भोपाल तलब किया था, उन लोगों ने अंकसूची फर्जीवाड़े से जुड़े अहम राज खोले हैं। प्रिंटिंग फर्म के सा टवेयर इंजीनियर राज्य ओपन स्कूल के लिए बनाई गई अंकसूचियों की एक रिपोर्ट लेकर भोपाल पहुंचे। एसटीएफ के अधिकारियों ने अपना एक प्रोफार्मा इंजीनियर को देते हुए कहा है कि वह अपने साथ लाए अंकसूची क रिपोर्ट को तरीक से बनाकर उन्हें दें। प्रिंटिंग फर्म के संचालक व इंजीनियर से हुई पूछताछ में खुलासा हुआ है कि निलंबित डायरेक्टर व परीक्षा नियंत्रक ने उन्हें करीब तीन हजार फर्जी अंकसूचियां बनाने के लिए फोन अथवा ईमेल पर संपर्क किया था। लेकिन फर्जी अंकूसचियां संशोधन करने के नाम पर बनवाई गई थीं। फर्जीवाड़े का उन्हें गुमान तक नहीं था। एसटीएफ के मुताबिक फर्म के इंजीनियर से जिलेवार अंकसूचियां की सूची बनवाई जा रही हैं ताकि विवेचना में आसानी रहे। लकी फर्म के संचालक अथवा सा टेवयर इंजीनियर से पूछताछ के बाद ऐसे सुराग नहीं मिले हैं कि वे लोग भी इस फर्जीवाड़े में शामिल थे।
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