बुधवार, 23 अक्टूबर 2013

आयोग का आदेश नहीं मान रहे रायसेन कलेक्टर

-सिलवानी में चुनाव प्रभावित कर सकता है नफीस अहमद 
भोपाल। 
10 साल से भी अधिक समय से रायसेन की तहसील सिलवानी में पदस्थ कृषि विस्तार अधिकारी नफीस अहमद को हटाने में कलेक्टर को भी पसीना आ रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश के बाद भी रायसेन कलेक्टर जेके जैन उन्हें हटा नहीं पा रहे हैं। 
तमाम शिकायतों में हवाला दिया गया कि नफीस अहमद सिलवानी में चुनाव प्रभावित कर सकते हैं। इसका कारण उनका स्थानीय होने के साथ जातिगत संपर्क मजबूत होना है। साथ ही उन्हें तहसील में चुनाव केंद्र की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। दलित समाज कल्याण संस्था (दसक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी बसंल ने कहा, इसी के चलते यहां पूरा निष्पक्षक चुनाव का समीकरण बिगड़ सकता है। ताज्जुब की बात है कि ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के तौर पर लगभग 10 वर्ष से भी अधिक समय से नफीस कैसे पदस्थ रहते आया? इस पदस्थापना की शिकायत कृषि मंत्री से लेकर कृषि संचालक तक हुई, लेकिन नफीस की भाजपा के वरिष्ठ नेता से पकड़ के चलते कभी तबादला नहीं हुआ। 
सूत्रों की मानें तो कलेक्टर को भाजपा नेता दो बार ट्रांसफर न करने को कह चुके हैं। बताया जाता है कि नफीस लंबे समय से भाजपा नेता को तहसील से उगाई कराते रहे हैं। इनका भाजपा के कुछ मंत्रीयों से भी संपर्क हैं, जिसका फायदा उन्हें अपने ही गृह जिले में पदस्थ रह कर कार्य करने के तौर पर मिल रहा है। 

-कलेक्टर पर उठे सवाल 
नफीस अहमद का स्थानांतरण न किए जाने से रायसेन कलेक्टर पर भी सवाल उठने लगे हैं। सवाल इस बात को लेकर भी कि आधा दर्जन विभाग और मंत्रियों के पास शिकायत के बाद भी ट्रांसफर नहीं किया गया है। दूसरा निर्वाचन आयोग ने अब दोबारा कलेक्टर से जवाब मांगा है कि उक्त प्रकरण में क्या हुआ यथा शीघ्र अवगत कराएं। 

-कलेक्टर ने नहीं उठाया फोन 
कलेक्टर रायसेन जेके जैन को रिपोर्टर ने कई बार उनके निजी नम्बर पर फोन लगाया, लेकिन पहले दो कॉल तो उन्होंने रिसीव नहीं किए। तीसरी कॉल उन्होंने काट दी। 

-वर्जन 
इस संबंध में जांच के निर्देश देते हुए ग्राम विस्तार अधिकारी को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दे दिए हैं। अगर इसका पालन नहीं हुआ है तो जांच कराते हैं। 
जयदीप गोविंद, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, राज्य निर्वाचन आयोग 

  

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