शुक्रवार, 18 अक्टूबर 2013

जयकारों के बीच हुआ मां दुर्गा का विसर्जन

- दिन भर चलता रहा विसर्जन का सिलसिला
भोपाल।
उल्लास-उमंग और श्रद्धा भक्ति के साथ नवरात्रि के पर्व का समापन मंगलवार को मां दुर्गा के विसर्जन के साथ हुआ। पिछले नौ दिनों से श्रद्धालुगण मां की भक्ति में लीन नजर आए तो वहीं मां के विसर्जन के समय आंखों से आंसू भी झलकें। मंगलवार की सुबह प्रेमपुरा घाट पर प्रतिमाओं के पहुंचने का सिलसिला शुरु हो गया था, जो देर रात तक जारी रहा। जय अंबे .....जय गौरी...के जयकारों के बीच मां दुर्गा का तालाब में विसर्जन किया गया। इससे पहले डीजे और ढोल-नगाड़ों की थाप पर थिरकते हुए श्रद्धालुगण अपने हाथों से गुलाल उड़ाते हुए चल रहे थे। वहीं महिलाएं भी भजन- कीर्तन करते हुए चल रही थी। विभिन्न घाटों पर नगर निगम प्रशासन लारा बड़ी प्रतिमाओं को विसर्जित करने के लिए क्रेन की व्यवस्था भी की गई थी। शाम को घाट पर प्रतिमा विसर्जन के लिए लंबी कतार लगी हुई थी। घाट पर पूरे विधि - विधान के साथ मां दुर्गा की आरती की गई और जयकारों के साथ विसर्जन किया गया। निगम लारा गोताखोर भी तैनात किये गए थे, जो समय - समय पर श्रद्धालुओं के साथ विसर्जन में हाथ बंटा रहे थे। सैकड़ों की तादाद में दुर्गा विसर्जन किया गया।
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चलित झांकियों ने मोहा मन
- प्रशासन लारा तय समय सीमा में नहीं निकल पाया चल समारोह
- मंच पर घंटों बैठे रहे समिति के पदाधिकारीगण
राजधानी में मंगलवार को श्री हिंदू उत्सव समिति व नवयुवक हिंदू उत्सव समिति के तत्वावधान में चल समारोह निकाला गया। उक्त चलसमारोह का   शुभारंभ पुराने शहर के भारत टाकीज चौराहे से हुआ,जो अनेक मार्गों से होते हुए प्रेमपुरा घाट पहुंचा। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लागू आचार संहिता के चलते इस बार चल समारोह रात्रि 9 बजे के स्थान पर शाम 6 बजे शुरु करने का फैसला लिया गया था, लेकिन प्रशासन लारा तय समय सीमा में चल समारोह शुरु नहीं हो सका। चल समारोह रात्रि 9 बजे के लगभग शुरु हुआ। सर्वप्रथम झांकी बिट्टन मार्केट की पहुंची, इसके बाद रंग महल की झांकी पहुंची। रात्रि 8 बजे तक इक्का-दुक्का झांकी ही भारत टाकीज पहुंच पायी थीं। जिसके कारण प्रशासन लारा तय किया गया समय शाम 6 बजे चल समारोह शुरु नहीं हो सका। जानकारी के अनुसार मंच पर हिंदू उत्सव समिति के पदाधिकारीगण शाम चार बजे से एकत्रित हो गए थे। लेकिन झांकियों के नहीं आने से वह मंच पर काफी देर तक बैठे रहे।
300 से अधिक झांकियां रहीं शामिल
-  चलसमारोह में लगभग 300 से अधिक चलित झांकियां शामिल हुई। झांकियों में आकर्षक विद्युत साज सज्जा की गई थी। जगमग रोशनी से जगमगा रही झांकियां दशर्कों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई थी। श्री हिंदू उत्सव समिति लारा भारत टाकीज चौराहे पर मंच बनाया गया, जहां प्रत्येक झांकी को रवाना किया गया। समिति लारा उत्कृष्ट झांकी को पुरुस्कृत भी किया गया। चलित झांकियों में ट्रेक्टर और ट्रालियों को सजाया गया था, जिसमें मां दुर्गा की प्रतिमाएं विराजमान थी। सभी चलित झांकियां एकत्रित होकर अनेक मार्गों से होते हुए प्रेमपुरा घाट पहुंची, जहां पूरे विधि - विधान के साथ मां जगदंबा की प्रतिमाएं विसर्जित की गई।
0  जाम की स्थिति भी निर्मित हुई
- चल समारोह शुरु हुआ तो कई जगह पर जाम की स्थिति भी निर्मित हुई हांलाकि ट्रैफिक पुलिस ने खासे इंतजाम किये हुए थे, इसके बाद भी पुराने शहर में वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ी। सबसे ज्यादा परेशानी सुल्तानियां रोड, भोपाल टाकीज चौराहे, हमीदिया रोड, कमला पार्क समेत अनेक मार्गों पर हुई।
0 झिलमिल सितारों से सजी झांकियां
- झिलमिल सितारों से सजी झांकियां लोगों को खुब लुभा रही थी। झांकियों में विभिन्न पुराणिक आधारित कथाओं पर दृश्य दर्शाए गए थे, जिसमें भ्रष्टाचार संबधी झांकी भी सजाई गई थी।

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