शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2013

कैलाश आगे ऐसा न हो: आयोग

-जवाब से संतुष्ट नहीं आयोग
भोपाल। 
आचार संहिता उल्लंघन मामले में भारत निर्वाचन आयोग ने कैलाश विजयवर्गीय द्वारा दिए अपने स्पष्टिकर से असंतुष्ट हो दो टूक कहा, आगे से ऐसा न हो। वे भविष्य में इसके प्रति सतर्क रहें। 
आयोग ने आचार संहिता की अवहेलना और उसके प्रावधानों के प्रति असम्मान व्यक्त करने पर गहरी अप्रसन्नता व्यक्त की है। आयोग ने आदेश में कहा, जब विधानसभा निर्वाचन के संबंध में 4 अक्टूबर को घोषणा कर दी गई थी। फिर ऐसा भी ऐसे बयान देना, शोभयामान नहीं। इसकी वीडियो क्लीपिंग भी आयोग को मिली है। 
आयोग ने 16 अक्टूबर को कैलाश को नोटिस देकर 18 अक्टूबर तक यह बताने को कहा गया कि आचार संहिता के उल्लंघन पर क्यों न आप पर कार्रवाई की जाए। 18 अक्टूबर को अपने जबाव में कैलाश ने आयोग के नोटिस में उल्लेखित आरोपों का खण्डन किया। उनके उत्तर का आयोग ने अध्ययन कर और भाषण की वीडियो क्लीपिंग भी देखी। आयोग उनके तथ्यों व तर्कों से असंतुष्ट है। हालांकि किसी प्रकार की कार्रवाई न करते हुए केवल आगे से ऐसा न किए जाने की हिदायद विजयवर्गीय को दी है। आयोग ने कैलाश द्वारा व्यक्त किए गए खेद तथा भविष्य में अपने शब्दों के चयन में अधिक सतर्क रहने के आश्वासन को भी रिकार्ड में लिया है। आयोग के आदेश से विजयवर्गीय को भी अवगत करा दिया गया है। 

-यह कहा था कैलाश ने 
श्री विजयवर्गीय ने अपने जबाव कहा गया था कि ढोल वालों को बख्शीश दिया जाना परंपरा के अनुरूप है तथा इससे आचार संहिता का उल्लंघन नहीं होता। कैलाश ने इंदौर के सत्य सार्इं चौराहा पर दशहरा समारोह में भाषण के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन किया था। आयोग ने माना 14 अक्टूबर को राजपूत समाज के कार्यक्रम में जो भाषण उन्होंने दिया स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए लागू आचार संहिता में धार्मिक रीति-रीवाजों से इसे जान-बूझकर जोड़ा गया। इससे आचार संहिता का मखौल हुआ है। भारत निर्वाचन आयोग कार्यालय ने कहा, श्री विजयवर्गीय को मालूम होना चाहिए कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हमारे राष्ट्र की लोकतांत्रिक परम्परा का हिस्सा है। 

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