गुरुवार, 31 अक्टूबर 2013

भानपुर खंती: बर्बाद की लोगों की जिंदगी

-एनजीटी के सामने आज उपस्थित होंगे निगम व प्रदूषण बोर्ड के अफसर 
भोपाल। 
भानपुर कचरा खंती से निकलने वाले धुएं ने न केवल इसकी जद में रहने वाले डेढ़ लाख लोगों की जिंदगी बर्बाद की है। वहीं हजारों एकड़ कृषि भूमि भी तबाह हो चुकी है। नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल (एनजीटी) ने मंगलवार को नोटिस जारी कर दो दिन में जवाब तलब किया था। गुरुवार को नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसर एनजीटी कोर्ट में उपस्थित होंगे। 
वहीं भानपुर कचरा खंती हटाओ अभियान समिति के अध्यक्ष अशफाक अहमद और उपाध्यक्ष तुलसीराम गौर ने बुधवार को राज्य मानव अधिकार आयोग को ज्ञापन सौंपा। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने नगर निगम प्रशासन को चार साल पहले साफ-साफ आदेशित किया था। इसमें कोर्ट ने खंती में किसी भी हालत में आग नहीं लगे और खंती को समयबद्ध योजना बनाकर शहर के बाहर शिफ्ट करने को कहा था। लेकिन अधिकारियों ने लापरवाही बरती। 
-अवैज्ञानिक तरीके से फेंक रहे कचरा 
समिति के अध्यक्ष श्री अहमद और उपाध्यक्ष श्री गौर ने राज्य मानव अधिकार आयोग को सौंपे ज्ञापन में बताया, कचरा खंती में 1974-75 से शहरभर का कचरा डंप किया जा रहा है। निगम यहां हर रोज 400 टन से ज्यादा कचरा डाल रहे हैं। यह पूरी तरह से अवैज्ञानिक तरीके से फेंका जा रहा है। कचरे में शहरभर के अस्पतालों का मेडिकल वेस्ट, इंडस्ट्रीयल वेस्ट सहित मरे और सड़े हुए जानवर के साथ ही भारी मात्रा में प्लास्टिक पन्नियां होती हैं। इनको डिस्पोज करने के लिए नगर निगम के पास न तो कोई विशेषज्ञ दल है और न ही कोई संसाधन। इससे सीधे तौर पर करीब ढाई लाख की आबादी लोग प्रभावित हो रहे हैं। कई तो बीमार हो चुके हैं। 

हर बार मिलता आश्वासन 
समिति के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष ने बताया, जब भी नगर निगम के अफसरों से इस बारे में शिकायत की जाती है तो हर बार आश्वासन दे देते हैं कि खंती को आदमपुर छावनी में शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए प्लानिंग चल रही है। उन्होंने कहा, आयोग अगर हस्तक्षेप करे तो खंती को तत्काल बंद हो सकती है। इसलिए गुहार लगाई है। 

-आग बढ़ा रही परेशानी 
हाईकोर्ट आदेश-निर्देश के बाद भी नगर निगम कर्मचारी खंती के कचरे में आग लगा रहे हैं। यह आग बीते माह भर से धधक रही है। इससे जहां लोगों को दिक्कत हो रही है, वहीं धुआं छा जाने से पुल पर बड़े व छोटे वाहन चालकों को दिक्कत आती है। इससे कई बार दुर्घटना भी घट चुकी है। खंती के पांच किलोमीटर के दायरे में सांस लेना दूभर है। 

एनजीटी में आज पेशी 
गुरुवार को नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अफसर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के सामने जवाब प्रस्तुत करेंगे। एनजीटी ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के मानक नियमों एवं प्रावधानों का पालन सुनिश्चित किए बगैर शहरभर से इकट्ठा किए गए कचरे को फेंकने व आस-पास के लोगों के जीवन पर इसके विपरीत प्रभाव पर जवाब तलब किया है। 

-संहिता की आड़ 
सभी अधिकारी गुरुवार को एनजीटी में जवाब प्रस्तुत करने से बचते दिखाई दे रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि वह सीधे तौर पर आचार संहिता की आड़ लेकर ऐसा करेंगे। वहीं नगर निगम के अफसर पूर्व की तरह एनजीटी गुमराह करते हुए खंती की शिफ्टिंग की कहानी सुनाएंगे। जबकि चार साल पहले दिए गए हाईकोर्ट के आदेश के पालन को लेकर क्या किया यह रिपोर्ट निगम अफसर दरकिनार करते दिखाई दे सकते हैं। 

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