शनिवार, 26 अक्टूबर 2013

गांव नहीं छोड़ेगा दलित परिवार, मुख्य सचिव ने दिलाया भरोसा

-सरपंच और उपसरपंच के आतंक से परेशान है इस्लाम नगर का यह दलित परिवार
भोपाल। 
शहर से लगे इस्लाम नगर में रहने वाला दलित खुशीलाल धानुक का परिवार भूखों मरने की कगार पर है। सिर्फ इसलिए कि उसने यहां के सरपंच-उप सरपंच द्वारा मनरेगा सहित अन्य योजनाओं में किए गए भारी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवज उठाई। कलेक्टर की जनसुनवाई से लेकर हर अधिकारी को यह बात बताई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब मुख्य सचिव एंटोनी जेसी डिसा ने भरोसा दिलाया है। 
इसके बाद इस दलित परिवार के चेहरे पर मुस्कान है। यह परिवार गांव छोड़ने की तैयारी में था। खुशीलाल धानुक ने वल्लभ भवन पहुंचकर मुख्य सचिव को अपनी व्यथा सुनाई। उसने मुख्य सचिव से कहा, गांव और आस पास में जहां भी कोई मंगल काम होता है तो उसको शहनाई और ढोल बजाने के लिए बुलाया जाता है। इसी से उसके परिवार का गुजारा होता है। गांववालों से मधुर संबंधों के चलते ही पूर्व में पंच भी चुना जा चुका है। ऐसे में ग्राम पंचायत की बैठक होने पर उसको बुला लिया जाता है। इसी कड़ी में 29 जनवरी,2013 को ग्राम पंचायत की आम सभा में विकास कार्यों में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा। गांववालों ने कहा कि, पंचायत की राशि से सड़क निर्माण, नालीकरण, आंगनवाडी भवन निर्माण बेहद घटिया होने से चंद महीनों में ही चटक गया और कभी भी ढह सकता है। मनरेगा में करोड़पतियों के नाम लिखकर गरीबों का हक मारा गया और मशीनों से काम करवाया गया। इसकी जांच करवाने की मांग उठी तो सरपंच नारायण दास बैरागी और उपसरपंच पंडित रमाकांत मालवीय भड़क गए और गाली गलौच करते हुए जान से मारने की धमकी देने लगे। उपसरपंच पंडित रमाकांत मालवीय ने पूर्व दलित पंच खुशीलाल धानुक को कालर से पकड़कर पहले तो तमाचे मारे फिर घसीटते हुए लातों से मारा। बीच बचाव करने वालों को भी गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी दी। इसकी सूचना पहले थाना सूखी सेवनिया और फिर अजाक थाना में दी गई, लेकिन सुनवाई नहीं होने पर गांववालों ने पुलिस मुख्यालय तक मार्च किया और एडीजी, अजाक को ज्ञापन सौंपा। इसके बाद से लेकर आज तक जांच के नाम पर परेशान किया जा रहा है। कलेक्टर ने भी पुलिस को 3 सितबंर तक जांच कर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे, लेकिन पुलिस ने कोई तवज्जो नहीं दी। 
 

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