
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भानपुर कचरा खंती से फैलने प्रदूषण पर नगर निगम, नगरीय प्रशासन विभाग एवं प्रदूषण नियंत्रण मंडल से जवाब मांगा है। एनजीटी ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के मानक नियमों एवं प्रावधानों का पालन सुनिश्चित किए बगैर शहरभर से इकट्ठा किए गए कचरे को फेंकने की वजह पूछी है। कचरे से आस-पास की ढाई लाख से ज्यादा की आबादी में बीमारियां घर करने लगी हैं। एनजीटी ने नोटिस जारी कर 31 अक्टूबर तक जवाब मांगा है।
पर्यावरण सुभाष सी पांडे ने मंगलवार को एनजीटी के सामने याचिका पेश करते हुए बताया, भानपुर कचरा खंती का अवैध संचालन नगर निगम प्रशासन कर रहा है, जिससे लाखों लोगों की जिंदगी नरक बन कर रह गई है। निर्धारित नियमों के खिलाफ जाकर भानपुर में कचरा खंती बनाई गई हैं, जिससे जल-थल और वायु अत्यधिक प्रदूषित हो रहा है। शासन प्रशासन लारा खंती को अवैध तरीके से भानपुर क्षेत्र में बनाया गया है। इस खंती से निकलने वाले जहरीले धुएं में कार्बन डायक्साइड, कार्बन मोनोक्साइड, नाइट्रस आक्साइड, सल्फर डायआक्साइड जैसी जानलेवा गैंसों के अलावा मरक्यूरी और सल्फर के फ्यूम्स होते हैं, जिनके कारण श्वसन तंत्र पर घातक असर होता है। जहरीले धुएं के कारण आंखों और त्वचा पर अत्यधिक असर होता है। याचिका कर्ता पांडे ने बताया कि शासन प्रशासन ने भानपुर कचरा खंती के संचालन में ठोस अपशिष्ट पदार्थो को नष्ट करने के नियमों को भी दरकिनार कर दिया है । नियमों के विपरीत ठोस अपषिष्ट पदार्थों को नष्ट करने के लिए रहवासी क्षेत्र में अवैध तरीके से बनाई गई खंती का उपयोग किया जा रहा है जो आसपास की करीब 200 से ज्यादा बस्तियों ओर दजर्नों पॉश कालोनियों में रहने वाले लोगों के जीवन के लिए खतरा बन चुकी है। यदि खंती को जल्द ही नहीं हटवाया गया तो इससे निकलने वाले जहरीले धुंए से भोपाल गैसकांड से भी बड़ा खतरा एक बड़ी आबादी के सिर पर मंडरा रहा है।
एनजीटी ने अपनाया सख्त रुख
कचरा खंती के घातक असर होने के बाद भी शहर के बाहर शिफ्ट नहीं किए जाने और अवैध संचालन पर जस्टिस दलीप सिंह और विषय विशेषज्ञ सदस्य पीएस राव की बेंच ने याचिकाकर्ता सुभाष पांडे की याचिका स्वीकार करने के साथ ही नगरीय प्रशासन विकास विभाग, नगर पालिक निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल नोटिस जारी कर मामले में हाजिर होने के आदेश जारी किए हैं। एनजीटी ने सख्त रुख अपनाते हुए संबंधित अधिकारियों से अगली सुनवाई 31 अक्टूबर पर जवाब मांगा है।
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