- जिपं की बैठक में हावी रहे सदस्य
- ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए अड़े
भोपाल।
केंद्र से मिली दो करोड़ रुपए की ग्रांट परफार्मेंस की राशि जिला पंचायत की बैठक में हंगामे का सबब बन गई। जिला पंचायत इस राशि को जिला पंचायत भवन पर खर्च करना चाह रहा है, जबकि
सदस्यों ने इस प्रस्ताव को सिरे से नकार दिया। उनका कहना था कि ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए आई इस राशि का उपयोग उसी कार्य में हो। इसी बात पर बैठक में खासा हंगामा हो गया। अंतत: बैठक स्थगित हो गई।
गौरतलब है कि जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन की बैठक बुधवार को कलेक्टर सभागृह में सुबह 11 बजे से आयोजित की गई। बैठक में पिछली बार की तरह इस बार भी जिला पंचायत भवन के लिए पुनरीक्षित बजट का मामला उठा। इसके लिए जिला पंचायत अध्यक्ष मीना गोयल व सीईओ राकेश श्रीवास्तव केन्द्र से मिली दो करोड़ की राशि को जिला पंचायत के नये ावन में लगाने की सिफारिश कर रहे थे, जिसका सदस्यों ने पुरजोर विरोध किया। उनका कहना है कि केन्द्र से मिली राशि का उपयोग ग्रामीण विकास के लिए है तो उसका उपयोग पंचायत भवन निर्माण में क्यों किया जा रहा है। इसके लिए अलग से बजट मांगा जा सकता है।
जिला पंचायत सदस्य विष्णु विश्वकर्मा ने कहा कि जिला पंचायत ावन नहीं बनेगा तो चलेगा, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में मूल ाूत सुविधाएं जरूरी हैं। उन्होंने साफ कहा कि पिछली बैठक में भी इसी मुद्दे पर सभी सदस्य अपनी मंशा जाहिर कर चुके हैं। फिर इस मुद्दे को बार-बार क्यों उठाया जा रहा है। जनपद अध्यक्ष फंदा अनो ाी मान सिंह पटेल ने कहा कि शासन-प्रशासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों की लगातार उपेक्षा की जा रही है। जब मर्जी होती है, बैठक कर ली जाती है, नहीं तो स्थगन शब्द का उपयोग कर काम चला लिया जाता है। जिपं सदस्य मधु मनोज वशिष्ठ भी इस दौरान चुप नहीं रही। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को लेकर जिला पंचायत के अफसर नाम मात्र के लिए ाी गं ाीर नहीं हैं। बारिश शुरू होने के बाद ाी सड़कों की मर मत नहीं हो सकी है, वहीं स्कूलों के हाल बेहाल हैं। इसके बाद तो सभी सदस्यों ने बैठक में भारी हंगामा शुरू कर दिया। स्थिति न संभलती देख अध्यक्ष को मजबूरन बैठक स्थगित करनी पड़ी।
खोदी जा रही नई सड़कें - सदस्यों ने बैठक में आरोप लगाए कि जिले में पुरानी सड़कें अपना वजूद ाो रही हैं, इन्हें बनाने की फुर्सत निर्माण एजेंसियों के पास नहीं है। हालात यह है कि इन सड़कों पर चलना तक मुश्किल हो गया है, दूसरी तरफ मु यमंत्री सड़क योजना के तहत बनी सड़कों में ाुदाई शुरू कर दी गई है। सदस्य विष्णु विश्वकर्मा ने कहा कि अमझरा से पडरिया जाट तक की सड़क का कुछ माह पहले ही निर्माण हुआ है, जिसे ाोद दिया गया है। यह तो केवल उदाहरण है, इसके अतिरिक्त भी ऐसी कई सड़के हैं, जो नई तो बनी हैं, लेकिन उन्हें खोद दिया गया है। इधर सीईओ जिला पचंायत ने इस बात से अनभिज्ञता जताते हुए इस संबंध में लोक निर्माण वि ााग के अधिकारियों से जानकारी की बात कही।
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