अपराधी को हर सूरत में सजा मिलनी चाहिए। ऐसे प्रयास हों जिससे अपराधों में कमी आए और आम नागरिकों को सहज और सरल वातावरण मिले। यह बात बुधवार को भोपाल संभागायुक्त एसबी सिंह ने कही। यहां उनकी अध्यक्षता में गंभीर अपराधों, भूमि विवादों और अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत गठित संभाग स्तरीय समितियों की बैठक आयोजित की गई थी।
बैठक में उन्होंने कहा, यह प्रयास होना चाहिए कि विवाद या अपराधों के सिलसिले में की गई कार्यवाही गंभीर हो। अपराधी को किसी भी सूरत में बख्सा न जाए। ऐसा होगा तो एक अच्छा, सहज और सरल वातावरण मिलेगा। यहां आईजी होशंगाबाद अजय शर्मा, आईजी भोपाल उपेंद्र जैन, संभाग के कलेक्टर्स, पुलिस अधीक्षक और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। समीक्षा के दौरान आईजी होशंगाबाद और आईजी भोपाल ने जिला पुलिस अधीक्षकों से अपराधों की स्थिति और उनके निराकरण के बारे में जाना। पुलिस
अधीक्षकों ने बताया, गंभीर प्रकृति के अपराधों को लेकर पुलिस पूरी तरह सतर्क और चौकस है। प्रचलित अपराधों में कमी लाने गंभीतर से कार्रवाई की जा रही है। वहीं नतीजतन संभाग में गंभीर प्रकृति के अपराधों में कमी आई है। साम्प्रदायिक भूमि विवादों की समीक्षा करते हुए बताया कि संभाग में स्थिति शांतिपूर्ण है। राजगढ़ में एक और भोपाल में चार मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं।
अनुसूचित जाति, जनजाति आकस्मिकता योजना के तहत गठित संभाग स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक में राहत, अनुकम्पा नियुक्ति, बैठकों के आयोजन, पुनर्वास, सद्भावना एवं जनजागरण शिविरों के आयोजन पर चर्चा की।
पंजीकृत अपराधों के बारे में चर्चा में सामने आया कि भोपाल में 12, सीहोर में 10, राजगढ़ में 16, रायसेन में 10 और विदिशा में 20 मामलों में विवेचना चल रही है।
कमिश्नर श्री सिंह ने आदिवासी तथा अनुसूचित जाति कल्याण के उपायुक्त को निर्देश दिए कि वे छात्रावासों में उन सभी सुविधाओं की व्यवस्था दुरस्त रखें जो छात्रावासों के लिए जरूरी हैं। उन्होंने आवास, भोजन, दवाएं और छात्रावासों में साफ-सफाई रखने की ताकीद करते हुए कहा, जल्द ही इन छात्रावासों का औचक निरीक्षण किया जाएगा।
-बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित
कमिश्नर श्री सिंह ने कलेक्टर्स से बाढ़ नियंत्रण के लिए किए गए इंतजामों पर चर्चा की। उन्होंने कहा, जन हानि न हो इसका ध्यान रखें। निचले और ऐस स्थान जहां जल भराव की स्थिति निर्मित हो सकती है वहां व्यवस्थाएं मुस्तैद रखें। वे बोले नहीं तो एन वक्त पर अपाधापी की स्थिति नहीं निर्मित हो सकती है।
बैठक में बताया, सभी जिलों में बैठकें आयोजित कर बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिए गए हैं। इसे जिले अपर कलेक्टर या एसडीएम संभाल रहे हैं। वहीं जिन जिन इलाकों में पानी भरने की स्थिति बनती है, वहां विशेष नजर है। ऐसे सभी स्थानों और साधनों को चिन्हित कर लिया गया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें