-आम्र्स डीलरों को सरकार का फरमान: साल में 25 बंदूके और 2500 कारतूस बेचना जरूरी
- प्रदेश के २०० गन हाउस बंद होने की कगार पर
दबंग रिपोर्टर. भोपाल।
प्रदेश शासन द्वारा दो साल पहले दिए गए एक फरमान से प्रदेश भर के शस्त्र विक्रेता अपना बोरिया-बिस्तर समेटने को मजबूर हो गए हैं। शासन के इस लक्ष्य को पूरा नहीं करने वाले शस्त्र विक्रेताओं की दुकानों का लाइसेंस रिन्यू नहीं किया जा रहा है। यही कारण है कि प्रदेश की 200 शस्त्र दुकानें बंद होने की कगार पर आ गई है। अकेले राजधानी में ही 10 शस्त्र विक्रेता हैं जो इस फरमान के कारण अपनी दुकान बंद करने का विचार कर रहे हैं। वर्तमान में शहर की इन 10 दुकानों में से अभी तक शासन ने केवल 2 दुकानों का लाइसेंस ही रिन्यू किया है। बाकी 8 दुकानों का प्रस्ताव शासन के पास विचाराधीन है। यहीं नहीं,ग्वालियर की 27 दुकानों की हालत भी खराब ही है। शासन के इस आदेश के खिलाफ ये दुकानदार कोर्ट की शरण में भी गए। कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला देते हुए सरकार को 45 दिन के भीतर लाइसेंस रिन्यू करने का आदेश दिए,लेकिन इसके बावजूद सरकार ने इस आदेश का पालन नहीं किया है।
गृह विभाग का दोहरा रवैया
डीलरों के अनुसार प्रदेश का गृह विभाग उनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार अपना रहा है। एक ओर तो वह हथियारों और कारतूसों के चलन को बढ़ावा दे रहा है वहीं दूसरी तरफ हथियारों के नए लाइसेंस नहीं बना रहा है। जिनके लाइसेंस बनते भी है वह चंडीगढ़ व कानपुर से जाकर हथियार खरीदते है। इस वजह से शासन के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाने वाली प्रदेश की लभगग ३० दुकानें अब तक बंद हो चुकी है। यहीं नहीं उनका यह भी कहना है कि शस्त्र लाइसेंस रखने वाले लोगों को साल भर में कारतूस खरीदने की संख्या भी निधारित की गई है। साल भर में एक लाइसेंस पर 25 कारतूस ही मिलते है।
कोर्ट का आदेश भी ताक पर
बंदूक और गोलियों की बिक्री निर्धारित करने के मनमाने आदेश के खिलाफ प्रदेश के कई बंदूक दुकानदारों ने कोर्ट की शरण ली। पूरा मामला समझने के बाद हाईकोर्ट जबलपुर ने करीब छह माह पहले आदेश दिए थे कि लाइसेंस रिन्यू करने की नियमावली बनाने का अधिकार प्रदेश शासन को नहीं है। इसलिए नियमावली रद्द की जाती है। इस आदेश में बंदूक दुकानदारों के लाइसेंस 45 दिन के भीतर रिन्यू करने के आदेश दिए थे,लेकिन आज तक लाइसेंस रिन्यू नहीं हो पाए है। अब आम्र्स डीलर न्यायालय की अवमानना का केस लगाने की तैयारी में है।
रिन्यू के मापदंड
- वर्ष भर में न्यूनतम 25 हथियार या 2500 कारतूस से कम बिक्री पर लाइसेंस नवीनीकरण नहीं
- गत तीन वर्ष की औसत बिक्री-गत वर्ष की बिक्री के आधार पर मापदंड बनेगा
- गत वर्ष या गत तीन वर्ष के वार्षिक औसत बिक्री की मात्रा के पश्चात संख्या को अगले 10 के गुणक पर राउंड कर अंतिम संख्या नवीनीकरण हेतु नियत की जाएगी।
- बिक्री का आंकड़ा एक वर्ष से कम हो तो आनुपातिक रूप से एक वर्ष का आंकड़ा निकालेंगे।
-प्रारंभिक तौर पर नए शस्त्र दुकानों में मरम्मत का लाइसेंस जारी नहीं होगा। तीन वर्ष की बिक्री का संतोषजनक परिणाम आने के बाद ही मरम्मत की अनुज्ञप्ति जारी की जाएगी।
-जिनको अभी तक लाइसेंस जारी हो चुका है उनको मरम्मत का लाइसेंस जारी नहीं होगा। तीन वर्ष की बिक्री का संतोषजनक परिणाम आने पर ही मरम्मत की अनुज्ञप्ति जारी की जाएगी।
- मरम्मत का कार्य नगण्य हो तो लाइसेंस नहीं
- प्रारंभिक तौर पर नई दुकानों को सेफ कस्टडी जारी नहीं की जाएगी।
इनका कहना
सरकार के कड़े नियमों की वजह से शस्त्र विक्रेताओं की आर्थिक हालत खराब हो रही है। सरकार को नियमों में शिथिलता लाकर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए।
शैलेष केसरवानी,प्रदेश अध्यक्ष शस्त्र विक्रेता
शासन ने 25 बंदूकें और 2500 कारतूस बेचने के बाद लाइसेंस रिन्यू करने का आदेश दिया है। हमारा काम शासन के नियमों पर चलना है न कि तर्क-वितर्क करना। जहां तक कोर्ट के आदेश की बात है। इसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है।
बीएस जामौद, प्रभारी कलेक्टर व एडीएम
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें