
तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती अजिता वाजपेयी पांडे ने कहा, कौशल विकास कार्यक्रम प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। इसमें कलेक्टर्स की भूमिका है। वह यहां कमिश्नर कार्यालय में आयोजित एक बैठक के दौरान संभाग के कलेक्टर्स से चर्चा कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने जरूरी निर्देश भी दिए।

अपर मुख्य सचिव ने कहा, जिलावार स्किल गैप स्टडी कराई गई है। इसमें विभिन्न सेक्टर्स में स्किल की आवश्यकता को सामने लाया गया है। कलेक्टर्स को चाहिए कि वे इस स्किल गैप के मद्देनजर उद्योगों, स्थानीय व्यवसाय एवं बाजार की सामान्य मांग के मुताबिक जिले में रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण कार्यक्रमों को चिन्हित कर उसका बेहतर संचालन सुनिश्चित करें। उन्होंने राज्य कौशल विकास की वेबसाइट पर जिले में उपलब्ध प्रशिक्षण संस्थानों, वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर, कौशल विकास केंद्रों, विभागों के स्वयं के प्रशिक्षण केंद्रों तथा उनमें संचालित प्रशिक्षण की प्रविष्टी करने के निर्देश दिए।
श्रीमती वाजपेयी ने कहा, हर हाल में वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर का चयन 15 जुलाई तक कर लिया जाए। जो विज्ञापन जारी किया जाए वह तीन साल का हो। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रशिक्षण प्रदायकर्ता एजेंसियों और स्थानीय औद्योगिक इकाईयों से समन्वय कर प्लेसमेंट को बढ़ावा दिया जाए। बैठक में कमिश्नर एसबी सिंह, जिले के सभी कलेक्टर्स, जिला पंचायत सीईओ और उद्योग विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में श्री सिंह ने कलेक्टर्स से कहा, इस बात का खास ध्यान रखें कि कौशल विकास एवं प्रशिक्षण का दायरा सीमित नहीं रहना चाहिए। इसमें सभी विभागों को शामिल किया जाए। ऐसे करीब 25 विभाग हैं, जिन्हें इसमें शामिल करना है। कमिश्नर ने निर्देश दिए कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण दायित्व है जिसमें औपचारिकता का बिल्कुल भी स्थान नहीं है।
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