-बिना औचित्यपूर्ण कारण के निरस्त किए जा रहे आवेदन
-लोक सेवा केंद्र में चल रही मनमानी
भोपाल।
कलेक्टोरेट का निजी लोक सेवा केंद्र कुप्रबंधन की भेंट चढ़ गया है। एक सप्ताह पहले जिन्होंने आय और स्थानीय निवासी के लिए आवेदन दिया था। उन्हें अब तक यह प्रमाण-पत्र नहीं मिले हैं। १९ और २० जून के आवेदकों को २५ (मंगलवार) तक प्रमाण-पत्र ही नहीं मिले हैं। वहीं आवेदकों के आवेदनों पर मीन-मेक निकाल उन्हें निरस्त किया जा रहा है, जबकि आवेदक द्वारा दिए जा रहे दस्तावेजों व आवेदन को सही स्केन ही नहीं किया जा रहा है। जिला प्रशासन के आला अधिकारी अब भी सुध लेने को तैयार नहीं हैं।
इस समय महाविद्यालय और स्कूलों में प्रवेश चल रहा है। कलेजों में एडमिशन की तारीख ३० जून निर्धारित की गई है। केंद्रीय और राज्य शासन के स्कूलों में भी यही स्थिति निर्मित है। इसके चलते छात्र-छात्राओं और परिजनों का कलेक्टर कार्यालय के इस केंद्र में जमावड़ा लग रहा है। दूसरी और केंद्र के कर्मचारी सीधे आवेदक से इक्का-दुक्का आवेदन लेकर बाकी रिजेक्ट कर रहे हैं। दूसरी और दलालों के मार्फत उन्हीं आवेदनों के प्रमाण-पत्र बन रहे हैं।
२५ सितंबर, २०१२ से निवर्तमान कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने शहर में तीन निजी लोक सेवा केंद्रों का गठन किया था। इसके पीछे तर्क था कि इससे लोगों को ठीक और समय पर आय और स्थानीय निवासी प्रमाण-पत्र समय पर उपलब्ध होंगे। बावजूद इसके स्थिति बुरी तरह बिगड़ चुकी है। वैसे केंद्र के निजी होने से व्यवस्थाएं चरमारा गई थी।
-अधिकारी उत्तराखंड में है
लोक सेवा केंद्र के एक कर्मचारी से सामान्य व्यक्ति बन दस्तावेज समय पर न बन पाने के बारे में पूछा तो उत्तर मिला, 'सभी अधिकारी और तहसीलदार उत्तराखंड में आई बाढ़ के आपदा प्रबंधन में लगे हुए हैं। इसलिए प्रमाण-पत्र जारी नहीं हो रहे हैं।Ó गौर करने वाली बात यह है कि केंद्र कर्मचारी केवल गुमराह कर रहे हैं, जबकि पूर्व कलेक्टर के निर्देशानुसार हर दिन अलग-अलग तहसीलदार की ड्यूटी आय, स्थानीय निवासी प्रमाण-पत्रों पर हस्ताक्षर करने की होती है।
-५०० लोग हो रहे परेशान
कलेक्टोरेट में इस समय प्रतिदिन ५०० से ७०० लोग पहुंच रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा परेशान होने वालों की संख्या विद्यार्थी वर्ग की है। इसमें कक्षा ८वीं से लेकर कालेज में प्रवेश करने वाले छात्र-छात्रा आवेदक शामिल है। इसी प्रकार वह परिजन जिन्हें अपने बेटा-बेटी या नाती-पौते को दखिला दिलाना है। उनकी भी खासी भीड़ यहां देखी जा सकती है। उल्लेखनीय है महाविद्यालयों में काउंसिलिंग के दौरान विद्यार्थियों से आय, स्थानीय निवासी और जाति प्रमाण-पत्र मांगे जाते हैं। वहीं छोटी कक्षाओं में छात्रवृत्ति और प्रवेश नियम के तहत इन दस्तावेजों की आश्यकता होती है।
-कलेक्टर गए, व्यवस्था खत्म
लोक सेवा गारंटी अधिनियम अनुसार आय और स्थानीय निवासी प्रमाण-पत्र ७ दिन में बनाने का प्रावधान किया गया है। हालांकि पूर्व कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने समाधान एक दिन की व्यवस्था के तहत इन्हें भी एक दिन में जारी किए जाएं। लोक सेवा केंद्र की स्थापना से पूर्व यह एक दिन में ही जारी हुआ करते थे। कलेक्टर के जाने के साथ ही व्यवस्था खत्म हो गई है। उल्लेखनीय है कि अब केंद्र की सेवाओं में प्रसूति प्रोत्साहन राशि के आवेदनों को भी इसमें जोड़ दिया गया। केंद्र में इसकी राशि ३० रुपए ली जा रही है। पहले इसका कोई भी शुल्क नहीं लगता था।
एक नजर में...
सेवा पूर्व शुल्क वर्तमान देय शुल्क यह थी समयसीमा अब समयसीमा
आय ५० कुल ३० रुपए एक दिन सात दिन
स्थानीय निवासी ५० कुल ३० रुपए एक दिन सात दिन
प्रसूता सहायता नि:शुल्क ३० रुपए सात दिन समय सीमा तय नहीं
राशनकार्ड ०५ रुपए ३० रुपए १५ दिन समय सीमा तय नहीं
मजदूरी कार्ड नि:शुक्ल ३० रुपए १५ दिन समय सीमा तय नहीं
-१९ को किया था आवेदन -फोटो
मैंने १९ जून को आय और स्थानीय निवासी प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन किया था। पहले तो आवेदल ले लिया। इसके बाद यह कहते हुए इसे रिजेक्ट कर दिया कि हस्ताक्षर पूरे स्केन नहीं हुए, जबकि यह गलती केंद्र के कर्मचारियों की है। तहसीलदार को जब पूरे हस्ताक्षर व सही स्केन किए हुए कागज नहीं मिलेंगे तो वह रिजेक्टर करेगा। पर केंद्र कर्मचारी अपनी गलती मानने को तैयार नहीं। नए सिरे से आवेदन करने को कह रहे हैं।
किशोर कुमार सोमानी, बैरागढ़ निवासी
वर्जन
परेशानी नहीं होगी
आपके माध्यम से बात संज्ञान में आई है। हितग्राहियों को परेशानी हो रही है तो मैं दिखवाता हूं।
बीएस जामोद, प्रभारी कलेक्टर
आवेदन लंबित नहीं
हम तीन दिन में प्रमाण-पत्र तैयार करके दे रहे हैं। १९ या २० तारीख का कोई भी आवेदन लंबित नहीं है।
दिलीप रघुवंशी, प्रभारी, निजी लोक सेवा केंद्र
पूर्ववत हो व्यवस्था
भाजपा लोक सेवा गारंटी इसलिए लेकर आई थी कि लोगों को सस्ता और सुलभ तरीके से प्रमाण-पत्र मिलें। अब केंद्र का व्यवसायीकरण हो चुका है। इसका हम विरोध करेंगे। और कलेक्टर कार्यालय में पूर्ववत व्यवस्था सुचारु करने ज्ञापन सौंपा जाएगा।
संजय साहू, अधिवक्ता एवं उपाध्यक्ष, भाजपा अग्रसेन मंडल
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें