सोमवार, 19 अगस्त 2013

एक बूथ पर 1500 नहीं 1400 होंगे मतदाता

-निर्वाचन आयोग ने घटाई वोटरों की संख्या 
-शहरी क्षेत्र में बदलाव, गांव-देहात जसके तस 
भोपाल। 
मुख्य निर्वाचन आयोग ने बूथ वाइस मतदाताओं की संख्या निर्धारित कर दी है। प्रत्येक मतदान केंद्र पर अब 1500 के स्थान पर अधिकतम 1400 ही मतदाता होंगे। इसी बूथ का कोई वोटर है तो उसे नवीन केंद्र में शिफ्ट किया जाएगा। 
इससे पहले मतदाता पुनरीक्षण अभियान में 40 ऐसे केंद्र सामने आए थे, जिनमें 1500 से अधिक मतदाता थे। इन्हें कम अथवा नवीन उपमतदान केंद्र बनाने को लेकर जिला निर्वाचन शाखा ने कदम उठाया ही था कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी की तरफ से आदेश मिला कि एक मतकेंद्र पर अधिकतम 1400 मतदाता रखे जाएं। आयोग ने यह बदलाव शहरी मत केंद्रों में किया है। गांव-देहात के मतदान केंद्रों को यथावत रखा गया है। 
-इसलिए लिए लिया निर्णय 
आयोग में उच्च पदस्थ अधिकारियों की माने तो प्रदेश के पुलिस और प्रशासन के जिला स्तर पर मौजूद बल   और व्यवस्था को देख यह निर्णय लिया है। दूसरी ओर विधानसभा चुनाव में व्यवस्थाओं और चौकसी को लेकर बीते दिनों कलेक्टर कार्यालय में एक बैठक भी हुई। इसमें रिटर्निंग व सहायक रिटर्निंग आॅफिसर को उपजिला निर्वाचन अधिकारी ने जानकारी दी। इसी में ऐसे बूथों की जांच करने को कहा जहां 1400 से अधिक मतदाता हैं। इन केंद्रों में शिफ्टिंग को लेकर क्या प्लानिंग की गई इस संबंध में 24 अगस्त को अगली बैठक बुलाई गई है। इसी के तहत रविवार को अधिकारियों ने वार्ड के हिसाब से जानकारी ली। 

-गांव-देहात में यथावत 
आयोग ने शहर में पोलिंग बूथ पर मतदाताओं की संख्या घटाकर 1500 से 1400 कर दी है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र के एक बूथ पर 1200 मतदाता की संख्या रखी है। यह पूर्व की तरह ही है। 

...तो बढ़ेंगे बूथ 
राजधानी में फिलहाल 1677 पोलिंग बूथ हैं। इनमें 40 बूथ ऐसे हैं जहां 1500 से अधिक मतदाता हैं। आयोग ने शहरी क्षेत्र में प्रत्येक केंद्र पर 1400 की लिमिट तय कर दी है। ऐसे में 50 से अधिक बूथ बनाए जाने की संभावना है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह उपमतदान केंद्र होंगे या नवीन मतदान केंद्र। कुछ एक अधिकारियों की माने तो यह संख्या 1400 या 1430 मतदाता तक रखी जा सकती है। 

-जर्जर भवन नहीं होंगे केंद्र 
उप जिला निर्वाचन शाखा ने जिले में ऐसे करीब सवा सौ मतदाता केंद्र चिन्हित किए हैं। जो पूरी तरह जर्जर हैं। इन्हें इस बार केंद्र नहीं बनाया जाएगा। इसके लिए उपजिला निर्वाचन शाखा ने सभी रिटर्निंग व सहायक रिटर्निंग आॅफिसरों को निर्देशित किया है कि वह नवीन स्थानों का चयन करें। 

-क्रिटिकल भी होंगे केंद्र 
ऐसे केंद्र जहां 75 प्रतिशत से अधिक मत पड़े हैं। उन केंद्रों को मुख्य निर्वाचन आयोग क्रिटिकल श्रेणी में रखेगा। इन बूथों पर पड़ने वाले मतों को बढ़ी सावधानी से गिना जाएगा। इन बूथों का चयन मत पड़ने की संख्या के आधार ही लगा लिया जाएगा। 

-24 को अगली बैठक 
जिले में चुनाव को लेकर क्या व्यवस्था की गई है और कहां मजबूती लाने की जरूरत है। इसको लेकर बैठक आयोजित की गई थी। शहर में बूथ के हिसाब से मतदाताओं की संख्या निश्चित करने को कहा गया है। यह आयोग के निर्देश पर किया है। साथ ही अन्य विषयों पर भी चर्चा की गई। अगली बैठक 24 अगस्त को होगी। 
अक्षय सिंह, उप जिला निर्वाचन अधिकारी भोपाल 

आॅनलाइन से ज्यादा भरोसे मंद आॅफलाइन

-नगर निगम की हाईटेक व्यवस्था लोगों को पसंद नहीं 
भोपाल। 
नगर निगम ने राजस्व सहित अन्य टैक्स जमा करने आॅनलाइन व्यवस्था की थी, लेकिन लोगों का यह पसंद नहीं आ रही है। लोग लाइन में लगकर टैस जमा करना पसंद कर रहे हैं, बनसपत आॅनलाइन के। 
इसका पहला कारण घंटों कंप्यूटर पर माथापच्ची करना और दूसरा बीच में ही इस साइट का बंद होना बताया जा रहा है। शहरवासियों का मानना है, भले ही कतार में लगना पड़ता है, लेकिन थोड़ी दिक्कत होने के बाद भी टैक्स तो जमा हो ही जाता है। आॅनलाइन में आ रही दिक्कतों को लेकर निगम के आला अधिकारियों को भी शिकायतें की गई हैं। बावजूद इसके किसी प्रकार का हल अब तक नहीं निकला है। 

5 अगस्त को की थी शुरुआत 
नगर निगम भी हाईटेक होना चाहता है, लिहाजा 5 अगस्त को उसने टैक्स जमा करने आॅनलाइन व्यवस्था शुरू कर दी। काम शुरू भी हो गया, किंतु बिना तकनीकी टीम के। इस व्यवस्था के जरिए निगम का दावा किया कि अब जन्म से मृत्यु से लेकर विवाह पंजीयन और व्यावसायिक आवेदन भी आॅनलाइन हो सकेंगे। दूसरी ओर सच्चाई इन तमाम बातों से अलग है। आॅनलाइन व्यवस्था लोगों को समझ नहीं आ रही। हर्षवर्धन नगर निवासी सुखमणी मीणा ने बताया, निगम की वेबसाइट पर पोती का जन्म प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन पूरा भर दिया। इसे जब मैं सबमिट करने लगा तो कोई रिस्पांस ही नहीं मिला। आखिरकार मुझे सिस्टम बंद करना पड़ा। यही समस्या भरत नगर निवासी देवेंद्र मिश्रा ने बताई। 

मांग के बाद हुआ था काम 
नगर निगम अन्य विभागों की तर्ज पर आधुनिकता नहीं हो पा रहा है। इसको लेकर निगम परिषद की बैठकों में चर्चा हुई। साथ ही मांग उठी की उसे वक्त के साथ कदम मिलना चाहिए। शहरवासियों को लंबी कतारों से मुक्ति देने आधुनिक होने की जरूरत है। इसके बाद अगस्त शुरुआत में नई व्यवस्था शुरू की गई। नगर निगम प्रशासन ने आॅनलाइन व्यवस्था तो शुरू की पर वह विवादों और एक्सपर्टों की कमी में उलझ गया। 

-कारोबारियों को भी सुविधा 
आॅनलाइन व्यवस्था में निगम ने कारोबारियों को भी सुविधाएं दी हैं। इसके चलते व्यावसायिक लाइसेंस का आवेदन भी अब आॅनलाइन किया जा सकता है। साथ ही नल कलेक्शन भी आॅनलाइन हो गया है। आॅनलाइन सुविधा के लिए नेट पर भोपालबीएमसी टाइप करना होगा। नगर निगम प्रशासन ने इस वेबसाइट में एक कॉलम शिकायत का भी बनाया है। यदि शहर के किसी वार्ड या कॉलोनी के नागरिक को कोई असुविधा है और कुछ शिकायत हैं, तो वह भी घर बैठे ही अपनी अपनी शिकायत आॅनलाइन दर्ज करा सकते हैं। 

-2 माह और 4500 शिकायतें
दो माह नगर निगम को 4500 से ज्यादा शिकायतें मिली हैं। इसमें ज्यादातर बारिश के संबंध में है। जैसे घर में पानी भर रहा है...सीवेज लाइन चोक है... और सड़क पर पेड़ गिर गया है। इसमें सीवेज की शिकायतें तो प्रतिदिन निगम के कॉलसेंटर में दर्ज हो रही हैं। जून के बाद से शुरू हुई बारिश के सीजन में आंकड़े में प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। प्रतिदिन आने वाली शिकायतों का औसत 64 है। निगम सूत्रों की मानें तो बीते 70 दिनों में निगम के कॉलसेटर में 4540 शिकायतें दर्ज की गई। हकीकत में इन शिकायतों का निराकरण नहीं हुआ। इसकी वास्तविक स्थिति देने से अधिकारी भी बच रहे हैं। हालांकि कॉलसेंटर पर आने वाली कुछ समस्याओं का निराकरण तो हुआ है। उल्लेखनीय है कि हालही में कलेक्टर निशांत वरवड़े ने भी अर्धशासकीय पत्र जारी कर शिकायतें निब्टाने के आदेश दिए हैं। 


-वर्जन 
आॅनलाइन आवेदन किए जाने में कुछ दिक्कतें आ रही हैं, यह तकनीकी कमी के कारण है। इसे सुधारा जा रहा है। भोपाल बीएमसी वेबसाइट पर नवीन सुविधाएं भी अपलोड की गई हैं, जल्द ही इसका विस्तृत स्वरूप देखने को मिलेगा। नगर निगम की पूरी कोशिश है शहरवासियों की दिक्कतें कम हों। 
विशेष गढ़पाले, कमिश्नर, नगर निगम


-स्वास्थ्य विभाग की ज्यादा शिकायतें
नगर निगम से जुड़े अधिकारियों की मानें तो कॉलसेंटर पर स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी समस्याएं सर्वाधिक आती है। हालांकि इनके त्वरित निदान की व्यवस्था है। बावजूद इसके नाली, कचरा और सीवेज की समस्या कहीं-कहीं आमजनता की परेशानी का सबब बन जाती है। 
 

बुधवार, 14 अगस्त 2013

अस्थाई पट्टेधारी को मालिकाना हक नहीं

-8852 पट्टे बांटेंगे मुख्यमंत्री 
-बुधवार का कार्यक्रम निरस्त, आगे की तारीख तय नहीं 
भोपाल। 
मुख्यमंत्री आश्रय योजना के तहत जिले में स्थाई और अस्थाई पट्टे बांटे जाएंगे। यह करीब 8832 पट्टे होंगे, लेकिन अस्थाई पट्टेधारियों को पट्टे का मालिकाना हक नहीं होगा। 
दरसअल, इनकी भूमि शासन कभी भी किसी भी प्रोजेक्ट के लिए ले सकती है। ऐसा इन भूमियों पर पूर्व से शासन की प्रस्तावित योजना के चलते होगा। इस कारण यह जमीन के भूमि स्वामी नहीं होंगे। यह अस्थाई पट्टा मिलने पर उक्त जमीन पर अस्थाई निर्माण ही कर पाएंगे। हालांकि अस्थाई पट्टेधारकों जमीन से बेदखली किए जाने पर कहीं अन्यत्र पट्टा दिया जाएगा, इस पर अभी भी संशय बरकरार है। इस बात का खुलासा नगरीय प्रशासन विभाग का सर्कुलर कर रहा है। साथ कईयों को मुख्यमंत्री से अब भी आस है कि कोई ओर भी घोषणा या निर्णय इस दिशा में लिया जा सकता है। 

-31 दिसंबर वालों को पट्टे 
मुख्यमंत्री आश्रय योजना के तहत उन लोगों को पट्टे दिए जा रहे हैं, जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की घोषणा अनुरूप 31 दिसंबर 2012 तक किसी सरकारी जमीन पर काबिज हैं। इसके बाद वालों को इस सूची में शामिल नहीं किया गया है। साथ ही ऐसी भूमि जहां भविष्य में शासन की विकास योजनाएं संभावित हैं, उन भूमियों को चिन्हित किया जा चुका है। अथवा संभावना पर छोड़ा गया। कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति ने इन्हें अस्थाई पट्टे देने का फैसला लिया है। डूडा के परियोजना अधिकारी एसएस धाकरे के अनुसार अस्थाई पट्टेधारकों को शासन कभी भी दूसरी जगह शिफ्ट कर सकता है। जब इन्हें स्थाई पट्टे का अधिकार मिल जाएगा तो वह उस स्थान पर पक्के निर्माण कर सकते हैं। 

-शर्ते जो रखी गई हैं 
जिले के 8852 लोगों को पट्टे दिए जाएंगे। इनमें से 4131 स्थाई व 4721 अस्थाई पट्टे शामिल हैं। सर्कुलर में दोनों पट्टाधारकों के लिए अलग-अलग शर्तें हैं। स्थाई के लिए यदि लोक हित में बस्ती को अन्यत्र स्थानांतरण किया जाता है तो पट्टे के माध्यम से मिला जमीन का अधिकार निरस्त कर दिया जाएगा। वहीं पट्टेदार, उसे आवंटित जमीन का उप पट्टा, विक्रय पत्र, दान पत्र   बंधक के तौर पर या अन्य किसी तरीके से इसे बेचने की कोशिश नहीं कर सकता। इस जमीन का उपयोग केवल आवासीय होगा। इन शर्तों का उल्लंधन होने पर संबंधित पट्टाधारक से जमीन वापस शासन के नाम दर्ज की जाएगी। इसी स्थिति को अस्थाई पट्टा धारक को भी निभाना होगा, लेकिन उन्हें शासन के आदेशानुसार हटना भी पड़ सकता है। 

-इसलिए किया कार्यक्रम निरस्त 
पट्टों का वितरण बुधवार को ही मुख्यमंत्री करने वाले थे। लेकिन इसे निरस्त करने कारण शहर में हो रही लगातार बारिश बताई जा रही है। अब कार्यक्रम कब होगा, इसको लेकर कोई तारीख तय नहीं की गई है। 

-कहां कितने पट्टे देना है 
 तहसील/वृत्त         - झुग्गीवासियों की संख्या  - स्थाई पट्टे         - अस्थाई पट्टे 
 तहसील बैरसिया    - 218                     - 28            - 190
 नजूलवृत्त एमपी नगर    - 1008                - 693            - 315
 नजूल वृत्त गोविंदपुरा    - 354                    - 0            - 354    
 नजूल वृत्त बैरागढ़     - 341                    - 0            - 341                
 नजूल वृत्त शहर     - 0                    - 0            - 0            
 नजूल वृत्त टीटी नगर    - 2757                - 0            - 2757    
 तहसील हुजूर     - 4174                - 3410        - 764 
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 कुल संख्या  - 8852                - 4131        - 4721
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घर बचाओ संघर्ष समिति की बैठक कल

-कोर्ट में जनहित याचिका लगाने लिया जाएगा निर्णय 
भोपाल। 
मर्जर एग्रीमेंट प्रकरण से उपनगर बैरागढ़, हलालपुर व ईदगाह हिल्स की हजारों एकड़ भूमि और उसमें प्रभावितों को कैसे निकाला जाए। इसको लेकर प्रभावित पक्षकारों की बैठक स्वतंत्रता दिवस, गुरुवार को मूनलाईट गार्डन में रखी गई है। घर बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले यह बैठक दोपहर 2 बजे होगी। बताया जा रहा है इसमें कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने का निर्णय लिया जाएगा। 
इससे पहले उन पहलुओं पर भी चर्चा की जाएगी, जो राज्य सरकार की ओर से अवैधानिक है। इसके अलावा भविष्य में समिति की ओर से की जाने वाली कार्रवाईयों के संबंध में भी उचित निर्णय लिए जाएंगे। बैठक के बारे में समिति के विधि सलाहकार जगदीश छावानी ने बताया, वतर्मान में शासकीय स्तर पर जो भी कायर्वाही मर्जर मामले में हो रही है, वे अन्यायपूर्ण और एकतरफा हो रही हैं। इसमें प्रभावितों को प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के विपरीत अपना पक्ष समर्थन प्रस्तुत करने का अवसर नहीं दिया जा रहा है।   सराकर मनमाने पूर्ण तरीके से लोगों की निजी भूमि और स पत्तियों को स्वप्रेरणा से सरकारी मानकर उन्हें फ्री होल्ड से लीज होल्ड बनाने की प्रक्रिया चला रही है जो अनुचित है। इस संबंध में प्रभावित पक्षकारों की ओर से भारत के राष्ट्रपति और मप्र के राज्यपाल को एक पत्र प्रभावितों की तरफ से भेज ने की मांग की है। 

-मुख्य सचिव को भेजा जाएगा ज्ञापन 
श्री छावानी ने बताया कि बैठक के उपरांत एक विस्तृत ज्ञापन तैयार किया जाएगा, जो कि राज्य के मु य सचिव को भेजा जावेगा। इसी ज्ञापन के आधार पर प्रभावित पक्षकारों की ओर से उच्च न्यायालय में जनहित याचिका भी दायर की जाएगी और न्याय मांगा जाएगा। 

राजस्व मंडल कार्यालय परिसर में चलीं तलवारें

-जमीन विवाद को लेकर सगे भाई व भतीजे पर किया जानलेवा हमला
भोपाल। 
राजस्व मंडल कार्यालय परिसर में मंगलवार सुबह उस समय अफरा-तफरी मच गई जब जमीन विवाद को लेकर एक ही परिवार के पांच लोगों ने वृद्ध पर धारदार हथियारों से जानलेवा हमला कर दिया। मु य आरोपी और घायल वृद्ध सगे भाई हैं। दोनों पक्षों के बीच लंबे समय से जमीन को लेकर विवाद चल रहा है और आज प्रकरण को लेकर सुनवाई होने वाली थी। कोहेफिजा पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।
पुलिस के मुताबिक बुधवारा निवासी जमील पुत्र मेहमूद खान (60) खेती-किसानी करते हैं। पड़ोस में जमील के भाई मुश्शू मियां से उनका जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। जमील के भतीजे सलमान ने बताया कि उनके चाचा जमील की विदिशा रोड स्थित ग्राम कोल नगर में जमीन है। जमीन के भाई मुश्शू मियां की उक्त जमीन पर नजर है और वह जमीन हड़पना चाहते हैं। जमीन हड़पने के लिए मुश्शू मियां ने फर्जी हलफनामा लगाकर उस पर अपना कब्जा जमाना चाहा। जमील खान को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने इसकी शिकायत कर दी। करीब   चार साल से यह प्रकरण राजस्व मंडल में विचाराधीन है। मंगलवार सुबह करीब पौने 12 बजे प्रकरण की सुनवाई के लिए जमील खान चटाईपुरा में रहने वाले अपने अन्य भतीजे अकरम के साथ राजस्व मंडल के कार्यालय पहुंचे। कार्यालय परिसर में ही मुश्शू मियां अपने दो पुत्रों मसरूर व मुशाहिद सहित भतीजों फैजल व मन्नान के साथ पहुंच गए। एक-दूसरे को देखते ही दोनों भाइयों के बीच विवाद होने लगा। मुश्शू मियां ने अपने पुत्रों पर भतीजों के साथ मिलकर अपने सगे भाई जमील व अकरम पर तलवार और चाकुओं से हमला बोल दिया। धारदार हथियारों से हुए हमले में जहां जमील खान को सीने और हाथों में गंभीर चोटें आई हैं वहीं अकरम के हाथ की अंगुलियां भी कट गईं। हमला करने के बाद सभी आरोपी मौके से फरार हो गए। घायलों को उपचार के लिए निजी अस्पताल पहुंचाया गया है, जहां जमील की हालत चिंताजनक बनी हुई है। बताया जाता है कि पांचों आरोपियों में से चार को पुलिस ने गिर तार कर लिया है जबकि मु य आरोपी मुश्शू मियां फरार हैं। गिर तारी के पुलिस उसके संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है। पुलिस के मुताबिक फरार आरोपी मुश्शू मियां का पुराना आपराधिक रिकार्ड है जिस पर शहर के कई थानों में करीब दो दर्जन मामले दर्ज हैं। 


डॉक्टर की गलती से मेरी बेटी हुई अपंग

-जनसुनवाई में टीलाजमालपुरा के अर्जुमन ने लगाया आरोप 
भोपाल। 
कलेक्टर कार्यालय की जनसुनवाई में टीलाजमालपुरा निवासी अर्जुमन पत्नी लतीफ ने शिकायती आवेदन देते हुए जीवन रेखा अस्पताल के डॉक्टर फरीद शेख पर आरोप लगाया कि उसकी लापरवाही के कारण मेरी बेटी अपंग हो गई है। अर्जुमन ने कहा, मेरे परिवार में मेरे पति और तीन पुत्रियां हैं। सबसे बड़ी बेटी, महजबीन (12) हमीदिया अस्पताल में अपंगता से जूझ रही है। बेटी के विकलांग होने का कारण डॉक्टर द्वारा गलत इंजेक्शन दिया जाना है। 
अर्जुमन ने बताया, बेटी के पैर के आॅपरेशन के लिए डॉ. फरीद शेख के अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां 15 अक्टूबर 2012 उसका आॅपरेशन   हुआ। आॅपरेशन के बाद भी मेरी बेटी का पैर ठीक नहीं हुआ। इस पर मैंने बेटी को हमीदिया अस्पताल में दिखाया। हमीदिया के डॉक्टरों ने उसके पैर का एक्सरे किया। इसमें पता चला कि पैर की हड्डी को डा. शेख गलत जोड़ दिया है। इस कारण वह अपंगता की श्रेणी में आ गई है। हमीदिया के डाक्टरों का कहना है कि उसके पैर का दोबारा आॅपरेशन नहीं हो सकता। ऐसा होता है तो वह हमेशा के लिए अपंग हो जाएगी। लेकिन हम पुन: डॉ. शेख के पास गए और उनसे बात करी। इस पर डॉ. शेख ने कहा, अगर दोबारा आॅपरेशन होगा तो उसका खर्चा आपको ही देना पड़ेगा। हमने आॅपरेशन का खर्च देने के मना कर दिया, इस पर डॉ. शेख लड़ाई-झगड़े पर उतर आए। साथ ही इलाज से संबंधित फाइल को छीनने का भी प्रयास किया। मामले को सुन डिप्टी कलेक्टर जीएस धुर्वे ने निर्देश दिया कि डीआईजी या एसएसपी आवेदन पत्र की जांच करें। यदि डॉ. फरीद शेख की लापरवाही पाई जाती है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाए। 

-निगम परेशान कर रहा विकलांग बहनों को 
जनसुनवाई में दो विकलांग बहने शमा परवीन व मरियम पहुंची। उन्होंने कहा, जो पेंशन सरकार द्वारा प्रदान की जाती है उसको जोड़-जोड़कर उन्होंने अपना एक रोजगार का साधन खड़ा किया। जिससे जैसे-तैसे उनकी गुजर-बसर चल रही थी। लेकिन 23 जून 11 को उनके रोजगार के साधन यानी गुमठी को नगर निगम ने जब्त कर लिया। जब इसकी शिकायत निगम के उच्चधिकारियों से की गई तो उनकी गुमठी को रखवा दिया गया। लेकिन उसके  बाद से आज दिनांक तक उनकी गुमठी को कई बार निगम अमले द्वारा जब्त किया जा चुका है। जिससे उनके समक्ष भूखों मरने की नौबत खड़ी हो गई है। यहीं नहीं, जब  उनके पिता ने निगम अमले को कारर्वाई करने से मना किया तो उन लोगों ने न केवल अपशब्दों का प्रयोग किया बल्कि यहां तक कहा कि इससे अच्छा तो ये लड़कियां कोई और धंधा कर ले, रातों-रात अमीर हो जाएंगी। इस पर डिप्टी कलेक्टर जीएस धुर्वे ने निर्देश दिए कि नगर निगम आयुक्त मामले की 

-नववधुओं नहीं मिल रहा गैस कनेक्शन
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना (प्रकोष्ठ) के जिला संयोजक विनोद पलया ने शिकायत में बताया, 13 मई 2013 को अक्षय तृतीया में राजधानी में जिन 1500 निर्धन कन्याओं का सामूहिक विवाह व निकाह किया गया था। उसमें नववधुओं को गैस कनेक्शन अब तक नहीं दिए गए हैं। इस कार्यक्रम में नगर निगम भोपाल की भी सहभागिता थी। निगम ने इस में किसी प्रकार की तेजी ही नहीं दिखाई। शादी के बाद से ही वर-वधु गैस एजेंसी, नगर निगम व सामाजिक न्यास विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। अपर कलेक्टर बंसत कुर्रे ने मामले को सुन निर्देश दिए कि उप संचालक पंचायत एवं सामाजिक विभाग जांचकर संबंधितों को शीघ्र गैस सिलेंडर की राशि प्रदान करें। 

-कमिश्नरी में आए आठ आवेदन 
कमिश्नर कार्यालय में आठ लोगों ने अपनी शिकायतें दी। उपायुक्त श्रीमती उर्मिला शुक्ला ने आवेदकों की सुनी। उपायुक्त श्रीमती शुक्ला ने समस्याएं सुन अधिकारियों को समस्याएं निराकरण के लिए निर्देश दिए। वहीं कलेक्ट्रेट में उन्यासी आवेदकों ने आवेदन दिए। कलेक्ट्रेट में अपर कलेक्टर बंसत कुर्रे व  डिप्टी कलेक्टर जीएस धुर्वे ने आवेदकों की समस्याओं को सुना और अधिकारियों को निराकरण के सिलसिले में जरूरी निर्देश दिए। 

-शुल्क के बावजूद नहीं हो रहा सत्यापन
जनसुनवाई में एडवोकेट सै. खालिद कैस ने अपने दिए आवेदन में शिकायत की कि कलेक्ट्रेट स्थित समाधान केंद्र में जाति प्रमाणपत्र आवेदन के साथ आवेदक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों पर जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा सत्यापन करने के लिए 20 रुपए का श्ुाल्क वसूल किया जाता है। इसके बावजूद कार्यालय में अधिकारी इतने व्यस्त रहते है कि शुल्क के बावजूद उनके द्वारा सत्यापन का कार्य नहीं किया जाता है। जिससे आवेदकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहीं नहीं,नोटरी द्वारा सत्यापित दस्तावेजों को भी अमान्य कर दिया जाता है। एडवोकेट खालिद कैस ने अपने दिए आवेदन में कलेक्टर से यह मांग की कि दस्तावेजों पर नोटरी सत्यापन को मान्य, रुपए 20 शुल्क की वापसी और राजपत्रित अधिकारी के सत्यापन की अनिवायर्तो को समाप्त करने के लिए जनहित में आदेश पारित करे।



ब्रिस्क वसूली का आंकड़ा

 तहसीलदार/नायब तहसीलदार - लक्ष्य   - कुल वसूली 
  चंद्रशेखर श्रीवास्तव   - 6 करोड़   - 4.50 करोड़ 
  मनीष श्रीवास्तव    - 3 करोड़   - 1.80 करोड़ 
  मनोज तेनगुरिया    - 2 करोड़  - 62 लाख
  रघुवीर मरावी    - 1 करोड़   - 10 लाख 
  संजय श्रीवास्तव    - 5 करोड़   - 3.10 करोड़
  वरूण अवस्थी    - 2 करोड़   - 51 लाख 
  आकाश श्रीवास्तव    - 2.5 करोड़  - 1.80 करोड़
  निकिता तिवारी    - 5 करोड़   - 4 करोड़
  अतुल सिंह     - 3 करोड़   - 1.10 करोड़
  संजीव केशव पांडे    - 2 करोड़   - 1.02 करोड़ 
  यशा राय चौकसे    - 50 लाख   - निरंक 
  प्रकाश नायक    - निरंक   - 63.50 लाख 
  मुकुल गुप्ता     - निरंक   - 40 लाख    - 
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 कुल      - 32 करोड़   -19 करोड़ 58 लाख 50 हजार रुपए 
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    बीते तीन सालों में क्रिस वसूली - 
     2010-11 में 4.98 करोड़ 
     2011-12 में 8.00 करोड़ 
     2012-13 में 6.50 करोड़ 

को-आॅपरेटिव वसूली में भोपाल अव्वल

-तहसीलदार चंद्रशेखर ब्रिस्क वसूली में आगे 
-मुकुल गुप्ता ने वसूले 6.50 करोड़ 
भोपाल। 
भोपाल जिला क्रमश: तीसरी साल भी को-आॅपरेटिव बैंक (क्रिस) की वसूली में अव्वल रहा है। हुजूर तहसीलदार चंद्रशेखर श्रीवास्तव ब्रिस्क वसूली में आगे रहे हैं। वहीं गोविंदपुरा तहसीलदार मुकुल गुप्ता ने क्रिस वसूली में सबसे अधिक 6.50 करोड़ रुपए की वसूली की है। 
यह बीते साल की वसूली से डेढ़ करोड़ कम है, लेकिन उनकी वसूली का आंकड़ा पिछले 14 वर्षों में भोपाल की कुल क्रिस वसूली का 4/5 है। साथ ही तहसीलदार श्री गुप्ता ब्रिस्क तथा क्रिय की कुल वसूली में भी अन्य तहसीलदार व नायब तहसीलदारों से आगे हैं। बीते तीन सालों में श्री गुप्ता ने क्रमश: 2010-11 में 4.98 करोड़, 2011-12 में 8.10 करोड़ व 2012-13 में  7.20 करोड़ रुपए की वसूली बैंक को करके दी है। राज्य शासन ने इस बार भोपाल जिले के इन अधिकारियों को 19 करोड़ रुपए वसूली का लक्ष्य दिया था। दिए गए लक्ष्य से भी अधिक राशि की वसूली की गई। 

...और यहां चंद्रशेखर आगे 
तहसीलदार चंद्रशेखर श्रीवास्तव अकेले ब्रिस्क की वसूली अव्वल रहे हैं। उन्होंने साढ़े चार करोड़ रुपए की वसूली की है, जिसके चलते वह सबसे आगे हैं। ब्रिस्क व क्रिस की अव्वल वसूली करने वाले इन तहसीलदारों को मंगलवार को वसूली गई राशि के एक प्रतिशत का चेक दिया गया। 

-गुप्ता को मिले साढ़े पांच लाख 
तहसीलदार श्री गुप्ता वसूली के लिए कुल राशि का एक प्रतिशत यानी साढ़े 5 लाख का चेक अपर कलेक्टर बसंत कुर्रे ने दिया। इसी प्रकार चंद्रशेखर को साढ़े चार लाख का चेक दिया गया। साथ ही अन्य तहसीलदार व नायब तहसीलदारों को उनकी राशि के हिसाब के अनुसार चेक दिए गए। उल्लेखनीय है कि तहसीलदार व नायब तहसीलदारों को बैंक की राशियों की वसूली के लिए एक प्रतिशत राशि इंसेंटिव के रूप में दी जाती है। 


क्रिस वसूली एक नजर में 
 तहसीलदार    - लक्ष्य    - कुल वसूली 
 मुकुल गुप्ता    - 8 करोड़    - 6.50 करोड़ 

क्लॉस टीचर करती है प्रताड़ित ,भोपाल

मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग में मंगलवार को हुई सुनवाई में कोलार रोड के अकबरपुर शासकीय प्राथमिक शाला के पांचवी कक्षा के छात्र अपने बयान में बताया कि उनकी क्लास टीचर उसे व उसके साथियों को प्रताड़ित करती है। यही नहीं बच्चे कक्षा में बच्चों से मध्याहन भोजन वाले बर्तन धुलवाती है  है। यही नहीं स्कूल से काफी दूर एक दुकान से चाय मगवांती है। यदि कोई बच्चा चाय लाने से मना करता है तो उसके पूरे दिन सजा देकर कक्षा के बाहर खड़ी रखती हे।
बाल आयोग की अध्यक्ष उषा चतुर्वेदी ने बताया कि कुणाल रजक के पांचवी के छात्र के अभिभावकों ने आयोग में शिकायत की थी उसके बच्चे को स्कूल की टीचर प्रताड़ित कर रही है। इस मामले में आयोग ने बच्चे को अपने बयान देने बुलाया था। बच्चे ने आयोग को लिखित रुप में अपने बयान दिए । बच्चे ने बताया कि शिक्षक उसके साथ दुर्व्यवहार करती है। यहां तक कि मध्याहन भोजन में दिए जाने भोजन की गुणवत्ता खराब होने के बावजूद बच्चों को खाना खाने विवश किया जाता है। श्रीमती चतुर्वेदी का कहना है कि इस मामले में आयोग ने स्कूल की प्राचार्य और जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी आयोग में प्रस्तुत होने के निर्देश दिए है। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी सीएम उपाध्याय का कहना है कि फिलहाल उनको इस विषय की कोई जानकारी  नहीं है। बाल आयोग में यदि किसी बच्चे ने शिकायत की है तो उसकी जांच की जाएगी। 

सोमवार, 12 अगस्त 2013

राजाराम ने पूछा, कैसे जीतेंगे चुनाव

राजनीतिक संवाददाता, भोपाल
बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजराम ने सोमवार को प्रदेश कार्यालय में टिकट का आवेदन करने वाले उ मीद्वारों से पूछा कि बताओं कि कैसे चुनाव जीतकर आयेंगे। राजराम ने टिकट के आवेदन कर्ताओं से यह भी जानकारी ली कि गत पांच साल में कितना कार्य पार्टी के लिए किया है। साथ ही यह भी जानकारी मांगी कि इन बर्षों के दौरान पार्टी की विचार धारा को आम जन तक पहुंचाने किस तरह के प्रयास किये। प्रदेश बसपा कार्यालय में दो दिन तक ग्वालियर, रीवा, जबलपुर, भोपाल व इंदौर जोन की बैठक के दौरान प्रत्याशियों से साक्षात्कार लिया जायेगा। सोमवार को प्रदेश के तीन जोन ग्वालियर, रीवा, व जबलपुर संभाग के प्रत्याशियों के साक्षात्कार लिए गए। राजाराम के अनुसार साक्षात्कार के बाद नामों का पैनल हाई कमान के पास भेजा जाएगा, जहां सूची को अंतिम रुप दिया जाएगा। इस अवसर पर बसपा के प्रदेश प्रभारी सुमरत सिंह तथा प्रदेश उपाध्यक्ष राजाराम भी मौजूद रहे। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष राजाराम के अनुसार पार्टी ने इस बार के विधानसभा चुनाव को बड़ ही गंभीरता से लिया है। इस बार बसपा ने ब्यापक रूप से तैयारी की है।  

सिक्का बदलने हेतु विशेष शिविर का आयोजन, भोपाल

सेन्ट्रल बैंक आॅफ  इंडिया की टीटी नगर शाखा द्वारा 14 अगस्त को 11 बजे से 4 बजे तक 1, 2, 5 एवं 10 के सिक्के बदलकर दिये जाने व विभिन्नि मूल्य के फ्रेश नोट जारी किये जाने हेतु एक विशेष शिविर का आयोजन किया गया है। शिविर के दौरान बैंक के ग्राहकों के साथ साथ आम नागरिकों के भी सिक्के व नोट बदलकर दिये जायेंगे। 

कलचुरी भवन पर होगा ध्वजारोहण भोपाल।



 महासभा के द्वारा कलचुरी भवन पर 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय अध्यक्ष दिलीप सूयर्वंशी जी के द्वारा झंडा वंदन सुबह 10 बजे किया जाऐगा। झंडा   वंदन के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी रखा गया है इसमें समाज की महिलाओं एवं बच्चों के द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर ओजस्वी भाषण, वाद विवाद प्रतियोगिता, कविताओं का गायन सहित कई प्रस्तुतियां दी जावेगी। प्रतियोगिताओं में अव्वल आने वाले प्रतिभीगियों को महासभा द्वारा पुरूस्कृत भी किया जाऐगा। उपरोक्त जानकारी देते हुए संस्था के राष्ट््रीय उपसचिव राजेश राय ने बताया कि इस कार्यक्रम में कायर्कारी अध्यक्ष व्हीके राय, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष उपमा राय, पार्षद पंकज चौकसे, प्रदेशाध्यक्ष आषुतोष मालवीय, प्रदेश महासचिव विनोद चौकसे, जिलाध्यक्ष कौशल राय, सहित जिला ईकाई के सैकड़ों पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। 

शराब बंदी आंदोलन यात्रा को व्यापक जन समथर्न: बृजबिहारी चौरसिया राजनीतिक संवाददाता, भोपाल

जन न्याय दल की शराबबंदी आंदोलन यात्रा को मध्यप्रदेश में व्यापक जन समर्थन मिल रहा है। जन न्याय दल ने जनता से कानून बनाकर शराबबंदी के लिए वोट मांगने का जो अभियान चलाया है वह ग्रामीण अंचलों में चुनावी मुद्दा बन चुका है। दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजबिहारी   चौरसिया ने भोपाल में पत्रकारों को बताया कि शराबए सियासत और सड़ाए जा रहे सरकारी गेहूं में अनैतिक संबंध है। देश में सच्चे लोकतंत्र की स्थापना के लिए जरूरी है कि कानूनन शराबबंदी लागू की जाए और छिन्न भिन्न होते सामाजिक ताने बाने को बचाया जाए। बुंदेलखंड के 26 विधानसभा क्षेत्रों की 27 दिवसीय शराबबंदी आंदोलन यात्रा पूरी करने के बाद भोपाल पहुंचे चौरसिया ने बताया कि शराब निर्माताओं और प्रदेश के सियासतदारों के संबंध किसी से छुपे हुए नहीं हैं। सुशासन की बात करने वाली प्रदेश की भाजपा सरकार ये नहीं बताती कि प्रदेश में कितना गेहूं सड़ा कितना बिकाए कितना फेंका गयाएसड़े हुए गेहूं का क्या हुआ और कितना सड़ा गेहूं शराब निर्माताओं के पास पहुंचा। इन सभी सवालों का शासन के पास कोई जवाब नहीं है।
बुंदेलखंड की हालत ठीक नहीं:
दल की बुंदेलखंड यात्रा के दौरान ये उजागर हुआ है कि केन्द्र सरकार और राज्य सरकार ने बुंदेलखंड विकास के नाम पर अरबों रुपया खर्च किया है इसके बाद भी जमीनी हकीकत खराब है। बुंदेलखंड में कानून व्यवस्था की हालत ठीक नहीं है। गरीब आज भी पलायन करने और भूख से मरने पर मजबूर है। जन न्याय दल ने आठ जुलाई से प्रारंभ की गई 27 दिवसीय शराबबंदी आंदोलन यात्रा के दौरान बुंदेलखंड की सभी विधानसभाओं की जमीनी हकीकत देखी है। लोगों की दशा दयनीय है, सरकारी योजनाएं कागजों पर संचालित हैं। भारी मात्रा में अवैध खनन जारी है। सत्ता में बैठे भाजपाई नेता और अधिकारी मिलकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं और शासकीय धन का गबन कर रहे हैं।

कांगे्रस के विभागों की महत्वपूर्ण बैठक आज ,भोपाल

मगलवार को नई दिल्ली मे कांगे्रस मु यालय में महासचिव एवं प्रद्रेश प्रभारी मोहन प्रकाश प्रत्येक विभाग के क्रियाकलापों का  जायजा लेंगे और आगामी विधानसभा चुनावों में प्रत्येक विभाग की भूमिका के संबेध में आवश्यक मार्गदर्शन देंगे। यह जानकारी प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शातिलाल पडियार ने दी। पडियार ने बताया है कि प्रदेश के वतर्मान विभागों की दिल्ली में पहली बार हो रही बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और संभागीय प्रभारी उपाध्यक्ष रामेश्वर नीखरा भी शामिल होंगे। 

निरीक्षक से डीएसपी पद के लिए डीपीसी आज, भोपाल

प्रदेश के पुलिस निरीक्षकों के लिए एक सुखद खबर हैं। पुलिस निरीक्षक से उप पुलिस अधीक्षक पद पद पदोन्नति के लिए डीपीसी आज भोपाल में होने जा रही है। सूत्रों ने बताया कि राज्य के गृह विभाग ने पीएससी से निरीक्षकों की डीपीसी के लिए समय मांगा था। पीएससी से गृह विभाग को पत्र मिला है, जिसमें डीपीसी की तारीख 13 अगस्त दी गयी है। डीपीसी भोपाल स्थित पीएससी के आॅफिस में होगी। विभाग के जानकारों की माने तो 158 पदों के लिए डीपीसी होने वाली हैं, इसमें 76 पद निरीक्षक संवर्ग, 20 पद रक्षित निरीक्षक संवर्ग एवं 25 पद कंपनी कमांडर संवर्ग के लिए हैं। अन्य पद अंगुली चिन्ह निरीक्षक, बैंड, एमटी एवं शीघ्रलेखक संवर्ग के हैं।  

प्रदेश भर में सपा का महिला स मेलन आयोजित राजनीतिक संवाददाता, भोपाल

समाजवादी पार्टी महिला प्रकोष्ठ द्वारा सोमवार प्रदेश के सभी जिला मु यालयों में महिला स मेलन का आयोजन किया गया। इस स मेलन में भाजपा और कांगे्रस की जन विरोधी नीतियों को उजागर किया गया। साथ ही महिलाओं से आव्हान किया गया कि वे उन दोनों पाटिर्यों को प्रदेश से उखाड़ फेंके और समाजवादी पार्टी को मजबूत करें, जिससे प्रदेश में बढ़ती लूटपाट, बलात्कार आदि जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। 
भोपाल में ये कार्यक्रम प्रदेश कार्यालय में आयोजित किए गए। इस कार्यक्रम में मु य अतिथि के रूप में गोविंदपुरा विधानसभा प्रत्याशी श्रीमती गुलाब यादव मौजूद थी, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला महिला अध्यक्ष श्रीमती रीना यादव ने की। कार्यक्रम मौजूद लगभग 250 महिलाओं को संबोधित करते हृुए श्रीमती रीना यादव ने कहा कि यह एक अच्छा मौका है जब महिलाएं संगठित हो सकें, उन्होंने कहा कि पिछले नौ साल प्रदेश में राज कर रही भाजपा सरकार में महिला हिंसा सर्वाधिक हुई है। इससे पहले प्रदेश में राज करने की कांग्रे्रस के कायर्काल का भी यही हश्र्र था। 
इस कार्यक्रम में श्रीमती शीला मोरे, रीना यादव, रेखा, लता जैन, सोभा जैन, कृष्णा सिंह, सुनीता गोस्वामी, नीलम शर्मा, कंचन सोनी आदि मौजूद थी। 

बैरसिया में नई छवि हो रही तैयार, भोपाल

विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। इसको लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल के नेताओं ने विधानसभावार अपनी दावेदारी दिखानी शुरू कर दी है। 
बैरसिया में टिकट के लिए दंभ भरने वाले भाजपा खेमे से एक नाम सामने आ गया है। आरक्षित बैरसिया विधानसभा सीट के लिए स्थानीय प्रत्याशी के रूप में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य लक्ष्मीनारायण शिल्पी (पप्पू भैया) ने टिकट की दावेदारी की है। शिल्पी ने बताया, वह क्षेत्र में करीब 24 साल से पार्टी के कार्यकर्ता के   रूप सक्रिय हैं। साथ ही दो बार अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने कहा, पार्टी ने विधानसभा स्तर पर काम करने मौका दिया तो वह इसे निभाएंगे। दरअसल, बैरसिया क्षेत्र से शिल्पी का नाम आगे बढ़ाए जाने की पूरी संभावनाएं दिखाई दे रही हैं। 

हिस्ट्रीशीटर की दुकान हटी तो होगी शांति भंग!

-कोहेफिजा पुलिस ने ताक पर रखा कमिश्नर का आदेश 
-तहसील परिसर में अतिक्रमण कर जमा रखी है दुकान 
-7 दिन में हटानी थी दुकान 
भोपाल। 
हुजूर तहसील परिसर में हिस्ट्रीशीटर बदमाश द्वारा अतिक्रमण कर चाय-पान की दुकान चलाने और सट्टा खिलाने की शिकायत करना शिकायतकर्ता को महंगी पड़ गई है। कोहेफिजा पुलिस ने शिकायतकर्ता को ही शांति एवं क्षेत्र की सुरक्षा भंग करने का मुल्जिम बना दिया है। जबकि कमिश्नर ने 7 दिन में अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। 
कमिश्नर एसबी सिंह ने यह आदेश आवेदक झिरनों के मंदिर के पुजारी मधु शर्मा द्वारा की गई शिकायत पर दिए थे। मधु ने कमिश्नर व कलेक्टर निशांत वरवड़े को 23 जुलाई,13 को जनसुनवाई में शिकायत दी थी। शिकायत में उन्होंने लिखा था कि जिला कलेक्टर कार्यालय के हुजूर तहसील परिसर में अजय उर्फ भूरा बेजा कब्जा बीते तीन साल से दुकान चला रहा है। भूरा कोहेफिजा के साथ शाहजहांनाबाद थाने का हिस्ट्रीशीटर है। भूरा ने जो दुकान लगाई वह इसकी आड़ में जुआ-सट्टा भी खिलवाता है। इस पर कमिश्नर ने अजय उर्फ भूरा का अतिक्रमण सात दिन में हटाने के आदेश दिए थे। 

-हिस्ट्रीशीटर पर कर्मचारियों की कृपा 
हिस्ट्रीशीटर पर तहसील के कर्मचारियों की कृपा है। यही कारण है कि बीते तीन साल से चाय-पान की दुकान बदमाश ने लगा रखी है। इसी की आड़ में सट्टा और रात को मिनी बसों की अवैध पार्किंग होती है। कमिश्नर के आदेश में भी इसलिए हवा माने जा रहे हैं क्योंकि कब्जा हटाने वाले कर्मचारी व राजस्व कर्मचारी भी इसमें शामिल है। इसी तरह भूरा का बेजा कब्जा हटाने को लेकर तहसीलदार आकाश   श्रीवास्तव भी निर्देश दे चुके हैं। उन्होंने अतिक्रमण हटाने तीन दिन की मोहलत आरआई व पटवारी को दी थी। 

-पुलिस की नजर में आवेदक दोषी 
जनसुनवाई में शिकायत करने के बाद मधु शर्मा को पुलिस ने दोषी माना है। शिकायत पर अजय उर्फ भूरा, उसकी मां और कोहेफिजा थाने का सिपाही अनुराग पटेल मधु की फोटो कापी की दुकान पर पहुंचे। यहां वह शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने लगे। ऐसा न करने पर महिलाओं को आगे करके झूठी रिपोर्ट करवाने और जेल भिजवाने की धमकी भी दे दी। इसकी सूचना शर्मा ने 26 जुलाई,13 को एसएसपी को लिखित में देते हुए सुरक्षा देने को कहा। साथ ही 6 अगस्त,13 को कलेक्टर की जनसुनवाई में अवैध गतिविधियों को पुलिस का संरक्षण होने और अतिक्रमण न हटाने की शिकायत की। इस पर कोहेफिजा थाने का हवलदार राधेश्याम पहुंचा, जिसने शर्मा का नाम पात व उसके बेटे का नाम लिख लिया। पुलिस ने 11 अगस्त,13 की शाम को इस्तगासा क्रमांक 122 अंतर्गत धारा 107, 116 जाफौ के तहत एसडीएम कोर्ट, शाहजहांनाबाद का नोटिस थमा दिया। नोटिसा में शर्मा और उनका बेटे को 29 अगस्त तक एसडीएम कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है। 

सरकारी वकील और राजस्व अधिकारियों को शोकाज नोटिस

-मामला डोबरा की 110.63 एकड़ जमीन की पैरवी में बरती लापरवाही का 
-कलेक्टर ने दिए निर्देश 
भोपाल। 
सरकारी वकील सहित राजस्व अधिकारियों को कलेक्टर निशांत वरवड़े ने शोकाज नोटिस जारी किया है। जबलपुर उच्च न्यायालय में ग्राम डोबरा जागीर की 110.63 एकड़ सीलिंग की भूमि के मामले में प्रकरण चल रहा था। इसमें जिला प्रशासन को हार का सामना करना पड़ा है। 
न्यायालय के समक्ष सटीक व सही जवाब प्रस्तुत न होने के चलते मप्र शासन के खिलाफ फैसला हुआ, जिसमें निजी व्यक्तियों के नाम उक्त जमीन की डिक्री पारित हो गई। लिहाजा इस मामले को कलेक्टर ने गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों की लापरवाही मानी और इन्हें कारण बताओ नोटिस थमा दिया है। 

...और डिक्री हो गई जमीन 
ग्राम डोबरा जागीर की 110.63 एकड़ को सीलिंग में अतिशेष घोषित किया गया था। इसके विरुद्ध गनपत सिंह सहित 24 व्यक्ति व्यवहार न्यायालय व जबलपुर उच्च न्यायालय चले गए थे। अपील में इन्होंने इस जमीन को निजी बताया था। जिला प्रशासन ने पहले तो इस प्रकरण में पैरवी की। बाद में शासकीय अधिवक्ता संतोष धोटे एवं तत्कालीन राजस्व अधिकारियों ने इस प्रकरण को हल्के में लेते हुए लापरवाही बरती। सरकारी श्री धोटे ने इस प्रकरण में सही तरीके से पैरवी नहीं की। इस मामले में पाया कि राजस्व अधिकारियों ने भी वकील से जानकारी लेना न जानकारी ली और न ही पैरवी के बारे में पूछा। आलम यह रहा कि व्यवहार न्यायालय एवं उच्च न्यायालय जबलपुर ने मप्र शासन के विपरीत फैसला दिया। और जमीन डिक्री हो गई। 


तीन चरणों में होंगे प्रदेश में चुनाव

-क्रिसमस के आसपास सरकार हो जाएगी घोषित 
भोपाल। 
मप्र में इस बार दिसंबर में क्रिसमस के आसपास सरकार घोषित हो जाएगी। भारत निर्वाचन आयोग 17 सितंबर से प्रदेश में आचार संहिता लगाने के साथ तीन चारणों में मतदान कराने का निर्णय ले रहा है। 
यह चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होंगे। आयोग से जुड़े खबरचियों की मानें तो तारीखों को लेकर अंतिम निर्णय इसलिए नहीं लिया गया, क्योंकि इन्हीं दो माहों में सबसे ज्यादा तीज व त्यौहार हैं। लिहाजा इसके चलते आयोग मतदान दिनांकों में ज्यादा लंबा अंतराल रख सकता है। दूसरी ओर उसके सामने पोलिंग बूथ से लेकर उच्च पदस्थ आॅफिसरों को इन दो माह की दिनांकों में पड़ने वाले त्यौहारों पर जाने की छूट देनी होगी। इस बात पर भी आयोग नजर रखे हुए है। हालांकि आयोग के किसी भी आधिकारिक अफसर ने इस बात की पुष्टी नहीं की है। सभी केवल चुनाव नवंबर-दिसंबर में पूरी तरह हो जाने की बात कर रहे हैं। 

-18 से 29 नवंबर को चुनाव 
शुरुआती अक्टूबर और नवंबर 15 तक तीज-त्यौहारों का दौर जारी रहेगा। उच्च पदस्थ अफसरों की माने तो इस डेढ़ माह को किनारे कर आयोग 18 से 29 नवंबर को बूथ लेवल पर मतदान करा लेगा। इन बारह दिनों में आयोग जमीनी स्तर पर पूरा काम निब्टा गिनती की प्रक्रिया में जुटेगा। 18 से 29 के बीच आयोग ने करीब पांच तारीखों का चयन मतदान के लिए किया है। इनमें 18, 20, 24, 27 और 29 शामिल है। वहीं 21 से 26 दिसंबर के करीब प्रदेश में अगली सरकार की विधिवत घोषणा हो जाएगी। 

-आयोग 13-14 को लेगा कलेक्टर-एसपी से जानकारी 
केंद्रीय आयोग, दिल्ली स्थित अपने कार्यालय से 13 व 14 अगस्त को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों से चुनाव संबंधी तैयारियों की जानकारी लेगा। दोपहर 3 बजे से होने वाली कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जयदीप गोविंद सहित अन्य अधिकारी भी शामिल होंगे। दो चरणों में होने वाली इस बैठक को संभागों के हिसाब से बांटा गया है। पहले दिन 13 अगस्त को चम्बल, ग्वालियर, सागर, जबलपुर, रीवा संभाग के सभी जिले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जोड़ अधिकारी दिल्ली के कॉन्फ्रेंसिंग हाल से जुड़ेंगे। वहीं दूसरे दिन 14 अगस्त को शहडोल, उज्जैन, इंदौर, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग के अंतर्गत आने वाले जिलों के अधिकारी कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोग के अधिकारियों से मुखातिब होंगे। 

-21 दिसंबर अनौपचारिक तारीख 
आयोग ने प्रदेश में चुनाव को लेकर तैयारियां तेज की हैं। नवंबर में चुनाव होंगे। क्रिसमस के आसपास प्रदेश में चुनाव परिणाम घोषित होने की संभावना है। 21 दिसंबर अनौपचारिक तौर पर दिनांक कही जा सकती है। 
जयदीप गोविंद, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी

नक्स ल प्रभावित पंचायतों में लगेगा इंटरनेट
इंट्रीग्रेटेड एक्शन प्लॉन के तहत नक्सल प्रभावित जिलों की 115 पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा इन पंचायतों में टेलीविजन सेट भी दिए जा रहे हैं। आवश्यकता है बिजली गुल होने पर सोलर पॉवर पैनल और डायरेक्ट टू होम (डीटीएच) की। सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार द्वारा इंट्रीग्रेटेड एक्शन प्लॉन के तहत यह राशि दी गई है। इस प्लान के तहत प्रदेश के दस जिले बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर, शहडोल, सिवनी, सिंगरौली, सीधी, उमरिया और छिंदवाड़ा आते हैं। लेकिन बालाघाट, मंडला और सिंगरौली जिलों के कई क्षेत्र नक्सल समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इस प्लॉन के तहत कुल 115 पंचायतों का चयन किया गया है। इन पंचायत भवनों को इंटरनेट से जोड़ा जा रहा है। इसका ठेका केंद्र द्वारा एक बड़ी कंपनी को दिया गया है। पंचायतों को नेट से जोड़ने के लिए नेटवर्किंग का काम शुरू किया जा रहा है। इसके अलावा इन पंचायतों को एक-एक कम्प्यूटर और एक-एक टेलीविजन सेट भी दिए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है। इंटरनेट और टेलीविजन उपलब्ध होने के बाद पिछड़े इलाकों के निवासियों में जागरुकता आएगी। साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला, बच्चों, आदिवासियों के लिए राज्य और केंद्र सरकार द्वारा संचालित तमाम योजनाओं की जानकारी से ये ग्रामीण अवगत हो सकेंगे। जिससे उनमें बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल के प्रति जागरुकता बढ़ेगी। टेलीविजन के माध्यम से उन्हें राज्य सरकार और भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं की नियमित जानकारी मिलेगी। राज्य सरकार इन पंचायतों में एक साल के डिस एंटीना की राशि स्वयं जमा करा दे, इसके बाद पंचायत और जागरुकता आने पर ग्रामीण स्वयं इस राशि का भुगतान करने लगेंगे।

गृहविहीन मतदाताओं के नाम मतदाता-सूची में शामिल कराने के निर्देश
भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को गृहविहीन मतदाताओं के नाम मतदाता-सूची में जोड़ने के निर्देश दिये हैं। आयोग के अनुसार गृहविहीन इन मतदाताओं में विदेश से आये व्यक्ति भी हो सकते हैं। गृहविहीन मतदाताओं की पूरी जानकारी बीएलओ (बूथ लेवल आॅफीसर) द्वारा एकत्रित करवाने को कहा गया है। इस जानकारी में उनका जन्म-स्थान, पूर्व तथा वतर्मान में रहने का स्थान आदि शामिल है। जानकारी के आधार पर ईआरओ उनके भारतीय नागरिक होने या न होने के बारे में निर्णय ले सकेगा। चुनाव संबंधी विधिक   प्रावधानों के अनुसार केवल भारतीय नागरिकों के नाम ही निर्वाचन नामावली में दर्ज करवाये जाते हैं। 


रैगिंग के आरोप मैनिट के 7 छात्र निलंबित

-प्रबंधन ने जांच में पाया दोषी, एक मामला निकला फर्जी 
दबंग रिपोर्टर, भोपाल।
मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (मैनिट) के 7 छात्रों एक साल के लिए निलंबित कर दिया है। प्रबंधन ने रैगिंग के आरोप में जांच के बाद इन्हें निलंबित किया है। वहीं रैगिंग की एक अन्य शिकायत को नाटकीय चिट्ठी करार दिया है। 
सोमवार को हुई इस कार्रवाई से पहले रविवार को भी कमला नगर थाना पुलिस मैनिट पहुंची थी। यहां उन्होंने छात्र-छात्राओं को रैगिंग न करने की हिदायद दी थी। ताजा घटनाक्रम में सोमवार देर शाम 7 विद्यार्थियों को निलंबित किया गया, जबकि रैगिंग के आरोप में 11 छात्र-छात्राओं को प्रबंधन ने दोषी माना था। दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है एक छात्र ने सोमवार को रैगिंग होने की शिकायत यूजीसी की एंटी रैगिंग हेल्पलाइन से की है। इसके बाद मैनिट प्रबंधन हरकत में आया। प्रबंधन से सोमवार को की गई शिकायत को पूरी तरह फर्जी करार दिया है। उल्लेखनीय है कि मैनिट में रैगिंग की लगातार यह तीसरी शिकायत है। इससे पहले शनिवार व रविवार को भी एक-एक शिकायत आ चुकी है। 

-नहीं मिली जानकारी 
रैगिंग के संबंध में अब तक पुलिस अपना राग अलाप रही है। उसका कहना है, इस मामले में कोई पुख्ता जानकारी हासिल नहीं हो सकी है। शनिवार को बी-टेक फर्स्ट ईयर के एक द्वारा यूजीसी में जो शिकायत की गई थी, उस संबंध में पुलिस ने हॉस्टल में जाकर छात्रों से बातचीत की, छात्र के पिता से भी इस संबंध में संपर्क किया, लेकिन उन्होंने किसी भी तरह के विवाद में न पड़ने की बात कही। 

-मैनिट पहुंचे टीआई 
मैनिट से लगातार आ रही शिकायतों के चलते सोमवार को कमला नगर थाना प्रभारी मनीष राज भदौरिया मैनिट कॉलेज पहुंचे। वहां उन्होंने हॉस्टलों में पेट्रोलिंग कर स्थिती का जायजा लिया। कॉलेज में सीटीजन कॉप के बोर्ड लगवाए। फिर कॉलेज के सभी सीनियर को समझाया और दोबारा शिकायत नहीं मिलने की हिदायत दी है। वहीं पुलिस ने कॉलेज के जुनियर छात्रों को भी कहां कि कोई भी रैगिंग लेता है, और कॉलेज में आपकी शिकायत दर्ज नही होती है तो उसकी रिपोर्ट थानों में भी कर सकते हो। 

-डायरेक्टर को दिया लेटर
थाना प्रभारी ने मैनिट डायरेक्टर अप्पू कुट्टन को लेटर भी दिया है और कहा है कि यहां पर सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएं। जैसे ही अंवैधानिक गतिविधियों का पता चले वैसे ही पुलिस को सूचना दे। 
 

विकास की पोल राजधानी में ही खुली भोपाल।

नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विकास की पोल राजधानी भोपाल में ही खुल गई जहां सरकारी अस्पतालों में जहां एक जननी और उसके बच्चे की मौत हो गई और अस्पताल के फर्स पर एक जननी का प्रसव हुआ। प्रदेश के स्वास्थ्य व्यवस्था के बदतर हालात का यह उदाहरण है। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि जन-आशीर्वाद यात्रा पर चल रहे मु यमंत्री शिवराज सरकार को धिक्कार है कि उनकी सरकार की नाक के नीचे राजधानी के दो अस्पतालों में इलाज और सुविधाओं का इतना अभाव है कि एक जननी की मौत और उसके बच्चे की मौत हो जाती है और दूसरे की अस्पताल के बरामदे में ही प्रसव हो जाता हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि शिवराज सरकार के सारे दावे और विकास की पोल राजधानी मे ही खुलती है। यहां गंभीर यह है कि जब राजधानी में ये हालात हैं तो प्रदेश के दूर-दराज क्षेत्रों में बदतर हालातों का अंदाजा आसानी से ही लग जाता है। 
निर्दोषों पर दर्ज प्रकरण वापस हो:
नेता प्रतिपक्ष ने सतना में ट्रक द्वारा कुचलने से सात लोगों की मौत होने के बाद निर्दोष लोगों, आम नागरिकों पर बलवा के दर्ज प्रकरणों को वापिस लेने की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष ने अपने पत्र में मु यमंत्री से मांग की कि आम नागरिकों  पर दर्ज प्रकरण तत्काल वापस हो, दोषियों  पर कायर्वाही हों, मृत लोगों के परिजनों को 5-5 लाख रूपये का मुआवजा दिया जाए। जिन मृत लोगों पर पूरे परिवार के भरण पोषण की जि मेदारी हो उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए। 

रघुवंशी समाज को चाहिए विधानसभा की 18 सीटे

राजनीतिक संवाददाता, भोपाल
जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव का समय पास आता जा रहा है वैसे ही प्रदेश में कार्यरत विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों से टिकटों की मांग बढ़ गई है। इसी तारत य में अखिल भारतीय रघुवंशी महासभा ने भी मप्र के 12 जिलों की 18 विधानसभा सीटों के लिये रघुवंशी समाज से प्रत्याशी बनाये जाने के लिये भाजपा और कांग्रेस से अनुरोध करेगा। उक्त निर्णय महासभा की रविवार को संपंन्न प्रबंध कायर्कारिणी तथा जिलाध्यक्षों की बैठक में लिया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष हजारी लाल रघुवंशी की   अध्यक्षता में हुई बैठक में विस्तार से इस बारे में विचार विमर्श किया गया। बैठक में आम राय व्यक्त की गई कि इन जिलों में रघुवंशी समाज की सं या को देखते हुए यह जरूरी है कि प्रदेश के दोनों राजनैतिक दल समाज की भावनाओं को समझते हुए उसका स मान करें और समुचित टिकिट प्रदान करें। बैठक में यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अनुरोध किया जाये कि रघुवंशी समाज को अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में शामिल करने का तत्काल निर्णय करें। पूर्व में रामजी महाजन आयोग और सरदार सिंह डंगस की अध्यक्षता में गठित पिछड़ा वर्ग आयोग ने रघुवंशी समाज को पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की सिफारिश की थी तथा राज्य मंत्री परिषद के सामने 12वीं विधानसभा के कायर्काल में एक प्रस्ताव भी विचारार्थ प्रस्तावित किया गया था। बैठक में कायर्कारी अध्यक्ष पीएस रघुवंशी, उमाशंकर रघुवंशी, हरिशंकर सिंह रघुवंशी, शिववरण सिंह रघुवंशी, कल्याण सिंह रघुवंशी, रमेश कुमार सिंह चौधरी, अशोक रघुवंशी, मनोज रघुवंशी, चन्दू सिंह रघुवंशी, आदि उपस्थित थे।

-यह सीटे चाहिए:
विदिशा, गंजबासौदा, शमशाबाद, सिलवानी, उदयपुरा, सिवनी मालवा, सोहागपुर, छिन्दवाड़ा, चौरई, तेंदूखेड़ा, इंदौर शहर, धार, खरगौन, ब हौरी, चाचौड़ा, मुगावली, शिवपुरी, मुलताई विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं जहां रघुवंशी समाज के प्रत्याशी बनाये जाना चाहिये। मप्र विधानसभा में सामान्यत: 4 से लेकर 6 तक रघुवंशी समाज के विधायक रहे हैं और 13वीं विधानसभा में भी 1 कांग्रेस से और 1 भाजपा से समाज के विधायक हैं। 

गोविंद गोयल बनाये गये रेल मंत्रालय की राष्ट्रीय स्तर की समिति के सदस्य

राजनीतिक संवाददाता, भोपाल
केंद्रीय रेल मंत्री मलिकार्जुन खरगे ने यात्रियों की सुविधा की देखरेख के लिए राष्ट्रीय स्तर की 'यात्री सुविधा समितिझ् का पुनर्गठन किया है। इस सात सदस्यीय समिति में रेल मंत्रालय ने प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री गोविंद गोयल को सदस्य नियुक्त किया है। आपका कायर्काल दो वर्ष का रहेगा। रेलवे स्टेशनों और रेलगाडि?ों में रेल यात्रियों की सुविधाओं एवं यात्रियों के प्रति शिष्टाचार आदि की जांच कर बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना इस यात्री सुविधा समिति का मु य कार्य है।  रेल मंत्रालय की यात्री सुविधा समिति में मध्यप्रदेश से नियुक्त किये गये गोविंद गोयल एक मात्र सदस्य हैं। गोयल की सामाजिक, व्यावसायिक एवं राजनीतिक दीघर्कालीन सेवाओं को देखते हुए भारत सरकार द्वारा उन्हें इस पद पर नियुक्ति प्रदान की गई है। यह राष्ट्रीय स्तर की जि मेदारी सौंपी जाने पर गोयल ने रेल मंत्री मलिकार्जुन खरगे तथा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव दिग्विजयसिंह का आभार माना है। आपने यात्री सुविधा समिति के सदस्य के रूप में रेल सेवाओं को और बेहतर, सुसज्जित तथा सुविधाजनक बनाने और यात्रियों के हितों की देखरेख हेतु हर संभव प्रयास करने का संकल्प व्यक्त किया 

'तुलसी पर्वझ् का आयोजन, भोपाल

तुलसी जयंती के उपलक्ष्य में मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय द्वारा 13 व 14 अगस्त को दो दिवसीय भक्ति संगीत संध्या 'तुलसी पर्वझ् का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय लक्ष्मीकांत शर्मा, मंत्री, संस्कुति, जनस पर्क, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा विभाग, मध्यप्रदेश द्वारा 13 अगस्त को सायं 7 बजे किया जायेगा। 13 अगस्त को श्रीमती वन्दना मिश्रा, फैजाबाद द्वारा अवधी लोकगायन में श्रीराम की महिमा का बखान किया जायेगा। 14 अगस्त को इन्दौर कि सुश्री आभा-विभा चौरसिया द्वारा संत तुलसीदाद के पदों की प्रस्तुति दी जायेगी। कार्यक्रम का लक्ष्य भक्ति काल और समपर्ण से आत्म को जागृत करने की विधिओं और उसके प्रमाणों से जन समान्य को अवगत कराने हैं। यह आयोजन संग्रहालय परिसर में सायं 7 बजे से प्रारंभ किये जाऐगें। आयोजन में प्रवेश नि:शुल्क रहेगा।

तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन, भोपाल

मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय जनजातीय दिवस पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन रविवार को जनजातीय वर्षा गीत एवं नाट्य संगीत तथा भोजपुरी गायन से हुआ। कार्यक्रम के तीसरे व समापन दिवस सांस्कृतिक संध्या में मध्यप्रदेश के कोरकू, गोण्ड और भील जनजाति के कलाकारों ने जीवन और पर परा से जुड़े गीतों की प्रस्तुति दी । जनजातीय गीतों में बुआई, निंदाई, गुड़ाई, ब बुलिया, दादरा, ददरिया, करमा, रीना, सैला आदि विविधापूर्ण गीतों की सुमधुर प्रस्तुति से श्रोताओं का मन मोह लिया। जनजातीय अधिकारों की रक्षा और उनकी पर परा के संरक्षण के प्रति विश्व समुदाय में चेतना जागृत करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 9 अगस्त को अन्तर्राष्ट्रीय जनजातीय दिवस मनाया जाता है। इस महत्वपूर्ण और सजगता के संवाहक दिवस को समारोहित करने के उद्देश्य से जनजातीय संग्रहालय में पिछले तीन दिनों से विविध कलानुशासनों की गतिविधियाँ संयोजित की गई। जनजातीय चित्रांकन के क्षेत्र में सक्रिय वरिष्ठ चित्रकारों के चित्रों पर एकाग्र प्रदशर्नी 'सृष्टिझ्, जनजातीय बच्चों में पार परिक चित्रांकन के प्रति रूचि जागृत करने तथा उन्हें उनकी ही पर परा से अवगत कराने के उद्देश्य से संयोजित 'चिन्हारीझ् चित्रांकन कायर्शाला में लगभग 30 बच्चों ने अपनी दृष्टि से संग्रहालय को वॉटर, फेवरिक रंगों के माध्यम से चित्रांकित किया।

गेहूं बेचने आओ, मुफ्त में ठहरों और खाओ

-कान्हासैया में हुआ जिला किसान सम्मेलन, किसानों के लिए कई सौगात 
भोपाल। 
किसानों मंडी में गेहूं बेचने पर प्रदेश सरकार द्वारा प्रति क्विंटल डेढ़ सौ रुपए बोनस पहले ही दिया जा रहा है। अब अन्नदाता को यहां ठहरने, खाने और स्वल्पाहार का कोई शुल्क नहीं देना होगा। यह बात कान्हासैया में रविवार को आयोजित भाजपा के जिला किसान सम्मेलन में किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीलाल गुर्जर ने कही। वे यहां बतौर मुख्य अतिथि मंच पर थे। उन्होंने कहा, किसानों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का हर स्तर पर हर संभव लाभ दिया जाएगा।   मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की मंशा अनुसार ही भाजपा की किसान हितैषी योजनाओं की जानकारी गांव-गांव में पोलिंग बूथ स्तर तक दिए जाने के निर्देश मोर्चा कार्यकर्ताओं को दिए। सम्मेलन में करीब 1200 से अधिक किसान कार्यकर्ता उपस्थित थे। इन कार्यकर्ताओं को मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज जोशी तथा राममोहन बघेल, महामंत्री संदीप पटेल, भाजपा जिला महामंत्री कामताप्रसाद पाटीदार, गोपालसिंह मीणा और रमेश वर्मा, पूर्व मंडी अध्यक्ष भागीरथ पाटीदार व किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष राजकुमार राजपूत ने संबोधित किया। 
सम्मेलन कार्यक्रम मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष सूबेदार सिंह, जिला प्रभारी गोविंद सिंह चौहान, भाजपा जिला कार्यालय मंत्री विनोद पाटीदार, किसान मोर्चा कार्यालय मंत्री गिरधारीलाल पाटीदार, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य पदमसिंह ठाकुर, मोर्चा उपाध्यक्ष देशराज मीणा, महामंत्री दयालसिंह ठाकुर, दिनेश दांगी, भाजपा मंडल अध्यक्ष बालाराम मीणा, तीरथसिंह मीणा, अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ अध्यक्ष कैलाश दिवाकर सहित स्थानीय लोग मौजूद थे। 


5 फिल्में बनी, खाते में आए नहीं 50 हजार भी

-नगर निगम को नियम के बावजूद नहीं मिली राशि 
-निजी संस्थान के भीतर शूटिंग बता, लगाया जा रहा चूना 
भोपाल। 
बीते तीन माह में शहर में पांच फिल्में शूटिंग हुर्इं, लेकिन नगर निगम के खाते में नियम होने के बावजूद 50 हजार भी आ सके हैं। ऐसा निर्माता और निर्देशकों द्वारा इंडोर शूटिंग दिखा आउटडोर शूटिंग किया जाना है। 
शूटिंग करने के लिए नगर निगम उपभोक्ता प्रभार शुल्क वसूलता है। यह नियम नगर निगम ने 10 मार्च को एमआईसी की बैठक में लागू किया था। हालांकि इसके लागू होने के बाद करीब आधा दर्जन फिल्म और दर्जन भर से अधिक टीवी सीरियल की शूटिंग हो चुकी है। दूसरा निगम कर्मचारियों द्वारा छवि निर्माण को लेकर मॉनिटरिंग नहीं किया जाना है, ऐसे में राजस्व का नुकासान होना लाजमी है। 

-यह था प्रस्ताव
10 मार्च को एमआईसी बैठक में प्रस्ताव लाया गया था। सदस्यों ने कहा था, शहर में फिल्म व टीवी सीरियल की शूटिंग सार्वजनिक स्थान पर होने स्थानीय विकास शुल्क वसूला जाना चाहिए। इस राशि का उपयोग शहर के विकास में किया जाएगा। बैठक में सदस्यों ने कहा था, शूटिंग के लिए पर्यटन विभाग और अन्य विभाग टैक्स ले रहे हैं, लेकिन इस राजस्व की प्राप्ति नगर निगम को नहीं हो रही है। इसके बाद प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया कि अगर किसी फिल्म की शूटिंग किसी निजी संस्थान में भीतर की जाती है तो टैक्स नहीं लिया जाएगा। साथ ही इस बात का भी उल्लेख किया था कि निगम इस टैक्स के बदले निर्माताओं को सुविधाएं भी दी जाएंगी। 

-जारी है शूटिंग 
शहर के कई इलाकों में शूटिंग जारी है। चौक-चौराहे से लेकर आॅफिस और प्रतिष्ठान में यूनिटें जमी हैं। नगर निगम को फिर भी टैक्स नहीं मिल पा रहा है। जानकारों की मानें तो निर्माता-निर्देशकों ने इस नियम का तोड़ निकाल लिया है। वह निजी संस्थान में शूटिंग करने की परमीशन ले रहे हैं और इंडोर के साथ आउटडोर शूटिंग भी कर रहे हैं। मार्च में नियम बनने के बाद इन तीन माह में केवल 48 हजार रुपए ही खाते में आ सके हैं। 

-आकृषित करता है भोपाल 
भोपाल का बड़ा तालाब, कश्मीर की डल झील सी दिखती है। वहीं वीआईपी रोड से इसका नजारा वादियों से घिरा होने से किसी विदेशी स्थान जैसा प्रतीत होता है। साथ ही छोटी झील, केरवा डेम, इस्लाम नगर, वोट क्लब, कोहेफिजा, गौहर महल, इकबाल मैदान, सदर मंजिल, शौकत महल, नूर-उस-सबा, मोती मस्जिद, ताजुल मसाजिद, भारत भवन, चिकलौद सहित कई ऐसे स्थान हैं जहां लगातार शूटिंग का दौर जारी रहता है। 

-तीन माह में इनकी शूटिंग
- बाबूजी एक टिकट 
- चोर बाजारी
- वाह ताज
- सीरियल्स
- एॅड फिल्मस 

16 से टेबल पर जम सकती हैं फाइलें

-बाबूओं के हड़ताल पर जाने के बन रहे आसार 
-मांगों पर अमल न होना सबसे बड़ा कारण 
भोपाल। 
मंत्रालय से लेकर जिला, निगम और तहसील स्तर के कार्यालयों में एक बार फिर फाइलें टेबर जम सकती हैं। तृतीय श्रेणी कर्मचारियों ने स्पष्ट संकेत दे दिया है। उनकी विभिन्न मांग पूरी न होने पर 16 से हड़ताल पर जाएंगे। 
इसके लिए सभी संगठनों ने हामी भर दी है। संगठनों का कहना है, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव के आश्वासन के बाद हड़ताल स्थगित की थी। 15 अगस्त से पूर्व विभिन्न मांगे मान लिए जाने की बात कही थी। विभिन्न संगठनों   के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट कर दिया है। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष एमएल मिश्रा ने कहा, मांग मान लिए जाने के संबंध में अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है, लिहाजा 16 हड़ताल की तरफ रुख किया जाएगा। 

-तब हुआ था ये 
उल्लेखनीय है कि पिछले माह 4 जुलाई से लिपिक कर्मचारी अनिश्तिकालीन हड़ताल पर डटे थे। 26 जुलाई, शाम 4 बजे हड़ताल मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव से मुलाकात और उनसे मिले आश्वासन के बाद हड़ताल खत्म कर दी थी। इससे पहले दोपहर में मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कमर्चारी संघ के बैनर तले लिपिकों ने बोर्ड आफिस चौराहे पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। 

-नाराजगी का यह कारण
सरकार द्वारा निर्धारित कुल 140 कैडर में लिपिकों को छोड़कर अन्य 139 कैडर के कमर्चारियों को 1981 में चौधरी वेतन आयोग की सिफारिश पर वेतनमान 515-840 का लाभ दिया गया था। इसमें लिपिकों के अन्य संवर्ग शिक्षक, पटवारी, आरक्षक, पशु चिकित्सा क्षेत्र सहायक और वनपाल के पद प्रमुख है लेकिन लिपिकों का वेतनमान 169-300 बना रहा। तबसे चली आ रही यह विसंगति दूर नहीं हुई है। कमर्चारियों की नाराजगी का यहीं सबसे बड़ा कारण है। 

कहां कितने है क्लर्क 
विभाग संख्या 
राजस्व 20 हजार
पीडब्ल्यूडी 8 हजार
पीएचई 8 हजार
स्वास्थ्य 7 हजार
उच्च शिक्षा 4 हजार
सतपुड़ा 1500 
विंध्याचल 1500
राजधानी में तृतीय वर्ग कर्मचारियों की संख्या 26,977

-...तो जाएंगे हड़ताल पर 
मांगों का क्या हुआ, किस दिशा में काम हुआ इस बारे में शासन से अभी किसी प्रकार का अभिमत प्राप्त नहीं हुआ है। हालांकि उम्मीद है एक दो दिन में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं होता है तो हड़ताल पर जाना ही एक चारा है कर्मचारियों का। 
एमएल मिश्रा, प्रांतीय अध्यक्ष, मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ 

कभी भी हो सकता है टंकी हादसा

-निगम सीमा में 35 टंकियां और 204 मकान जर्जर, नगर निगम ने अब तक नहीं की कार्रवाई 
भोपाल। 
18-19 नवंबर, 2012 की दरमियानी रात हुए सार्इंबाबा नगर टंकी हादसा शहर में दोबारा कभी भी हो सकता है। एक साल पहले नगर निगम ने अपनी सीमा की 37 टंकियों को जर्जर घोषित किया था। इसमें से 35 अभी भी खड़ी हुई हैं। टंकियों के आसपास बसे लोग सदमे में हैं, लेकिन निगम इन्हें नस्ते नाबूत करने की घोषणा करने के बाद भूल गया। 
शहर में लगातार बारिश जारी है। ऐसे में कुछ टंकियों से सीमेंट और कंकरीट गिरने लगा है। ऐसा जुम्मेराती और जाहंगिराबाद की टंकियों में देखा जा रहा है। इससे हादसे की संभावना भी बढ़ गई है। बीते साल नवंबर में हुए हादसे में 7 लोग मारे गए थे। यह टंकी जर्जर थी, जिसे जांच में ठीक बताया था। जांच होने पर 37 टंकियों को जर्जर घोषित किया। इसके बाद सिलसिले वार टंकियां गिराने का दौर शुरु हुआ। पहले छोला स्थिति टंकी को गिराया, फिर आनंद नगर की टंकी गिराने निगम अमला सहित फिस्फोट एक्सपर्ट पहुंचे, लेकिन यहां हादसा हो गया। जिसमें कईयों को चोट आई। नगर निगम ने आगे की कार्रवाई रोक दी। इसके बाद से निगम ने किसी भी टंकी व भवन को छेड़ा ही नहीं। 

-यहां ज्यादा खतरा 
जिन टंकियों से लोगों ज्यादा खतरा दिख रहा है। उसमें इतवारा, जाहंगिराबाद और जुमेराती की टंकियां शामिल है। जाहंगिराबाद टंकी के नीचे बने वार्ड कार्यालय को तत्कालीन नगर निगम कमिश्नर रजनीश श्रीवास्तव ने हटवाया था। उनके जाने के बाद वार्ड कर्मचारी अब भी यहीं बैठे दिखाई देते हैं। इसी तरह शहर के जुमेराती की टंकी की बात करें तो इसकी हालत बहुत खराब है। हालांकि इसमें पानी सप्लाई नहीं होता, लेकिन कब भर भराकर गिर जाए इसका भी भरोसा नहीं, जबकि यह मैन थोक आटा, दाल-चाल की दुकानों के नजदीक है। टंकी के बगल से तीन मंजीला मकान लगा हुआ है। इसी प्रकार शहर के अन्य स्थानों की भी यही दुरदशा है। 


-इनकी हालत खराब 
ईदगाह हिल्स, शाहजनांबाद, जेपी नगर, पुतली घर, शांति नगर, इतवारा, बस स्टैंड, दुर्गा नगर, कोटरा सुल्तानाबाद, जवाहर चौक, शास्त्री नगर, शाहजहांनी पार्क, अशोका गार्डन ए-सेक्टर, अहाता कल्ला शाह, अभिरूचि परिसर, पुरानी गल्ल मंडी, पद्यनाभ नगर, ग्यारह सौ क्वार्टर, चार इमली, अरेरा कॉलोनी स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, ई-6 अरेरा कॉलोनी, महिष्मति कॉ प्लेक्स, शक्ति नगर पंचवटी, इंद्रपुरी बी-सेक्टर, सोनागिरी ए और बी सेक्टर, गैस राहत कॉलोनी की टंकियां। इसी के साथ मैनिट, बिड़ला मंदिर और ईदगाह हिल्स स्थित भूमिगत टंकियों निगम ने जांचा था। यह भी जर्जर मिली हैं। 

नई टंकियां बनने के बाद होगी कारर्वाई
शहर में इस समय नगर निगम लारा 62 टंकियों का निर्माण किया जा रहा है जिनके जल्द ही पूरा होने की उ मीद है। यदि ऐसा हुआ तो निगम पुरानी टंकियों को जमींदोज करने की कारर्वाई तेज कर देगा। कई स्थान ऐसे हैं, जहां नई टंकी से जलप्रदाय शुरु हो गया है। इनमें कोटरा सुल्तानाबाद की टंकी भी शामिल है। जबकि यहां पुरानी टंकी अभी भी मौजूद है जिसे गिराने की मांग लोग कर रहे हैं। इसी तरह इब्राहिमपुरा की टंकी का निर्माण भी पूरा हो चुका है और इसकी टेस्टिंग भी हो गई है। 

कहां क्या स्थिति 
-16 जर्जर (इसका विकल्प तैयार नहीं, इन्हें गिराना मुश्किल)
- 5 बेहद जर्जर (इनमें से दो ही तोड़ी गई)
- 16 टंकियों को रिनोवेशन के बाद काम में लिया जा सकता है।
- अधिकांश टंकियों के नीचे जमा है पानी
- 6 टंकियों का पानी और समय के साथ जमीन की तरफ झुकाव हो गया है। 
- पिलर से सीमेंट और बोल्डर उखड़ रहा है। ऐसी दर्जन भर टंकियां हैं। 

-204 भवन पूरी तरह जर्जर 
शहर में 204 भवन पूरी तरह जर्जर घोषित किए जा चुके हैं। इन मकान मालिकों को नगर पालिक अधिनियम की धारा-309 एवं 310 के अंतर्गत भवन तोड़ने का नोटिस दिया जा चुका है। धारा-310 के अंतर्गत जिन मालिकों को नोटिस दिया जाता था, उन्हें अपने भवनों को तोड़ना ही होता था। लेकिन कई सालों से रस्म अदायगी करते आ रहे अधिकारियों ने एक बार फिर नोटिस थमाकर पल्ला झाड़ लिया। धारा 309 का नोटिस 22 भवनों के 68 रहवासियों को दिया गया था, जबकि 310 का नोटिस 204 भवनों के 227 रहवासियों को दिए गए थे। 

-बारिश खत्म होते ही कार्रवाई 
बारिश के मौसम में कार्रवाई कर पाना संभव नहीं है। जिन टंकियों और भवनों को जर्जर घोषित किया गया है। उन्हें तोड़ने का काम बरसात के खत्म होने के साथ किया जाएगा। नगर निगम इसके लिए तैयार है। 
विशेष गढ़पाले, आयुक्त, नगर निगम 
 

शुक्रवार, 9 अगस्त 2013

नगरीय निकायों में 24 घंटे मिलेगी सेवाएं

ई गवर्न होंगे 360 नगरीय निकाय
भोपाल की सफलता के बाद प्रदेश भर में लागू होगी योजना 
परियोजना में खर्च होंगे 125 करोड़ 
प्रशासनिक संवाददाता,भोपाल 
राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी 360 नगरीय निकायों को ई गवर्न करने का फैसला किया है। नई व्यवस्था लागू होने के बाद नगरीय निकायों से चलने वाली सभी आवश्यक सेवाएं आॅनलाइन कर दी जाएगी। इस पूरी परियोजना में 125 करोड़ रुपए खर्च किए जाएगे। 
गौरतलब है कि इस योजना को सबसे पहले भोपाल नगर निगम में प्रायलट प्रोजेक्ट के रुप में लागू किया गया था। नगर निगम में योजना के सफल क्रियान्वयन के बाद राज्य शासन ने इसका विस्तार करते हुए पूरे प्रदेश में लागू करने का निर्णय लिया है। 
क्या है योजना 
प्रदेश में 360 नगरीय निकायों को एक ही रूप में , एक ही एप्लीकेशन पर लाये जाने के लिए ई -नगर पालिका परियोजना लागू किये जाने का निर्णय लिया गया है। यह परियोजना ब्रिटिश सरकार के डिपाटर्मेंट फॉर इंटरनेशनल डेव्हलपमेंट (डीएफआईडी) के सहयोग से लागू की जायेगी। परियोजना पर 125 करोड़ खर्च होंगे। इसके लिये नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा टेण्डर की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। 
क्या होगा लाभ 
प्रदेश में अधिक से अधिक नगरीय सेवाओं को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत लाये जाने के उद्देश्य से नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी की सहायता से यह पहल की जा रही है। परियोजना लागू होने के बाद स पत्ति-कर, जल-कर, जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र और विवाह पंजीयन जैसी आवश्यक सेवाओं को आॅनलाइन किया जायेगा। ई-गवर्नेंस की सबसे बड़ी खासियत यह रहेगी कि नागरिकों को 24 घंटे सातों दिन बगैर अवकाश के यह सुविधाएँ निरंतर रूप से मिलती रहेंगी। इन सेवाओं के अलावा नागरिक नगरीय निकायों के शुल्क एवं कर के भुगतान भी आॅनलाइन घर बैठे कर सकेंगे। इसके लिये नागरिकों को ई-गवर्नेंस में पेमेंट गेटवे की सुविधा उपलब्ध करवाई जायेगी। नगरीय निकायों को स्वॉन नेटवर्क के जरिये स्टेट डाटा सेंटर से जोड़ा जायेगा। इस सुविधा का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि नगरीय निकाय के आंकड़ों का उपयोग उनकी योजना बनाने में किया जा सकेगा। नगरीय निकायों को उपलब्ध करवाई जा रही इस प्रणाली को ज्योग्राफिकल इन्फार्मेशन सिस्टम (जीआईएस) से भी जोड़ा जायेगा। प्रदेश में 360 नगरीय निकाय में 14 नगर निगम, 100 नगर पालिका परिषद, 246 नगर परिषद हैं।
भोपाल में चल रहा यूनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन सिस्टम
ई-गवर्नेंस को पॉयलेट प्रोजेक्ट के रूप में नगर निगम भोपाल में यूनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन सिस्टम (एमएएस) के रूप में लागू किया गया है। इसके तहत नगर निगम की समस्त कार्य-प्रणाली क प्यूटरीकृत की गई है। परियोजना लागू होने से नागरिकों को अपने करों एवं शुल्कों के भुगतान की सुविधा आॅनलाइन प्राप्त हो गई है।