-जनसुनवाई में टीलाजमालपुरा के अर्जुमन ने लगाया आरोप
भोपाल।
कलेक्टर कार्यालय की जनसुनवाई में टीलाजमालपुरा निवासी अर्जुमन पत्नी लतीफ ने शिकायती आवेदन देते हुए जीवन रेखा अस्पताल के डॉक्टर फरीद शेख पर आरोप लगाया कि उसकी लापरवाही के कारण मेरी बेटी अपंग हो गई है। अर्जुमन ने कहा, मेरे परिवार में मेरे पति और तीन पुत्रियां हैं। सबसे बड़ी बेटी, महजबीन (12) हमीदिया अस्पताल में अपंगता से जूझ रही है। बेटी के विकलांग होने का कारण डॉक्टर द्वारा गलत इंजेक्शन दिया जाना है।
अर्जुमन ने बताया, बेटी के पैर के आॅपरेशन के लिए डॉ. फरीद शेख के अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां 15 अक्टूबर 2012 उसका आॅपरेशन हुआ। आॅपरेशन के बाद भी मेरी बेटी का पैर ठीक नहीं हुआ। इस पर मैंने बेटी को हमीदिया अस्पताल में दिखाया। हमीदिया के डॉक्टरों ने उसके पैर का एक्सरे किया। इसमें पता चला कि पैर की हड्डी को डा. शेख गलत जोड़ दिया है। इस कारण वह अपंगता की श्रेणी में आ गई है। हमीदिया के डाक्टरों का कहना है कि उसके पैर का दोबारा आॅपरेशन नहीं हो सकता। ऐसा होता है तो वह हमेशा के लिए अपंग हो जाएगी। लेकिन हम पुन: डॉ. शेख के पास गए और उनसे बात करी। इस पर डॉ. शेख ने कहा, अगर दोबारा आॅपरेशन होगा तो उसका खर्चा आपको ही देना पड़ेगा। हमने आॅपरेशन का खर्च देने के मना कर दिया, इस पर डॉ. शेख लड़ाई-झगड़े पर उतर आए। साथ ही इलाज से संबंधित फाइल को छीनने का भी प्रयास किया। मामले को सुन डिप्टी कलेक्टर जीएस धुर्वे ने निर्देश दिया कि डीआईजी या एसएसपी आवेदन पत्र की जांच करें। यदि डॉ. फरीद शेख की लापरवाही पाई जाती है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाए।
-निगम परेशान कर रहा विकलांग बहनों को
जनसुनवाई में दो विकलांग बहने शमा परवीन व मरियम पहुंची। उन्होंने कहा, जो पेंशन सरकार द्वारा प्रदान की जाती है उसको जोड़-जोड़कर उन्होंने अपना एक रोजगार का साधन खड़ा किया। जिससे जैसे-तैसे उनकी गुजर-बसर चल रही थी। लेकिन 23 जून 11 को उनके रोजगार के साधन यानी गुमठी को नगर निगम ने जब्त कर लिया। जब इसकी शिकायत निगम के उच्चधिकारियों से की गई तो उनकी गुमठी को रखवा दिया गया। लेकिन उसके बाद से आज दिनांक तक उनकी गुमठी को कई बार निगम अमले द्वारा जब्त किया जा चुका है। जिससे उनके समक्ष भूखों मरने की नौबत खड़ी हो गई है। यहीं नहीं, जब उनके पिता ने निगम अमले को कारर्वाई करने से मना किया तो उन लोगों ने न केवल अपशब्दों का प्रयोग किया बल्कि यहां तक कहा कि इससे अच्छा तो ये लड़कियां कोई और धंधा कर ले, रातों-रात अमीर हो जाएंगी। इस पर डिप्टी कलेक्टर जीएस धुर्वे ने निर्देश दिए कि नगर निगम आयुक्त मामले की
-नववधुओं नहीं मिल रहा गैस कनेक्शन
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना (प्रकोष्ठ) के जिला संयोजक विनोद पलया ने शिकायत में बताया, 13 मई 2013 को अक्षय तृतीया में राजधानी में जिन 1500 निर्धन कन्याओं का सामूहिक विवाह व निकाह किया गया था। उसमें नववधुओं को गैस कनेक्शन अब तक नहीं दिए गए हैं। इस कार्यक्रम में नगर निगम भोपाल की भी सहभागिता थी। निगम ने इस में किसी प्रकार की तेजी ही नहीं दिखाई। शादी के बाद से ही वर-वधु गैस एजेंसी, नगर निगम व सामाजिक न्यास विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। अपर कलेक्टर बंसत कुर्रे ने मामले को सुन निर्देश दिए कि उप संचालक पंचायत एवं सामाजिक विभाग जांचकर संबंधितों को शीघ्र गैस सिलेंडर की राशि प्रदान करें।
-कमिश्नरी में आए आठ आवेदन
कमिश्नर कार्यालय में आठ लोगों ने अपनी शिकायतें दी। उपायुक्त श्रीमती उर्मिला शुक्ला ने आवेदकों की सुनी। उपायुक्त श्रीमती शुक्ला ने समस्याएं सुन अधिकारियों को समस्याएं निराकरण के लिए निर्देश दिए। वहीं कलेक्ट्रेट में उन्यासी आवेदकों ने आवेदन दिए। कलेक्ट्रेट में अपर कलेक्टर बंसत कुर्रे व डिप्टी कलेक्टर जीएस धुर्वे ने आवेदकों की समस्याओं को सुना और अधिकारियों को निराकरण के सिलसिले में जरूरी निर्देश दिए।
-शुल्क के बावजूद नहीं हो रहा सत्यापन
जनसुनवाई में एडवोकेट सै. खालिद कैस ने अपने दिए आवेदन में शिकायत की कि कलेक्ट्रेट स्थित समाधान केंद्र में जाति प्रमाणपत्र आवेदन के साथ आवेदक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों पर जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा सत्यापन करने के लिए 20 रुपए का श्ुाल्क वसूल किया जाता है। इसके बावजूद कार्यालय में अधिकारी इतने व्यस्त रहते है कि शुल्क के बावजूद उनके द्वारा सत्यापन का कार्य नहीं किया जाता है। जिससे आवेदकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहीं नहीं,नोटरी द्वारा सत्यापित दस्तावेजों को भी अमान्य कर दिया जाता है। एडवोकेट खालिद कैस ने अपने दिए आवेदन में कलेक्टर से यह मांग की कि दस्तावेजों पर नोटरी सत्यापन को मान्य, रुपए 20 शुल्क की वापसी और राजपत्रित अधिकारी के सत्यापन की अनिवायर्तो को समाप्त करने के लिए जनहित में आदेश पारित करे।
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