बाल संप्रेक्षण गृह में जल्द ही बदलाव किए जाएंगे। महिला एवं बाल विकास विभाग ने यह निर्णय बीते दिनों यहां से भागे 11 बाल अपराधियों के बाद लिया है। संप्रेक्षण गृह में बच्चों और अन्य पर की गतिविधियों पर नजर रखने सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। साथ ही गार्डों की संख्या में भी इजाफा किया जाएगा।
महिला सशक्तिकरण आयुक्त कल्पना श्रीवास्तव ने यह बात संप्रेक्षण गृह को लेकर हुई एक बैठक में कही। उन्होंने बताया, पूर्णकालिक अधीक्षक की नियुक्ति व किशोक न्याय बोर्ड का गठन जल्द किया जाएगा। यह प्रक्रिया तेज की जा रही है। शासन की मंजूरी मिलते ही अधीक्षक के साथ बोर्ड का गठन होगा। बैठक में संप्रेक्षण गृह के प्रभारी अधिकारियों सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। बैठक में प्रभारी अधिकारियों ने आयुक्त श्रीमती श्रीवास्तव को बताया, संप्रेक्षण गृह में बच्चों पर लगातार निगरानी रखना असंभव काम है। सीसीटीवी की व्यवस्था होगी तो काफी हद तक सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता हो पाएगी। एक अधिकारी ने कहा, रात के समय केवल एक गार्ड रहता है, जोकि पर्याप्त नहीं है। कम से कम तीन गार्डों की आवश्यकता है। इसके बाद गार्डों की संख्या बढ़ाने पर निर्णय लिया। साथ ही संप्रेक्षण गृह के चारों ओर बनी बाउंड्रीवॉल की ऊंचाई और बढ़ाने को भी मंजूरी दी गई।
-दूसरी जगह शि ट होगा किचिन
जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी मोहिनी गेडाम ने बताया कि राजधानी के बाल संप्रेक्षण गृह में अलग-अलग आयु वर्ग के बच्चों को अलग-अलग रखने के लिए पीछे पड़ी खाली जगह पर अलग से कमरे बनवाए जा रहे हैं। बच्चों को कॉमन एरिया से अलग- रखने के इंतजाम किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त संप्रेक्षण गृह का किचित भी बाल अपचारी की पहुंच से दूर हो, इसके लिए उसे अन्य जगह शि ट किया जाएगा।
-जल्द भेजे पैनल के नाम
इधर किशोर न्याय बोर्ड के गठन की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। संभागायुक्त एसबी सिंह ने कलेक्टर से किशोर न्याय बोर्ड के लिए पैनल बनाकर उनके नाम जल्द भेजने के लिए कहा है। इन चुनिंदा नामों में से बोर्ड के सदस्यों को चुना जाएगा। वतर्मान में किशोर न्याय बोर्ड के गठित न होने से संप्रेक्षण गृह में बाल अपचारियों की सं या निरंतर बढ़ती जा रही है। वतर्मान में 36 की क्षमता वाले बाल संप्रेक्षण गृह में करीब 41 बाल अपचारी रह रहे हैं। यदि बोर्ड गठित होता है, तो यह सं या कम ही होती।
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