गुरुवार, 8 अगस्त 2013

शहर में नहीं नाइट स्टे होम , भोपाल

राजधानी में एक भी नाइट स्टे होम नहीं है। यही कारण है कि पुलिस को संदि?ध महिलाओं को रात में ठहराने के लिए महिला थाने भेजना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला हाल ही में पिपलानी थाने में आया। जहां एक महिला संदि?ध अवस्था में ब''चे के साथ पुलिस को मिली।

पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि उसका नाम सरिता है, वो विदिशा की रहने वाली है। हालांकि भोपाल कैसे पहुंची, यह बात बताने में महिला असमर्थ रही। इसके बाद पुलिस ने उसे जहांगीराबाद स्थित चैरिटी आॅफ मिशनरी स्नेह भवन में भेज दिया। वहीं, ब''चे को अस्थाई रुप से मातृछाया को सौंप दिया। इधर, सोमवार रात एमपी नगर पुलिस को भी जोन 1 में एक युवती मिली। वह न तो हिंदी जानती है और न ही अंग्रेजी। पुलिस ने रात में सुरक्षा प्रदान करने के लिए उसे महिला थाने भेज दिया। बाद में पुलिस ने दुभाषिए की मदद ली तो पता चला कि वो कर्नाटक के धनबाड़ा क्षेत्र से है। अब पुलिस उसे कर्नाटक भेजने की तैयारी में है। सीएसपी अरविंद खरे ने बताया कि हमेशा पुलिस को ऐसी स्थिति से दो-चार होना पड़ता है। महिलाओं को रात में रखने के लिए स्टे होम नहीं होने से परेशानी आती है। वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में उन्हें महिला थाने में भेजना पड़ता है।


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