-निगम सीमा में 35 टंकियां और 204 मकान जर्जर, नगर निगम ने अब तक नहीं की कार्रवाई
भोपाल।
18-19 नवंबर, 2012 की दरमियानी रात हुए सार्इंबाबा नगर टंकी हादसा शहर में दोबारा कभी भी हो सकता है। एक साल पहले नगर निगम ने अपनी सीमा की 37 टंकियों को जर्जर घोषित किया था। इसमें से 35 अभी भी खड़ी हुई हैं। टंकियों के आसपास बसे लोग सदमे में हैं, लेकिन निगम इन्हें नस्ते नाबूत करने की घोषणा करने के बाद भूल गया।
शहर में लगातार बारिश जारी है। ऐसे में कुछ टंकियों से सीमेंट और कंकरीट गिरने लगा है। ऐसा जुम्मेराती और जाहंगिराबाद की टंकियों में देखा जा रहा है। इससे हादसे की संभावना भी बढ़ गई है। बीते साल नवंबर में हुए हादसे में 7 लोग मारे गए थे। यह टंकी जर्जर थी, जिसे जांच में ठीक बताया था। जांच होने पर 37 टंकियों को जर्जर घोषित किया। इसके बाद सिलसिले वार टंकियां गिराने का दौर शुरु हुआ। पहले छोला स्थिति टंकी को गिराया, फिर आनंद नगर की टंकी गिराने निगम अमला सहित फिस्फोट एक्सपर्ट पहुंचे, लेकिन यहां हादसा हो गया। जिसमें कईयों को चोट आई। नगर निगम ने आगे की कार्रवाई रोक दी। इसके बाद से निगम ने किसी भी टंकी व भवन को छेड़ा ही नहीं।
-यहां ज्यादा खतरा
जिन टंकियों से लोगों ज्यादा खतरा दिख रहा है। उसमें इतवारा, जाहंगिराबाद और जुमेराती की टंकियां शामिल है। जाहंगिराबाद टंकी के नीचे बने वार्ड कार्यालय को तत्कालीन नगर निगम कमिश्नर रजनीश श्रीवास्तव ने हटवाया था। उनके जाने के बाद वार्ड कर्मचारी अब भी यहीं बैठे दिखाई देते हैं। इसी तरह शहर के जुमेराती की टंकी की बात करें तो इसकी हालत बहुत खराब है। हालांकि इसमें पानी सप्लाई नहीं होता, लेकिन कब भर भराकर गिर जाए इसका भी भरोसा नहीं, जबकि यह मैन थोक आटा, दाल-चाल की दुकानों के नजदीक है। टंकी के बगल से तीन मंजीला मकान लगा हुआ है। इसी प्रकार शहर के अन्य स्थानों की भी यही दुरदशा है।
-इनकी हालत खराब
ईदगाह हिल्स, शाहजनांबाद, जेपी नगर, पुतली घर, शांति नगर, इतवारा, बस स्टैंड, दुर्गा नगर, कोटरा सुल्तानाबाद, जवाहर चौक, शास्त्री नगर, शाहजहांनी पार्क, अशोका गार्डन ए-सेक्टर, अहाता कल्ला शाह, अभिरूचि परिसर, पुरानी गल्ल मंडी, पद्यनाभ नगर, ग्यारह सौ क्वार्टर, चार इमली, अरेरा कॉलोनी स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, ई-6 अरेरा कॉलोनी, महिष्मति कॉ प्लेक्स, शक्ति नगर पंचवटी, इंद्रपुरी बी-सेक्टर, सोनागिरी ए और बी सेक्टर, गैस राहत कॉलोनी की टंकियां। इसी के साथ मैनिट, बिड़ला मंदिर और ईदगाह हिल्स स्थित भूमिगत टंकियों निगम ने जांचा था। यह भी जर्जर मिली हैं।
नई टंकियां बनने के बाद होगी कारर्वाई
शहर में इस समय नगर निगम लारा 62 टंकियों का निर्माण किया जा रहा है जिनके जल्द ही पूरा होने की उ मीद है। यदि ऐसा हुआ तो निगम पुरानी टंकियों को जमींदोज करने की कारर्वाई तेज कर देगा। कई स्थान ऐसे हैं, जहां नई टंकी से जलप्रदाय शुरु हो गया है। इनमें कोटरा सुल्तानाबाद की टंकी भी शामिल है। जबकि यहां पुरानी टंकी अभी भी मौजूद है जिसे गिराने की मांग लोग कर रहे हैं। इसी तरह इब्राहिमपुरा की टंकी का निर्माण भी पूरा हो चुका है और इसकी टेस्टिंग भी हो गई है।
कहां क्या स्थिति
-16 जर्जर (इसका विकल्प तैयार नहीं, इन्हें गिराना मुश्किल)
- 5 बेहद जर्जर (इनमें से दो ही तोड़ी गई)
- 16 टंकियों को रिनोवेशन के बाद काम में लिया जा सकता है।
- अधिकांश टंकियों के नीचे जमा है पानी
- 6 टंकियों का पानी और समय के साथ जमीन की तरफ झुकाव हो गया है।
- पिलर से सीमेंट और बोल्डर उखड़ रहा है। ऐसी दर्जन भर टंकियां हैं।
-204 भवन पूरी तरह जर्जर
शहर में 204 भवन पूरी तरह जर्जर घोषित किए जा चुके हैं। इन मकान मालिकों को नगर पालिक अधिनियम की धारा-309 एवं 310 के अंतर्गत भवन तोड़ने का नोटिस दिया जा चुका है। धारा-310 के अंतर्गत जिन मालिकों को नोटिस दिया जाता था, उन्हें अपने भवनों को तोड़ना ही होता था। लेकिन कई सालों से रस्म अदायगी करते आ रहे अधिकारियों ने एक बार फिर नोटिस थमाकर पल्ला झाड़ लिया। धारा 309 का नोटिस 22 भवनों के 68 रहवासियों को दिया गया था, जबकि 310 का नोटिस 204 भवनों के 227 रहवासियों को दिए गए थे।
-बारिश खत्म होते ही कार्रवाई
बारिश के मौसम में कार्रवाई कर पाना संभव नहीं है। जिन टंकियों और भवनों को जर्जर घोषित किया गया है। उन्हें तोड़ने का काम बरसात के खत्म होने के साथ किया जाएगा। नगर निगम इसके लिए तैयार है।
विशेष गढ़पाले, आयुक्त, नगर निगम
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