-बाबूओं के हड़ताल पर जाने के बन रहे आसार
-मांगों पर अमल न होना सबसे बड़ा कारण
भोपाल।
मंत्रालय से लेकर जिला, निगम और तहसील स्तर के कार्यालयों में एक बार फिर फाइलें टेबर जम सकती हैं। तृतीय श्रेणी कर्मचारियों ने स्पष्ट संकेत दे दिया है। उनकी विभिन्न मांग पूरी न होने पर 16 से हड़ताल पर जाएंगे।
इसके लिए सभी संगठनों ने हामी भर दी है। संगठनों का कहना है, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव के आश्वासन के बाद हड़ताल स्थगित की थी। 15 अगस्त से पूर्व विभिन्न मांगे मान लिए जाने की बात कही थी। विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट कर दिया है। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष एमएल मिश्रा ने कहा, मांग मान लिए जाने के संबंध में अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है, लिहाजा 16 हड़ताल की तरफ रुख किया जाएगा।
-तब हुआ था ये
उल्लेखनीय है कि पिछले माह 4 जुलाई से लिपिक कर्मचारी अनिश्तिकालीन हड़ताल पर डटे थे। 26 जुलाई, शाम 4 बजे हड़ताल मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव से मुलाकात और उनसे मिले आश्वासन के बाद हड़ताल खत्म कर दी थी। इससे पहले दोपहर में मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कमर्चारी संघ के बैनर तले लिपिकों ने बोर्ड आफिस चौराहे पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
-नाराजगी का यह कारण
सरकार द्वारा निर्धारित कुल 140 कैडर में लिपिकों को छोड़कर अन्य 139 कैडर के कमर्चारियों को 1981 में चौधरी वेतन आयोग की सिफारिश पर वेतनमान 515-840 का लाभ दिया गया था। इसमें लिपिकों के अन्य संवर्ग शिक्षक, पटवारी, आरक्षक, पशु चिकित्सा क्षेत्र सहायक और वनपाल के पद प्रमुख है लेकिन लिपिकों का वेतनमान 169-300 बना रहा। तबसे चली आ रही यह विसंगति दूर नहीं हुई है। कमर्चारियों की नाराजगी का यहीं सबसे बड़ा कारण है।
कहां कितने है क्लर्क
विभाग संख्या
राजस्व 20 हजार
पीडब्ल्यूडी 8 हजार
पीएचई 8 हजार
स्वास्थ्य 7 हजार
उच्च शिक्षा 4 हजार
सतपुड़ा 1500
विंध्याचल 1500
राजधानी में तृतीय वर्ग कर्मचारियों की संख्या 26,977
-...तो जाएंगे हड़ताल पर
मांगों का क्या हुआ, किस दिशा में काम हुआ इस बारे में शासन से अभी किसी प्रकार का अभिमत प्राप्त नहीं हुआ है। हालांकि उम्मीद है एक दो दिन में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं होता है तो हड़ताल पर जाना ही एक चारा है कर्मचारियों का।
एमएल मिश्रा, प्रांतीय अध्यक्ष, मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ
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