-गैस पीड़ितों को लेकर गंभीर नहीं है सरकार
-सेंटर फॉर साइंस इनवायरमेंट की रिपोर्ट में चौकाने वाला खुलासा
-बैठक में ही नहीं पहुंचे जन प्रतिनिधि
कृष्णा पांडे, भोपाल।
3 दिसंबर 1984 का दर्दनाक हादसा अब भी लोगों के जहन में और कई इसकों सोचने भर से सिहर जाते हैं। लेकिन देखिए हमारी ही सरकार गैस पीड़ितों को स्वस्थ्य जीवन जीने नहीं देना चाहती। यूनियन कार्बाइड के कचरे के निष्पादन (खत्मे) और जमीन को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सेंटर फॉर साइंस इनवायरमेंट एनजीओं ने 24 अपै्रल को दिल्ली में बैठक की थी। जिसमें प्रदेश सरकार का कोई नुमाइदा बैठक में नहीं पहुंचा। इस बैठक में यूका से संबंधित सभी स्वयं सेवी संगठन, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) और कचरा उन्मूलन उद्योगों के विशेषज्ञ शामिल हुए। बैठक में युका से संक्रमित जमीन और भू-जल को यूका के कचरे मुक्त बनाने और वहां पडे जहरीले कचरे को समाप्त करने। प्लांट की मशीनरी और क्षेत्र के भविष्य की चर्चा हुई। इसमें यूका के कचरे को समाप्त करने के लिए एक रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट पेश की सेंटर फॉर साइंस इनवायरमेंट (सीएसई) ने। इसमें प्रदेश की राजधानी की यूका संक्रमित जमीन को संक्रमण मुक्त करने की योजना थी। बैठक में मप्र सरकार के प्रतिनिधियों, मंत्रियों और विधायकों को बुलाया गया था। लेकिन एक भी प्रतिनिधि उसमें नहीं पहुंचा।
इनको बुलाया था
यूका से जुड़ी गैर-सरकारी और सरकारी संगठन, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी), काउंसिल फार साइंटिफिक एंड इड्रस्टीयल रिसर्च (सीएसआईआर), नेशनल इनवायरमेंटल इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट(एनईईआरआई), नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनजीआरआई), इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ कैमिकल टेक्नोलॉजी (आईआईसीटी) और इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च, मप्र भोपाल गैस त्रासदी विभाग, मप्र स्वास्थ्य विभाग, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड मप्र।
यह है रिपोर्ट
सीएसई गौर-सरकारी संगठन ने गौर-सरकारी संगठन ने युका के क्षेत्र में काम कर रहे गैर-सरकारी संगठन, कचरा उन्मूलन उद्योगों के विशेषज्ञ शामिल, आईआईटी और केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड से 30 लोगों का पैनल बनाकर युका के कचरे का अध्यन किया। अध्यन में पता चला कि इन छोटी जगहों में पड़ 350 टन का कचरा है। इससे इस क्षेत्र की भूमि-जल और वायु में आज भी मरकरी, बैंजीन हेक्सा क्लोराइट, क्लोरिनेटिड बैंजीन, एल्टीकर्ब जैसे तत्वो का प्रभाव है।
एक्शन प्लान में
युका के कचरे को खत्म करने के लिए सरएसई ने एक्शन प्लान बनाया। इसमें संगठन ने प्लान को दो चरणों में विभाजित किया। पहल जिन पर तुरंत काम किया जाना है। दूसरा मध्य एवं लम्बी अवधी की योजना। पहले में पूरे क्षेत्र और सोलर पांड को अधिग्रहणकर उसमें तार बाणी लगाना। ताकि वहां लोग और खसतौर पर बच्चे न जा सके। क्षेत्र में जमा कचरे को निकारकर इसमें मौजूद रसायन को उनकी प्रकृति के अनुसार नष्ट करना। एक जगह में एकत्रित कचरे को नष्ट करना। वहीं दूसरे चरण में भूजल में जहरीले रसायनों का असर जानने के लिए अध्यप और प्रयोगशाला परीक्षण किए जाए। यका के प्लांट में वेंट,वेंट स्क्रबर, स्टोरेज टैंक और कंट्रोल रूम सहित एमआईसी प्लांग को प्रदूषण मुक्त करना। फिर उसमें पूरी बिल्डिंग में एक मेमोरियल और सेंटर आॅफ एक्सिलेंस फॉर इंडस्ट्रीयल डिजायर मैनेजमेंट की स्थापना।
युका प्लांट से 365 मोटर गायब
जहां एक ओर सरकार ने युका प्लांट में लोगों के जाने में पूरी तरह से प्रतिवंधित किया है। वहीं, युकां प्लांट में उपयोग होने वाली 370 में से 365 मोटरें चोरी हो चुकी हैं। इससे यह बात स्पष्ट होती है। कि युका में हर किसी का प्रवेश है
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