-क्रिसमस के आसपास सरकार हो जाएगी घोषित
भोपाल।
मप्र में इस बार दिसंबर में क्रिसमस के आसपास सरकार घोषित हो जाएगी। भारत निर्वाचन आयोग 17 सितंबर से प्रदेश में आचार संहिता लगाने के साथ तीन चारणों में मतदान कराने का निर्णय ले रहा है।
यह चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होंगे। आयोग से जुड़े खबरचियों की मानें तो तारीखों को लेकर अंतिम निर्णय इसलिए नहीं लिया गया, क्योंकि इन्हीं दो माहों में सबसे ज्यादा तीज व त्यौहार हैं। लिहाजा इसके चलते आयोग मतदान दिनांकों में ज्यादा लंबा अंतराल रख सकता है। दूसरी ओर उसके सामने पोलिंग बूथ से लेकर उच्च पदस्थ आॅफिसरों को इन दो माह की दिनांकों में पड़ने वाले त्यौहारों पर जाने की छूट देनी होगी। इस बात पर भी आयोग नजर रखे हुए है। हालांकि आयोग के किसी भी आधिकारिक अफसर ने इस बात की पुष्टी नहीं की है। सभी केवल चुनाव नवंबर-दिसंबर में पूरी तरह हो जाने की बात कर रहे हैं।
-18 से 29 नवंबर को चुनाव
शुरुआती अक्टूबर और नवंबर 15 तक तीज-त्यौहारों का दौर जारी रहेगा। उच्च पदस्थ अफसरों की माने तो इस डेढ़ माह को किनारे कर आयोग 18 से 29 नवंबर को बूथ लेवल पर मतदान करा लेगा। इन बारह दिनों में आयोग जमीनी स्तर पर पूरा काम निब्टा गिनती की प्रक्रिया में जुटेगा। 18 से 29 के बीच आयोग ने करीब पांच तारीखों का चयन मतदान के लिए किया है। इनमें 18, 20, 24, 27 और 29 शामिल है। वहीं 21 से 26 दिसंबर के करीब प्रदेश में अगली सरकार की विधिवत घोषणा हो जाएगी।
-आयोग 13-14 को लेगा कलेक्टर-एसपी से जानकारी
केंद्रीय आयोग, दिल्ली स्थित अपने कार्यालय से 13 व 14 अगस्त को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों से चुनाव संबंधी तैयारियों की जानकारी लेगा। दोपहर 3 बजे से होने वाली कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जयदीप गोविंद सहित अन्य अधिकारी भी शामिल होंगे। दो चरणों में होने वाली इस बैठक को संभागों के हिसाब से बांटा गया है। पहले दिन 13 अगस्त को चम्बल, ग्वालियर, सागर, जबलपुर, रीवा संभाग के सभी जिले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जोड़ अधिकारी दिल्ली के कॉन्फ्रेंसिंग हाल से जुड़ेंगे। वहीं दूसरे दिन 14 अगस्त को शहडोल, उज्जैन, इंदौर, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग के अंतर्गत आने वाले जिलों के अधिकारी कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोग के अधिकारियों से मुखातिब होंगे।
-21 दिसंबर अनौपचारिक तारीख
आयोग ने प्रदेश में चुनाव को लेकर तैयारियां तेज की हैं। नवंबर में चुनाव होंगे। क्रिसमस के आसपास प्रदेश में चुनाव परिणाम घोषित होने की संभावना है। 21 दिसंबर अनौपचारिक तौर पर दिनांक कही जा सकती है।
जयदीप गोविंद, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी
नक्स ल प्रभावित पंचायतों में लगेगा इंटरनेट
इंट्रीग्रेटेड एक्शन प्लॉन के तहत नक्सल प्रभावित जिलों की 115 पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा इन पंचायतों में टेलीविजन सेट भी दिए जा रहे हैं। आवश्यकता है बिजली गुल होने पर सोलर पॉवर पैनल और डायरेक्ट टू होम (डीटीएच) की। सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार द्वारा इंट्रीग्रेटेड एक्शन प्लॉन के तहत यह राशि दी गई है। इस प्लान के तहत प्रदेश के दस जिले बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर, शहडोल, सिवनी, सिंगरौली, सीधी, उमरिया और छिंदवाड़ा आते हैं। लेकिन बालाघाट, मंडला और सिंगरौली जिलों के कई क्षेत्र नक्सल समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इस प्लॉन के तहत कुल 115 पंचायतों का चयन किया गया है। इन पंचायत भवनों को इंटरनेट से जोड़ा जा रहा है। इसका ठेका केंद्र द्वारा एक बड़ी कंपनी को दिया गया है। पंचायतों को नेट से जोड़ने के लिए नेटवर्किंग का काम शुरू किया जा रहा है। इसके अलावा इन पंचायतों को एक-एक कम्प्यूटर और एक-एक टेलीविजन सेट भी दिए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है। इंटरनेट और टेलीविजन उपलब्ध होने के बाद पिछड़े इलाकों के निवासियों में जागरुकता आएगी। साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला, बच्चों, आदिवासियों के लिए राज्य और केंद्र सरकार द्वारा संचालित तमाम योजनाओं की जानकारी से ये ग्रामीण अवगत हो सकेंगे। जिससे उनमें बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल के प्रति जागरुकता बढ़ेगी। टेलीविजन के माध्यम से उन्हें राज्य सरकार और भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं की नियमित जानकारी मिलेगी। राज्य सरकार इन पंचायतों में एक साल के डिस एंटीना की राशि स्वयं जमा करा दे, इसके बाद पंचायत और जागरुकता आने पर ग्रामीण स्वयं इस राशि का भुगतान करने लगेंगे।
गृहविहीन मतदाताओं के नाम मतदाता-सूची में शामिल कराने के निर्देश
भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को गृहविहीन मतदाताओं के नाम मतदाता-सूची में जोड़ने के निर्देश दिये हैं। आयोग के अनुसार गृहविहीन इन मतदाताओं में विदेश से आये व्यक्ति भी हो सकते हैं। गृहविहीन मतदाताओं की पूरी जानकारी बीएलओ (बूथ लेवल आॅफीसर) द्वारा एकत्रित करवाने को कहा गया है। इस जानकारी में उनका जन्म-स्थान, पूर्व तथा वतर्मान में रहने का स्थान आदि शामिल है। जानकारी के आधार पर ईआरओ उनके भारतीय नागरिक होने या न होने के बारे में निर्णय ले सकेगा। चुनाव संबंधी विधिक प्रावधानों के अनुसार केवल भारतीय नागरिकों के नाम ही निर्वाचन नामावली में दर्ज करवाये जाते हैं।
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