सोमवार, 19 अगस्त 2013

आॅनलाइन से ज्यादा भरोसे मंद आॅफलाइन

-नगर निगम की हाईटेक व्यवस्था लोगों को पसंद नहीं 
भोपाल। 
नगर निगम ने राजस्व सहित अन्य टैक्स जमा करने आॅनलाइन व्यवस्था की थी, लेकिन लोगों का यह पसंद नहीं आ रही है। लोग लाइन में लगकर टैस जमा करना पसंद कर रहे हैं, बनसपत आॅनलाइन के। 
इसका पहला कारण घंटों कंप्यूटर पर माथापच्ची करना और दूसरा बीच में ही इस साइट का बंद होना बताया जा रहा है। शहरवासियों का मानना है, भले ही कतार में लगना पड़ता है, लेकिन थोड़ी दिक्कत होने के बाद भी टैक्स तो जमा हो ही जाता है। आॅनलाइन में आ रही दिक्कतों को लेकर निगम के आला अधिकारियों को भी शिकायतें की गई हैं। बावजूद इसके किसी प्रकार का हल अब तक नहीं निकला है। 

5 अगस्त को की थी शुरुआत 
नगर निगम भी हाईटेक होना चाहता है, लिहाजा 5 अगस्त को उसने टैक्स जमा करने आॅनलाइन व्यवस्था शुरू कर दी। काम शुरू भी हो गया, किंतु बिना तकनीकी टीम के। इस व्यवस्था के जरिए निगम का दावा किया कि अब जन्म से मृत्यु से लेकर विवाह पंजीयन और व्यावसायिक आवेदन भी आॅनलाइन हो सकेंगे। दूसरी ओर सच्चाई इन तमाम बातों से अलग है। आॅनलाइन व्यवस्था लोगों को समझ नहीं आ रही। हर्षवर्धन नगर निवासी सुखमणी मीणा ने बताया, निगम की वेबसाइट पर पोती का जन्म प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन पूरा भर दिया। इसे जब मैं सबमिट करने लगा तो कोई रिस्पांस ही नहीं मिला। आखिरकार मुझे सिस्टम बंद करना पड़ा। यही समस्या भरत नगर निवासी देवेंद्र मिश्रा ने बताई। 

मांग के बाद हुआ था काम 
नगर निगम अन्य विभागों की तर्ज पर आधुनिकता नहीं हो पा रहा है। इसको लेकर निगम परिषद की बैठकों में चर्चा हुई। साथ ही मांग उठी की उसे वक्त के साथ कदम मिलना चाहिए। शहरवासियों को लंबी कतारों से मुक्ति देने आधुनिक होने की जरूरत है। इसके बाद अगस्त शुरुआत में नई व्यवस्था शुरू की गई। नगर निगम प्रशासन ने आॅनलाइन व्यवस्था तो शुरू की पर वह विवादों और एक्सपर्टों की कमी में उलझ गया। 

-कारोबारियों को भी सुविधा 
आॅनलाइन व्यवस्था में निगम ने कारोबारियों को भी सुविधाएं दी हैं। इसके चलते व्यावसायिक लाइसेंस का आवेदन भी अब आॅनलाइन किया जा सकता है। साथ ही नल कलेक्शन भी आॅनलाइन हो गया है। आॅनलाइन सुविधा के लिए नेट पर भोपालबीएमसी टाइप करना होगा। नगर निगम प्रशासन ने इस वेबसाइट में एक कॉलम शिकायत का भी बनाया है। यदि शहर के किसी वार्ड या कॉलोनी के नागरिक को कोई असुविधा है और कुछ शिकायत हैं, तो वह भी घर बैठे ही अपनी अपनी शिकायत आॅनलाइन दर्ज करा सकते हैं। 

-2 माह और 4500 शिकायतें
दो माह नगर निगम को 4500 से ज्यादा शिकायतें मिली हैं। इसमें ज्यादातर बारिश के संबंध में है। जैसे घर में पानी भर रहा है...सीवेज लाइन चोक है... और सड़क पर पेड़ गिर गया है। इसमें सीवेज की शिकायतें तो प्रतिदिन निगम के कॉलसेंटर में दर्ज हो रही हैं। जून के बाद से शुरू हुई बारिश के सीजन में आंकड़े में प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। प्रतिदिन आने वाली शिकायतों का औसत 64 है। निगम सूत्रों की मानें तो बीते 70 दिनों में निगम के कॉलसेटर में 4540 शिकायतें दर्ज की गई। हकीकत में इन शिकायतों का निराकरण नहीं हुआ। इसकी वास्तविक स्थिति देने से अधिकारी भी बच रहे हैं। हालांकि कॉलसेंटर पर आने वाली कुछ समस्याओं का निराकरण तो हुआ है। उल्लेखनीय है कि हालही में कलेक्टर निशांत वरवड़े ने भी अर्धशासकीय पत्र जारी कर शिकायतें निब्टाने के आदेश दिए हैं। 


-वर्जन 
आॅनलाइन आवेदन किए जाने में कुछ दिक्कतें आ रही हैं, यह तकनीकी कमी के कारण है। इसे सुधारा जा रहा है। भोपाल बीएमसी वेबसाइट पर नवीन सुविधाएं भी अपलोड की गई हैं, जल्द ही इसका विस्तृत स्वरूप देखने को मिलेगा। नगर निगम की पूरी कोशिश है शहरवासियों की दिक्कतें कम हों। 
विशेष गढ़पाले, कमिश्नर, नगर निगम


-स्वास्थ्य विभाग की ज्यादा शिकायतें
नगर निगम से जुड़े अधिकारियों की मानें तो कॉलसेंटर पर स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी समस्याएं सर्वाधिक आती है। हालांकि इनके त्वरित निदान की व्यवस्था है। बावजूद इसके नाली, कचरा और सीवेज की समस्या कहीं-कहीं आमजनता की परेशानी का सबब बन जाती है। 
 

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