-एनआईसी के दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में बोले अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी
भोपाल।
नेशनल इन्फारमेशन सेंटर (एनआईसी) के अधिकारियों को दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार को आरसीपीवी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में शुरू हुआ। यहां अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांता राव ने कहा, कलेक्टर और रिटर्निंग आॅफिसर्स को पता होना चाहिए कि निर्वाचन संचालन प्रक्रिया में कौन-सा साफ्टवेयर इस्तेमाल हो रहा है।
उन्होंने यह भी कहा, प्रदेश में चुनाव के बेहतर संचालन के लिए निर्वाचन अधिकारियों को सूचना प्रौद्योगिकी की जानकारी होना चाहिए। वे यहां इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। कार्यक्रम में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जयदीप गोविन्द भी दोपहर के सत्र में शामिल हुए। 15 अक्टूबर तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश 51 जिले के एनआईसी अधिकारी शामिल हुए हैं। प्रत्येक जिले से एनआईसी के दो अधिकारियों को तकनीकी गुरु सिखाए जा रहे हैं। कार्यक्रम अतिथियों का स्वागत सहायक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आरएन सिंह ने किया। आभार व्यक्त उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी भारती ओगरे ने किया।
-ये दी जानकारी
श्री कांताराव ने कहा, नामांकन प्रक्रिया से मतगणना तक के कार्य में जिस सॉफ्टवेयर का उपयोग होगा, उसके हर पहलू की जानकारी निर्वाचन अमले को होनी चाहिए। एनआईसी ने जो सॉफ्टवेयर तैयार किया है, उसमें सभी विषय शामिल हैं। अब इसमें आचार संहिता को भी शामिल किया गया है। जिले के सीईओ कार्यालयों के 6 प्रोग्रामर की सेवाएं ली जा रही है। श्री कांताराव उन्होंने अधिकारियों से कहा, यदि वे किसी प्रकार का कोई बदलाव चाहते हैं, तो सुझाव दे सकते हैं। उन्होंने कहा, वे कलेक्टर को प्रशिक्षण संबंधी विस्तृत जानकारी दें। उन्होंने कलेक्टर्स को भी एनआईसी के भरोसे न रहने की सलाह देते हुए स्वयं को तकनीकी रूप से दक्ष होने को कहा। उन्होंने कलेक्टर्स से कहा है, वे समय-समय पर ई-मेल देंखे और चुनाव आयोग, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के दिशा-निर्देशों से अपडेट रहें।
यहां अधिकारियों को निर्वाचक नामावली प्रबंधन, जन शिकायतों का निवारण, नामांकन प्रक्रिया की निगरानी, ईवीएम ट्रेकिंग, निर्वाचन व्यय मानीटरिंग, वेब-कास्टिंग, मतदान दिवस की एसएमएस द्वारा निगरानी आदि की विस्तृत जानकारी दी गई।
-नए जिले आगर में भी तैयारी
निर्वाचन आयोग के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिषेक शर्मा ने पारदर्शी एवं निष्पक्ष चुनाव में आईटी की भूमिका महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, इस बार जिस सॉफ्टवेयर का उपयोग होगा, उसमें नन आॅफ दि एबव (नोटा) को भी शामिल किया गया है। स्टेट इन्फारमेटिक्स आॅफिसर एके सक्सेना ने कहा, एनआईसी 1997 से निर्वाचन कार्य में सहयोग दे रहा है। प्रदेश के नए जिले आगर-मालवा में भी एनआईसी का अमला तैनात रहेगा। इसकी पूरी व्यवस्था कर ली गई है।
भोपाल।
नेशनल इन्फारमेशन सेंटर (एनआईसी) के अधिकारियों को दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार को आरसीपीवी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में शुरू हुआ। यहां अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांता राव ने कहा, कलेक्टर और रिटर्निंग आॅफिसर्स को पता होना चाहिए कि निर्वाचन संचालन प्रक्रिया में कौन-सा साफ्टवेयर इस्तेमाल हो रहा है।
उन्होंने यह भी कहा, प्रदेश में चुनाव के बेहतर संचालन के लिए निर्वाचन अधिकारियों को सूचना प्रौद्योगिकी की जानकारी होना चाहिए। वे यहां इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। कार्यक्रम में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जयदीप गोविन्द भी दोपहर के सत्र में शामिल हुए। 15 अक्टूबर तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश 51 जिले के एनआईसी अधिकारी शामिल हुए हैं। प्रत्येक जिले से एनआईसी के दो अधिकारियों को तकनीकी गुरु सिखाए जा रहे हैं। कार्यक्रम अतिथियों का स्वागत सहायक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आरएन सिंह ने किया। आभार व्यक्त उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी भारती ओगरे ने किया।
-ये दी जानकारी
श्री कांताराव ने कहा, नामांकन प्रक्रिया से मतगणना तक के कार्य में जिस सॉफ्टवेयर का उपयोग होगा, उसके हर पहलू की जानकारी निर्वाचन अमले को होनी चाहिए। एनआईसी ने जो सॉफ्टवेयर तैयार किया है, उसमें सभी विषय शामिल हैं। अब इसमें आचार संहिता को भी शामिल किया गया है। जिले के सीईओ कार्यालयों के 6 प्रोग्रामर की सेवाएं ली जा रही है। श्री कांताराव उन्होंने अधिकारियों से कहा, यदि वे किसी प्रकार का कोई बदलाव चाहते हैं, तो सुझाव दे सकते हैं। उन्होंने कहा, वे कलेक्टर को प्रशिक्षण संबंधी विस्तृत जानकारी दें। उन्होंने कलेक्टर्स को भी एनआईसी के भरोसे न रहने की सलाह देते हुए स्वयं को तकनीकी रूप से दक्ष होने को कहा। उन्होंने कलेक्टर्स से कहा है, वे समय-समय पर ई-मेल देंखे और चुनाव आयोग, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के दिशा-निर्देशों से अपडेट रहें।
यहां अधिकारियों को निर्वाचक नामावली प्रबंधन, जन शिकायतों का निवारण, नामांकन प्रक्रिया की निगरानी, ईवीएम ट्रेकिंग, निर्वाचन व्यय मानीटरिंग, वेब-कास्टिंग, मतदान दिवस की एसएमएस द्वारा निगरानी आदि की विस्तृत जानकारी दी गई।
-नए जिले आगर में भी तैयारी
निर्वाचन आयोग के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिषेक शर्मा ने पारदर्शी एवं निष्पक्ष चुनाव में आईटी की भूमिका महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, इस बार जिस सॉफ्टवेयर का उपयोग होगा, उसमें नन आॅफ दि एबव (नोटा) को भी शामिल किया गया है। स्टेट इन्फारमेटिक्स आॅफिसर एके सक्सेना ने कहा, एनआईसी 1997 से निर्वाचन कार्य में सहयोग दे रहा है। प्रदेश के नए जिले आगर-मालवा में भी एनआईसी का अमला तैनात रहेगा। इसकी पूरी व्यवस्था कर ली गई है।
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