-कलेक्टर ने लिया घोषणा पर संज्ञान, एसडीएम को जांच के निर्देश
भोपाल।
केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री मंत्री पी बलराम नाईक को बंजारा समाज के छात्रों के लिए की गई घोषणा भारी पड़ सकती है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने आचार संहिता के बीच घोषणा को राजनीति दृष्टिकोण मानते हुए इस मामले को संज्ञान में लिया है।
नाईक ने अपने भोपाल प्रवास के दौरान छात्रावासों के लिए 10 से 20 करोड़ रुपए का अनुदान देने की घोषणा की थी। कलेक्टर उनकी घोषणा व बयान की सत्यता की जांच के लिए एसडीएम चंद्रमोहन मिश्रा को जांच के निर्देश दिए हैं। श्री मिश्रा 24 घंटे के भीतर जांच पूरी कर प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपेंगे।
श्री वरवड़े ने बताया, विधानसभा निर्वाचन के चलते प्रदेश में आयोग संहिता लागू है। ऐसे में कोई भी मंत्री इस प्रकार की घोषणा करता है तो उसे आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है। केन्द्रीय राज्य मंत्री की कथित घोषणा की जांच कराई जा रही है। जांच में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
-ये थी घोषणा और बयान
बुधवार को भोपाल प्रवास पर श्री नाईक कांग्रेस के विमुक्त जाति प्रकोष्ठ के कार्यकम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। उन्होंने अपने बयान में कहा था, बंजारा समुदाय के लोगों के लिए अलग से प्रकोष्ठ बनना चाहिए और इसे बनाने के लिए वह मप्र के कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया से अनुरोध करेंगे। इसी के साथ उन्होंने घोषणा की कि विश्वविद्यालयों में बंजारा समुदाय के छात्रों के लिए छात्रावास खोले जाने के लिए केंद्र सरकार छात्रावास की जरूर है। इसके लिए 10 से 20 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृति प्रदान की जा सकती है।
भोपाल।
केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री मंत्री पी बलराम नाईक को बंजारा समाज के छात्रों के लिए की गई घोषणा भारी पड़ सकती है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने आचार संहिता के बीच घोषणा को राजनीति दृष्टिकोण मानते हुए इस मामले को संज्ञान में लिया है।
नाईक ने अपने भोपाल प्रवास के दौरान छात्रावासों के लिए 10 से 20 करोड़ रुपए का अनुदान देने की घोषणा की थी। कलेक्टर उनकी घोषणा व बयान की सत्यता की जांच के लिए एसडीएम चंद्रमोहन मिश्रा को जांच के निर्देश दिए हैं। श्री मिश्रा 24 घंटे के भीतर जांच पूरी कर प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपेंगे।
श्री वरवड़े ने बताया, विधानसभा निर्वाचन के चलते प्रदेश में आयोग संहिता लागू है। ऐसे में कोई भी मंत्री इस प्रकार की घोषणा करता है तो उसे आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है। केन्द्रीय राज्य मंत्री की कथित घोषणा की जांच कराई जा रही है। जांच में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
-ये थी घोषणा और बयान
बुधवार को भोपाल प्रवास पर श्री नाईक कांग्रेस के विमुक्त जाति प्रकोष्ठ के कार्यकम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। उन्होंने अपने बयान में कहा था, बंजारा समुदाय के लोगों के लिए अलग से प्रकोष्ठ बनना चाहिए और इसे बनाने के लिए वह मप्र के कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया से अनुरोध करेंगे। इसी के साथ उन्होंने घोषणा की कि विश्वविद्यालयों में बंजारा समुदाय के छात्रों के लिए छात्रावास खोले जाने के लिए केंद्र सरकार छात्रावास की जरूर है। इसके लिए 10 से 20 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृति प्रदान की जा सकती है।
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