-जिला निर्वाचन अधिकारी ने बैठक में दिए निर्देश
भोपाल।
जिन अधिकारी-कर्मचारियों की चुनाव में ड्यूटी लगी है उन्हें ही टेÑनिंग न दें सभी को ट्रेनिंग दें। विधानसभा निर्वाचन के दौरान किसी को कोई भी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। काम मिलकर करना है, इस लिहाज से ऐसा किया जाना जरूरी है। यह बात जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर निशांत वरवड़े ने समीक्षा बैठक में कही।
उन्होंने कहा, निर्वाचन ड्यूटी के लिए अधिकारी-कर्मचारियों का जो डाटाबेस तैयार किया गया है। उसी तरह प्रशिक्षण दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि यह सही है कि सभी की ड्यूटी नहीं लगना है, परंतु यह भी जरूरी है कि आवश्यकता पड़ने पर किसी की भी सेवाएं ली जा सकती हैं।
निर्वाचन तैयारियों से संबंधित हुई इस समीक्षा बैठक में असिसस्टेंट कलेक्टर श्रीमती सुरभि सिन्हा, एडीएम बीएस जामोद, जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी राकेश श्रीवास्तव, एडीएम बसंत कुर्रे, एडीएम एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी अक्षय सिंह सहित जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों के आरओ व अन्य जिला प्रमुख मौजूद थे।
-न दिया जाए गलत इपिक नंबर
कलेक्टर श्री वरवड़े ने कई कार्यालय प्रमुखों लारा उनके कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारियों की बिना पुष्टि के मतदाता सूची में नाम और इपिक नंबर दिए जाने पर नाराजी व्यक्त की है। कुछ के नाम और इपिक नंबर मतदाता सूची से मिलान नहीं कर रहे हैं। यह उनके पहले के मतदाता सूची के नाम और नंबर है, जबकि नवीन मतदाता सूची के अनुसार नहीं है। श्री वरवड़े ने कहा, ऐसे कार्यालय प्रमुखों को चेतावनी भरा पत्र दिया जाए। अधिकारी-कर्मचारियों का इपिक नंबर इसलिए लिया जा रहा है कि उनको पोस्टल बैलेट दिया जाए। इससे वह चुनाव ड्यूटी के साथ अपना भी मतदान कर सकें। गलत इपिक नंबर न दें। इसे गंभीरता से लें।
फार्म 12 दिया जाएगा
अधिकारियों-कमर्चारियों को पहली ट्रेनिंग में फार्म 12 दिया जाएगा। उन्हें फार्म 12 भरकर जमा भी करना होगा। इसी आधार पर उन्हें दूसरी ट्रेनिंग में पोस्टल बैलेट देकर मतदान की सुविधा दी जाएगी। श्री वरवड़े ने अधिकारियों से कहा, जिले में तैनात सेना, सीआरपीएफ, आरपीएफ, सीआईएसएफ आदि के सेवारत सैन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों के नाम भी मत सूची में दर्ज कराना सुनिश्चित करें। उनका नाम मूल निवास स्थान की मतदाता सूची में हो अथवा भोपाल जिले की मतदाता सूची में शामिल किया जाए।
भोपाल।
जिन अधिकारी-कर्मचारियों की चुनाव में ड्यूटी लगी है उन्हें ही टेÑनिंग न दें सभी को ट्रेनिंग दें। विधानसभा निर्वाचन के दौरान किसी को कोई भी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। काम मिलकर करना है, इस लिहाज से ऐसा किया जाना जरूरी है। यह बात जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर निशांत वरवड़े ने समीक्षा बैठक में कही।
उन्होंने कहा, निर्वाचन ड्यूटी के लिए अधिकारी-कर्मचारियों का जो डाटाबेस तैयार किया गया है। उसी तरह प्रशिक्षण दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि यह सही है कि सभी की ड्यूटी नहीं लगना है, परंतु यह भी जरूरी है कि आवश्यकता पड़ने पर किसी की भी सेवाएं ली जा सकती हैं।
निर्वाचन तैयारियों से संबंधित हुई इस समीक्षा बैठक में असिसस्टेंट कलेक्टर श्रीमती सुरभि सिन्हा, एडीएम बीएस जामोद, जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी राकेश श्रीवास्तव, एडीएम बसंत कुर्रे, एडीएम एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी अक्षय सिंह सहित जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों के आरओ व अन्य जिला प्रमुख मौजूद थे।
-न दिया जाए गलत इपिक नंबर
कलेक्टर श्री वरवड़े ने कई कार्यालय प्रमुखों लारा उनके कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारियों की बिना पुष्टि के मतदाता सूची में नाम और इपिक नंबर दिए जाने पर नाराजी व्यक्त की है। कुछ के नाम और इपिक नंबर मतदाता सूची से मिलान नहीं कर रहे हैं। यह उनके पहले के मतदाता सूची के नाम और नंबर है, जबकि नवीन मतदाता सूची के अनुसार नहीं है। श्री वरवड़े ने कहा, ऐसे कार्यालय प्रमुखों को चेतावनी भरा पत्र दिया जाए। अधिकारी-कर्मचारियों का इपिक नंबर इसलिए लिया जा रहा है कि उनको पोस्टल बैलेट दिया जाए। इससे वह चुनाव ड्यूटी के साथ अपना भी मतदान कर सकें। गलत इपिक नंबर न दें। इसे गंभीरता से लें।
फार्म 12 दिया जाएगा
अधिकारियों-कमर्चारियों को पहली ट्रेनिंग में फार्म 12 दिया जाएगा। उन्हें फार्म 12 भरकर जमा भी करना होगा। इसी आधार पर उन्हें दूसरी ट्रेनिंग में पोस्टल बैलेट देकर मतदान की सुविधा दी जाएगी। श्री वरवड़े ने अधिकारियों से कहा, जिले में तैनात सेना, सीआरपीएफ, आरपीएफ, सीआईएसएफ आदि के सेवारत सैन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों के नाम भी मत सूची में दर्ज कराना सुनिश्चित करें। उनका नाम मूल निवास स्थान की मतदाता सूची में हो अथवा भोपाल जिले की मतदाता सूची में शामिल किया जाए।
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