-ड्रायवरों में बना रहा संशय का माहौल
ेभोपाल।
शनिवार की सुबह 6 बजे से जहां आरआरएल चौराहे से लो लोर रवाना हुईं तो वहीं मिसरोद से कुछ देर बाद एक के बाद एक बस को रवाना किया। नगर निगम द्वारा बीआरटीएस कारीडोर में 6 ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली बसों का ड्राय रन किया गया। यह वह बसें थी, जिन्हें बिना जांचे परखे ही सड़कों पर उतार दिया। टाटा कंपनी और ननि प्रशासन द्वारा बसों को ड्राय रन पर लेने से पूर्व जांच परख नहीं होने से जहां ड्रायवरों में संशय का माहौल रहा तो वहीं कंपनी के इंजीनियरों के सामने भी कई कठिनाईयां सामने आईं।
जानकारी के अनुसार मिसरोद से आरआरएल तिराहे के बीच बीआरटी कॉरीडोर में एक जून से ड्राय रन के तौर पर 6 ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन लो लोर बसों को उतारा गया। सबसे पहली बस 6.15 मिनट पर आरआरएल चौराहे से रवाना हुई, वहीं मिसरोद से 6.37 मिनट पर पहली बस को आरआरएल चौराहे के लिए रवाना किया गया। सुबह इस मार्ग पर ट्राफिक नहीं होने के कारण प्रति स्टाप पर बस को 15 सेंकेट का हाल्ड देकर रवाना किया गया, जिस हिसाब से एक बस ने यह दूरी मात्र 10 मिनट में पूरी की। जैसे - जैसे मार्ग पर ट्राफिक बढ़ा, वैसे ही बसों की रतार में कमी होती रही। आरआरएल तिराहे से मिसरोद तक करीब 7.6 किलोमीटर की दूरी तक 6 बसों के जरिये ड्राई रन किया गया गया। ड्राय रन में 4 एसी तथा 2 नॉन एसी बसें शामिल थीं, जिन्हें दौड़ाया गया। इस दौरान प्रत्येक बस ने तीन ट्रिप लगाईं।
एक समस्या समाप्त, दूसरे की तैयारी
बीसीएलएल के सीईओ चंद्रमौली शुक्ला ने बताया कि बीआरटीएस कारीडोर में इस ड्राय रन के माध्यम से यह जानने का प्रयास किया गया कि बसें बीआरटीएस कॉरीडोर में कितनी रफ्तार से चल सकती हैं, जब दो बसें एक दूसरे को क्रास करें तो कोई दिक्कत तो नहीं आएगी। बस स्टॉप के प्लेटफार्म पर बसें कितनी दूर पर खड़ीं की जाएं शामिल हैं। पहले रन में ड्रायवरों ने बस स्टाप से बस को 20 इंज की दूरी पर ाड़ा किया, जबकि सामान्यत: बस 12 इंज पर खड़ी होना चाहिए, जिससे यात्रियों को उतरने-चढऩे में कोई परेशानी न हो। रन में बसों को 45 किलो मीटर प्रति घंटा रतार से क्रास किया गया, जिससे एक समस्या तो दूर हुई कि कोई दुर्घटना नहीं होगी और बसें आसानी से क्रास होगीं। लेकिन एक सबसे बढ़ी चुनौती यह सामने है कि दिन के समय इस मार्ग पर अधिक दबाव रहेगा, जिस कारण बाग सेवनिया और इससे पूर्व तिराहे पर बसों को सावधानीपूर्वक क्रास किया जाए।
पहले कलेक्टर ाी नााुश थे कारीडोर से
शनिवार को प्रथम ड्राय रन का निरीक्षण करने ननि अधिकारियों के साथ सुबह 9 बजे कलेक्टर निशांत बरवड़े ाी पहुंचे। कलेक्टर श्री बरवड़े ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि उनका निवास मिसरोद रोड पर ही है। उन्होंने बताया कि जब ाी वह घर से इस मार्ग पर निकलते थे तो परेशानियों का सामना करना पड़ता था। रोजाना के जाम में फंस कर, वह एक ही बात सोचते थे कि यह बीआरटीएस कारीडोर लोगों के लिए मुसीबत का सबब है। लेकिन जब निगम अधिकारियों से कारीडोर में चलने वाली बसों और उसकी सुविधाओं पर चर्चा की तो उन्होंने कहा कि जनता तक ाी यह जानकारी पहुंचाना होगी कि यह बसें मुसीबत नहीं, लोगों के लिए एक सुविधा का केन्द्र हैं। ड्राई रन के दौरान कलेक्टर निशांत बरवड़े, बीसीएलएल के सीईओ चंद्रमौली शुक्ला, नगर निगम के उपयंत्री तथा बीआरटीएस प्रभारी देवेंद्र तिवारी और अपर आयुक्त जेपी माली सहित निगम का अमला ाी मौजूद रहा।
आरटीओ में दर्ज नहीं लो फ्लोर
शनिवार को पहले दिन 6 ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन लो लोर बसों को ड्राय रन के लिए उतारा गया, लेकिन इस ड्राय रन में एेसी भी लो फ्लोर बसें शामिल थीं, जिनका क्षेत्रिय परिवहन विााग में रजिस्ट्रेशन दर्ज नहीं था। इन बसों की संख्या 3 बताई जा रही है।
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