राजनीतिक संवाददाता, भोपाल
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने हा है कि केंद्र सरकार मप्र के ग्रामीण क्षेत्रों को अंधेरे से मुक्ति दिलाने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत उदारतापूर्वक राशि राज्य को दे रही है, लेकिन भाजपा की प्रदेश सरकार प्राप्त राशि का समय सीमा में उपयोग करके गांवों में बिजली पहुंचाने में कोई विशेष दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। दूसरी तरफ वह 24 घंटे बिजली देने का ढि़ंढ़ोरा पीटकर ग्रामीणों पर भी बिजली की अटल कटौती लाद रही है।
भूरिया ने कहा है कि यूपीए सरकार ने रीवा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की रोशनी पहुंचाने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत 110 करोड़ रूपये की राशि दी है, किंतु सरकार के उदासीन रवैये के कारण विद्युतीकरण की बुनियादी संरचना खड़ी करने अर्थात बिजली के खंभे खड़े करने तथा तार बिछाने आदि का काम अब तक अत्यंत धीमी गति से चला है। इस कारण योजना पर मात्र 10 करोड़ ही खर्च हो सके हैं। भाजपा की जिस चहेती जीटी कंपनी को रीवा जिले में ग्रामीण विद्युतीकरण का ठेका दिया गया है, वह चार महीने से गायब है। नतीजन जिले में विद्युतीकरण की संरचना खड़ी करने का काम ठप पड़ा हुआ है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि इस कंपनी ने बिजली के खंभे और तार बिछाने में गुणवत्ता और निर्धारित मानकों का ध्यान नहीं रखा गया है। खंभे तो अभी से उखड़कर गिरने लगे हैं। बिजली के तार इतने बेतरतीब छाये हुए हैं कि आये दिन करंट से दुर्घटनाएं होने का अंदेशा बना रहता है। आपने कहा है कि पिछली बार जिले में विद्युतीकरण का ठेका भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वैंकया नायडू के दामाद को दिया गया था, लेकिन उनका काम भी ठीक नहीं रहा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने हा है कि केंद्र सरकार मप्र के ग्रामीण क्षेत्रों को अंधेरे से मुक्ति दिलाने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत उदारतापूर्वक राशि राज्य को दे रही है, लेकिन भाजपा की प्रदेश सरकार प्राप्त राशि का समय सीमा में उपयोग करके गांवों में बिजली पहुंचाने में कोई विशेष दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। दूसरी तरफ वह 24 घंटे बिजली देने का ढि़ंढ़ोरा पीटकर ग्रामीणों पर भी बिजली की अटल कटौती लाद रही है।
भूरिया ने कहा है कि यूपीए सरकार ने रीवा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की रोशनी पहुंचाने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत 110 करोड़ रूपये की राशि दी है, किंतु सरकार के उदासीन रवैये के कारण विद्युतीकरण की बुनियादी संरचना खड़ी करने अर्थात बिजली के खंभे खड़े करने तथा तार बिछाने आदि का काम अब तक अत्यंत धीमी गति से चला है। इस कारण योजना पर मात्र 10 करोड़ ही खर्च हो सके हैं। भाजपा की जिस चहेती जीटी कंपनी को रीवा जिले में ग्रामीण विद्युतीकरण का ठेका दिया गया है, वह चार महीने से गायब है। नतीजन जिले में विद्युतीकरण की संरचना खड़ी करने का काम ठप पड़ा हुआ है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि इस कंपनी ने बिजली के खंभे और तार बिछाने में गुणवत्ता और निर्धारित मानकों का ध्यान नहीं रखा गया है। खंभे तो अभी से उखड़कर गिरने लगे हैं। बिजली के तार इतने बेतरतीब छाये हुए हैं कि आये दिन करंट से दुर्घटनाएं होने का अंदेशा बना रहता है। आपने कहा है कि पिछली बार जिले में विद्युतीकरण का ठेका भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वैंकया नायडू के दामाद को दिया गया था, लेकिन उनका काम भी ठीक नहीं रहा।
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