-नगर निगम के नोटिस का गोधा ने नहीं दिया अब तक जवाब
भोपाल।
अशोका गार्डन, 80 फीट रोड स्थित वर्धमान ग्रीन पार्क कालोनी को नगर निगम ने प्रथम दृष्ट्या आधा अवैध मान लिया है। निगम प्रशासन ने माना कि बिल्डर पुनित गोधा ने जिस जमीन की विकास की अनुमति चाही वहां के असल खसरों को नहीं दर्शाया। दूसरी ओर निगम द्वारा 24 अगस्त को जारी नोटिस का जवाब भी अब तक बिल्डर ने नहीं दिया है।
लिहाजा बिल्डर की कंपनी मै. राजधानी लैंड एंड हाउसिंग कार्पोरेशन पर गाज गिरना तय है। नगर निगम कंपनी का कॉलोनाइजर लायसेंस निरस्त करने की तैयार में जुट गया है। निगम प्रशासन ने लायसेंस निरस्त करने के लिए ‘दैनिक दबंग दुनिया’ की खबरों और पार्षद की शिकायत को आधार माना है।
निगम ने इसी को आधार मानते हुए कालोनी की भूमि के डायवर्शन, अनुमति का आधार, बिल्डर द्वारा कराए गए विकास कार्यों का कागजी और भौतिक सत्यापन करने की बात कही है। निगम से जुड़े पुष्ट सूत्रों की माने तो वरिष्ठ अधिकारियों ने कालोनी प्रकोष्ठ द्वारा जारी प्रमाण-पत्रों और अनुविभागीय अधिकारी (गोविंदपुरा) द्वारा दी गई डायवर्शन अनुमति के दस्तावेजों की पड़ताल शुरू कर दी है।
-यह दस्तावेज बने आधार
1. कार्यालय अनुविभाग अधिकारी नजूल वृत्त गोविंदपुरा भोपाल ने दिनांक 15/02/2011 को पत्र क्रमांक 319/री.वि.अ/गो/2011 में सूचना के अधिकार के तहत बताया, ‘ग्राम सेमराकलां खसरा क्रमांक-218, 215, 142 का डायवर्शन विगत पांच वर्षों से नहीं किया गया है।’
2. कालोनी प्रकोष्ठ (शिवाजी नगर) द्वारा 9/10/2012 को जारी पत्र क्रमांक- 235/का. प्रको./2012 में स्पष्ट लिखा कॉलोनी में एक ही लाइन में सीवजे, बिजली और पीने के पानी की लाइन डाली है।
3. कालोनी प्रकोष्ठ के पत्र में ही कहा गया, वर्धमान ग्रीन पार्क कालोनी के विकास कार्यों को गुणवत्ता एवं शर्तों के अनुरूप नहीं किया गया है। रूफ वाटर हार्वेस्टिंग नहीं करवाई गई। सीवेज चेंबरों में पानी भरने से गंदगी सड़कों पर बहने लगती है।
-घबराए न रहवासी
कॉलोनीवासियों को घबराने की जरूरत नहीं है। बिल्डर द्वारा वादे अनुसार जो विकास कार्य नहीं किए गए हैं, उन्हें निगम बिल्डर पर कार्रवाई करते हुए पूरा करेगा। निगम के पास बंधक रखे गए प्लॉटों को बेचकर कॉलोनी का पूर्ण विकास कार्य कराए जाने का प्रावधान नगर निगम अधिनियम में है। हालांकि कॉलोनीवासी समय रहते डायवर्शन शुल्क बिल्डर को जमा कराए जाने का दबाव बनाएं तो यह राशि उन्हें नहीं देनी होगी। यह राशि 50 हजार से 1 लाख रुपए के करीब होगी।
-यह नोटिस दिया है निगम ने
नगर निगम ने 24/08/2013 को विकास कार्य पूर्ण कराए जाने बाबत् मै. राजधानी लैंड एंड हाउसिंग कार्पोरेशन पुनीत गोधा को स्मरण-पत्र दिया है। निगम ने पत्र के तहत कॉलोनी में किए गए विकास कार्यों आदि के संबंध में तीन दिन में जवाब दिए जाने को कहा था। सूत्रों के अनुसार बिल्डर ने यह जवाब अब नहीं दिया है।
वर्जन
कॉलोनाइजर के दस्तावेजों का अनुसंधान चल रहा है। जांच-पड़ताल के बाद जो सामने आएगा उसे सार्वजनिक किया जाएगा। गड़बड़ी मिलने पर मप्र नगर पालिक नियम, 1998 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी।
जीपी माली, अपर अपरआयुक्त, नगर निगम
भोपाल।
अशोका गार्डन, 80 फीट रोड स्थित वर्धमान ग्रीन पार्क कालोनी को नगर निगम ने प्रथम दृष्ट्या आधा अवैध मान लिया है। निगम प्रशासन ने माना कि बिल्डर पुनित गोधा ने जिस जमीन की विकास की अनुमति चाही वहां के असल खसरों को नहीं दर्शाया। दूसरी ओर निगम द्वारा 24 अगस्त को जारी नोटिस का जवाब भी अब तक बिल्डर ने नहीं दिया है।
लिहाजा बिल्डर की कंपनी मै. राजधानी लैंड एंड हाउसिंग कार्पोरेशन पर गाज गिरना तय है। नगर निगम कंपनी का कॉलोनाइजर लायसेंस निरस्त करने की तैयार में जुट गया है। निगम प्रशासन ने लायसेंस निरस्त करने के लिए ‘दैनिक दबंग दुनिया’ की खबरों और पार्षद की शिकायत को आधार माना है।
निगम ने इसी को आधार मानते हुए कालोनी की भूमि के डायवर्शन, अनुमति का आधार, बिल्डर द्वारा कराए गए विकास कार्यों का कागजी और भौतिक सत्यापन करने की बात कही है। निगम से जुड़े पुष्ट सूत्रों की माने तो वरिष्ठ अधिकारियों ने कालोनी प्रकोष्ठ द्वारा जारी प्रमाण-पत्रों और अनुविभागीय अधिकारी (गोविंदपुरा) द्वारा दी गई डायवर्शन अनुमति के दस्तावेजों की पड़ताल शुरू कर दी है।
-यह दस्तावेज बने आधार
1. कार्यालय अनुविभाग अधिकारी नजूल वृत्त गोविंदपुरा भोपाल ने दिनांक 15/02/2011 को पत्र क्रमांक 319/री.वि.अ/गो/2011 में सूचना के अधिकार के तहत बताया, ‘ग्राम सेमराकलां खसरा क्रमांक-218, 215, 142 का डायवर्शन विगत पांच वर्षों से नहीं किया गया है।’
2. कालोनी प्रकोष्ठ (शिवाजी नगर) द्वारा 9/10/2012 को जारी पत्र क्रमांक- 235/का. प्रको./2012 में स्पष्ट लिखा कॉलोनी में एक ही लाइन में सीवजे, बिजली और पीने के पानी की लाइन डाली है।
3. कालोनी प्रकोष्ठ के पत्र में ही कहा गया, वर्धमान ग्रीन पार्क कालोनी के विकास कार्यों को गुणवत्ता एवं शर्तों के अनुरूप नहीं किया गया है। रूफ वाटर हार्वेस्टिंग नहीं करवाई गई। सीवेज चेंबरों में पानी भरने से गंदगी सड़कों पर बहने लगती है।
-घबराए न रहवासी
कॉलोनीवासियों को घबराने की जरूरत नहीं है। बिल्डर द्वारा वादे अनुसार जो विकास कार्य नहीं किए गए हैं, उन्हें निगम बिल्डर पर कार्रवाई करते हुए पूरा करेगा। निगम के पास बंधक रखे गए प्लॉटों को बेचकर कॉलोनी का पूर्ण विकास कार्य कराए जाने का प्रावधान नगर निगम अधिनियम में है। हालांकि कॉलोनीवासी समय रहते डायवर्शन शुल्क बिल्डर को जमा कराए जाने का दबाव बनाएं तो यह राशि उन्हें नहीं देनी होगी। यह राशि 50 हजार से 1 लाख रुपए के करीब होगी।
-यह नोटिस दिया है निगम ने
नगर निगम ने 24/08/2013 को विकास कार्य पूर्ण कराए जाने बाबत् मै. राजधानी लैंड एंड हाउसिंग कार्पोरेशन पुनीत गोधा को स्मरण-पत्र दिया है। निगम ने पत्र के तहत कॉलोनी में किए गए विकास कार्यों आदि के संबंध में तीन दिन में जवाब दिए जाने को कहा था। सूत्रों के अनुसार बिल्डर ने यह जवाब अब नहीं दिया है।
वर्जन
कॉलोनाइजर के दस्तावेजों का अनुसंधान चल रहा है। जांच-पड़ताल के बाद जो सामने आएगा उसे सार्वजनिक किया जाएगा। गड़बड़ी मिलने पर मप्र नगर पालिक नियम, 1998 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी।
जीपी माली, अपर अपरआयुक्त, नगर निगम
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