भाजपा के महाकुंभ में भाग लेने आए कार्यकर्ताओं के एक साथ पहुंचने के बाद यहां अव्यवस्था फैल गई है। इस बीच हबीबगंज स्टेशन पर बम होने की सूचना के चलते स्नीफर डॉग्स बुलाए गए। इस खबर के फैलते ही लोगों में अफरा-तफरी मच गई। लेकिन समय रहते मौके पर पहुंची स्नीफर डॉग एवं बम विरोधी दस्ते ने इस बात का खुलासा कर दिया किया कि बम होने की अफवाह उड़ाई गई थी। टीम ने पूरे स्टेशन की गहनता से जांच की और लोगों को शांति बनाए रखने को कहा।
उधर, कार्यकर्ता नरेंद्र मोदी का भाषण शुरू होने के पहले ही जंबूरी मैदान से स्टेशन पहुंच गए। यहां आए कार्यकर्ताओं का कहना था कि वहां पर पैर रखे की जगह नहीं थी।
उनका कहना था कि उनको केवल नरेंद्र मोदी को देखना था तो हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद उन्हें देखकर संतोष हुआ। इससे ज्यादा रुकने के नहीं बनती थी।
इधर हबीबगंज स्टेशन से महाकुंभ के लिए 11 स्पेशल ट्रेन चलाई जा गई है। सभी ट्रेनों की रवानगी रात को आठ बजे से शुरू होगी। ऐसे में कार्यकर्ताओं को जो भी रुटीन ट्रेन उन्हें गंतव्य तक पहुंचाने के लिए मिल रही है, वो उसी से निकलने की कोशिश कर रहे है। वहीं कार्यकर्ताओं को काबू में रखने के लिए जीआरपी, आरपीएफ और एएसएफ के तीन सौ जवान लगाए गए हैं।
रैलिंग में दौड़ा करंट
मंच संचालन कर रहे अनिल माधव दवे ने कईयों बार महाकुंभ में आए कार्यकर्ताओं को रैलिंग और कटाउट से उतरने को कहा। लेकिन हर बार कार्यकर्ता रैलिंग पर चढ़ रहे थे। मोदी के भाषण के दौरान आलम यह हुआ कि कार्यकर्ता मीडिया गैलरी तक हुजूम बनकर बढ़ गए। कार्यकर्ता के सैलाब को संभालने पुलिस प्रशासन को भी खासी मशक्कत करनी पड़ी। इसी दौरान रैलिंग के ऊपर से गुजर रहे इलेक्टिक वायर ने रैलिंग को छुआ, जिससे तीन से चार बार रैलिंग में करंट दौड़ा। इसे देख थोड़ी अफरा-तफरी की स्थिति देखने को मिली। इसी बीच पुलिस के जवानों ने मोर्चा संभाला और भीड़ को शांत किया।
-सूखे गले और खाली रहे पेट
कार्यक्रम के दौरान पानी के पाउच बटवाने के लिए भले ही भाजपा ने 60 से अधिक स्टॉल लगाए थे, लेकिन अव्यवस्थाओं का अलाम यहां भी देखने को मिला। कार्यक्रम शुरू होने के कुछ ही देर बाद सभी स्टॉलों से पानी के पाउच खत्म हो गए। इसके बाद से ही पूरे कार्यक्रम के दौरान कार्यकर्ता पानी के लिए संघर्ष करते नजर आए। कुछ यही हाल मीडिया गैलेरी में भी दिखाई दिया। यहां पानी की बोतलें मोदी के भाषण के दौरान वितरित हुर्इं। इससे पहले बाटी गर्इं बोतलें कम पड़ गई।
कुछ ऐसा ही हाल भाजपा के विशिष्ट अतिथियों (पूर्व नेता-विधायक) को भोजन वितरण के दौरान भी दिखाई दिया। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों के लिए विशेष भोजन पैकेट की व्यवस्था की गई थी। किंतु यह भोजन के पैकेट भी छींना-झपटी के बीच ही लुट गए। ब-मुश्किल गिने-चुने अतिथियों को ही दोपहर का भोजन नसीब हुआ।
-पुलिस ने भांजी लाठियां
सुबह से सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे पुलिस जवानों का धेर्य उस समय जवाब दे गया, जब उद्घोषण मंच के ठीक सामने की पंक्ति में खड़े कार्यकर्ताओं ने शोर मचाते हुए रैलिंग गिरा दी। पुलिस के जवानों ने मोर्चा संभालते हुए पहले कार्यकर्ताओं को पीछे हटने के निर्देश दिए। लेकिन बात नहीं बनते देख मजबूरन लाठियां भांजनी पड़ी।
-पार्किंग व्यवस्था भी बिगड़ी
कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बुधवार सुबह से हजारों वाहन जम्बूरी मैदान के आसपास जमा हो चुके थे। पर दो पहिया पार्किंग कार्यक्रम के स्थल से करीब 2 किमी दूर बनाया गया था। भेल के हायर सेकंडरी स्कूल के पास यह पार्किंग व्यवस्था की गई थी। वहीं बरखेड़ा के आर्य समाज संस्थान के पास वाहनों की पार्किंग हुई। यहां से कार्यकर्ता पैदल चल मुख्य कार्यक्रम स्थल तक पहुंचे।
-नेताओं पर चढ़े लोग
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे नरेन्द्र मोदी का उद्बोधन सुनने के लिए कार्यकर्ता इस तरह उत्साहित नजर आए की वे अपनी जान भी जोखिम में डालने से भी नहीं चूके। कार्यकर्ता सम्मेलन स्थल पर लगे अटल, आडवाणी, मोदी और राजनाथ सिंह के कटॉउट पर चढ़ गए। वे यहां से मोदी की एक झलक देख भाषण सुनना चाहते थे। मंच से कार्यक्रम का संचालन कर रहे अनिल माधव दवे ने दो बार कार्यकर्ताओं से निवेदन किया कि वह होर्डिंग और कटॉउट से नीचे उतर जाएं। उन्होंने जोर देखकर कहा, उन बांसों की क्षमता केवल पुतलों का भार सहन करने के लिए ही है। आप नहीं उतरे तो यह किसी भी दुर्घटना को अंजाम दे सकती है।
इसके बाद पुलिस जवानों ने मोर्चा संभाल कार्यकर्ताओं को नीचे उतारा।
...तो मप्र को मिलेगी 800 मैगावाट बिजली
मोदी ने कहा, नर्मदा के भरोसे ही गुजरात जी रहा है। भाजपा शासित राज्य केंद्र से किसी योजना को मंजूरी देने को कहते हैं तो वह उसे लटका के रखते हैं। वे बोले, मां नर्मदा के जल पर सरदार सरोवर बांध बनकर तैयार है, लेकिन केंद्र इस पर गेट लगाने की अनुमति नहीं दे रही है। यदि बांध पर गेट लग जाएं तो... गुजरात को तो बिजली मिलेगी ही पर मप्र को 800 मैगावाट बिजली मुफ्त मिलेगी। मैं केंद्र की यूपीए सरकार से पूछना चाहूंगा, उसे लड़ना है तो हम नेताओं और कार्यकर्ताओं से लड़े। क्या मप्र-गुजरात की जनता देश की जनता नहीं है। उन्होंने आगे कहा, अगला चुनाव कांग्रेस नहीं बल्कि सीबीआई लड़ने वाली है। कांग्रेस में भाजपा से भिड़ने का दम नहीं है।
उधर, कार्यकर्ता नरेंद्र मोदी का भाषण शुरू होने के पहले ही जंबूरी मैदान से स्टेशन पहुंच गए। यहां आए कार्यकर्ताओं का कहना था कि वहां पर पैर रखे की जगह नहीं थी।
उनका कहना था कि उनको केवल नरेंद्र मोदी को देखना था तो हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद उन्हें देखकर संतोष हुआ। इससे ज्यादा रुकने के नहीं बनती थी।
इधर हबीबगंज स्टेशन से महाकुंभ के लिए 11 स्पेशल ट्रेन चलाई जा गई है। सभी ट्रेनों की रवानगी रात को आठ बजे से शुरू होगी। ऐसे में कार्यकर्ताओं को जो भी रुटीन ट्रेन उन्हें गंतव्य तक पहुंचाने के लिए मिल रही है, वो उसी से निकलने की कोशिश कर रहे है। वहीं कार्यकर्ताओं को काबू में रखने के लिए जीआरपी, आरपीएफ और एएसएफ के तीन सौ जवान लगाए गए हैं।
रैलिंग में दौड़ा करंट
मंच संचालन कर रहे अनिल माधव दवे ने कईयों बार महाकुंभ में आए कार्यकर्ताओं को रैलिंग और कटाउट से उतरने को कहा। लेकिन हर बार कार्यकर्ता रैलिंग पर चढ़ रहे थे। मोदी के भाषण के दौरान आलम यह हुआ कि कार्यकर्ता मीडिया गैलरी तक हुजूम बनकर बढ़ गए। कार्यकर्ता के सैलाब को संभालने पुलिस प्रशासन को भी खासी मशक्कत करनी पड़ी। इसी दौरान रैलिंग के ऊपर से गुजर रहे इलेक्टिक वायर ने रैलिंग को छुआ, जिससे तीन से चार बार रैलिंग में करंट दौड़ा। इसे देख थोड़ी अफरा-तफरी की स्थिति देखने को मिली। इसी बीच पुलिस के जवानों ने मोर्चा संभाला और भीड़ को शांत किया।
-सूखे गले और खाली रहे पेट
कार्यक्रम के दौरान पानी के पाउच बटवाने के लिए भले ही भाजपा ने 60 से अधिक स्टॉल लगाए थे, लेकिन अव्यवस्थाओं का अलाम यहां भी देखने को मिला। कार्यक्रम शुरू होने के कुछ ही देर बाद सभी स्टॉलों से पानी के पाउच खत्म हो गए। इसके बाद से ही पूरे कार्यक्रम के दौरान कार्यकर्ता पानी के लिए संघर्ष करते नजर आए। कुछ यही हाल मीडिया गैलेरी में भी दिखाई दिया। यहां पानी की बोतलें मोदी के भाषण के दौरान वितरित हुर्इं। इससे पहले बाटी गर्इं बोतलें कम पड़ गई।
कुछ ऐसा ही हाल भाजपा के विशिष्ट अतिथियों (पूर्व नेता-विधायक) को भोजन वितरण के दौरान भी दिखाई दिया। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों के लिए विशेष भोजन पैकेट की व्यवस्था की गई थी। किंतु यह भोजन के पैकेट भी छींना-झपटी के बीच ही लुट गए। ब-मुश्किल गिने-चुने अतिथियों को ही दोपहर का भोजन नसीब हुआ।
-पुलिस ने भांजी लाठियां
सुबह से सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे पुलिस जवानों का धेर्य उस समय जवाब दे गया, जब उद्घोषण मंच के ठीक सामने की पंक्ति में खड़े कार्यकर्ताओं ने शोर मचाते हुए रैलिंग गिरा दी। पुलिस के जवानों ने मोर्चा संभालते हुए पहले कार्यकर्ताओं को पीछे हटने के निर्देश दिए। लेकिन बात नहीं बनते देख मजबूरन लाठियां भांजनी पड़ी।
-पार्किंग व्यवस्था भी बिगड़ी
कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बुधवार सुबह से हजारों वाहन जम्बूरी मैदान के आसपास जमा हो चुके थे। पर दो पहिया पार्किंग कार्यक्रम के स्थल से करीब 2 किमी दूर बनाया गया था। भेल के हायर सेकंडरी स्कूल के पास यह पार्किंग व्यवस्था की गई थी। वहीं बरखेड़ा के आर्य समाज संस्थान के पास वाहनों की पार्किंग हुई। यहां से कार्यकर्ता पैदल चल मुख्य कार्यक्रम स्थल तक पहुंचे।
-नेताओं पर चढ़े लोग
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे नरेन्द्र मोदी का उद्बोधन सुनने के लिए कार्यकर्ता इस तरह उत्साहित नजर आए की वे अपनी जान भी जोखिम में डालने से भी नहीं चूके। कार्यकर्ता सम्मेलन स्थल पर लगे अटल, आडवाणी, मोदी और राजनाथ सिंह के कटॉउट पर चढ़ गए। वे यहां से मोदी की एक झलक देख भाषण सुनना चाहते थे। मंच से कार्यक्रम का संचालन कर रहे अनिल माधव दवे ने दो बार कार्यकर्ताओं से निवेदन किया कि वह होर्डिंग और कटॉउट से नीचे उतर जाएं। उन्होंने जोर देखकर कहा, उन बांसों की क्षमता केवल पुतलों का भार सहन करने के लिए ही है। आप नहीं उतरे तो यह किसी भी दुर्घटना को अंजाम दे सकती है।
इसके बाद पुलिस जवानों ने मोर्चा संभाल कार्यकर्ताओं को नीचे उतारा।
...तो मप्र को मिलेगी 800 मैगावाट बिजली
मोदी ने कहा, नर्मदा के भरोसे ही गुजरात जी रहा है। भाजपा शासित राज्य केंद्र से किसी योजना को मंजूरी देने को कहते हैं तो वह उसे लटका के रखते हैं। वे बोले, मां नर्मदा के जल पर सरदार सरोवर बांध बनकर तैयार है, लेकिन केंद्र इस पर गेट लगाने की अनुमति नहीं दे रही है। यदि बांध पर गेट लग जाएं तो... गुजरात को तो बिजली मिलेगी ही पर मप्र को 800 मैगावाट बिजली मुफ्त मिलेगी। मैं केंद्र की यूपीए सरकार से पूछना चाहूंगा, उसे लड़ना है तो हम नेताओं और कार्यकर्ताओं से लड़े। क्या मप्र-गुजरात की जनता देश की जनता नहीं है। उन्होंने आगे कहा, अगला चुनाव कांग्रेस नहीं बल्कि सीबीआई लड़ने वाली है। कांग्रेस में भाजपा से भिड़ने का दम नहीं है।
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