शनिवार, 28 सितंबर 2013

आईएएस अफसर कर्णावत को जेल, 50 लाख जुर्माना

-मंडला विशेष न्यायालय ने सुनाया फैसला
प्रशासनिक संवाददाता,भोपाल
आईएएस अधिकारी शशि कर्णावत को मंडला विशेष न्यायालय ने भ्रष्टाचार के मामले में दोषी मानते हुए जेल भेज दिया है। कोर्ट ने उन्हें पांच साल की सजा सुनाई है, साथ ही 50 लाख रुपए का जुर्माना भी ठोका है। 
मंडला विशेष न्यायालय के न्यायाधीश राजीव कमरहे ने श्रीमती कर्णानवत के साथ तीन अन्य को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। आईएएस अधिकारी श्रीमती कर्णावत मंत्रालय वर्तमान में खेल एवं युवक कल्याण विभाग में उप सचिव के पद पर पदस्थ थीं। इसके पहले अदालत ने   कोर्ट में पेशी पर अनुपस्थित रहने पर इनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। 
वर्ष 2007 में मंडला में जिला पंचायत सीईओ पद पर रहते हुए श्रीमती कर्णावत पर प्रिंटिंग प्रेस खरीदी में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। मामले की सुनवाई मंडला की जिला अदालत में चल रही थी। इस पर शुक्रवार को जिला अदालत में एडिशनल सेशन जज राजीव कमरहे ने फैसला दिया। 
अदालत के फैसले के बाद जिला पुलिस ने श्रीमती कर्णावत को गिरफ्तार कर मंडला की जिला जेल भेज दिया है। उधर, श्रीमती कर्णावत के भाई ने अदालत के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हम पहले जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने कहा कि यह एक षडयंत्र है, इसमें हमारी बहन फंसाया गया है। 
- यह है मामला 
दिसंबर 1999 से दिसंबर 2000 के बीच सीईओ के पद पर रहते हुए श्रीमती कर्णावत ने जिला पंचायत में प्रिंटिंग मशीन होने के बावजूद बिना आवश्यकता, निरीक्षण-परीक्षण और बगैर टेंडर के करीब 33 लाख 94 हजार रुपए प्रिंटिंग फार्म का भुगतान चेक के माध्यम से किया था। शिकायत की जांच के बाद मामला दर्ज कर चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई थी। कोर्ट ने 34 लाख के इस घोटाले में 50 लाख का जुर्माना ठोका है। 

-किसको क्या सजा 
अदालत ने जिला पंचायत कर्मचारियों वीरेंद्र श्रीवास पर 5 लाख, राजेश साहू पर 20 लाख और राजेश्वरी साहू पर 15 लाख का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने माना कि नौकरशाह के साथ इन तीनों ने फर्जी बिल के मार्फत भ्रष्टाचार करते हुए पैसा अपनाया। कोर्ट ने मंडला के प्रिंटिंग प्रेस के मालिक मनोज को भी इसमें दोषी माना है। 
मंडला विशेष न्यायालय के न्यायाधीश राजीव कमरहे ने दोषियों द्वारा प्रर्याप्त रिकॉर्ड और सबूत उपलब्ध न कराने के चलते इसे वित्तीय अनियमितता की अवधारणा माना। 
कैप्शन- 
शहीद भवन में माइक्रो आब्जरबर को प्रशिक्षण दिया गया। अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी अक्षय सिंह आब्जरबर को आयोग के दिशा-निर्देशों की जानकारी देते हुए। 

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